INDORE NEWS- ₹20 के 27 करोड़ सिक्के बनकर तैयार, RBI रवाना, जल्द ही बाजार में आएंगे
इंदौर। भारत के बाजार में जल्दी ही ₹20 का सिक्का प्रचलित होता हुआ दिखाई देगा। भारत सरकार ने कुल 80 करोड़ सिक्के बनवाए हैं। इनमें से 27 करोड़ सिक्कों का निर्माण मध्य प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया पीथमपुर में हुआ है। काम पूरा हो चुका है और डिलीवरी के लिए सिक्के रवाना हो चुके हैं।
मध्यप्रदेश में ₹20 के सिक्के कहां और किसके द्वारा बनाए गए
पीथमपुर स्थित मित्तल एप्लायंस एंड कंपनी प्लांट से कुल 540 करोड़ रुपए के सिक्के भेजे गए हैं। कंपनी के चेयरमैन दिनेश मित्तल के मुताबिक बीते साल केंद्र सरकार ने 80 करोड़ सिक्के बनाने का टेंडर जारी किया था। इनमें 27 करोड़ सिक्के बनाने का करार पीथमपुर से हुआ था। बाकी का टेंडर फरीदाबाद और हिसार की कंपनियों को मिला था।
क्या कारखाने का मालिक सिक्के स्थिर सिक्कों के प्रकार बनाकर बाजार में चला सकता है
फैक्टरी में सिक्के कोरे बनते हैं, इसमें कहीं भी कुछ भी लिखा नहीं होता है कि स्थिर सिक्कों के प्रकार ये 5 के या 20 के हैं। आरबीआई की तरफ से फैक्ट्री को डिजाइन और गाइडलाइन मिलती है उसी के अनुसार कोरे सिक्के बनाकर सप्लाई कर दिए जाते हैं। जब तक आरबीआई की तरफ से इस पर मूल्य और मुद्रा अंकित नहीं हो जाती तब तक यह सिक्का केवल एक धातु का टुकड़ा होता है। यही कारण है कि आरबीआई द्वारा सिखों के डिजाइन में बार-बार बदलाव किया जाता है।
इंदौर मुद्रा उत्सव : 2.20 लाख में बिका मुगलकाल का सिक्का
इंदौर। शहर में जारी 'मुद्रा उत्सव' के दूसरे दिन शनिवार को भी सिक्कों के प्रति दीवानगी दिखी। दुर्लभ सिक्कों देखने के साथ कई मुद्रा प्रेमी मुंह मांगी कीमत पर प्राचीन सिक्कों को खरीदने के लिए भी यहां आए। आयोजन के दूसरे दिन सैकड़ों सिक्के बिके, लेकिन सबसे महंगा सिक्का 2.20 लाख में बोली लगाकर खरीदा गया। मुगलकालीन चांदी के इस सिक्के का वजन 11 ग्राम है। कार्यक्रम के दौरान परिसंवाद भी आयोजित किया गया।
मुगल शासक आलमगीर द्वितीय के शासनकाल में जारी किया गया यह सिक्का आलमजीरा बाग का था। चांदी के इस सिक्के की उस वक्त कीमत 1रुपए थी जो अब दो लाख रुपए का आंकड़ा पार कर गया। इसे शासन द्वारा मान्यता प्राप्त नीलामकर्ता कोहिनूर ऑक्शन द्वारा यहां लाया गया था।
इस नीलामी में 400 सिक्के नीलाम किए गए। इसके बाद राजगोर ऑक्शन भी हुआ। इसमें कुषाण वंश का 8 ग्राम सोने का सिक्का बिका, जिसकी कीमत 1.30 लाख रुपए आंकी गई। यह सिक्का करीब 2 हजार साल पुराना है। इस पर शिव का चतुर्भुज रूप अंकित था। उस समय इसकी कीमत 16 रुपए हुआ करती थी। इस ऑक्शन में कुल 250 सिक्के बिके।
राजा युद्ध में भी साथ ले जाते थे टकसाल
शनिवार को 'मुद्रा एवं जनसंख्या' विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया। परिसंवाद में डॉ. दिलीप राजगोरा और नागपुर के प्रशांत कुलकर्णी ने मुद्राओं के चलन और उनके विनिमय से संबंधित जानकारियां बताईं।
परिसंवाद में डॉ. दिलीप राजगोरा ने वस्तु विनिमय से लेकर वर्तमान में मुद्राओं के चलन तक पर चर्चा की। उन्होंने चंद्रगुप्त के शासनकाल में मुद्राओं की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उस काल में सेनापति और सामान्य कर्मचारी को मिलने वाले वेतन में तो अंतर था ही, पर यह अंतर मुद्राओं की धातु और उनकी संख्या में भी हुआ करता था। सेनापति को 15 हजार कार्षपर्ण दिए जाते थे, जबकि सामान्य कर्मचारी को 1 माशक ही मिलता था। कार्षपर्ण मुद्राएं कॉपर की बनती थी जबकि माशक मुद्रा चांदी से बनाई जाती थी, चांदी से बनने वाली मुद्रा का वजन महज 1 ग्राम ही होता था।
नागपुर से आए प्रशांत कुलकर्णी ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन से ढाई हजार साल के कालखंड में मुद्राओं के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्राचीनकाल में जब दो राजाओं के बीच युद्ध होता था तो मुद्राओं के आकार-प्रकार में भी परिवर्तन हो जाता था। इसके साथ ही धातुओं की विषमता भी नजर आती थी। आक्रमण करने वाले राजा अपने साथ टकसाल भी ले जाया करते थे। जिस राज्य पर आक्रमण किया जा रहा है, उसे जीत लिया तो वहीं से प्राप्त खजाने पर विजेता राजा अपनी मोहर लगवा देता था।
युद्ध व शांति की स्थिति में जो वेतन दिया जाता था उसके अनुसार भी खास तरह के सिक्के बनाए जाते थे। परिसंवाद में राजेंद्र सिंह व नवनीत महाजन ने भी विचार व्यक्त किए। आयोजक गिरीश शर्मा के बताया कि दूसरे दिन भी सिक्कों की नीलामी की गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशिकांत भट्ट ने किया।
10 रुपये के सभी सिक्के वैध, अलग-अलग डिजाइन के सिक्के बाजार में मौजूद : आरबीआई
देश में दस रुपये के विभिन्न प्रकार के सिक्कों पर जनता के बीच भ्रम की स्थिति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का स्थिर सिक्कों के प्रकार अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं. ये समय समय पर जारी किये गये अलग अलग डिजाइनों के सिक्के हैं.
बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में ‘10’ लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं. केन्द्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है.
उल्लेखनीय है कि दस रुपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है. ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ स्थिर सिक्कों के प्रकार शेर का अशोक स्तंभ अंकित है. केन्द्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में स्पष्ट किया गया कि दस रूपये के सभी सिक्के वैध हैं.
कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा, ‘‘भारत की वैध मुद्रा को लेने से स्थिर सिक्कों के प्रकार इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 :1: के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है. इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है.’’ राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में दस रूपये के सिक्को को लेकर भ्रम की स्थिति स्थिर सिक्कों के प्रकार है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं.
सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में ‘10’ लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है. लेकिन आरबीआई की ओर से एक ईमेल में जानकारी दी गयी है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था.
आरबीआई ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने वक्त वक्त पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक थीम पर सिक्के जारी किए हैं और सिक्कों में 2011 में रुपये का चिह्न शामिल करने के बाद बदलाव आया. सिक्के लंबे समय तक सही रहते हैं इसलिए यह मुमकिन है कि बाजार में अलग अलग डिजाइन और छवि के सिक्के हों, जिनमें बिना ‘रुपये’ के चिह्न वाले सिक्के भी शामिल हैं. हालांकि आरबीआई ने किसी का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं.
स्थिर सिक्कों के प्रकार
'प्रकाश के अपवर्तन' के कारण जल में पड़ा हुआ सिक्का अपनी सतह से ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है। प्रकाश से जुड़ी इस घटना को इस प्रकार समझा जा सकता है–
'Refraction of light' A coin lying in water appears to be raised above its surface. This phenomenon related to light can be understood as–
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मानलो जल में कोई सिक्का O पड़ा हुआ है। O से दो प्रकाश किरणें OP और OQ चलती हैं। ये प्रकाश किरणें सघन माध्यम (जल) से विरल माध्यम (वायु) में जाती हैं। माध्यम परिवर्तित करते समय प्रकाश किरण OP अभिलंब NN' से दूर हट जाती है। साथ ही प्रकाश किरण OQ भी माध्यम परिवर्तित करते समय अभिलंब MM' से दूर हट जाती है। इस घटना से अपवर्तित किरणें PR और QS प्राप्त होती हैं। ये दोनों किरणें फैलती जाती हैं। अतः ये दोनों अपसारी किरणें हैं। इसलिए प्रकाश किरणें PR और QS बिन्दु O के ऊपर स्थित बिन्दु I से आती हुई प्रतीत होती हैं। इससे बिन्दु O का आभासी प्रतिबिंब बिन्दु I पर दिखाई देता है। अतः वायु (विरल माध्यम) से देखने पर जल में पड़ा हुआ सिक्का अपनी सतह से ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है।
Assume a coin O is lying in water. Two light rays OP and OQ travel from O. These light rays travel from a denser medium (water) to a rarer medium (air). While changing the medium, the light ray OP moves away from the normal NN'. Also the light ray OQ also moves away from the normal MM' while changing the medium. This स्थिर सिक्कों के प्रकार incident gives the refracted rays PR and QS. Both these rays spread. Hence, these two are divergent rays. Hence the light rays PR and QS appear to be coming from the point I above the point O. This gives a virtual image of point O at point I. Therefore, a coin lying in water appears raised above its surface when viewed through air (rare medium).
जल में पड़े सिक्के के समान ही 'प्रकाश के अपवर्तन' के कारण जल में तैरती हुई मछली भी अपनी वास्तविक स्थिति से ऊपर दिखाई देती है। इसी प्रकार तालाब के तल पर प्रत्येक बिन्दु अपने वास्तविक स्थान से ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है। इसलिए तालाब कम गहरा प्रतीत होता है।
Like a coin lying in water, a fish floating in water appears above its original position due to 'refraction of light'. Similarly every point on the bottom of the pond appears to be raised above its original position. Therefore the pond appears to be less deep.
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
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PM मोदी आज जारी करेंगे सिक्कों की नई सीरीज, नेत्रहीन लोग भी आसानी से पहचानेंगे
पीएम नरेंद्र मोदी आज जारी करेंगे सिक्कों की नई सीरीज.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में नए सिक्कों की सीरीज जारी करेंगे. इसमें पहली . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 06, 2022, 10:56 IST
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के आइकॉनिक वीक सेलिब्रेशन का आरंभ करेंगे. इस दौरान वह 1, 2, 5, 10 और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष सीरीज भी जारी करेंगे. इस सीरीज की खासियत यह होगी कि इन सिक्कों की पहचान नेत्रहीन लोग भी आसानी से कर सकेंगे.
यह कार्यक्रम आज सुबह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित होगा. पीएमओ ने एक बयान जारी कर इसकी सूचना दी है.
एकेएएम का लोगो
प्रधानमंत्री सिक्कों की जो सीरीज जारी करेंगे उसमें सिक्कों पर एकेएएम का लोगो होगा. एकेएएम यानी आजादी का अमृत महोत्सव. यह कार्यक्रम भी इसी महोत्सव के तहत मनाया जा रहा है. बता दें कि भारत में पहली बार 20 रुपये का सिक्का जारी किया जाएगा. यह आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत बाजार में भी उतारा जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इन सिक्कों का जिक्र किया था और कहा था कि जल्द ही इन्हें आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी किया जाएगा.
20 रुपये का सिक्का है अलग
खबरों के अनुसार, 20 रुपये का सिक्का हर सिक्के की तरह गोल नहीं बल्कि पॉलिगन आकार का है. इस सिक्के का बाहरी हिस्सा निकल सिल्वर से जबकि भीतरी हिस्सा निकल ब्रास से बना है. इसके बीच में अशोक स्तंभ के बाघ हैं और नीचे सत्यमेव जयते लिखा है.
डिजिटल प्रदर्शनी
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे. इस प्रदर्शनी में दोनों मंत्रालय का आठ वर्षों का सफर दिखाया जाएगा. इसके अलावा पीएम मोदी एक जन समर्थन पोर्टल भी लॉन्च करेंगे. पीएमओ ने बताया जन समर्थन पोर्टल से सभी प्रकार की क्रेडिट आधारित सरकारी योजनाएं जुड़ी हुई हैं. बकौल पीएमओ, यह लाभार्थियों और कर्जदाताओं को सीधे जोड़ने वाला भारत का पहला प्लेटफॉर्म होगा. यह पोर्टल विभिन्न सेक्टरों के समावेशी विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा.
क्या है इस पोर्टल का लक्ष्य
पीएमओ के अनुसार, जन समर्थन पोर्टल स्थिर सिक्कों के प्रकार का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों को मार्गदर्शन करना है. इसके अलावा सरल डिजिटल प्रक्रियाओं के माध्यम से सरकारी लाभ देकर समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जाएगा. बयान के अनुसार, इस पोर्टल पर लिंक्ड सभी योजनाओं का एंड टू एंड कवरेज सुनिश्चित होगा. गौरतलब है कि यह कार्यक्रम 75 जगह आयोजित होगा और हर लोकेशन मुख्य स्थल से वर्चुअल तरीके से जुड़ेगी.
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