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Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा
आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं।
आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं। जयपुर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर होड़ सी मची है। यहीं कारण है वर्तमान में अब तक जयपुर में करीब एक लाख लोगों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है और यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बात अगर पूरे भारत की करें तो करीब 2 करोड़ लोग भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है। जयपुर के एक लाख लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 करोड़ का निवेश कर रखा है।
युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो
करोड़पति युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो बन चुका है, अमेरिका में अधिकांश युवा करोड़पति अपना पैसा, क्रिप्टो करेंसी में ही लगा रहे हैं, दुनिया के कई और देशों में भी इसी तरह का चलन देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ देश इसे कानूनी मान्यता भी दे चुके हैं, जबकि भारत में अभी तक क्रिप्टो का भविष्य साफ नहीं है, बावजूद इसके, लोग इसमें बिना डर पैसा लगा रहे हैं।
क्रिप्टो के विरोध में आरबीआई हमेशा से
वैकल्पिक मुद्राओं को मान्यता देने के विरोध में आरबीआई हमेशा से अडिग रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन इसने क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय नहीं बदली है।
क्यों बना हुआ डर.
इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी इसे जारी नहीं करती है। इसके अलावा टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग, इनसोल्वेंसिंग कोड, पेमेंट सिस्टम, निजता और डाटा प्रोटेक्शन भी बड़ी चुनौतियां होंगी।
घोटालों की संख्या बढ़कर 3300 हुई
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में सक्रिय वित्तीय घोटालों की संख्या 2020 के 2052 के आंकड़े से बढ़कर 3300 हो गई है। दुनिया की लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम और बिटकॉइन के मूल्य में वृद्धि के साथ इनमें निवेश करने वाले निवेशकों के साथ घोटाले होने की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है।
क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे। इनकी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के सार्वजनिक और केंद्रीय बैंक साथ-साथ चल सकते हैं। पूरी दूनिया में इसका चलन बढ़ रहा है। अगर भारत में इसपर बैन लगता है, तो हम एक बार फिर डिजिटल रूप में दूनिया से पीछड़ जाएंगे।
आयुष अग्रवाल, एडवाइजर, क्रिप्टो
क्रिप्टो एक्सचेंज पॉइंट नो यॉर कस्टमर (केवाईसी) इक_ा करके इसकी लेन-देन सिर्फ बैंक अकाउंट के जरिए कर सकते हैं। इस तरीके से कुछ बुरे तत्व इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि ब्लॉकचेन तकनीक में यह सार्वजनिक पारदर्शिता की व्यवस्था कर पाएगा।
अशोक जालान, विशेषज्ञ, इक्विटी बाजार
जानिए, क्या है क्रिप्टो करेंसी और ये कितनी तरह की होती है?
crypto currency, क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है इसे लेकर बात करें तो बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का ये कहना है कि एक तरह के वर्चुअल कॉइन यानी कृत्रिम सिक्के हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के उद्देश्य के साथ डिजाइन किए गए हैं। ऐसे में आपको सुविधा ये मिलती है कि इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती है।
नई दिल्ली। क्रिप्टो करेंसी है क्या अगर इस सवाल का जवाब ढूंढा जाए तो इसका सीधा और सरल जवाब ये होगा कि ये एक तरह की करेंसी है। अंग्रेजी शब्द ‘क्रिप्टो’ का मतलब गुप्त होता है। ऐसे में ये एक तरह की डिजिटल करेंसी है जिसे आप छू नहीं सकते। हालांकि यहां आपको बताना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है।
कितने प्रकार की होती है क्रिप्टो करेंसी
वैसे तो Cryptocurrency के कई प्रकार हैं जो कि Peer-to-Peer Electronic System के रूप में काम करती है। नीचे हम आपको कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी का नाम बता रहे हैं।
कैसे करता है काम
क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है इसे लेकर बात करें तो बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का ये कहना है कि एक तरह के वर्चुअल कॉइन यानी कृत्रिम सिक्के हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के उद्देश्य के साथ डिजाइन किए गए हैं। ऐसे में आपको सुविधा ये मिलती है कि इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती है।
कहां किया जा सकता है इस्तेमाल
इन बिटकॉइन का इस्तेमाल आप सोने की तरह भी कर सकते हैं जैसे आप इन बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग या फिर निवेश के लिए भी इन्हें इस्तेमाल में लाया जा सकता है। लोग इन्हें अपनी सहूलियत के हिसाब से एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी कर सकते हैं।
अंतरिक्ष में घटेगी अनोखी घटना! चंद्रमा, पृथ्वी, मंगल और सूरज चारों होंगे सीधी लाइन में, अद्भुत होगा नज़ारा
अंतरिक्ष अनगिनत अनसुलझे रहस्यों का गढ़ है। उपर आकाश में ऐसी अनेंको गतिविधियां होती रहती है जो हमें हैरान करती रहती है। ऐसी ही एक और अनोखी खौगोलिय घटना कल यानी 7 दिसंबर 2022 को होने जा रही है। 7 दिसंबर को पूर्णिमा (Full Moon) है और इस रात चंद्रमा, मंगल, पृथ्वी और सूरज चारों एक सीधी लाइन में आने वाले हैं। कल Moon, Mars, Earth और Sun चारों एक सीध में आ रहे हैं जो बेहद अनूठी स्पेस एक्टिविटी (Space activity) है।
7 दिसंबर को चंद्रमा, मंगलग्रह, पृथ्वी क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है और सूरज चारों एक सीधी लाइन में होंगे और इस विचित्र नजारे को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। यह पूर्णिमा की रात बेहद अलग साबित होने वाली है। हमारी धरती के पीछे सूर्य होगा, हमारे सामने चांद और उस चांद के पीछे मंगल ग्रह! ये चारों एक सीधी रेखा में होने वाले हैं। यह अज़ब-गज़ब घटना कई सालों बाद खुद को दोहराने जा रही है और हम लोग इसका साक्षी बन सकते हैं।
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रोचक होगा नज़ारा जब तारा, ग्रह और उपग्रह सभी होंगे एक सीध में
ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब कोई तारा, ग्रह और उपग्रह यानी अंतरिक्ष में मौजूद तीन अलग तरह के ऑब्जेक्ट एक सीधी लाईन में आएंगे। सूरज जहां एक तारा है, वहीं पृथ्वी व मंगल एक ग्रह हैं। चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाने वाला एक उपग्रह है। इन चारों के एक सीध में आने पर आकाश में बेहद अलग और खूबसूरत रोशनियों को फैलाव देखने को मिलेगा। मंगल ग्रह घूमते-घूमते चांद के पीछे जा छिपेगा और पूर्णिमा होने के चलते चांद और मंगल का यह मिलन साफ देखा जा सकेगा।
इंडिया में दिखेगा रंगीन मंगल ग्रह
गौरतलब है कि जब यह अद्भुत नज़ारा घट रहा होगा उस वक्त भारत में सुबह हो चुकी होगी। यानी इंडिया में 8 तारीख शुरू हो चुकी होगी। अमेरिका के लोग इस अनूठे नज़ारे को देख पाएंगे जो वहां के समयानुसार रात 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। भारत में भी मंगल ग्रह और चंद्रमा को एक दूसरे के बेहद पास देखा जा सकेगा। यहां मजे की बात यह भी है कि सुबह हो जाने के चलते मंगल ग्रह पर सूरज की रोशनी पड़ेगी तो यह चमकदार नारंगी-पीले रंग का नज़र आएगा।
UPI से कितना अलग है Digital Rupee? आइए जानते हैं एक एक छोटा बिन्दु
शुरुआत में e-rupee सिर्फ मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर में उपयोग किया जाएगा।
अनुमान है कि डिजिटल rupee के माध्यम से 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा।
स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी e-rupee का उपयोग कर सकते हैं।
एक नई डिजिटल करेंसी जिसे e-Rupi का नाम दिया गया है, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 1 दिसंबर को लॉन्च की गई थी। हालांकि, शुरुआत में इसकी पहुँच सिर्फ चार शहरों के निवासियों तक ही होगी जिनमें मुंबई, नई दिल्ली, बैंगलोर और भुवनेश्वर शामिल हैं, हालांकि भविष्य में e-RUPI को देश के अन्य शहरों तक भी पहुंचाया जाने वाला है। अभी तक देश की जनता इससे संबंधित सभी जानकारी नहीं जुटा आई है, इसी कारण आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर e-Rupi, UPI से कितना और कैसे अलग है।
कम पैसों के लेनदेन का बैंक रिकार्ड नहीं रखेंगे
RBI द्वारा आर्थिक संस्थानों से कम पैसों के डिजिटल rupee लेन-देन को अपने तक ही रखने की सलाह दी गई है, यानि रिकार्ड को अपने पास तक ही रखने की जानकारी सामने आ रही है। बैंकों के एम्प्लोईस का यह कहना है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल को कंज्यूमर वॉलेट्स में ट्रांसफर कर देता है, बैंकों के द्वारा इस लेन-देन का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाएगा। 50,000 से अधिक किसी भी कैश लेन-देन के लिए क्लाइंट्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) देना आवश्यक है। जबकि, डिजिटल rupee के लेन- देन के लिए आधिकारिक रूप से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, 50,000 रुपये से कम का कोई भी लेन-देन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा। टैक्स के कारणों के लिए, 2 लाख रुपये से अधिक किसी भी डील को डिक्लेयर करना आवश्यक होगा।
स्मार्टफोन के द्वारा मुफ्त लेन देन
एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर e-rupee उपयोग करने की सुविधा दी जा सकती है क्योंकि यह करेंसी फीचर फोन में ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है उपयोग की जा सकती है। प्राप्तकर्ता को एक SMS या QR कोड के माध्यम से एलेक्ट्रॉनिक कूपन मिलेगा, जो कि एक सबसे सही तरीका है। बिना इन्टरनेट सुविधा वाले क्षेत्रों में भी e-rupee इसी तरीके से उपयोग किया जाएगा। स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने वाले क्लाइंट्स भी SMS के माध्यम से e-rupee का उपयोग कर सकते हैं।
बैंक अकाउंट की आवश्यकता नहीं
एक्सपर्ट्स के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि, एक UPI लेन-देन के लिए आपको बैंक अकाउंट और डेबिट कार्ड की आवश्यकता होती है , लेकिन एक e-rupee वॉलेट शायद इस चीजों के बिना ही उपयोग किया जा सकता है जिससे यह एक अधिक सुविधाजनक पेमेंट ऑप्शन बन जाता है। रिटेल CBDC का उपयोग करके कंज्यूमर्स बिना किसी बैंक की भागीदारी के व्यापार करने में सक्षम हो सकेंगे, और यह एक सीधा पीपल-टु- पीपल डिजिटल ट्रांसफर होगा।
हर प्लेटफॉर्म पर एक ही आईडी
UPI ID इन्स्टीट्यूशंस और सर्विसेज़ में अलग अलग होती है। जहां UPI ID जो कि दो अलग अलग प्लैटफ़ोर्म्स पर समान बैंक अकाउंट का उपयोग करके बनाई जाती हैं वे एक दूसरे से अलग हो सकती हैं लेकिन e-rupee ID हर प्लैटफॉर्म पर एक ही रहेगी। Apollo Singapore Investments के CEO 'Kunal Chowdhry' के माध्यम से यह पता चला है कि, " डिजिटल rupee व्यापारिक बैंकों की बजाए RBI द्वारा चलाया जाएगा, जबकि UPI के लिए प्रत्येक बैंक में अलग UPI हैंडलर होता है।" प्रत्येक e-rupee लेन-देन के लिए सिर्फ एड्रेस की आवश्यकता होगी।
फिजिकल करेंसी बैकअप की आवश्यकता नहीं
UPI लेन-देन को सपोर्ट करने के लिए फिजिकल कैश का उपयोग किया जाता है। यदि यूजर के बैंक अकाउंट में पर्याप्त रुपये नहीं हैं तो, यह ट्रांजैक्शन फेल हो जाएगा। जबकि e-rupee ट्रैडिश्नल मनी या कैश की बजाए डिजिटल पेमेंट्स के लिए उपयोग किया जा सकता है। RBI ने डिजिटल rupee को भारत में पूरी तरह से लीगल मनी घोषित किया है। इसे बैकअप करने के लिए किसी भी फिजिकल करेंसी की आवश्यकता नहीं है।
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Ashwani Kumar
अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। Read More
Petrol Diesel Price Update: कच्चे तेल के दामों मे फिर आई गिरावट! क्या सस्ता हो सकता है पेट्रोल, डीजल? सरकार ने दी जानकारी
Petrol Diesel Price Update: कच्चे तेल के दाम गिरने के चलते देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 14 रुपए तक की कमी आ सकती है। इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल (ब्रेंट) की कीमत जनवरी से निचले स्तर पर हैं। यह अब 81 डॉलर से नीचे आ गया है। अमेरिकी क्रूड 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। आज यानी 2 दिसंबर 2022 को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली से लेकर मुंबई और कोलकाता से लेकर चेन्नई तक सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर है.
यहां मिल रहा सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) की आधिकारिक वेबसाइट iocl.com के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल बिक रहा है. जहां पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 79.74 रुपये प्रति लीटर है.
ये हैं Petrol Diesel Price Update
S.No. | City | Petrol price per Litre (In Rs.) | Diesel Price per Litre (In Rs.) |
1. | Delhi | 96.72 | 89.62 |
2. | Mumbai | 106.31 | 94.27 |
3. | Chennai | 102.73 | 94.33 |
4. | Kolkata | 106.03 | 92.76 |
5. | Lucknow | 96.47 | 89.76 |
6. | Hyderabad | 109.66 | 97.82 |
7. | Bengaluru | 101.94 | 87.89 |
8. | Jaipur | 108.67 | 93.48 |
9. | Ahmedabad | 96.57 | 92.32 |
10. | Patna | 107.24 | 94.04 |
जानिए पेट्रोल-डीजल के दाम घटने की 3 वजह
1. ऑयल कंपनियों को प्रति बैरल 245 रुपए की बचत
अभी देश में पेट्रोल और डीजल की जो कीमतें हैं, उसके हिसाब से क्रूड ऑयल का इंडियन बास्केट करीब 85 डॉलर प्रति बैरल होना चाहिए, लेकिन ये 82 डॉलर के आसपास आ गया है। इस भाव पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रति बैरल (159 लीटर) रिफाइनिंग पर करीब 245 रुपए की बचत होगी।
2. ऑयल कंपनियों को हो रहा घाटा अब खत्म
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल की बिक्री पर मुनाफा होने लगा है, लेकिन डीजल पर अब भी 4 रुपए प्रति लीटर घाटा हो रहा है। तब से अब तक ब्रेंट क्रूड करीब 10% सस्ता हो गया है। ऐसे में कंपनियां डीजल पर भी मुनाफे में आ गई हैं।
3. 70 डॉलर की तरफ बढ़ रहा कच्चा तेल, मिलेगी राहत
पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि ब्रेंट तेजी से 70 डॉलर की तरफ बढ़ रहा है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम जरूर कम होंगे, लेकिन थोड़ा वक्त लगेगा। तेल आयात से लेकर रिफाइनिंग तक का साइकल 30 दिन का होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने के एक माह बाद असर दिखता है।
भारत में पेट्रोल कीमत को प्रभावित करने वाले 5 कारण
कच्चे तेल की लागत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बदलाव घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमत को सीधे प्रभावित करता है, भारतीय घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार यह सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
दाम में बढ़ोतरी
भारत और अन्य विकासशील देशों में आर्थिक विकास से पेट्रोल और अन्य आवश्यक ईंधन की मांग में भी वृद्धि हुई है। हाल ही में निजी वाहनों के मालिकों की संख्या भी बढ़ी है, जिससे भारत में पेट्रोल की मांग बढ़ी है।
आपूर्ति और मांग का मिलान
कच्चे तेल के इनपुट मूल्य की उच्च लागत के कारण भारत में तेल रिफाइनरी कंपनियों को बाजार की मांगों को पूरा करने में समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप देश में पेट्रोल की कम आपूर्ति और अधिक मांग होती है।
रुपए से डॉलर की एक्सेंज रेट रुपया-डॉलर विनिमय दर उन प्रमुख कारकों में से क्रिप्टोक्यूरेंसी करेंसी क्या होती है एक है जो भारत में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करती हैं। भारतीय तेल कंपनियां डॉलर के संदर्भ में अन्य देशों से आयातित तेल को भुगतान करती हैं।
पेट्रोल की रिकॉर्ड खपत
2021-22 के दौरान ईंधन की मांग 4.3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 20.27 करोड़ टन पर पहुंच गई। यह 2019-20 के बाद का उच्च स्तर है। इस दौरान वाहन ईंधन और रसोई गैस की खपत में इजाफा हुआ। पेट्रोल की खपत 10.3 फीसदी बढ़कर 3.08 करोड़ टन हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
डीजल में 6.7 फीसदी बढ़ोतरी
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले डीजल की कुल ईंधन खपत में हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। मार्च में डीजल की मांग 6.7 फीसदी बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गई। पेट्रोल की खपत 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 29.1 लाख टन रही। खास बात यह है कि पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही ईंधनों की मांग मार्च में महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गई।
घर बैठे चेंक करें Petrol Diesel Price Update
अगर आप घर बैठे पेट्रोल औऱ डीजल के रेट जानना चाहते हैं तो उसके लिए आपको गुड्स रिटर्न वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर एक SMS के करना होगा जिसमें आपको अपने शहरे के रेट पता चल जाएंगे. इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज सैंड करना होगा.
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