Bollinger Bands

Penny stocks: इन 10 पेनी स्टॉक्स पर Mutual Funds ने लगाया है दांव, कीमत 20 रुपये से भी कम

यहां हम आपको 10 ऐसी पेनी स्टॉक्स के बारे में बता रहे हैं, जिनकी कीमत 20 रुपये से कम है और इनमें किसी घरेलू म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) ने निवेश किया हुआ है

Penny stocks: ऐसे स्टॉक जिनकी कीमत बहुत कम होती है, उन्हें पेनी स्टॉक्स (Penny stocks) कहा जाता है। भारत में इसका कोई मानक नहीं है कि कितने रुपये से कम कीमत वाले स्टॉक को पेनी स्टॉक्स कहा जाएगा। हालांकि अमेरिकी एक्सचेंज ने 5 डॉलर से कम कीमत वाले शेयरों को पेनी स्टॉक्स के रूप में परिभाषित किकया है। आमतौर पर पेनी शेयरों की मार्केट कैपिटलाइजेशन और लिक्विडिटी बहुत कम होती है।

इन स्टॉक्स पर रिसर्च या कवरेज बहुत RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे कम होती है और निवेश की एक बड़ी आबादी के लिए ये शेयर गुमनाम भी हो सकते हैं। यहां आपको कुछ ऐसे ही 10 पेनी स्टॉक्स के बारे में बता रहे हैं, जिनकी कीमत 20 रुपये से कम है और इनमें किसी घरेलू म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) ने निवेश किया हुआ है। BSEIndia.com से जुटाए डेटा से पता चलता है कि इनमें से अधिकरत पिछले दो सालों से एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहे हैं।

वे ज्यादातर कम शोध वाले स्टॉक हैं और बड़े निवेश करने वाली जनता के लिए अच्छी तरह से ज्ञात नहीं हो सकते RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे हैं। यहां 20 रुपये से नीचे कारोबार करने वाले शेयरों की सूची दी गई है और घरेलू म्यूचुअल फंडों के पास हैं। BSEIndia.com से संकलित डेटा से पता चलता है कि उनमें से ज्यादातर का कारोबार पिछले दो वर्षों में एक संकीर्ण दायरे में किया गया है। पोर्टफोलियो डेटा स्रोत ACEMF है और 30 सितंबर, 2022 तक था

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें | Intraday का क्या मतलब होता है

हेलो दोस्तों, आज के इस लेख में आपको ( intraday trading kya hai) के बारे में अच्छे से समझाया गया है. यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको किसी अन्य वेबसाइट या यूटूब विडियो को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ज्यादातर आपने कुछ लोगों के मुह से सुना होगा की intraday में बहुत रिस्क होता है और कुछ लोग कहते है की intraday में बहुत पैसा है. हां यह बात सच है डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले intraday में बहुत अच्छा मुनाफा होता है लेकिन इसमें रिस्क भी बहुत होता है.

Intraday का क्या मतलब होता है?

इसके बोलने में ही इसका अर्थ निकल के आ रहा है “intraday” किसी भी share को 1 दिन में खरीद कर उसी दिन बेचने को intraday कहाँ जाता है.

इस stock/share market से वही पैसा कमा सकता है जो इसके बारे में अच्छे से जानता हो, इसके लिए आपके पास अच्छी रणनीति, फाइनेंशियल और एक्सपर्ट मर्केटर की जरूरत होती है. यदि इसे कोई long term के लिए इन्वेस्ट करता है तो उसे अच्छा मुनाफा मिलता है. यदि आप intraday में किसी भी share को खरीदेंगे तो उसको शाम तक बेचना ही होगा बरना मार्किट के चलती कीमत में अपने आप वह share बिक जायगा.

इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है – Intraday trading kya hai)

Intraday मान लीजिये, आपने मार्किट के कीमत से किसी भी कंपनी के shares को ख़रीदा है और उस share की कीमत बढने लगे तो आप फायदे में चल रहे है आप चाहे तो share की कीमत गिरने से पहले उनको बेच के बहार भी निकल सकते है. आपको intraday के खुलने के समय से बंद होने के समय तक shares को खरीदना और बेचना होता है. इसमें फायदा हो या नुक्सान उसी दिन हिसाब हो जाता है, दूसरी तरफ डिलवरी ट्रेडिंग में एक बार share को खरीदने के बाद कभी भी बेच सकते है

Intraday Trading में एक बहुत बड़ी समस्या है जो नय ट्रेडर्स और पुराने ट्रेडर्स के साथ अक्सर होती है. कितना भी अनुभवी ट्रेडर्स हो उसे indicators की ही मदद जरुर लेनी चाहिए. इनसे हमें काफी लाभ होता है मैंने आपको कुछ मुख्य idicators के बारे में समझाया है.

Moving Average

बहुत से ट्रेडर्स इस dayli moving average (DMA) इंडिकेटर पर भरोसा करते है.(Intraday trading kya hai) इस इंडिकेटर से चार्ट पर एक लाइन आती है जो हमें मार्किट के व्यवहार को दर्शाते है. और ये stock के उतार-चढ़ाव प्राइस के बारे में संकेत देता है.

Moving Average indicator

Moving Average indicator

Bollinger Bands

Bollinger bands एक बेहतरीन इंडिकेटर है जिसे काफी ट्रेडर्स पसंद करते है. स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के अंदर मूव करती है. इसमें 3 प्रकार की लाइन होती है सबसे पहली लाइन को upper bands कहते है और निचे वाली लाइन को lower bands कहते है.

जब भी stock की कीमत upper bands की ओर पहुचती है तो से overbought कहते है. इसमें हमें निकलने का संकेत मिलता है. जब भी stock की कीमत lower bands की ओर पहुचती है तो उसे oversold कहते है, इसमें हमें enter होने का संकेत मिलता है. (intraday trading kya hai)

Bollinger Bands

Bollinger Bands

इसके बाद stock की कीमत अधिक बार ऊपर निचे हो तो उसे bands RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे expoand बोलते है और इसके बिपरीत कीमत धीरे-धीरे ऊपर निचे हो तो उसे bands narrow बोलते है. इस तरह से ही सभी indicator stock की volatility को दर्शाता है.

Momentum Oscillators

यह इंडिकेटर हमें यह संकेत करता है की stock की कीमत गिरेगी या ऊपर जायेगी. इसे काफी ट्रेडर्स उपयोग करते है इससे उनको यह पता चलता है की कब हमें share खरीदना और बेचना होता है.

Momentum Oscillators

Momentum Oscillators

Relative Strength Index (RSI)

यह ट्रेडिंग करने में अच्छी मदद करता है ट्रेडर्स इसका भी अच्छा उपयोग करते है और उनको इससे काफी लाभ भी मिलता है. RSI के साथ दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करे जिससे हमें अच्छे से मार्किट की moving का पता चले. हमें कब share खरीदना और बेचना होता है. (intraday trading kya hai)

Relative Strength Index (RSI)

Relative Strength Index (RSI)

Intraday Time Analysis

Intraday में सबसे जरुरी समय को एनालिसिस करना होता है. यदि आप ये सिख गय तो आपको intraday में पैसा कमाना आसान हो जायगा. इसके लिए आपको पिछले दिन का चार्ट देखना बहुत उपयोगी होता है. इसमें उपयोग होने वाले इंडिकेटर से हमें अधिक अवश्यक जानकारी प्राप्त हो जाती है.

स्टॉक की कीमत सुरु होने से लेकर बन्द होने तक की जानकरी देते है. Time Analysis intraday ट्रेडिंग मे बहुत ही महत्पूर्ण है क्योकि मार्किट की गति तेजी से बढती/घटती रहती है और ऐसे में जिन stock पर आप पैसा इन्वेस्ट करते है वह कही ऊपर तो कहीं निचे चला जाता है. (intraday trading kya hai)

इस तरह से चार्ट को समझना मुश्किल हो जाता है इसीलिए (intraday) दिन के व्यापारियो को बहुत अवश्यक हो जाता है की वह इस तरह से चार्ट को देखे जो उनको आसानी से समझ आ जाये. हमने intraday ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करने के लिए कुछ जरुरी चीजों के बारे में समझाया है.

Intraday के लिए कौनसा stock चुने?

जब भी कोई share market के बात आती है तो उसमे सबसे जरुरी shares खरीदना कैसे है और किस कंपनी के share खरीदने है. जब आप अपने पैसो से share को खरद कर मुनाफे में बेचते हो तो वह पैसा आपके लायक होता है. आइये जानते है की बुद्धिमानी से stock को कैसे चुने? (intraday trading kya hai)

Avoid volatile stocks- अस्थिर शेयरों से बचें

आपको कभी भी अस्थिर shares में पैसे नहीं इन्वेस्ट करने है उससे हमेशा बचे रहना चाहिए. उस जगह पैसा इन्वेस्ट क्यों करें जहाँ से बापस मिलने का चांस नहीं है. इसलिए, हमेशा stock के व्यवहार को देखते रहना चाहिए और अस्थिर shares पर इन्वेस्ट करने से अपने आप को रोकना चहिये.

Resarch- अनुसंधान:

हमें shares लेने से पहले analysis और समझना फिर उसके बाद इन्वेस्ट करना एक ट्रेडर के लिए बेसिक सा step है. जिसे सभी को करना बहुत अनिवार्य है और बिना resarch के कोई भी बिज़नेस सफल नहीं होता है. (intraday trading kya hai)जब तब बिज़नेस करते समय भाग्य भी आपके पक्छ में ना हो क्योकि भाग्य भी कभी आपके साथ कृपा नहीं दिखता है तो बिज़नेस करने से पहले RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे उसके बारे में resarch करना वेहद जरुरी है.

Trends-

कभी-कभी अकेले भटकने से बेहतर झुंड के साथ चलना बेहतर होता है. हमें सामान्य मार्किट में या फिर उस shares को सर्च करे, जिन्होंने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा दिया है. जब भी share market में तेज से गिराबट आती है तब ट्रेडर्स को उन shares को तलाश करनी चाहिए जिनकी कीमत गिरती है, जब वह गिरते RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे है तो आपके analysis के मुताबिक उनकी कीमत बढेगी.

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7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?

करीब 600 पेनी स्टॉक में से पिछले चार महीने में में कम से कम 166 मल्टीबैगर्स (अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले) हो चुके हैं, और इसी दौरान बिड़ला टायर्स में 1,443 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है.

पेनी स्टॉक में कई गुना रिटर्न मिलता है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • (अपडेटेड 20 जुलाई 2020, 9:14 AM IST)

पेनी शेयरों में एक बार फिर तेजी का रुख है. पेनी शेयर अपने जबरदस्त रिटर्न की वजह से आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक शेयर दो साल पहले 7 रुपये का था, लेकिन अब 800 रुपये का हो चुका है. लेकिन क्या आपको इनके आकर्षण में फंसना चाहिए? क्या हैं फायदे और जोखिम? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं

क्या होते हैं पेनी स्टॉक

आप यदि शेयर मार्केट में निवेश करने वाले गंभीर निवेशक हैं तो ऐसे पेनी स्टॉक की तलाश में जरूर रहते होंगे जो आपको बेहतर रिटर्न दिला सकें. ऐसे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये से भी कम होती है उन्हें पेनी स्टॉक कहते हैं. 24 मार्च को निफ्टी इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन से अब तक देखें तो पेनी स्टॉक की संख्या में 479 की गिरावट गई है. इसकी वजह यह है कि इन शेयरों में 1400 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान 166 पेनी शेयर मल्टीबैगर यानी अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले बन गए हैं. इस दौरान बिड़ला टायर्स शेयर के दाम में 1443 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई है.

दिल्ली के वरिष्ठ ट्रेडर विवेक भाउका कहते हैं, 'मुझे पिछले कुछ महीनों में करीब 20 ऐसे व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया है जो कि पूरी तरह से पेनी शेयरों के बारे में टिप्स देने के लिए बनाए गए हैं. ये लोग शेयर बाजार की बुनियादी समझ भी नहीं रखते. इसलिए मुझे चिंता होती है.'

किसे करना चाहिए निवेश

पेनी स्टॉक में सिर्फ उन लोगों को निवेश करना चाहिए जो सबसे पहले तो यह समझते हों कि किसी कंपनी के बुनियादी आंकड़े कितने मजबूत हैं. मसलन कंपनी का कारोबार कैसा है, उसकी टॉपलाइन और बॉटमलाइन यानी बिक्री और मुनाफा कैसा है, वह जिस सेक्टर में है उसमें कारोबार कैसा चल रहा है आदि. और दूसरे वे यह पैटर्न अच्छी तरह समझते हों कि इन शेयरों में पैसा किस तरह से बन रहा है. यह पैटर्न कीमत में उतार-चढ़ाव, शेयरों की खरीद-फरोख्त की मात्रा या कंपनी के नाम या प्रबंधन में बदलाव आदि हो सकता है.

भाउका एक कंपनी Vikas Proppant का RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे उदाहरण देते हैं. वे कहते हैं, 'मैंने यह शेयर 1.5-2 रुपये में खरीदा था. मैंने यह पैटर्न देखा कि कंपनी के शेयर में हर महीने नया अपर सर्किट लग रहा है. कंपनी जब भी कोेई नया ऐलान करती उसमें अपर सर्किट लग जाता. तो तीन महीने में ही यह शेयर 2 रुपये से 15 रुपये पर पहुंच गया. तो मैंने सिर्फ पैटर्न देखकर निवेश जारी रखा.'

इसी तरह इंडिया बुल्स रियल एस्टेट से अलग होने के बाद जब इंडिया बुल्स इंटीग्रेटेड लिस्ट हुआ तो लिस्टिंग के पहले दिन ही इसके 5 करोड़ शेयरों में से 2 करोड़ शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई. भाउका ने कहा, 'यह सौदा 5 रुपये में हुआ तो मैंने यह शेयर 7 रुपये में खरीद लिया और 5 रुपये का स्टॉप लॉस लगा दिया. कुछ ही दिनों में यह शेयर 30 रुपये पर पहुंच गया और अगले दो साल में ही इस शेयर के दाम 800 रुपये पर पहुंच गए.'

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क्या है जोखिम? क्या होनी चाहिए सावधानी? RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे

तेजी से अमीर बनने की लालसा निवेशकों को इन शेयरों के प्रति आकर्षित करती है. लेकिन वे यह नहीं समझते कि ऐसे पेनी शेयरों में हेरफेर करना आसान होता है, क्योंकि एक तो इनकी खरीद-फरोख्त बहुत कम होती है, दूसरे इनका बड़ा हिस्सा कुछ निवेशकों या प्रमोटर्स के हाथ में होता है.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व चेयरमैन और रवि राजन ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर एस. रवि कहते हैं, 'यह बात सच है कि पेनी स्टॉक में हेरफेर होता है और बहुत से निवेशक इनके चक्कर में फंस जाते हैं. छोटे निवेशकों को बहुत सोच-समझकर इनमें निवेश करना चाहिए.'

पिछले दो दशकों में एक हजार से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां शेयर बाजार से गायब हो चुकी हैं. इनका बड़ा हिस्सा पेनी स्टॉक का ही है. तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि आप जिस स्टॉक में निवेश कर रहे हैं वह शेयर बाजार से ही गायब हो जाए. तो आपने अगर पेनी स्टॉक में निवेश तय ही कर लिया है तो आपको इससे बाहर निकलने की रणनीति पहले से ही बनाकर रखनी चाहिए कि इससे कब बाहर निकलना है. सिर्फ मुनाफे ही नहीं नुकसान के लिए भी तैयार रहें और एक कठोर स्टॉपलॉस लगाएं.

भाउका कहते हैं, 'पेनी स्टॉक के मामले में आपको निर्दयी बनना होगा. जब भी आपको इसमें नुकसान होने लगे तो आपको बाहर निकल जाना चाहिए, क्योंकि इसके बाद आपको नहीं पता कि RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे क्या होगा.

कैसे चुनें मल्टीबैगर शेयर

आप यदि एक गंभीर निवेशक हैं और अटकलों पर भरोसा करने की जगह वास्तव में कोई अच्छा पेनी स्टॉक चुनना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. भाउका कहते है, 'उन पेनी शेयरोंं पर नजर रखें जो लगातार 52 हफ्ते की ऊंचाई को छूते रहे हों. लगातार कई बार नई ऊंचाई को छुए बिना कोई भी शेयर मल्टीबैगर नहीं बन सकता. इस सूची को बनाने के बाद आप उनके फंडामेंटल्स यानी बुनियादी आंकड़े देखें.'

StockEdge के को-फाउंडर विवेक बजाज कहते हैं, अवंती फूड्स शेयर साल 2010 में 2 रुपये का था और अब यह करीब 480 रुपये का हो गया है और इस कंपनी का मार्केट कैप 6500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे शेयर में मैनेजमेंट क्वालिटी, उनका विजन, सही सेक्टर में है या नहीं और कंपनी के कारोबार का विशिष्ट moat क्या है (यानी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने प्रॉफिट को बनाए रखने की उसकी क्षमता कैसी है) यह बात ध्यान में रखनी चाहिए.

तो आप अगर मौजूदा बाजार में सही पेनी शेयर चुनना चाहते हैं तो बजाज के मुताबिक एनबीएफसी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल्स टूव्हीलर्स जैसे सेक्टर पर भरोसा कर सकते हैं. इन सेक्टर से ऐसे शेयर चुनें जो कई बार 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचे हों और फिर उनमें भी ऐसे शेयरों पर दांव लगांए जिनके बुनियादी आंकड़े मजबूत हों यानी जिनकी आय अच्छी हो, कंपनी मुनाफे में और उसमें प्रमोटर्स की अच्छी हिस्सेदारी हो. उन शेयरों का नजरअंदाज करें जिनमें कंपनी पर भारी कर्ज है और प्रमोटर्स ने बड़े पैमाने पर शेयर गिरवी रखे हों.

इस बात का ध्यान रखें कि शेयर बाजार काफी हद तक एक बड़े जुए के खेल की तरह ही है. कई बार लोगों को बहुत सी चीजों की जानकारी नहीं हो पाती. तो आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता और अनुभव हो तो ही ऐसे शेयरों पर दांव लगाएं. आपके पोर्टफोलियो में ऐसे शेयरों का 5 से 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए.

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Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.

कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड

अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

कैसे चुनें सही स्टॉक

#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.

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कितने पैसों की पड़ती है जरूरत

इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.

कैसे मिलता है फायदा

इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.

DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.

जानकारों की राय

एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.

(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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