फिलहाल भारत का कोई Exporter अपना सामान बेचता है, तो उसे डॉलर में पेमेंट मिलती है। उसे वो रूपये में कैश कराता है। या फिर भारत को कोई Importer दूसरे देश से माल खरीदता है तो वो दूसरे देश को डॉलर में पेमेंट करता है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर एक कॉमन करेंसी है जिसमें माल बेचा और खरीदा जाता है। लेकिन इस पेमेंट सिस्टम में अगर डॉलर को हटाना है तो ये तभी हो सकता है कि ट्रेड करने वाले आपस में ये तय कर लें कि डॉलर की जगह अपनी अपनी करेंसी में माल खरीदेंगे और बेचेंगे। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और डॉलर का दबदबा भी कम होगा, जिसके सहारे अमेरिका अपनी दादागीरी भी दिखाता है।

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Nirmala Sitharaman: अमेरिका में वित्त मंत्री बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है सीतारमण बोलीं- 'रुपया नहीं गिर रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है'

सीतारमण ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है, बल्कि ऐसे देखती हूं कि डॉलर (US dollar) मजबूत हो रहा है. डॉलर तेजी से मजबूत हो रहा है. इसलिए स्वाभाविक रूप से वे करेंसीज कमजोर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है होंगी, जिसकी तुलना में ये मजबूत हो रहा है.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharam) ने अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा को लेकर वाशिंगटन में मीडिया को संबोधित किया. इस संबोधन वित्त मंत्री ने गिरते रुपया (Indian Rupee) को लेकर एक बयान दिया. रिपोर्टर ने पूछा, 'भू-राजनीतिक तनावों के बीच रुपये में काफी गिरावट देखी गई है. आप आने वाले समय में रुपये के सामने क्या चुनौतियां देखती हैं और उनसे कैसे निपटेंगे?

सीतारमण ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है, बल्कि ऐसे देखती हूं कि डॉलर (US dollar) मजबूत हो रहा है. डॉलर तेजी से मजबूत हो रहा है. इसलिए स्वाभाविक रूप से वे करेंसीज कमजोर होंगी, जिसकी तुलना में ये मजबूत हो रहा है. भारतीय रुपया दूसरे उभरते बाजारों की करेंसीज की तुलना में अच्छा परफॉर्म कर रहा है.

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Rupee Vs Dollar: मार्केट खुलते ही डॉलर के मुकाबले फिसला रुपया, पहली बार इतना कमजोर

डॉलर इंडेक्स लगातार कई साल के हाई पर बना हुआ है। इस बीच डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड, जापान के येन, यूरोप के यूरो सहित कई प्रमुख देशों की करेंसी में बड़ी गिरावट आई है।

Dollar के मुकाबले Rupee में कमजोरी जारी है। 20 अक्टूबर को मार्केट खुलते ही रुपये पर दबाव देखने को मिला। यह 83 के पार 83.04 पर खुला। फिर, यह 83.08 के स्तर पर पहुंच गया। सुबह 9:15 बजे डॉलर के मुकाबले रुपया 83.06 के स्तर पर था।

19 अक्टूबर (बुधवार) को इसमें 0.76 फीसदी गिरावट आई थी। 19 अक्टूबर (बुधवार) को कारोबार के दौरान यह डॉलर के मुकाबले 83 के पार चला गया था। हालांकि, कारोबार के अंत में यह 82.99 के स्तर पर बंद हुआ था। रुपया पहली बार इस स्तर पर बंद हुआ था।

19 अक्टूबर को सुबह रुपया 82.33 के स्तर पर खुला। फिर, कारोबार के दौरान यह गिरकर 83.01 के स्तर पर आ गया। आखिर में यह मंगलवार के 82.36 के बंद स्तर के मुकाबल 0.76 फीसदी गिरकर 82.99 पर बंद हुआ था। डॉलर के मजबूत होने से रुपया सहित दुनिया की दूसरी प्रमुख करेंसी में कमजोरी जारी है। अक्टूबर में डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक 2 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। 2022 में यह करीब 12 फीसदी टूट चुका है।

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डॉलर इंडेक्स लगातार कई साल के हाई पर बना हुआ है। इस बीच डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड, जापान के येन, यूरोप के यूरो सहित कई प्रमुख देशों की करेंसी में बड़ी गिरावट आई है। इनके मुकाबले रुपया कम गिरा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल में कहा था कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है।

Rupee Hits a fresh record low, at 83.08 against US Dollar pic.twitter.com/QnXTZJeWHd

— ANI (@ANI) October 20, 2022

इधर, इंडिया में इनफ्लेशन बढ़ने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि सरकार ने रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन कीमतें (MSP) बढ़ा दी है। डीबीएस बैंक की इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा, "इंडिया में इनफ्लेशन को लेकर चिंता के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक तब तक इंटरेस्ट रेट बढ़ाना जारी रखेगा, जबग तक इनफ्लेशन काबू में नहीं आ जाता।"

Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्‍यादा रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो

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डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारतीय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ाने में मदद मिलती है.

Rupee Against Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट आज भी जारी रही. शुरूआती कारोबार बाजार में डॉलर के मुकाबले में रुपया 82.66 रुपये बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. एक्सपर्ट्स की माने तो ग्लोबल मार्केट में जारी अनिश्चितता की वजह डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में रुपया 83.50 के स्तर तक गिर सकता है. इस अनिश्चितता का असर न सिर्फ भारतीय करेंसी पर हो रहा, बल्कि दुनिया भर के देश इससे प्रभावित हो रहे हैं.

अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा रुपया

इससे पहले सोमवार को रुपया 82.40 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. गिरावट का यह दौर इस साल जनवरी 2022 से जारी है. डॉलर लगातार रुपये के मुकाबले मजबूत हो रहा है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही जारी रह सकता है. रुपये को कमजोर होने से बचाने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 2 सालों से कमी की जा रही है. इस साल अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.

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यूएस फेड की सख्त आर्थिक नीतियो का असर

डॉलर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है में मजबूती के पीछे यूएस फेड अपनाई गए सख्त आर्थिक नीति को माना जा सकता है. इसके साथ ही अमेरिकी में जॉब की बढ़ती संख्या भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है. फेडरल रिजर्व द्वारा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है ब्याज दरों में अभी और भी इजाफा किये जाने की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को किसी विदेशी स्कूल में भेजने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अमेरिकी शेयरों में निवेश करने या विदेशी बैंक खाते में पैसा रखने के बारे में सोच सकते हैं. विदेशों में भेजे गए पैसो पर RBI द्वारा Liberalized Remittance Scheme अपनाई जाती है. इस नीति के तहत नाबालिगों सहित सभी निवासियों को किसी भी वैध चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए हर फाइनेंशियल ईयर में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक टैक्स फ्री ट्रांजेक्शन की परमिशन दी गई है.

Business / 'रुपया नहीं गिर रहा, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है'- वित्त मंत्री का बयान

Nirmala Sitharaman on Rupee: भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड लो पर पहुंच गया है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गिरते रुपये पर अपनी बात रखी और कहा कि भारतीय रुपया फिसल रहा नहीं है, बल्कि अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है। वित्त मंत्री ने यह बात वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं हैं। दरअसल, निर्मला सीतारमण इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं। यहां भारत की विकास कहानी और मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए रुपया पर अपनी बात रखीं। बता दें कि वित्त मंत्री का यह बयान रुपये के 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिरने के कुछ दिनों बाद आई है।

एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, "डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। तो जाहिर है, अन्य सभी मुद्राएं मजबूत डॉलर के मुकाबले प्रदर्शन कर रही हैं। मैं तकनीकी के बारे में बात नहीं कर रही हूं, लेकिन यह तथ्य है कि भारत का रुपया शायद इस डॉलर की दर में बढ़ोतरी का सामना कर रहा है। . मुझे लगता है कि भारतीय रुपए ने कई अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।"

पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका

Updated Nov 9, 2022 | 11:24 PM IST

पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका

News Ki Pathshala Sushant Sinha PM Modi Rupee Dollar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी। पूरी दुनिया अमेरिका के डॉलर के पीछे भागती है। सरकारें हों, कंपनियां हों, मार्केट हो। किसी का काम डॉलर के बिना नहीं चलता। दुनिया में देश कोई भी हो, उसकी करेंसी की वैल्यू डॉलर (Dollar) के मुकाबले ही देखी जाती है। इंटरनेशनल ट्रेड में किसी को सुई भी खरीदनी होती है तो पेमेंट डॉलर में होता है। यानी डॉलर का ऐसा रुतबा है, ऐसा दबदबा है, कि दुनिया भर में इसी की दादागीरी चलती है। इसके सामने दूसरी करेंसी बेबस हो जाती है। इसके सामने दुनिया के दूसरे देश बेबस हो जाते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे बदलना चाहते हैं। कैसे वो बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं।

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