Later today, we are releasing a broad core algorithm update, as we do several times per year. It is called the May 2020 Core Update. Our guidance about such updates remains as we’ve covered before. Please see this blog post for more about that:https://t.co/e5ZQUAlt0G — Google SearchLiaison (@searchliaison) May 4, 2020
OTP क्या है | OTP के होने वाले फायदे | What is OTP? Advantages of OTP
OTP का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है?OTP के नुकसान क्या हैं?OTP के फायदे क्या हैं?OTP क्यों इस्तेमाल किया जाता है?OTP कैसे Generate किया जाता है?OTP का मतलब होता है (Where is OTP used? What are the disadvantages of OTP? What are the advantages of OTP? Why OTP is used? How OTP is generated? OTP means)
- क्या आप जानते हैं ओटीपी क्या है? (OTP Meaning in Hindi) अगर आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज मैं आपके साथ ओटीपी से जुड़ी पूरी जानकारी शेयर करूंगा. आज के समय में online services बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन लेन-देन आदि जैसे अधिकांश काम हम घर बैठे ऑनलाइन भी पूरा करते हैं। ऐसे में सेवा प्रदाताओं की पहली जिम्मेदारी है कि वे अपने व्यक्तिगत की सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान करें। अपने कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है ग्राहकों को डेटा और खाते। इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के लिए ओटीपी लाया गया
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जब भी हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का उपयोग करते हैं या फेसबुक, व्हाट्सएप आदि जैसे किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना खाता बनाते हैं, तो सत्यापन के लिए आपके फोन पर एक कोड आता है। इस कोड को ओटीपी के नाम से जाना जाता है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है कि OTP का मतलब क्या होता है और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं OTP क्या है हिंदी में इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
अपने ब्लॉग को Google Core updates से कैसे बचाये: एक्सपर्ट ब्लॉग्गिंग टिप्स इन Hindi
हम सभी चाहते है के हमारे ब्लॉग पर ट्रैफिक और ग्रोथ बनी रहे. ब्लॉग्गिंग आज कॉम्पिटिटिव हो गयी है. गूगल एक सर्च इंजन है और गूगल हमेशा यही चाहता है कि जो भी विजिटर आपकी साइट पर आता है उसको उसकी क्वेरी का सही उत्तर मिले. गूगल सर्च को इंप्रूव करने के लिए समय समय बाद नए नए अपडेट लाता रहता है. अगर आप ब्लॉग्गिंग इंडस्ट्री में काफी टाइम से है तो आप गूगल के पिछले अपडेट से परिचित होंगे गूगल अपडेट्स आते रहे हैं और आगे भी इसी तरह आते रहेंगे अगर आप एक सही ढंग से अपने ब्लॉग पर काम करते हैं तो आप को डरने की जरूरत नहीं अपडेट्स का मुख्य लक्ष्य ही होता है कि गूगल सर्च से कोई भी व्यक्ति अपने प्रश्नों का सही उत्तर प्राप्त कर सकें.
Google May 2020 Core Update Official Tweet
Later today, we are releasing a broad core algorithm update, as we do several times per year. It is called the May 2020 Core Update. Our guidance about such updates remains as we’ve covered before. Please कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है see this blog post for more about that:https://t.co/e5ZQUAlt0G
— Google SearchLiaison (@searchliaison) May 4, 2020
Blog Ko Google Updates Se Kaise Bachaye
आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप अपने ब्लॉग को गूगल अपडेट की पैनलाइजेशन से बचा सकते है. 4 मई को गूगल ने एक और अपडेट रिलीज किया. अपडेट के लॉन्च होने के बाद गूगल ने कहा कि इस अपडेट को पूरी तरह से रोल आउट होने में 2 हफ्ते का समय लग सकता है. जब भी कोई अपडेट आता है तो बहुत सारी वेबसाइट traffic edkum से गिर जाता है. इसके कई कारण हो सकते है. कई लोग सिर्फ सर्च इंजन के लिए कंटेंट लिखते हैं और वह यह भूल जाते हैं के अंततः सभी blog कंटेंट एक ह्यूमन रीडर ने ही पढ़ना है.
अपडेट के रिलीज होने के बाद काफी लोगों ने यह पाया है कि उनकी ब्लॉग ट्रैफिक बहुत ज्यादा गिर गया है और उनकी ऑर्गेनिक रैंकिंग पर भी इससे बहुत ज्यादा असर पड़ा है. वहीं पर कई ब्लॉग है जिन पर अपडेट का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. आइए जानते हैं वह कौन कौन सी blogging niches है जिस पर Google updates का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है.
2. हेल्थ वेबसाइट
Google’s Advice on Core Updates: ध्यान देने वाली चीज़ें
कंटेंट और क्वालिटी प्रशन
1. क्या आपका कंटेंट विश्लेषण, ओरिजिनल रिपोर्टिंग या अनुसन्धान की गयी सूचना देता है.
2. क्या आप अपने इस कंटेंट को किसी किताब, मैगज़ीन या एन्सिक्लोपीडिए में छपने लायक जितना अच्छा समझते है.
3. क्या आप सिर्फ रिफरेन्स सोर्सेज से सूचना को कॉपी पेस्ट करते है. क्या आप उसमे कुछ और सूचना खुद से जोड़ते है या यूजर को वैल्यू प्रोवाइड करते है?
4. क्या आपकी हैडलाइन कंटेंट से बिलकुल अलग है?
5. क्या कंटेंट का टाइटल संपूर्ण सूचना देता है आपके कंटेंट के बारे मे?
6. क्या यह वह कंटेंट है जिसे आप खुद अपने मित्रो से साथ शेयर करना चाहेंगे या पेज को बुकमार्क करने चाहेंगे. क्या आपके कंटेंट की क्वालिटी सच में उतनी अच्छी है?
7. क्या आपका कंटेंट पूर्ण सूचना देता है या व्यापक विवरण प्रदान करता है?
कंटेंट विशेषता से जुड़े प्रशन
1.क्या इस कंटेंट का लेखक वाकई में इस टॉपिक का एक्सपर्ट है. क्या ऑथर के बारे में विश्लेषण है. क्या लेखक की प्रोफाइल में उसके एक्सपीरियंस या नॉलेज का विश्लेषण है?
2. क्या आपका कंटेंट व्याकरण की गलतियों से मुक्त है?
3. क्या आपका कंटेंट सही फैक्ट्स और फिगर्स प्रस्तुत करता है?
4. क्या आपके कंटेंट पर पढ़ने वाले लोग भरोसा कर सकते है?
प्रस्तुति से जुड़े प्रशन
1.क्या आपका कंटेंट की प्रस्तुति अच्छी है या वह दिखने में भद्दा लग रहा है?
2.क्या वह अनुशंधान के बाद ठीक से लिखा गया है या किसी लेखक के द्वारा जल्दबाज़ी में तय्यार किया गया है?
3. आपके कंटेंट का मोबाइल व्यू कैसा है. क्या वह पढ़ने मे आ रहा है.
4. कही आपके पेज पर बहुत सारे एड्स तो नहीं जो रीडर्स को परेशान कर दे.
दूसरे कंटेंट्स की तुलना से जुड़े कुछ प्रशन
1. आपका कंटेंट क्यों रैंक करना चाइये. ऐसा क्या है जो आप दूसरे कंटेंट के मुकाबले ज्यादा दे रहे है?
2. क्या आपका कंटेंट सिर्फ यह सोच कर बनाया गया है गूगल सर्च में बेहतर रैंक करेगा या वह सच में वैल्यू प्रदान करता है?
तो यह कुछ प्रशन है जो आपको अपने आर्टिकल को फाइनल पब्लिश करने से पहले पूछने चाहिए. आप अगर क्वालिटी कंटेंट देते रहते है औररेगुलर कंटेंट लिखते है तो आपका ब्लॉग जल्द ही रैंक करना चालु कर देगा. हमने आपको बताया के blog ko Google updates se kaise bachaye. आशा है के यह कंटेंट आपको लाभदायक लगा होगा. अगर आपके मन में इससे जुड़े कुछ प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट सेक्शन से पूछ सकते है.
Google success story in Hindi
क्या आप भी अपने कंप्यूटर या मोबाइल फोन में गलती से कोई सर्च इंजन खुलने पर उसमे सर्च करने को बेहतर नहीं समझते और बंद करके गूगल में सर्च करना ही बेहतर समझते हैं। ऐसा इसलिए है कि गूगल कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है ही एक ऐसा सर्च इंजन है जिसमे आधे से ज्यादा दुनिया सर्च करना पसंद करती है और गूगल इसका झट से सही जवाब दे देता है। आज की टेक्नोलॉजी के आधार पर आप इसमें वॉइस सर्च भी कर सकते हैं जिससे किसी भी सवाल का जवाब खोजने में सहूलियत मिल जाती है। आज के समय में गूगल ही इंटरनेट की दुनिया का बादशाह है। गूगल ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है जिससे दुनिया इस पर भरोसा करती है। पर शायद आप इसकी सक्सेस स्टोरी के बारे में नहीं जानते होंगे इसलिए हम आपके लिए गूगल की सफलता की कहानी के बारे में जानकारी देंगे उम्मीद है आपको यह पसन्द आएगी।
गूगल के फाउंडर लैरी पेज
गूगल को लैरी पेज और उनके दोस्त सरगि ब्रीन ने बनाया था। लैरी पेज के पिता कोल विक्टर अपने शहर की यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस के प्रोफेसर थे और उनकी माँ भी उन्ही के साथ यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस ही पढ़ाती थी। उनके घर में बहुत सारे कंप्यूटर और गैजेट पड़े रहते थे और लैरी पेज उनको हर रोज देखते थे कि यह काम कैसे करते हैं। शायद इसी कारण लैरी पेज को कम्प्यूटरों में रूचि हो गई थी। वे उन्हें खोलते और समझते कि यह काम कैसे करते हैं। जब वे बहुत ही छोटी उम्र के थे तो उन्होंने जान लिया था कि उन्हें चीजों का अविष्कार करना हैं और बिज़नेस खड़ा करना है।
गूगल के को फाउंडर
इसके बाद वह बिज़नेस को बहुत गहराई से समझने लगे जब वह पीएचडी कर रहे थे तब उनकी मुलाकात सर्गी ब्रिन से हुई जो आगे चलकर गूगल के कोफाउंडर बने पीएचडी में उन्होंने टॉपिक वर्ल्ड वाइड वेब को चुना जो उनकी दोस्ती का कारण बना।
एल्गोरिदम की खोज
दोनों के सोच विचार मिलते थे इसलिए दोनों ने कुछ नया करने की कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है ठानी। बहुत सोच विचार करने के बाद उन्होंने एक ऐसे एल्गोरिदम को खोजने में सलाह बनाई जो सभी वेबसाइट को एक साथ लिंक कर सके और सवाल के सबसे अच्छे जवाब के हिसाब से उन्हें रैंक दे सके। बस अब वे इसी एल्गोरिदम की रिसर्च में जुट गए वो बहुत मेहनत करते और रिसर्च करते। आखिरकार एक ऐसा दिन आया जब उन्होंने ऐसा एल्गोरिदम खोज लिया ।
लैरी पेज का कर्ज लेना
जब उनकी यह रिसर्च सफल हुई। इसके बाद उन्होंने अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 10 लाख डोलर का कर्ज लिया इन पैसों से उन्होंने google inc. की स्थापना की। उनकी रिसर्च से गूगल दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन बन गया और आप भी इस सर्च इंजन का कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है उपयोग आज कर रहे हैं।
गूगल बना सफल कंपनी
गूगल सिर्फ सर्च इंजन तक ही सिमित नहीं रहा बल्कि दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाईल os एंड्राइड गूगल द्वारा लॉन्च किया गया और यही नहीं गूगल ने दुनिया का सबसे लोकप्रिय वीडियो प्लेटफार्म यूटुब जिसमे आप वीडियो देखते हैं को बुलंदियों तक कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है पहुँचाया ऐसा कोई नहीं है जिसके पास मोबाईल हो और यूटुब न चलाता हो। जीमेल भी गूगल का ही प्रोडक्ट है जो आज आप इस्तेमाल करते हैं गूगल के लगभग 50 से भी ज्यादा प्रोडक्ट हैं जो आज सफल हैं।
लैरी पेज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
लैरी पेज की सफलता कुछ ऐसी है कि अगर आप इंटरनेट चलते हैं तो इसकी शुरुआत गूगल से ही होती है। आपको यह जानकर अपने देश पर गर्व होगा कि वर्तमान समय में गूगल के ceo पिचाई हैं। तो देखा आपने कि गूगल कैसे सफल हुआ आज लैरी पेज दुनिया में सबसे अमीर व्यक्तियों में 12 वें नम्बर पर हैं और आज इसी गूगल की सहयता से लाखो लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि गूगल ने लैरी पेज और सर्गी ब्रेन को सबसे यंगेस्ट करोड़पति बना दिया था।
गूगल नाम क्यों पड़ा
गूगल की सहायता से लोग घर बैठे ही कमाते हैं। गूगल का नाम गूगोल से लिया गया है जो गणित में प्रयोग किया जाता है इसका अर्थ होता है किसी भी अंक के पीछे सौ जीरो। पर उनके पास से इसकी स्पेलिंग गलत हो गई और गूगल बन गया।
गूगल की कमाई का प्रमुख स्त्रोत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गूगल की कमाई का प्रमुख स्त्रोत एड्स हैं गूगल एडसेंस के द्वारा अपनी आधे से ज्यादा आमदनी कमाता है। अगर आपको यह जानकारी (Google success story in Hindi) पसंद आयी हो तो इसे शेयर कर सकते है और हमें कमेंट करके बताये कि आपको यह जानकारी कैसी लगी अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।
एंटीजन एंटीबॉडी क्या है?
जब कोई बाहरी जीव किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है जब वह परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप में कुछ प्रोटीन योगिक का उत्पादन करता है। यह प्रोटीन योगिक उस जाति के विशिष्ट होते हैं जो व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। शरीर में प्रवेशित ऐसे प्रोटीन को एंटीजन कहते हैं। शरीर में एंटीजन अणुओं के प्रकटन के प्रतिक्रियास्वरूप उतकों द्वारा दूसरे प्रोटीन का संश्लेषण होता है जो विशेषतया एंटीजेंस से संयुक्त हो जाता है अथवा उस पर अभिक्रिया करता है। शरीर में संश्लेषित इस दूसरे प्रकार के प्रोटीन को एंटीबॉडी कहते हैं।
- एंटीजन एंटीबॉडी अभिक्रिया के कारण एंटीजन कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है का स्वरूप ऐसा परिवर्तित हो जाता है, जिससे वह नष्ट हो सके अथवा निष्क्रिय हो जाए।
एंटीजन :-
यह पॉलिसैकराइड का बड़ा अणु है जिसे शरीर बाहरी मानता है जैसे अन्य व्यक्ति की रुधिर कोशिका, अंडा का अल्बुमिन, परागकण आदि। एंटीजन अनेक रोगों के जनक होते हैं।
एंटीजन के प्रतिक्रिया से T- कोशिका तथा B – कोशिका प्रभावी कोशिकाओं का निर्माण करता है जो एंटीजन के साथ संघर्ष करता है, लेकिन दोनों कोशिकाएं मेमोरी कोशिकाएं भी बनाती है।
- प्राथमिक संक्रमण के अंत में जब एंटीबॉडीज भी दिखाई नहीं देती है तब विशेष प्रकार के एंटीजेंस के लिए मेमोरी कोशिकाएं लिंफनोड कैसे एल्गोरिथ्म रानी करता है एवं प्लीहा में संचित हो जाते हैै। जब उसी प्रकार के एंटीजेंस द्वारा द्वितीय बार संक्रमण होता है तब मेमोरी कोशिकाएं विशिष्ट एंटीजेंस को पहचान लेती है तथा बहुसंख्यक प्रभावी एवं मेमोरी कोशिकाओं का निर्माण करती है, इसलिए द्वितीय बार संक्रमण से जल्द ही असंक्राम्य अनुक्रियां या प्रतिरक्षा होती है। इस प्रकार से साधारणता कोई भी व्यक्ति को दो बार एक ही प्रकार की बीमारी नहीं होती है, इसे सक्रिय या उपार्जित प्रतिरक्षा कहते हैं।
एंटीबॉडी :-
एंटीबॉडी श्वेत रक्त कणिकाओं में संश्लेषित गामा ग्लोब्यूलिन (gamma globulin) प्रोटीन के रूपांतरण के फलस्वरुप संश्लेषित होता है।
एंटीबॉडी को immunoglobulin भी कहते हैं। इसके निम्नांकित 5 वर्ग होते हैं –
क्रिप्टोक्यूरेंसी (बिटकॉइन की तरह) को सरलता से समझाया गया है
भुगतान प्रणाली होने के संदर्भ में, क्रिप्टोक्यूरेंसी मोटे तौर पर पेपाल या डेबिट कार्ड का उपयोग करने के बराबर है, सिवाय इसके कि स्क्रीन पर संख्याएं डॉलर के बजाय विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा का प्रतिनिधित्व करती हैं। निवेश के संदर्भ में, क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग स्टॉक की तरह अधिक है, क्योंकि उनके मूल्यों में अक्सर डॉलर के मुकाबले उतार-चढ़ाव होता है सभी नए उपयोगकर्ता को एक कॉइनबेस खाता स्थापित करने या आरंभ करने के लिए रॉबिनहुड या कैश ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता है (हालांकि अन्य प्लेटफॉर्म मौजूद हैं)। कॉइनबेस और रॉबिनहुड के साथ उपयोगकर्ता बिटकॉइन, ईथर और लिटकोइन जैसे सिक्कों को खरीद, बेच, भेज, प्राप्त और स्टोर कर सकते हैं (कॉइनबेस एक ऑल-इन-वन वॉलेट, ब्रोकर और एक्सचेंज सेवा प्रदान करता है जो उन्हें नए के लिए वन-स्टॉप-शॉप बनाता है। उपयोगकर्ता, साथ ही उनके पास सिक्कों का एक बड़ा चयन है)। कैश ऐप के साथ उपयोगकर्ता केवल बिटकॉइन खरीद, बेच, भेज, प्राप्त और स्टोर कर सकते हैं (लेकिन अन्य प्लेटफार्मों की तुलना में यह पता लगाने के लिए कम घंटियाँ और सीटी हैं)।
क्रिप्टोक्यूरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में सबसे अच्छा माना जाता है
मूल अवधारणाएँ
क्रिप्टोक्यूरेंसी डेबिट कार्ड पर बैंक क्रेडिट की तरह बहुत काम करती है
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क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?
क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है?
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