स्टॉक ब्रोकर क्या है और शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)

Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे.

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.

शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है. ब्रोकर के द्वारा ही निवेशक शेयर बाजार में शेयर को खरीद और बेच सकता है. शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर कुछ प्रतिशत चार्ज अपने ग्राहकों से करते हैं जिससे उनकी कमाई होती है.

अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान करवाई है. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं Share Broker क्या है हिंदी में.

स्टॉक ब्रोकर क्या है और शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)

Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें लेख में जानकारी देंगे.

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.

शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है. ब्रोकर के द्वारा ही निवेशक शेयर बाजार में शेयर को खरीद और बेच सकता है. शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर कुछ प्रतिशत चार्ज अपने ग्राहकों से करते हैं जिससे उनकी कमाई होती है.

अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान करवाई है. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं Share Broker क्या है हिंदी में.

ब्रोकिंग हाउस की धोखाधड़ी: आप शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो समझिए कैसे ब्रोकर हाउस आपके पैसों का दुरुपयोग करते हैं, इस ब्रोकर हाउस पर 9 लाख की पेनाल्टी लगी

आजकल कई ब्रोकर्स ऐसे आ गए हैं जो ट्रेडिंग फ्री दे रहे हैं या कुछ रुपए में दे रहे हैं। ऐसे में आप को अपने पैसे और ट्रेड को लेकर सावधान रहना चाहिए - Dainik Bhaskar

आप अगर शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो आपको सावधान रहना चाहिए। हो सकता है कि आपके पैसों का दुरुपयोग हो जाए। ग्राहकों के पैसों का दुरुपयोग करने के आरोप में सेबी ने ब्रोकिंग हाउस मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल पर 9 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। सेबी ने बुधवार को जारी अपने आदेश में यह जानकारी दी है। सेबी ने इसमें तीन अलग-अलग नियमों के उल्लंघन के आरोप में यह फाइन लगाई है। यह पेनाल्टी 45 दिनों के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया है।

18 मई को कारण बताओ नोटिस दिया

सेबी ने कहा कि 18 मई को उसने मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल को कारण बताओ नोटिस भेजा था। सेबी ने इस ब्रोकिंग फर्म की 17 दिसंबर 2018 से 21 दिसंबर 2018 तक नियमों के उल्लंघन के मामले की जांच की थी। सेबी ने कहा कि फरवरी 2018 से मार्च 2018 तक के 38 कारोबारी दिनों में से 35 कारोबारी दिनों में मोनार्क के पास जो फंड थे, वह ग्रॉस क्रेडिटर्स से कम थे। इसमें यह पता चला कि इस तरह के फंड का मिसयूज किया गया।

खुद के लिए पैसे का उपयोग किया

ब्रोकिंग हाउस ने ग्राहक का पैसा अपने खुद के उद्देश्य के रूप में उपयोग किया। यह पैसा करीबन 2.36 करोड़ से लेकर 33.62 करोड़ शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें रुपए था। सेबी ने जांच में पाया कि ब्रोकिंग हाउस द्वारा वित्तीय संस्थानों के पास ग्राहकों की सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर पैसा लिया गया। 12 अप्रैल 2017 को कुल 3,109 ग्राहकों की सिक्योरिटीज गिरवी रखी गई जिसकी वैल्यू 29 करोड़ रुपए थी। इसमें से 3.66 करोड़ रुपए का गलत तरीके से उपयोग किया गया।

इसी तरह से 31 मई 2017 को 1,690 ग्राहकों की सिक्योरिटीज गिरवी रखी गई जिसकी वैल्यू 39.21 करोड़ रुपए थी। इसमें से 37 लाख रुपए गलत तरीके से कंपनी ने उपयोग किया।

ग्राहकों के खातों का सेटलमेंट नहीं किया

सेबी ने यह भी पाया कि सभी तिमाहियों के दौरान कंपनी ने उन ग्राहकों के खातों का सेटलमेंट नहीं किया जिनके खाते एक्टिव नहीं थे। जिनका सेटलमेंट नहीं किया गया उनके खातों की कुल रकम 8 लाख जून 2017 में थी जो सितंबर 2017 में 1.85 करोड़ रुपए हो गई। सेबी ने कहा कि अप्रैल 2017 से जून 2017 तक कुल 519 ग्राहक एक्टिव नहीं थे और उनका 31.88 लाख रुपए सेटलमेंट नहीं हुआ।

जून 2017 से सितंबर 2018 तक नहीं किया सेटलमेंट

इसी तरह जून 2017 से सितंबर 2017 के बीच 680 ग्राहकों के 2.19 करोड़ रुपए, सितंबर 2017 से दिसंबर 2017 के बीच 693 ग्राहकों के 2.14 करोड़ रुपए, दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच 633 ग्राहकों के 78 लाख रुपए, मार्च 2018 से जून 2018 के बीच 639 ग्राहकों के 75.54 लाख रुपए और जून 2018 से सितंबर 2018 के बीच 499 ग्राहकों के 69.35 लाख रुपए का सेटलमेंट नहीं किया गया। सेबी ने कहा कि मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल ने अप्रैल 2018 में 600 ग्राहकों के डिटेल्स और सितंबर 2018 में 2,452 ग्राहकों के डिटेल्स को एक्सचेंज पर अपलोड नहीं किया।

बैक ऑफिस के रिकॉर्ड में अंतर

सेबी के आदेश के मुताबिक इसी तरह से कंपनी के बैक ऑफिस रिकॉर्ड से कई रिकॉर्ड नहीं मिल रहे थे। कई सारे ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी नहीं मिल रहे थे। मोनार्क ने कुछ खातों का केवाईसी डाक्यूमेंट भी तय समय में अपलोड नहीं किया था। साथ ही केवाईसी को वेरीफाई भी नहीं किया गया था। कुल 408 केवाईसी को होल्ड की स्थिति में रखा गया था।

आप क्या करें?

आप अगर शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि ब्रोकर हाउस को कोई भी अधिकार न दें। हालांकि सेबी के हालिया नियम के बाद ऐसी घटनाएं होती हैं तो आपको तुरंत पता चलेगी। लेकिन आपको चाहिए कि घटना होने से पहले ही सावधान रहें। आप हमेशा ब्रोकिंग हाउस से अपने फोन नंबर को लिंक करें। हमेशा ईमेल आईडी को लिंक करें। हो सके तो जिस बैंक खाते से आप ट्रेड करते हैं, उसमें उतना ही पैसा रखें जितना आप ट्रेड करते हैं। इससे यह होगा कि आपके कम पैसे का दुरुपयोग होगा। साथ ही आपको चाहिए कि उन ब्रोकर्स के साथ आप ट्रेड शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें करें जिनका प्रमोटर्स अच्छा हो, जिनकी क्रेडिट अच्छी हो।

आजकल कई ब्रोकर्स ऐसे आ गए हैं जो ट्रेडिंग फ्री दे रहे हैं या कुछ रुपए में दे रहे हैं। ऐसे में आप को अपने पैसे और ट्रेड को लेकर सावधान रहना चाहिए।

Margin Trading- मार्जिन ट्रेडिंग

मार्जिन ट्रेडिंग
What is Margin Trading: शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग से अर्थ उस प्रक्रिया से है, जहां व्यक्तिगत निवेशक शेयर खरीद की अपनी क्षमता से ज्यादा स्टॉक्स खरीदते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग भारत में इंट्रा डे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती है। मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा विभिन्न स्टॉक ब्रोकर्स देते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग में एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ विभिन्न ब्रोकरेजेस ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है। मार्जिन ट्रेडिंग में निवेशक एक विशेष सत्र में शेयर की चाल का अनुमान लगाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजेस की बदौलत, मार्जिन ट्रेडिंग अब छोटे ट्रेडर्स के लिए भी एक्सेसिबल है। मार्जिन ट्रेडिंग की प्रक्रिया काफी सरल है।

मार्जिन अकाउंट, निवेशकों को अपनी शेयर खरीद क्षमता से ज्यादा शेयर खरीदने के संसाधन उपलब्ध कराता है। इस उद्देश्य के लिए ब्रोकर शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है और शेयरों को अपने पास गिरवीं रख लेता है। मार्जिन अकाउंट के साथ ट्रेड करने के लिए निवेशक को सबसे पहले मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए अपने ब्रोकस को रिक्वेस्ट करनी होती है। इसके लिए ब्रोकर को कैश में पैसे देने होते हैं, जिसे मिनिमम मार्जिन कहते हैं।

अकाउंट खुल जाने पर क्या करना होता है
अकाउंट खुल जाने पर निवेशक को इनीशिअल मार्जिन का भुगतान करना होता है। यह टोटल ट्रेडेड वैल्यू की निश्चित परसेंटेज होती है, जिसे ब्रोकर निर्धारित करता है। मार्जिन अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू करने से पहले निवेशक को तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स याद रखने होते हैं। पहला, सेशन के जरिए मिनिमम मार्जिन को मेंटेन करना होता है। दूसरा हर ट्रेडिंग सेशन के खत्म होने पर अपनी पोजिशन पर आना होता है यानी अगर शेयर खरीदे हैं तो उन्हें बेचना होगा और अगर शेयर बेचे हैं तो उन्हें सेशन खत्म होने पर खरीदना होगा। तीसरा स्टेप्स यह कि ट्रेडिंग के बाद शेयरों को डिलीवरी ऑर्डर में कन्वर्ट करना होता है।

शेयर बाजार में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट है जरूरी, कैसे खोलें और किन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत, जानें यहां

स्टॉक मार्केट में अच्छे रिटर्न को देखते हुए कई लोग इसमें पैसा लगाना चाहते हैं पर रास्ता नहीं जानते तो हम बता रहे हैं कि कैसे स्टॉक मार्केट में उतरने के लिए सबसे पहले डीमैट खाता खोला जा सकता है.

By: ABP Live | Updated at : 24 Feb 2022 08:29 AM (IST)

Edited By: Meenakshi

डीमैट खाता कैसे खुलवाएंः अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन इसकी बेसिक जानकारी नहीं है तो सबसे पहले डीमैट खाते के बारे में जानने की जरूरत है. SEBI का आदेश है कि सभी तरह के शेयर ट्रेडिंग के लिए फिजिकल या ऑनलाइन मोड से डीमैट खाता खुलवाना जरूरी है. शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत है, उसे कैसे खोला जा सकता है उसके बारे में हम यहां जानकारी दे रहे हैं.

Demat अकाउंट कैसे खोला जा सकता है
यहां हम ऑनलाइन तरीके से डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं जिसको 18 साल से ऊपर की उम्र का कोई भी शख्स खोल सकता है. डिजिटल तरीके से
डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए पहले फैसला कर लें कि आप किस कंपनी या ब्रोकरेज फर्म के जरिए ये खाता खोलना चाहते हैं.

डॉक्यूमेंट में इन चीजों की पड़ेगी जरूरत
इसके लिए PAN, एक बैंक अकाउंट, आपका आइडेंटिटी कार्ड और एड्रेस प्रूफ का डॉक्यूमेंट आपको लगाना होगा.

प्रोसेस को जानें कि डीमैट कैसे खोला जाता है
पहले तय किए गए ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं और अकाउंट खोलने के लिए डिजिटल फॉर्म भरें. फॉर्म में आपको नाम, पता, परमानेंट अकाउंट नंबर और उस अकाउंट की डीटेल्स डालनी हैं जिन्हें ट्रेडिंग या डीमैट खाते से लिंक करना है. आपको यहीं पर अपने लिए सबसे सूटेबल प्लान को सेलेक्ट करने की भी जरूरत होगी.

News Reels

डीमैट खाता खुलने के लिए जरूरी है स्कैन सिग्नेचर
आधार, कैंसिल्ड चेक और पैन की स्कैन कॉपी यहां फॉर्म में अपलोड करने की जरूरत होती है और आपकी फोटो के साथ स्कैंड सिग्नेचर की भी जरूरत हो सकती है. एक बार जानकारी सबमिट की जाने के बाद स्‍कैंन्‍ड डॉक्यूमेंट और इन पर्सन वेरिफिकेशन हो जाने के बाद आपका डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है.

ये भी पढ़ें

Published at : 24 Feb 2022 08:29 AM (IST) Tags: Stock Market Stocks demat account Demat Account Opening हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

रेटिंग: 4.40
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 453