हापुड़। रंगों के पर्व को रंगीन बनाने की तैयारी में जुटे लोग जरा सतर्क हो जाएं। पर्व पर हुई छोटी सी भूल कहीं होली के रंगों को बेरंग न कर दें। बाजार में बिक रहे 90 प्रतिशत रंग त्वचा के लिए हानिकारक हैं। केमिकल मिले रंग आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में हर्बल रंगों से अपनी होली को कलरफुल बनाने में ही समझदारी है।
महंगे हैं हर्बल रंग
साधारण रंगों के मुकाबले हर्बल रंग और गुलाल बाजार में महंगे दामों पर बिक रहे हैं। कलर जहां 60 से 100 रुपये किलो के भाव बिक रहे हैं वहीं हर्बल रंगों की कीमतें 250 से 300 रुपये प्रति किलो हैं। वहीं साधारण गुलाल बाजार में दस रुपये से लेकर 50 रुपये किलो बिक रहा है।

भानुमती ऐप: सभी संगीत और पॉडकास्ट आपकी उंगलियों पर

भानुमती ऐप

स्ट्रीमिंग संगीत बाजार तेजी से संतृप्त हो रहा है, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए अपने पसंद के नए गाने ढूंढना मुश्किल हो रहा है। विकल्पों के समुद्र में खो जाना आसान है जो सभी एक जैसे लगते हैं। अधिकांश स्ट्रीमिंग ऐप अनिवार्य रूप से एक ही तरह का अनुभव प्रदान करते हैं: आप पूर्व-चयनित प्लेलिस्ट को ब्राउज़ कर सकते हैं और सुन सकते हैं, या विभिन्न शैलियों में तल्लीन कर सकते हैं। समस्या यह है कि जब तक आप हमेशा के लिए एक शैली के साथ रहना नहीं चाहते, इस प्रकार की खोज कार्यक्षमता आपको नया संगीत खोजने में मदद नहीं करती है। इसलिए हम इसे प्यार करते हैं भानुमती ऐप नए संगीत की खोज के लिए एक उपकरण के रूप में।

पेंडोरा ऐप क्या है?

भानुमती ऐप

पेंडोरा ऐप दुनिया में सबसे लोकप्रिय संगीत खोज ऐप में से एक है। किया जाता है संचालन में 15 साल से अधिक और इसके 100 मिलियन से अधिक मासिक उपयोगकर्ता हैं। पेंडोरा उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो नए संगीत की खोज आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार करना चाहते हैं, लेकिन एक प्रकार की शैली से बंधे नहीं रहना चाहते हैं। यह ऐप आपके सुनने के इतिहास और वरीयताओं के आधार पर व्यक्तिगत स्टेशन बनाने के लिए एल्गोरिदम का उपयोग करता है।

फिर आप चयन को और परिशोधित करने के लिए गानों को "अंगूठे ऊपर" या "अंगूठे नीचे" दे सकते हैं। एक बार जब आप पेंडोरा का उपयोग करना शुरू कर देते हैं, आपके लिए नया संगीत खोजना आसान होगा जो आपको पसंद है. समय के साथ, ऐप आपके संगीत के स्वाद के बारे में सीखता है और और भी अधिक व्यक्तिगत हो जाता है। साथ ही, आपको एक ही गाने को बार-बार सुनने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी: भानुमती का एल्गोरिथ्म परिचित गीतों और नए संगीत के मिश्रण को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसे आपने पहले नहीं सुना है। इसके अलावा, पेंडोरा का उपयोग पूरी तरह से मुफ्त है।

आपको पेंडोरा का उपयोग क्यों करना चाहिए

जैसा कि हमने उल्लेख किया है, पेंडोरा के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से एक यह है कि यह आपको नया संगीत खोजने में मदद करता है। इसका मत आपको रट में फंसने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं हैएक ही गाने को बार-बार सुनना। इसके बजाय, आप ऐसे नए गाने ढूंढ सकते हैं जो आपको पसंद हों और जिनसे आपको प्रेरणा मिले। यह संगीत खोज ऐप सभी प्रकार के संगीत प्रेमियों के लिए एकदम सही है, चाहे आप रॉक, देश, पॉप या बीच में कुछ भी पसंद करते हों।

आपको बस एक नया पॉडकास्ट शुरू करना है और आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार पेंडोरा आपकी पसंद के अनुसार गाने बजाएगा। आप भी बना सकते हैं विभिन्न मूड या गतिविधियों पर आधारित प्लेलिस्ट. या, आप भानुमती के पूर्व-निर्मित स्टेशनों में से चुन सकते हैं, जो विभिन्न प्रकार के विषयों को कवर करते हैं।

पेंडोरा ऐप कैसे काम करता है

भानुमती ऐप उपयोगकर्ताओं को उनके सुनने के इतिहास के आधार पर नया संगीत खोजने में मदद करने के लिए एक एल्गोरिथम का उपयोग करता है. सबसे पहले, आपको एक खाता बनाना होगा। फिर अपने पसंदीदा विषय के आधार पर एक नया स्टेशन शुरू करें। वहां से, आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार पेंडोरा आपकी संगीत प्राथमिकताओं के आधार पर एक व्यक्तिगत स्टेशन बनाएगा। आप अपने मूड के आधार पर एक स्टेशन भी बना सकते हैं या विभिन्न विषयों पर आधारित प्रीसेट चयन के साथ पेंडोरा की लाइब्रेरी से एक स्टेशन चुन सकते हैं।

यदि आप नए संगीत की खोज करना चाहते हैं, तो आपको अपनी पसंद के विषय के आधार पर एक स्टेशन शुरू करना चाहिए। जैसा कि आप सुनते हैं, भानुमती ऐप आपके स्वाद से सीखेगा और उन्हें समझेगा कि आपको जो पसंद है वह आपको अधिक प्रदान करेगा, जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया था। एक स्मार्ट ऐप जिसमें समय लगेगा, लेकिन आपकी प्राथमिकताओं के बारे में जानेंगे और अधिक वैयक्तिकृत चयनों की सिफारिश करेंगे।

हर्बल रंगों से कलफुल बनाएं होली

Ghaziabad Bureau

गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Wed, 20 Mar 2019 02:38 PM IST

हर्बल रंगों से कलफुल बनाएं होली

हर्बल रंगों से कलरफुल बनाएं होली
हापुड़। रंगों के पर्व को रंगीन बनाने की तैयारी में जुटे लोग जरा सतर्क हो जाएं। पर्व पर आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार हुई छोटी सी भूल कहीं होली के रंगों को बेरंग न कर दें। बाजार में बिक रहे 90 प्रतिशत रंग त्वचा के लिए हानिकारक हैं। आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार केमिकल मिले रंग आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में हर्बल रंगों से अपनी होली को कलरफुल बनाने में ही समझदारी है।
महंगे हैं हर्बल रंग
साधारण रंगों के मुकाबले हर्बल रंग और गुलाल बाजार में महंगे दामों पर आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार बिक रहे हैं। कलर जहां 60 से 100 रुपये किलो के भाव आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार बिक रहे हैं वहीं हर्बल रंगों की कीमतें 250 से 300 रुपये प्रति आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार किलो हैं। वहीं साधारण गुलाल बाजार में दस रुपये से लेकर 50 रुपये किलो बिक रहा है।
ट्यूब कलर की भरमार
इन दिनों बाजार में ट्यूब कलर की भरमार है। हरे, नीले, लाल आदि रंगों के ट्यूब तो बाजार में छाए हुए हैं ही, सिल्वर और गोल्डन ट्यूब की भी काफी डिमांड है। थोक के भाव में ट्यूब का पूरा बॉक्स 7 रुपये से लेकर 50 रुपये तक में उपलब्ध है।
घरों में ही बना सकते हैं रंग और गुलाल
प्रकृति आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार ने हमें रंगों का अनमोल उपहार दिया है। इस लिए अच्छा है कि बाजार में उपलब्ध जहरीले रंग गुलालों से बचने के लिए घर में ही रंग और गुलाल बना लें क्योंकि बाजार में उपलब्ध रंग गुलाल न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
इस तरह घर में तैयार करें रंग
* केसरी रंग - सेमल का फूल को उबालकर, चंदन के पाउडर को पानी में घोलकर
* भूरा रंग - कत्था को उबालकर
*लाल रंग - बुरांस के फूल को उबालकर और रात भर ठंडा करने के बाद
*पीला रंग - गेंदा का फूल उबालने से
* हरा रंग - गुलमोहर की पत्ती को सुखाकर पीसे
रंगों को बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल
* हरा - कॉपर सल्फेट- एलर्जी, आंशिक आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार अंधापन की आशंका
*जामुनी - क्रोमियम आयोडाइड- अस्थामा
*सिल्वर - एल्युमिनियम ब्रोमाइड- कैंसर
*काला - लेड आक्साइड- यूरिनल सिस्टम पर इफोक्ट
*लाल - मर्करी सल्फाइड - त्वचा का कैंसर, दिमागी असंतुलन
* चमकीला पिसा हुआ कांच आंख में जाने पर नुकसान
तैयारी के साथ खेंले होली
* होली खेलने से पहले शरीर पर सरसों, नारियल तेल, ऑलिव ऑयल या बेबी आयॅल अच्छी तरह से लगाए, कानों के अंदर और पीछे, सिर और उंगलियों पर तेल लगाएं।
* रंग शरीर के अंदर न घुसे इसके लिए पूरे हाथ और पैर ढके हुए कपड़े पहनें।
* होली खेलने से पहले नाखूनों को काट लें।
* होली खेलने के बाद रंगों को उतारने के लिए हार्ड साबुन, डिटरजेंट या शैंपू की बजाय बेसन, दही आदि का इस्तेमाल करें।
* आपकी उंगलियों पर पूरा बाजार गुब्बारों से रंग भरकर किसी को न मारे इससे आंखों के रेटीना को नुकसान पहुंच सकता है।
चिकित्सक का कथन
चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अमरजीत सिंह कहते हैं कि होली पर आर्टिफिशियल रंगों के प्रयोग से एलर्जी जैसी समस्या होने का काफी खतरा रहता है। रंगों से चेहरे पर दाने निकल आते हैं, जिसमें जलन और खुजली बनी रहती है। इस लिए होली खेलते समय पूरी सावधानी बरतते हुए अच्छी क्वालिटी के हर्बल रंग और गुलाल का इस्तेमाल करना चाहिए।

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