Market Cap
The overall crypto market cap that stood at $850 billion (roughly Rs. 70,337 crore) lost a whopping $43 billion (roughly Rs. 3,558 crore) over the weekend. In the aftermath, majority cryptocurrencies including Bitcoin and Ether stepped into the trading rink with price फॉरेक्स मार्केट कैप क्या है dips. Polygon, Polkadot, and Litecoin also saw losses today. Binance Coin and Ava.
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Since 2005, BLS has been a service फॉरेक्स मार्केट कैप क्या है provider for governments and embassies around the world with regard to outsourcing visas, passport, consular, attestation and citizen services.
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The European Union ban on imports of Russia's seaborne oil from Dec5 has driven Moscow to seek alternative markets, mainly in Asia, for about 1 million barrels per day.
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As of December 14, Yes Bank was ranked 94th among the largest Indian companies by market capitalisation with a market cap of $6.89 billion.
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The move comes as a breather to companies like Walmart Inc's PhonePe and Alphabet Inc's Google, which are among the leading digital money transfer apps in the country.
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However, a firm trend in domestic equities and a weak American currency overseas capped the losses in the local unit, forex traders said.
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Paytm has capped the worst first-year share plunge among large IPOs over the past decade -- and the pain is worsening.
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The global crypto market cap rose by 1.93 percent in the last 24 hours, following which, BTC and ETH opened trading with gains. More cryptocurrencies saw gains than losses, as per the price chart. While Ripple, Cardano, and Polygon registered profits, Binance USD and Bitcoin Cash settled with losses.
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The Group of Seven (G7) nations' proposed price cap of $65-$70 a barrel फॉरेक्स मार्केट कैप क्या है on Russian oil would have little immediate impact on Moscow's revenues.
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The National Payments Council of India (NPCI) is in talks with the Reserve Bank of India (RBI) to decide the fate of its proposed December 31, 2022 deadline for capping Unified Payments Interface(UPI) market cap of each third-party app.
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The global crypto market cap dropped down by 0.93 percent in the last 24 hours. Along with BTC and ETH, Polkadot, Tether, and USD Coin saw losses. While some cryptocurrencies saw losses, some did record profits. These include Ripple, Cardano, and Polygon.
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NPCI is said to be in talks with the RBI to implement its proposed December 31 dealine to limit payment app providers' volume cap to 30 percent. The corporation in 2020 came up with a directive to cap the share of transactions a third-party application provider (TPAP) could process at 30 per cent of the volume of transactions handled on UPI, but ga.
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National Payments Corporation of India (NPCI) is in talks with the Reserve Bank on implementation of its proposed December 31 deadline for limiting the volume cap of players to 30 per cent.
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Union Minister for Petroleum and Natural Gas Hardeep Singh Puri has said that the incumbent government feels no pressure on an impending price cap on Russian crude oil proposed by the G-7.
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Indian refiners are wary of buying Russia crude oil loading after Dec. 5 when European Union sanctions take effect, pending clarity on the proposed G7 price cap mechanism, according to sources.
क्रिप्टो व्यापार करना सीखें
निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को पसंद फॉरेक्स मार्केट कैप क्या है हैं क्योंकि वे बहुत अस्थिर हैं और यदि बाजार में सही ढंग से समय बद्ध हैं, तो ट्रेडिंग क्रिप्टो मुद्राएं पारंपरिक निवेशों की तुलना में बहुत अधिक रिटर्न ला सकती हैं। यह मत भूलो कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अपनी अस्थिर प्रकृति के कारण जोखिम भरा और लाभदायक दोनों है। वैसे हेजिंग या डाइवर्सिंग से रिस्क कम किया जा सकता है.
क्रिप्टो मुद्रा व्यापार एक सीएफडी ट्रेडिंग खाते के माध्यम से किया जा सकता है या एक्सचेंज के माध्यम से आधार सिक्के खरीदने और बेचने के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टो मुद्रा सीएफडी ट्रेडिंग व्यापारियों को अंतर्निहित सिक्कों के मालिक बनने के बिना क्रिप्टो मुद्राओं के मूल्य आंदोलनों पर अनुमान लगाने की अनुमति देता है.
व्यापारी लंबे या छोटे हो सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य में वृद्धि या गिरावट आएगी। क्रिप्टो मुद्रा CFDs को उत्तोलन के साथ कारोबार किया जा सकता है, हालांकि लाभ या हानि की गणना अभी भी आपके पूर्ण स्थिति आकार के अनुसार की जाती है, इसलिए उत्तोलन लाभ और हानि दोनों को बढ़ाता.
जैसा कि आप देख सकते हैं, क्रिप्टो मुद्राओं का व्यापार करना काफी मुश्किल है.
लेकिन यह उतना कठिन नहीं है जितना कि यह ध्वनि हो सकता है.
लेट देखें कि यह कैसे काम करता है
क्रिप्टो मुद्रा व्यापार के बारे में जानें
क्रिप्टो करेंसी के साथ व्यापार करना सीखना भ्रमित हो सकता है। आइए देखें कि क्या हम आपको क्रिप्टो के साथ अधिक आरामदायक व्यापार महसूस करने में मदद करने के लिए मूल बातें तोड़ सकते हैं.
जैसा कि हमने पहले कहा था कि क्रिप्टो मुद्रा के साथ कोई भी व्यापार जोखिम का एक बड़ा सौदा के साथ आता है, क्योंकि यहां तक कि अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो मुद्राओं की अस्थिरता काफी अप्रत्याशित हो सकती है, जो एक जोखिम है जिसे प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन हम इसके बारे में एक और लेख में बात करेंगे.
नोट: हमेशा उतना ही निवेश करें जितना आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं, और अधिक नहीं
Share Market Today, 04 April 2022: बाजार में धमाकेदार उछाल, निवेशक मालामाल
Share Market News Today (आज का शेयर बाजार), 04 April 2022: आज शेयर बाजार में धमाकेदार उछाल दर्ज किया गया। सेंसेक्स निफ्टी दोनों अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए।
Share Market News Today, 04 April 2022: आज सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी, दोनों सूचकांक हरे निशान पर बंद हुए। बीएसई का सेंसेक्स जहां 1335.05 अंक (2.25 फीसदी) बढ़कर 60,611.74 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एनएसई का निफ्टी 382.95 अंक (2.17 फीसदी) उछलकर 18,053.40 के स्तर पर बंद हुआ।
डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़त
सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे बढ़कर 75.55 पर बंद हुआ। इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में, स्थानीय इकाई ग्रीनबैक के मुकाबले 75.77 के स्तर पर खुली और 75.42 की इंट्रा-डे हाई और 75.79 की कम देखी गई। वित्त वर्ष 22 के आखिरी कारोबारी सत्र गुरुवार को रुपया 16 पैसे की बढ़त के साथ 75.74 पर बंद हुआ था।
बाजार में आज कहां दिखा एक्शन, किन शेयर्स और सेक्टर्स पर रहा फोकस, जानिए इस रिपोर्ट में-
बीएसई पर ऐसा रहा दिग्गज शेयरों का हाल-
आइए डालते हैं सेक्टोरल इंडेक्स पर एक नजर-
- बैंक - 4 फीसदी उछाल
- ऑटो - 1.19 फीसदी उछाल
- फाइनेंस सर्विस - 4.64 फीसदी उछाल
- एफएमसीजी - 1.31 फीसदी उछाल
- आईटी - 0.27 फीसदी उछाल
- मीडिया - 1.41 फीसदी उछाल
- मेटल - 1.99 फीसदी उछाल
- फार्मा - 1.54 फीसदी उछाल
- पीएसयू बैंक - 0.96 फीसदी उछाल
- प्राइवेट बैंक - 3.92 फीसदी उछाल
- रियल्टी - 0.34 फीसदी उछाल
बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,72,43,856.28 करोड़ रुपये हो गया। आज सभी सेक्टर्क हरे निशान पर बंद हुए।
शुरुआती कारोबार में भी हरे निशान पर थे सेंसेक्स-निफ्टी
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 599.50 अंक (1.01 फीसदी) बढ़कर 59876.19 के स्तर पर खुला था। इस दौरान निफ्टी 150.40 अंक (0.85 फीसदी) ऊपर 17820.90 पर था।
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महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के मौके पर स्टॉक मार्केट, कमोडिटी और करेंसी मार्केट में आज नहीं होगा कारोबार
Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि के मौके पर आज यानि गुरुवार (11 मार्च 2021) को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) और कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) में कामकाज बंद रहेगा. आज फॉरेक्स (करेंसी-Currency) में भी कारोबार बंद रहेगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पूर्व की तरह शुक्रवार (12 मार्च 2021) को खुलेंगे. देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में आज दिन के सत्र में कारोबार बंद रहेगा. हालांकि शाम के सत्र में कमोडिटी वायदा (Commodity Futures) में कारोबार के लिए MCX, NCDEX और BSE पर कारोबार होगा. शुक्रवार (12 मार्च 2021) को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में पूर्व की तरह कारोबार होगा.
शाम 5 बजे के बाद MCX, NCDEX, BSE पर कारोबार
दोनों कमोडिटी एक्सचेंज (Commodity Exchange) में शाम 5 बजे के बाद कारोबार शुरू हो जाएगा. ट्रेडर्स शाम के बाद दोनों ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर कारोबार कर सकेंगे. शाम 5 बजे के बाद MCX और NCDEX पर सभी कॉन्ट्रै्क्ट में सौदे लिए जा सकेंगे. MCX पर रात 11:30 /11:55pm और NCDEX पर रात 9 बजे तक कारोबार होगा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर भी आज शाम के सत्र में 11:30 /11:55pm तक कारोबार होगा.
बुधवार को मजबूती के साथ बंद हुआ था शेयर बाजार
आईटी, धातु और हेल्थकेयर सेक्टरों के शेयरों में लिवाली से घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे सत्र में तेजी बनी रही थी. सेंसेक्स बीते सत्र से 254.03 अंकों यानी 0.50 फीसदी की तेजी के साथ 51,279.51 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी पिछले सत्र से 76.40 अंकों यानी 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 15,174.80 पर ठहरा था. वैश्विक बाजारों से मिले मजबूत संकेतों से घरेलू शेयर बाजार की तेजी को सहारा मिला। मिड-कैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी लिवाली रही थी. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बीते सत्र से 379.20 अंकों की बढ़त के साथ 51,404.68 पर खुला और 51,430.43 तक चढ़ा जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स का निचला स्तर 51,048.93 रहा था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी बीते सत्र से 103.75 अंकों की तेजी के साथ 15,202.15 पर खुला और 15,218.45 तक उछला, जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी का निचला स्तर 15,100.85 रहा था.
अभी और तेज रफ्तार से गिरेगा रुपया, जानें क्यों थम नहीं रहा नुकसान
विश्व आर्थिक मंच के पूर्व निदेशक और थिंक टैंक होरैसिस के प्रमुख फ्रैंक जर्गन रिक्टर कहते हैं कि फिलहाल रुपये में गिरावट जारी रह सकती है. उनके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैसे हालात पैदा हुए हैं. अगर वे आगे भी ऐसे ही बने रहे, तो रुपया 2020 तक 76 के स्तर पर पहुंच सकता है.
विकास जोशी
- नई दिल्ली,
- 07 सितंबर 2018,
- (अपडेटेड 07 सितंबर 2018, 1:27 PM IST)
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता जा रहा है. हालांकि शुक्रवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले मजबूत शुरुआत की. हालांकि अभी भी यह रिकॉर्ड गिरावट के स्तर पर बना हुआ है. विश्व आर्थिक मंच के पूर्व निदेशक और थिंक टैंक होरैसिस के प्रमुख फ्रैंक जर्गन रिक्टर कहते हैं कि फिलहाल रुपये में गिरावट जारी रह सकती है.
उनके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैसे हालात पैदा हुए हैं. अगर आगे भी ये उसी तरह से बने रहते हैं तो भारत का ही अनुमान बताता है कि रुपया 76 के पार पहुंच सकता है. हालांकि यह कई फैक्टर पर निर्भर करेगा.
इस वजह से है गिरावट
फ्रैंक ने Aajtak.in से बातचीत में बताया कि मौजूदा समय में रुपये में जो भी गिरावट देखने को मिल रही है. उसके लिए एशियाई और वैश्विक बाजार में मची उथल-पुथल जिम्मेदार है. 2014 में भी जब रुपया डॉलर के मुकाबले 60 के पार पहुंचा था. तब भी डॉलर मजबूत था. अभी भी डॉलर मजबूत बना हुआ है. जो भी चीज मजबूत होती है, वित्तीय प्रवाह भी उसकी तरफ ही ज्यादा होता है.
निवेश पर भी असर पड़ा
यही वजह है कि भारत में आने वाले निवेश पर भी असर पड़ा है. इसके अलावा वह कंपनियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. जिन्होंने डॉलर के आधार पर लोन लिया है. जब इनकी रीपेमेंट लेट हो जाती है, तो मजबूत डॉलर फर्म के लिए फॉरेक्स मार्केट कैप क्या है भी बेहतर साबित नहीं होता. रिक्टर कहते हैं कि तुर्की में भी इसी तरह का संकट पैदा हुआ है और यह संकट दूसरे देशों में भी देखने को नजर आ रहा है.
रिक्टर कहते हैं कि ये भारत का खुद का अनुमान है कि अगर रुपया 68 रुपये के औसत पर बना रहता है, तो 2020 तक यह 76 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा. अब तो रुपया 72 के पार भी जा चुका है.
हालांकि वह कहते हैं कि 2019 में होने वाला चुनाव इस अनुमान को बढ़ाने या घटाने का काम कर सकता है. सिर्फ चुनाव ही नहीं, बल्कि भारत अपने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को किस तेजी से पूरा करता है, उसका असर भी रुपये पर देखने को मिलेगा.
कच्चा तेल भी मुसीबत:
रिक्टर कहते हैं कि भारत बड़े स्तर पर तेल आयात करता है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में अगर बढ़ोत्तरी जारी रहती है, तो यह भारत के लिए भी दिक्कत पैदा करने वाला साबित होगा. इसकी वजह से सरकार के लिए रणनीतिक योजना बना पाना मुश्किल होता है. दूसरी तरफ, यूएस की तरफ से लगातार इरान पर लगाए जा रहे प्रतिबंध भी भारत की राह मुश्किल कर रहे हैं. इसके अलावा चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर को भी गिरावट की अहम वजहों में गिना जा सकता है.
आरबीआई क्या एक्शन ले सकती है?
रुपये में बढ़ती गिरावट पर लगाम कसने की खातिर भारतीय रिजर्व बैंक क्या कदम उठा सकता है? इस सवाल के जवाब में रिक्टर कहते हैं कि मैं केंद्रीय बैंक के हवाले से कुछ नहीं कह सकता.
वे जरूर अपनी इंटरनल मीटिंग्स में इस बारे में बात करते होंगे. फिलहाल जो संभावित कदम आरबीआई उठा सकता है, वो बेस रेट कम या ज्यादा करने का है. क्योंकि बेस रेट कम या ज्यादा करना काफी प्रभावी कदम साबित होता है.
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