यह जानने के लिए कि “Cryptocurrency क्या है?” इसके इतिहास को जानना चाहिए। Cryptocurrency, यह शब्द क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) से जुड़ा हुआ है. क्रिप्टोग्राफ़ी की शुरुआत सन 1983 में एक अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर David Chaum के साथ हुई थी.
भारत में डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) की संभावनाएं
बीते कुछ वर्षों में हमारा देश कैस-लैस मुद्रा की ओर तेजी से अग्रसर हुआ है। इसी बीच भारत सहित पुरे विश्व में डिजिटल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता अप्रत्याशित रूप से बड़ी है तथा इसके लेन-देन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अब भारत सरकार भी इस रुझान को देखते हुए अपने कदम बढ़ाती दिख रही है, इसी कड़ी मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने बजट 2022 -23 के भाषण के दौरान डिस्टल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टो करेंसी और अपूरणीय टोकन (NFT: Non-Fungible Tokens) शामिल है, के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30% कर लगाने की घोषणा कर भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है अप्रत्यक्ष रूप से ही सही इसे वैधता प्रदान कर दिया है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी डिजिटल करेंसी, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जारी करने की घोषणा की है।
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जो कंप्यूटर एल्गोरिथम पर काम करती है। यह एक स्वतंत्र करेंसी है जिसका किसी संस्था द्वारा कोई रेगुलेशन नहीं किया जाता, यानी क्रिप्टो करेंसी का कोई भी रेगुलेटर/गारंटर नहीं होता। वर्तमान समय में 15 00 से भी अधिक क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध है, जो पियर -टू-पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में काम करती है, पियर -टू-पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का अर्थ है कि किसी दो व्यक्ति के लेनदेन के दौरान किसी थर्ड पार्टी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जबकि वर्तमान में प्रचलित लेनदेन भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है में थर्ड पार्टी के रूप में बैंक की आवश्यकता होती है। क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अथॉरिटी या संस्था तय नहीं करती, बल्कि इसकी कीमत पूरी तरह मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। जिसके चलते इसके धारक को नोटबंदी और अवमूल्यन जैसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता। सुरक्षा के लिहाज से भी क्रिप्टोकरंसी काफी अहम है, क्योंकि इसका लेनदेन ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है जिसके एक्सेस के लिए आपको अथॉरिटीकेशन की जरूरत पड़ती है। क्रिप्टो करेंसी के सिस्टम को हैक करना काफी मुश्किल है क्योंकि किसी भी ट्रांजैक्शन को हैक करने के लिए आपको पूरी ब्लॉकचेन तकनीक को माइंन करके एक साथ हैक करना पड़ेगा जो बेहद कठिन है।
डिजिटल करेंसी वालो के लिए आयी खुशखबरी , RBI ने किया बड़ा ऐलान
डिजिटल करेंसी वालो के लिए आयी खुशखबरी : भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में अपनी पहली डिजिटल मुद्रा लाना शुरू कर दिया है। डिजिटल करेंसी कहे जाने वाले इस भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है वर्चुअल मनी को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे बैंकों के साथ रिटेल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाएगा।
सीबीडीसी, भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल मुद्रा, एक कानूनी है। इसे डिजिटल रूप में जारी किया जाएगा। यह अभी उपयोग में आने वाले रुपये के समान है, अंतर केवल इतना है कि इसे डिजिटल प्रारूप में जारी किया जाएगा।
जल्द शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
सीबीडीसी का एक पायलट प्रोजेक्ट कुछ दिन पहले शुरू किया गया था और इसके अनुभव को ध्यान में रखते हुए अब खुदरा निवेशकों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी देते हुए कहा है कि सीबीडीसी लोगों के लिए भौतिक नकदी का एक सुरक्षित, व्यापक और आसान विकल्प साबित हो सकता है। डिजाइन की पसंद के अनुसार, यह अंतिम लेनदेन के लिए एक प्रारूप बन सकता है।
Digital Currency : बड़ी खुशखबरी; SBI, HDFC और ICICI बैंक के ग्राहकों की बल्ले-बल्ले! जाने पूरी खबर
Digital Currency : बैंक की तरफ से भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है आज आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जी हां, दरअसल रिजर्व बैंक ने बड़े सौदों में इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया है। दरअसल, इसके लिए आपने कुल 9 बैंकों का चयन किया है। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं।
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आरबीआई का बड़ा ऐलान
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि डिजिटल मनी का इस्तेमाल पहले बड़ा था। यह भुगतान और निपटान के लिए है। रिजर्व बैंक द्वारा दिया गया मेरी सबसे अच्छी जानकारी के लिए, इसका उपयोग पहली बार सरकारी प्रतिभूतियों में किया गया था। यानी सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है पर सेटलमेंट की रकम पर। पूरा हो गया है । इतना ही नहीं रिजर्व बैंक ने एक महीने का समय भी मांगा है डिजिटल रुपया इंट्राडे लेनदेन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट है।
यकीनन देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का नया लाभप्रद परिदृश्य उभरता दिखाई दे रहा है।
एक ओर करोड़ों लोगों की सुविधा और उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ने तथा दूसरी ओर रोजगार सहित नये आर्थिक मौके तेजी से बढ़ने की संभावनाएं निर्मिंत हो रही हैं। इसमें दो मत नहीं हैं कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल कारोबार बढ़ने के साथ-साथ डिजिटल रोजगार भी बढ़ रहा है। डिजिटल अर्थव्यवस्था में नये रोजगार दिखाई देने लगे हैं, जिनके बारे में कल्पना भी नहीं की जाती थी। मैकेंजी की रिपोर्ट के मुताबिक, जहां भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था में 2025 तक करीब छह से साढ़े छह करोड़ रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं, वहीं इसकी वजह से करीब चार से साढ़े चार करोड़ परंपरागत नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि दुनियाभर में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते कई क्षेत्रों में रोजगार तेजी से खत्म हो रहे हैं, वहीं डिजिटल क्षेत्रों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।
2022-23 के बजट प्रावधानों में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए चमकीला अध्याय लिखा गया है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकों की स्थापना करेंगे। डाकघर भी ऑनलाइन सेवाएं मुहैया कराएंगे। डेढ़ लाख डाकघर कोर बैंकिंग से जुड़ेंगे। बैंक से पोस्ट ऑफिस के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर भी किया जा सकेगा। डाकघर के लिए भी एटीएम सुविधा मुहैया कराई जाएगी। 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पैक्ट्रम की नीलामी होगी। इसके बाद निजी दूरसंचार कंपनियां देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर पाएंगी। 5जी सुविधा प्रारंभ होने के बाद उपयोगकर्ता अपने 5जी स्मार्टफोन का और बेहतर तरीके से उपयोग कर सकेंगे। 5जी के आने से देशभर में इंटरनेट यूजर्स को हाई-स्पीड नेट सर्फिंग और फास्ट वीडियो स्ट्रीमिंग का बिल्कुल नया लाभ भी मिलेगा। पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। डिजिटल यूनिर्वसटिी भी बनाई जाएगी। बजट के प्रावधानों के तहत खेती-किसानी में भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है ड्रोन का इस्तेमाल किया जाना सुनिश्चित किया गया है, जिससे फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों के छिड़काव में मदद मिलेगी। फसल मूल्यांकन के साथ ही भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के साथ किसानों को कृषि संबंधी सेवाएं डिजिटल प्रदान की जाएंगी।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रयोग (Use)
- बहुत से लोग इसका उपयोग केवल निवेश के तरीके के रूप में करते हैं।
- ऐसा माना जाता है, कुछ गलत लोग इसका प्रयोग टेरर फंडिंग में करते हैं।
- कुछ Metaverse वेबसाइट इन Crypto Token को अपने मेटावर्स में Virtual Land, Non fungible Token (NFT) खरीदने के लिए करते हैं। जैसे की Decetraland में Mana टोकन का प्रयोग होता है।
- Sandbox गेम में भी Sand नाम के टोकन का प्रयोग गेम मेटावर्स में Virtual चीजे खरीदने में होता है।
बिटकॉइन को सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है. आज सबसे ज्यादा कीमत की यदि कोई क्रिप्टोकरेंसी है, तो वह बिटकॉइन ही है. बिटकॉइन की कीमत 50,000 अमेरिकी डॉलर तक जा चुकी है. बिटकॉइन को प्राइमरी क्रिप्टोकरेंसी भी माना जाता है.
ऑल्टकॉइन (Altcoin)
जैसा की ऊपर बताया जा चूका है की बिटकॉइन को प्राइमरी क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है है. इसी रेफरेन्स से बिटकॉइन के आलावा अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी को ऑल्टकॉइन (Altcoin) कहा जाता है.
मार्केट केपेटलाइजेसन के हिसाब से बिनान्स कॉइन (Binance Coin), टीथर (Tether), सोलाना (Solana), यु एस डी कॉइन (USDC), कार्डेनो (Cardano), रिपल (XRP), पोल्काडॉट (PolkaDot), डोजकॉइन (Dogecoin), एवेलांचे (Avalanche), लाइटकॉइन (Litecoin) आदि ऑल्टकॉइन (Altcoin) के उदाहरण हैं.
Cryptocurrency के फायदे
- क्रिप्टोकरेंसी को अब तक सबसे सुरक्षित माना गया है.
- इसे किसी अन्य व्यक्ति के पास भेजने में बहुत ही भौतिक मुद्रा डिजिटल हो जाती है कम फीस लगती है. अपेक्षाकृत पुराने माध्यम के।
- यदि इसे साक्षी तरीके से रखा जाये तो इसे कोई चोरी नहीं कर सकता।
- एक संस्था या व्यक्ति का नियंत्रण नहीं होने के कारण, बाजार में अधिक नहीं आ सकती इसलिए मॅहगाई से लड़ सकती है।
- किसी व्यक्ति के पास अगर क्रिप्टोकरेंसी भेजते समय Crypto Wallet का एड्रेस सही नहीं भरा जाये, तो यह आपके वॉलेट से कट जाएगी और उस व्यक्ति को नहीं मिलेगी।
- यदि किसी वॉलेट की आई दी खो जाये, तो उसे दोबारा पाना बहुत मुश्किल होता है.
- इसका लेन देन केवल इंटरनेट के माध्यम से ही किया जा सकता है, इसलिए हर कोई लेन देन नहीं कर सकता।
- इसकी कोई फिक्स्ड कीमत नहीं होती, उतार चढाव अधिक होने के कारण नुकसान भी हो सकता है।
निष्कर्ष
ये क्रिप्टोकरेंसी एक बहुत ही कम की चीज है. यदि इसको सही तरीके से प्रयोग किया जाये, तो यह बहुत ही अच्छी है. अंत में, हम सक्षेप में दोबारा याद करते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक Digital Currency होती है, जो ब्लॉकचैन पर काम करती है. यह एक Digital Wallet में स्टोर की जाती है.
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