कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं।

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  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।

सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
  • भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
  • एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।

सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।

सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।

ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?

सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।

सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है

सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।

सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।

सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, माइनिंग और पजेशन पर बैन से संबंधित कानून लाएगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी रखना भी अपराध

भारत सरकार देश में क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के लिए एक कानून लाने जा रही है. इस कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करता है, माइनिंग करता है या इस डिजिटल एसेट को अपने पास रखता है, तब भी उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जा सकेगी. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. वास्तव में देश में क्रिप्टो करेंसी का जलवा है और लाखों निवेशक इस हॉट ऐसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं या कर चुके हैं. सरकार का कानून वास्तव में दुनिया के सबसे सख्त कानून में से एक हो सकता है. भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने से संबंधित यह कानून वास्तव में क्रिप्टो करेंसी के पजेशन, इसे जारी करने, माइनिंग, ट्रेडिंग और ट्रांसफर को अपराध घोषित कर देगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर यह जानकारी दी है.

रखने पर भी पेनाल्टी

रखने पर भी पेनाल्टी

अगर भारत सरकार ने यह कानून बना दिया तो भारत दुनिया की पहली ऐसी प्रमुख इकनोमी बन जाएगी जहां क्रिप्टो करेंसी को अपने पास रखना भी अवैध हो जाएगा. चीन ने हालांकि क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन वहां क्रिप्टो करेंसी रखने पर कोई पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती. भारत में बन रहे इस नए कानून के हिसाब से क्रिप्टो करेंसी रखने वाले लोगों को 6 महीने का समय दिया जाएगा, जिसमें हुए उसे बेचकर बाहर निकाल सके, अन्यथा उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार के इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि को इजाजत न दी जाए. इसका असर लाखों निवेशकों पर पड़ सकता है. पिछले कुछ समय में एक ऐसी क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? ही क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के भाव में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है और लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया हुआ है.

क्या भारत में लीगल हो गई Cryptocurrency, कितना लगेगा ‘क्रिप्टो पर टैक्स?

भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोग असमंजस में थे क्योंकि भारत में इसे लेकर कोई नियम नहीं था. लोग इसमें निवेश करने से भी डरते थे. लेकिन बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से संबन्धित कुछ नियम (Cryptocurrency rules in India) बनाए गए हैं जो ये संकेत देते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का भारत में कैसा भविष्य रहने वाला है?

By विभूू गोयल On Feb 2, 2022 2,097 0

cryptocurrency tax in india

क्रिप्टोकरेंसी तेजी से निवेशकों को फायदा दे रही है. वहीं कई बार इसने तगड़ा नुकसान भी करवाया है. दुनिया का क्रिप्टोकरेंसी से सामना साल 2009 में हुआ था जब सतोषी नाकामोतो (Bitcoin founder) ने पहली बार दुनिया की डीसेंट्रलाइज क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को जारी किया. तब से लेकर अब तक कई सारी क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी है.

भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोग असमंजस में थे क्योंकि भारत में इसे लेकर कोई नियम नहीं था. लोग इसमें निवेश करने से भी डरते थे. लेकिन बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से संबन्धित कुछ नियम (Cryptocurrency rules in India) बनाए गए हैं जो ये संकेत देते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का भारत में कैसा भविष्य रहने वाला है?

क्या भारत में लीगल है क्रिप्टोकरेंसी? (Is Cryptocurrency legal in India?)

क्रिप्टोकरेंसी को लीगल करने के मतलब है कि सरकार इसे एक करेंसी मान चुकी है और पूरे देश में इससे व्यापार किया जा सकता है. मतलब आपको कोई प्रॉडक्ट खरीदना है तो आप उसके बदले में बिटकॉइन देकर वो प्रॉडक्ट ले सकते हैं.

असल में ऐसा कुछ नहीं है. क्योंकि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एक करेंसी की तरह मान्यता नहीं देती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि कोई भी करेंसी तब करेंसी मानी जाएगी जब उसे कोई केन्द्रीय बैंक जारी करेगा. इसे कोई केन्द्रीय बैंक जारी नहीं करता बल्कि इंडिविजुयल्स बनाते हैं.

भारत सरकार ने इसे एक मुद्रा के तौर पर तो मान्यता नहीं दी है लेकिन इसे एक कानूनी निवेश के तौर पर जरूर देखा है. सरकार ने इसे रेगुलेट करने के लिए नियम बनाए हैं. सरकार ने बजट के दौरान इस पर टैक्स की घोषणा की है.

क्रिप्टोकरेंसी पर कितना टैक्स देना होगा? (Tax on Cryptocurrency in India)

बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने की बात कही गई और दो तरह के टैक्स के बारे में बताया गया. पहला तो आपको क्रिप्टोकरेंसी की कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा और दूसरा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस देना होगा. अब ये दोनों टैक्स क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे लागू होंगे. आइये समझते हैं.

मान लीजिये आपने क्रिप्टोकरेंसी में कुछ साल पहले 50 हजार रुपये लगाए थे. कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी के दाम बढ़े और आपके 50 हजार बन गए 1.5 लाख रुपये. इसमें 50 हजार आपका निवेश था और 1 लाख आपका मुनाफा.

वर्तमान स्थिति में यदि आप क्रिप्टोकरेंसी से अपना पैसा निकालते हैं. यानी आप चाह रहह हैं कि जो 1.5 लाख क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? रुपये की वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी इकट्ठी हो गई है उसे रुपये में बदल दिया जाए. तो आपको अपने मुनाफे पर टैक्स देना होगा.

क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस कैसे लगेगा? (TDS on Cryptocurrency in India?)

यहां आपको 1 लाख का मुनाफा हुआ है तो सबसे पहले तो जैसे ही आप अपने अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करेंगे तो आपको 1 लाख पर 1 प्रतिशत टीडीएस देना होगा. ये टीडीएस अपने आप कट जाएगा और शेष 99 हजार रुपये आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये जाएंगे. टीडीएस को आपके मुनाफे पर नजर रखने के लिए लगाया जा रहा है ताकि आपसे आगे 30 प्रतिशत टैक्स लिया जा सके.

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कैसे लगेगा? (Tax on Cryptocurrency income?)

टीडीएस कट जाने के बाद शेष रकम आपके अकाउंट में तो आ जाएगी लेकिन अभी भी आपको टैक्स देना बाकी है. अब जो बचा हुआ मुनाफा है उसमें से आपको 30 प्रतिशत मुनाफा सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा. जैसे 99 हजार रुपये बचे हैं तो उस पर 29700 रुपये और टैक्स सरकार को देना होगा. इस तरह 1 लाख रुपये पर कुल 30 हजार 700 रुपये टैक्स आपको देना होगा.

डिजिटल असेट्स पर देना होगा टैक्स (Tax on Digital Assets)

सरकार ने डिजिटल असेट्स पर भी टैक्स देने का प्रावधान किया है. इस पर भी 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल या डिजिटल असेट्स की श्रेणी में रखा है. इसके अलावा भी यदि आप किसी वर्चुअल असेट से कमाई करते हैं तो आपको उस पर सरकार को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

क्रिप्टो पर टैक्स लगाने से कई निवेशकों को निराशा हो सकती है क्योंकि उन्हें अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा सरकार को देना होगा. वहीं नुकसान होने पर उन्हें किसी तरह की रियायत नहीं मिलेगी. लेकिन सरकार का ये नियम ये दर्शाता है कि आप भारत में बिना किसी रोक-टोक और बिना किसी डर के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं.

RBI ने लॉन्च किया Digital Rupee: बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट, जानें क्रिप्टो से कैसे है अलग

RBI Digital Rupee: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है।

(PC: Shutterstock)

RBI Digital Rupee: डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से हो रही थी। आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा या उससे अलग? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए जानते हैं कि कैसा होगा भविष्य का पैसा?

आखिरकार भारत में अपनी डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो गई है। 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। डिजिटल रुपये अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा। लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा। ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा। इसका प्रिंट भी नहीं होगा। बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा, जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है। सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी। इसमें निवेश भी आसान होगा और RBI इसे रेगुलेट करेगी। डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है। हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं।

आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है। इनमें भारतीय स्‍टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, HSBC बैंक शामिल हैं।

क्या है डिजिटल रुपया?

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक लीगल मुद्रा है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार 'यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा। केवल इसका रूप अलग है'। बता दें, अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यह रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे।

डिजिटल रुपया की क्या है खासियत?

  • CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा
  • बिजनेस में पैसों के लेनदेन में आसानी होगी
  • चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का कोई झंझट नहीं
  • मोबाइल से सेकेंडों में पैसा क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? होगा ट्रांसफर
  • नकली करेंसी का कोई डर नहीं
  • पेपर नोट के प्रिटिंग का खर्च बचेगा
  • CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा

लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर

ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और देश से बाहर जाने वाले पैसों पर ज्यादा कंट्रोल होगा।

क्या खत्म होगी करेंसी?

डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि यह लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा। करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी। इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल रुपया कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएंगे। इसका मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें।

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