आप उस स्टॉक के चार्ट को कम से कम 3 महीने पुराना लेना होगा आपको

मंदी की अंगूठी पैटर्न iq option

What is the meaning of Volume in the stock market| delivary volume stock

स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम का मतलब संख्या से होता है इसका मतलब यह होता है कि बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी कोई कितनी बड़ी संख्या में किसी स्टॉक में खरीदारी कर रहा है.

स्टॉक में जितनी भी बड़ी मात्रा में खरीदारी होगी वॉल्यूम की संख्या उतनी ही ज्यादा बड़ी दिखाई पड़ेगी.

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what is volume Meaning in stock market with example in hindi

स्टॉक मार्केट में एक बहुत ही खास बात ध्यान देने वाली यह होती है कि अगर स्टॉक मार्केट में तेजी चल रही है. तब क्या वॉल्यूम बढ़ जाएगा तब वॉल्यूम बिल्कुल बढ़ेगा लेकिन यहां पर अगर मंदी भी चल रही होगी तब भी वॉल्यूम बढ़ेगा.

दोनों का वॉल्यूम का तरीका अलग होगा तेजी का वॉल्यूम ऊपर की तरफ होगा और मंदी का वॉल्यूम नीचे की तरफ होगा.

इसको एक उदाहरण से समझते हैं मान लेते हैं रितिका एक फार्मा कंपनी का स्टॉक खरीदती है और कुछ दिनों बाद इस स्टॉक में गिरावट शुरू हो जाती है गिरावट काफी बड़ी होती है और यह गिरावट मंदी वाली गिरावट कहलाती है.

इस गिरावट में जो वॉल्यूम बनेगा वह मंदी वाला वॉल्यूम बनेगा यानी कि बेयरिश वॉल्यूम

ठीक उसी तरह से अगर स्टॉक ऊपर की तरफ बढ़ता है. तब उसमें जो वॉल्यूम बनता है तेजी वाला वॉल्यूम बनता है. Bullish volume

what is the high volume in stock

किसी भी स्टॉक को एनालिसिस करने के लिए उसके वॉल्यूम को देखना जरूरी होता है. क्योंकि वॉल्यूम से आप स्टॉक में होने वाले बदलाव की भविष्यवाणी कर सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि यह स्टॉक भविष्य में ऊपर जाएगा या फिर नीचे अगर इसका वॉल्यूम लगातार नीचे की तरफ बढ़ रहा है तब स्टॉक और नीचे गिर सकता है.

हाई वॉल्यूम स्टॉक पता करने के लिए आपको बहुत सारे लिक्विड और वोलेटाइल स्टॉक्स के बारे में जानकारी पता करनी होगी।

लिक्विड स्टॉक्स और वोलेटाइल स्टॉक्स कैसे आपको पैसा आसानी से बना सकते हैं इसके बारे में आप यहां पूरा पढ़ सकते हैं.Read here

क्योंकि लिक्विड स्टॉक्स में ट्रेडिंग काफी ज्यादा होती है और लोग उसमें काफी ज्यादा रुचि लेते हैं ट्रेड करने के लिए और उसके प्राइस का मूवमेंट भी काफी तेज होता है.

इस वजह से आप ऐसे स्टॉक्स में वॉल्यूम का पुराना डाटा निकालकर यह पता लगा सकते हैं कि कहीं इसमें कोई भारी संख्या में खरीदारी तो नहीं हो रही है. लगातार खरीदारी हो रही है तो हो सकता है यह स्टॉक का प्राइस ऊपर की तरफ बढ़ सकता है.

Stock market me volume kya kaam karta hai | volume ko kaise dekhte hai

वॉल्यूम से हम किसी भी स्टॉक के ट्रेडर के एक्शन उसके सेंटीमेंट को समझ सकते हैं मतलब ट्रेडर क्या करना चाह रहा है. लेकिन ध्यान देने वाली यह बात है कि बहुत ही छोटा-छोटा अगर वॉल्यूम आपको नजर आएगा तो इससे आप काफी हद तक अंदाजा नहीं लगा सकते।

स्टॉक के वॉल्यूम का अंदाजा लगाने के लिए आपको बड़ा-बड़ा वॉल्यूम नजर आना चाहिए।

शेयर बाजार में जब ज्यादा मात्रा में वॉल्यूम होता है तो प्राइस में उतार-चढ़ाव भी काफी तेजी से होता है.

Bearish Engulfing Candlestick Pattern in hindi - बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न क्या है

दोस्तो, अगर आप शेयर बाजार से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको Technical Analysis जरूर सीखना चाहिए। Candlestick Pattern भी टेक्निकल एनालिसिस का ही भाग है। इस पोस्ट में बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में बताया गया है। Bearish Engulfing candlestick Pattern दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमे पहला शब्द है Bearish जिसका मतलब है "मंदी" और दूसरा शब्द है Engulfing जिसका मतलब है "निगल जाना" यह भी कह सकते हैं कि किसी वस्तु को पूरी तरह ढक लेना। इसका नाम जापान के लोगों ने सूर्य ग्रहण के ऊपर रखा है। जिस प्रकार सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी को अँधेरा ढक लेता है, ठीक उसी तरह इस कैंडलस्टिक पैटर्न में एक कैंडल दूसरी कैंडल को ढक लेती है, तो चलिए जानते हैं कि Bearish Engulfing Candlestick Pattern in Hindi-बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न क्या है ?

Bearish Engulfing candlestick Pattern कैसे बनता है ?:

इसको पहचानने के लिए किन -किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. इसमें पहली कैंडल small bullish candle होना चाहिए।
2. दूसरी कैंडल, पहली कैंडल के high के ऊपर यानि Gap Up बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी ओपन होना चाहिए या अच्छी तेजी के साथ खुलना चाहिए।
3. दूसरी कैंडल का closing price, पहली कैंडल के low के आस -पास या उससे भी नीचे होना बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी चाहिए।
4. Bearish Engulfing Candlestick Pattern में जो पहली कैंडल है वह पूर्णरूप से दूसरी कैंडल के रियल बॉडी के अंदर ही होना चाहिए यानि कि दूसरी कैंडल की रियल बॉडी, पहली कैंडल को पूर्णरूप से ढ़क लेना चाहिए जैसा कि सूर्यग्रहण के समय होता है।
5. दूसरी कैंडल Long bearish candle यानि मंदी की कैंडल होना बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी चाहिए। इसे आप मंदी का ग्रहण भी कह सकते है क्योंकि इसके बाद में मंदी आने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
6. इसमें वॉल्यूम का भी बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि पहली कैंडल के समय जो volume होता है उससे ज्यादा वॉल्यूम दूसरी कैंडल के समय होना चाहिए। Bearish Engulfing Candlestick Pattern वॉल्यूम बढ़ते क्रम में होना चाहिए।
7. कई बार ऐसा होता है कि जब यह पैटर्न चार्ट पर बनता है उसके बाद बाजार या शेयर Gap Down ओपन होते हैं तो इसे बेयरिश एंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का कन्फर्मेशन समझना चाहिए।
8. इस पैटर्न की पहली कैंडल डोजी भी हो सकती है और दूसरी Bearish marubozu भी हो सकती है। Candlestick Patterns Doji, Marubozu, Spinning Tops ka use karke Stock market se paise kamaye
9. Bearish Engulfing Candlestick Pattern इंट्राडे चार्ट, वीकली चार्ट तथा मंथली चार्ट में भी दिखाई दे सकता है और यह बहुत अच्छा काम भी करता है। इस पैटर्न के बनने के बाद बाजार में बिकवाली बढ़ जाती है।
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आप इसे फाइव मिनट चार्ट पर देखकर इसका उपयोग कर सकते हैं। यदि आप positional trading करते हैं तो आप इसे डेली चार्ट पर देखकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
अब आपको पता चल गया होगा कि बेयरिश एंगल्फिंग पैटर्न चार्ट पर कैसे बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी बनता है और इसके बनने से बाजार या stocks पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

बैंकनिफ्टी इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटर्जी

>>अगर आप बैंक निफ्टी ऑप्शन ट्रेड करना चाहते है तो करंट फ्यूचर प्राइस से +100-200 ऊपर पॉइंट की कॉल स्ट्राइक सेलेक्ट कर ऊपर बताए गए रूल्स के हिसाब से ट्रेड ले सकते है मतलब की जब बैंक निफ्टी फ्यूचर में ट्रेड एंटर करना का सेटअप बने तभी ऑप्शन में भी एंट्री ले, टारगेट स्टॉपलॉस फ्यूचर का ही फॉलो करें।

शॉट सेटअप के लिए (पुट ऑप्शन ट्रेडिंग )

>>शॉर्ट एंट्री के लिए हमें दो बेयरिश कैंडल चाहिए। दूसरी कैंडल पहली बेयरिश कैंडल के लो के नीचे बंद होनी चाहिए, और पहली बेयरिश कैंडल की हाई, दूसरी बेयरिश कैंडल की हाई से अधिक होनी चाहिए।

>>दूसरी बेयरिश कैंडल का RSI(3) वैल्यू 30 से कम होना चाहिए। (पहली बेयरिश कैंडल का RSI मान कुछ भी हो सकता है। कोई फर्क नहीं पड़ता।)

ओवरसोल्ड बैंक निफ्टी में ट्रेडिंग का चांस

जो लोग बुधवार को होने वाली आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग को आधार बनाकर फायदा लेना चाहते हैं, वे बैंक निफ्टी पर दांव लगा सकते हैं। बैंक निफ्टी ऑप्शंस का पुट कॉल रेशियो बता रहा है कि यह काफी हद तक ओवरसोल्ड एरिया में पहुंच गया है और इसमें पुलबैक रैली आ सकती है। इसमें स्ट्रैटेजी यह है कि या तो निफ्टी कॉल ऑप्शन खरीदा जाए या 29 दिसंबर के बैंक निफ्टी फ्यूचर्स के 18500 के मौजूदा लेवल पर तेजी का सौदा किया जाए। बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी इसमें स्टॉप लॉस लगाना होगा।

दांव यह है कि अगर आरबीआई ने रेपो रेट उम्मीद से ज्यादा घटाया या बैंकों के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने के दूसरे कदमों की घोषणा की तो एक हफ्ते में 70 पर्सेंट से ज्यादा ग्रॉस रिटर्न हाथ आ सकता है। वहीं, बेयरिश ऑप्शन स्ट्रेटेजी अगर आरबीआई ने रेट जस का तस रखा या इकनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों के बिना 25 बेसिस प्वाइंट्स का रेट कट किया तो नुकसान भी इतना ही तगड़ा हो सकता है।

आप मंदी से घिरे पैटर्न का व्यापार कैसे करते हैं?

नीचे आप 15 मिनट की समय सीमा के साथ GBPUSD चार्ट देख सकते हैं। लाल क्षैतिज रेखा वह मूल्य प्रतिरोध है जिसके साथ मंदी की चपेट में आने से पहले कीमत कई बार प्रतिक्रिया दे चुकी थी। मैंने पैटर्न को पीले घेरे से ही चिह्नित किया है। देखें कि इंट्राडे चार्ट पर मोमबत्ती की शुरुआती कीमत आमतौर पर पिछली मोमबत्ती के समापन मूल्य के समान होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूल्य परिवर्तन काफी आसानी से होते हैं, खासकर तरल बाजारों में। इसलिए, एक इंट्राडे आधार पर, एक संलग्न पैटर्न उतना शानदार नहीं दिखता जितना कि चार्ट पर दिखता है।

नीचे दिए गए चार्ट में, हालांकि, कवरेज स्पष्ट है। नीचे की ओर वाली मोमबत्ती का शरीर पैटर्न की पहली मोमबत्ती के आकार के दोगुने से अधिक होता है। यह डायनामिक डाउनट्रेंड में बदलाव का संकेत देता है।

GBPUSD 15-मिनट के चार्ट पर मंदी की चपेट में आने का पैटर्न

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