क्या होता है Trade Surplus और Trade Deficit? | Zee Business
जब भी किसी देश के इंपोर्ट (import) उसके एक्सपोर्ट (export) से ज्यादा हो जाते हैं तो एक नेगेटिव बैलेंस ऑफ़ ट्रेड बनता है जिसे कहा जाता है ट्रेड डेफिसिट. ट्रेड सरप्लस की बात करें तो जब भी किसी देश का एक्सपोर्ट इंपोर्ट से ज्यादा होता है तो उसे कहते हैं ट्रेड सरप्लस. जानिए और इस बारे में सब कुछ .
P2P ट्रेडिंग शर्तों की शब्दावली
बाजार में व्यापार करने के लिए आपको अपने क्रिप्टो को P2P वैलेट से स्पॉट वैलेट में अंतरित करने होते हैं। APP में, "निधि" पर जाएं, "P2P" पर जाएं, "अंतरण करें" पर क्लिक करें, जो क्रिप्टो और राशि आप अंतरित करना चाहते/चाहती हैं उसे चुनें और "अंतरण करें", बटन पर क्लिक करें।
अगर खरीदार और विक्रेता के बीच विवाद होता है और उपयोगकर्ता प्लेटफॉर्म की मध्यस्थता चाहते हैं तो उपयोगकर्ता एक अपील फाइल कर सकते हैं। व्यापार में शामिल क्रिप्टो प्रक्रिया के दौरान लॉक किया हुआ रहेगा।
अगर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाता है और मध्यस्थता की जरूरत नहीं रहती है तो अपील फाइल करने के बाद, जिस उपयोगकर्ता ने अपील शुरू की है वह अपील को रद्द कर सकता है। ऑर्डर उस अवस्था में वापस चला जाएगा जहां यह विक्रेता के क्रिप्टो निर्गत करने की पुष्टि का इंतजार करता है। क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? विक्रेता द्वारा भुगतान प्राप्ति की पुष्टि करने तक क्रिप्टो लॉक रहेगा।
जो उपयोगकर्ता शर्तों को पूरा करते हैं, वे "एक नया विज्ञापन पोस्ट करें" बटन पर क्लिक कर सकते हैं और विज्ञापनों के प्रकार, ट्रेडिंग राशि, मूल्य और शर्तों आदि का चयन कर एक विज्ञापन पोस्ट कर सकते हैं। विवरण की पुष्टि होने पर आप "प्रकाशित करें" पर क्लिक कर विज्ञापन पोस्ट कर सकते/सकती हैं।
अगर जोखिम नियंत्रण ट्रिगर हो जाता है, तो खरीदार 24 घंटे के लिए बायनेन्स से खरीदे गए क्रिप्टो की निकासी नहीं कर पाएगा। "T+1" निकासी की सीमा केवल चीनी युआन ट्रेडिंग पर लागू होती है।
ऑर्डर एक वादा किया गया व्यापार है जिस पर खरीदार और विक्रेता सहमत हुए हों। बायनेन्स P2P एक एस्क्रो सेवा प्रदान कर व्यापार की सुविधा प्रदान करता है, जिसका अर्थ है असेट को तब तक लॉक करना जब तक कि क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? दोनों पक्ष वादे के अनुसार निर्गत करने के लिए सहमत न हों।
हमारा सिस्टम स्वचालित रूप से सबसे अच्छे मूल्य, मिलनेवाले भुगतान के तरीके और व्यापार की कुल राशि के अनुसार उपयोगकर्ता को खरीदने वाले/उपयोगकर्ता से मिलाता है।
अस्थिर मूल्य विज्ञापनों का मूल्य मार्केट के साथ बदलता है और हर मिनट रीफ्रेश होता है। आपको दिखाई देने वाली मूल्य एक मिनट के बाद भी समाप्त हो सकता है। वैसी स्थिति में, आपको ऑर्डर की पुष्टि करने से पहले रीफ्रेश करना होगा और अद्यतन मूल्य प्राप्त करना होगा।
अस्थिर मूल्य समायोजन वह प्रीमियम है जो विज्ञापन का प्रकाशक उस कीमत की गणना करने के लिए चार्ज करना चाहता है जिस पर वे खरीदना/बेचना चाहते हैं।
"एक्स्प्रेस" मोड स्वत: आपके लिए एक खरीदार/विक्रेता को मेल करता है जबकि "ऑफर लिस्टिंग" में आप खुद अपने लिए खरीदार/ विक्रेता चुन सकते/सकती हैं।
Share Market: जानें कैसे काम करता है शेयर मार्केट? रातों रात कर देता है मालामाल
Share Market Update : स्टॉक मार्केट को लेकर आई एक फिल्म स्कैम 1992 में एक डायलॉग है कि. शेयर मार्केट पैसों का इतना गहरा कुआं है, जिससे पूरी दुनिया की प्यास बुझ सकती है. यही वजह है कि भारत समेत दुनिया के लाखों-करोड़ों लोग शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं. जिसमें कई प्रोफिट कमा ले जाते हैं तो कइयों को नुकसान उठाना पड़ता है. शेयर मार्केट पर पैनी नजर रखने वालों कि मानें तो अधिकांश लोग बिना जानकारी के ही शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने उतर जाते हैं, जिसका खामियाजा उनको अपने पैसे डुबोकर चुकाना पड़ता है. ऐसे में बेहतर है कि स्टॉक मार्केट के सागर में उतरने से पहले हमें तैराकी की अच्छी समझ हो. इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी बातें लेकर आए हैं, जिससे शेयर मार्केट से जुड़ी बारीकियां सीखने में आपको मदद मिलेगी.
शेयर मार्केट में दो तरीके से पैसा निवेश किया जाता है एक म्युचअल फंड और दूसरा कंपनी के शेयर खरीदकर. पहले वाले में बाजार खुद आपके पैसे को मैनेज करता है और दूसरे में आपका मुनाफा कंपनी के फायदे के साथ आगे बढ़ता है. भारत में केवल 3.5 प्रतिशत लोग ही शेयर मार्केट में अपना पैसा लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह प्रतिशत 55 तक पहुंचता है. भारत की अगर बात करें तो यहां शेयर मार्केट में पैसा न लगाने की कुछ मुख्य वजह क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? हैं. जैसे कि-
1- रिस्क लेने की क्षमता में कमी
2- जानकारी का अभाव
3- घोटाले और फ्रॉड
4- शेयर मार्केट को लेकर क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? कोई कोर्स आदि का न होना
इसके अलावा भारत में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने शेयर मार्केट में अपनी किस्मत आजमाई और मालामाल हो गए.
जैसे कि राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल,विजय केडिया और राधाकृष्ण दमानी आदि.
लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिनको अपनाकर कोई भी शेयर मार्केट की अच्छी समझ रख सकता है-
1. बिजनेस साइकल- किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले इस बात का जरूर ख्याल रखें कि कंपनी कम से क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? कम 11 साल पुरानी होनी चाहिए.
2. ग्रोथ- चेक करें कि कंपनी ग्रोथ कैसी है. क्या कंपनी देश की जीडीपी का दोगुना ग्रोथ कर रही है. अगर हां तो फिर आप उसमें पैसा लगा सकते हैं.
3. लीडरशिप- ट्रेडिंग करने से पहले यह देखना भी है कि कंपनी की लीडरशिप कैसी है. उसका मैनजमेंट कैसा है. क्योंकि अगर मैनेजमेंट में क्वालिटी होगी को प्रोडक्ट में क्वालिटी दिखेगी और इसका प्रभाव सेल कर दिखाई देगा. मतबल कंपनी ग्रोथ करेगी. इसके साथ ही कंपनी को ड्राइव कौन कर रहा मतलब कंपनी के ऑनर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है आदि.
4. कर्ज की स्थिति- शेयर खरीदने से पहले यह भी जान लेना जरूरी है कि कंपनी पर कर्ज कितना है. क्योंकि कर्ज नहीं होगा तो प्रोफिट अच्छा आएगा और निवेशक को फायदा होगा. अन्यथा कंपनी के प्रोफिट का बहुत बड़ा भाग कर्ज उतारने और बाकि के खर्चों को पूरा करने में चला जाता है.
5- कंपनी के पास मालिकाना हक क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? कितना है- कंपनी के मालिक के पास कम से कम 51 प्रतिशत शेयर होने चाहिएं. क्योंकि कंपनी अगर अपने सारे शेयर पब्लिक को बेच देगी तो कंपनी रन कैसे करेगी. इसके साथ ही ज्यादा शेयर होने पर कंपनी की क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? लीडरशिप प्रोफिट के लिए खुद भी ज्यादा प्रयास करती है.
7- नेट प्रोफिट- कंपनी की ग्रोथ कम से कम 25 प्रतिशर हर साल के हिसाब से होनी चाहिए. मतलब अगर पिछले साल नेट प्रोफिट 100 करोड़ का था तो इस साल यह 125 करोड़ होना चाहिए.
8- युनिट सेल ग्रोथ- मसलन कंपनी की टोटल सेल हर साल 20 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही हो. जैसे कि अगर किसी ऑटोमोबाइल कंपनी ने अगर पिछले साल 100 कारें बेचीं तो इस साल 120 कारों का बिजनेस हो. इसके साथ ही रिटर्न ऑन इक्विटी और कैपिटल इंप्लोएड पर रिटर्न आदि भी ऐसे मुख्य पहलू हैं, जिनपर गौर करना जरूरी है.
Cryptocurrency में निवेश से पहले न करें जल्दबाजी, जरूर याद रखें ये 10 बातें
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं, लेकिन यह अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जानना जरूरी है.
Cryptocurrency निवेश का पॉपुलर माध्यम बन चुकी हैं.
Cryptocurrency की दुनिया आज पिछले कुछ सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा आम हो गई है. शंका, डर और अनिश्चितता के फेज़ से गुजरकर आज के वक्त में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच निवेश का एक पॉपुलर टूल बन गई हैं. यहां तक कि इन्हें लेकर बड़ी कंपनियों में स्वीकार्यता भी बढ़ी है और पेमेंट के अल्टरनेट मोड में क्रिप्टोकरेंसी (payment in cryptocurrency) को स्वीकारा जाने लगा है. हालांकि, इस सबके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी अब भी जबरदस्त उतार-चढ़ाव (highly volatile) का शिकार होने वाला डिजिटल असेट है. ऐसे में इस बाजार में निवेश करने से पहले कुछ चीजें हैं जो जान लीजिए और जिनके लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए.
1. गहरी रिसर्च जरूरी
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सबसे पहली बात है कि निवेश से पहले अपनी रिसर्च पक्की रखिए. पैसे-रुपयों के मामले में यह सबसे कॉमन बात है. कहीं भी पैसा लगाने से पहले आपको उस माध्यम की पूरी जानकारी होनी ही चाहिए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? यह मार्केट अभी नया है और ट्रेडिशनल निवेश के माध्यमों या तरीकों से काफी अलग है. इसलिए अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान लीजिए. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ लीजिए, जान लीजिए कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कैसे काम होता है.
2. हर इन्फॉर्मेशन को वेरिफाई करें
क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट डिसेंट्रलाइज्ड मार्केट है और इसको कोई रेगुलेट भी नहीं करता. यानी कि इसको कोई एक संस्था या व्यक्ति कंट्रोल नहीं करता है, वहीं ट्रेडिशनल करेंसी की तरह कोई सरकार या सरकारी संस्था इसका नियमन भी नहीं देखती. यह पूरी तरह स्वतंत्र है. ऐसे में जवाबदेही आप पर ही आकर रुकती है. इसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का डर होता है. ऐसे में किसी की बात में न आएं, किसी स्कीम के चक्कर में तो बिल्कुल न पड़े. हर जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लें और वेरिफाई करें.
3. अपनी रिसर्च पर भरोसा करें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को लेकर अकसर कहते हैं कि 'इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता है.' हालांकि, फिर भी मार्केट में ढेरों मार्केट एनालिटिक्स, ट्रेंड एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो आपको क्रिप्टो मार्केट पर स्ट्रेटजी और टिप्स देते हुए मिलेंगे. लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप हर किसी की बात पर भरोसा न करें, अपनी रिसर्च को देखें और अपने पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए स्ट्रेटजी बनाएं.
4. छोटे निवेश से शुरू करें
क्रिप्टो निवेश में शुरुआत करते वक्त ध्यान रखें कि शुरुआती चरण में एक ही क्रिप्टो के साथ स्टिक करें. इधर-उधर पैर क्या आप खुद ट्रेडिंग सीख सकते हैं? फैलाने की कोशिश न करें. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा जाता है, ऐसे में यही स्मार्ट होगा कि आप छोटे निवेश से शुरू करें. एक ही क्रिप्टो में निवेश करें और मार्केट की चाल को सीखें. जब थोड़ा कॉन्फिडेंट हो जाएं तब अपना निवेश बढ़ाएं.
5. थोड़ा धैर्य रखें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.
6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.
7. क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के बारे में पता होना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.
8. मोबाइल वॉलेट में अपनी पूरी करेंसी स्टोर न करें
इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोबाइल वॉलेट्स बहुत ही सुविधाजनक होते हैं, लेकिन इनका हैक होना भी बहुत आसान होता है. ऐसे में कभी भी अपनी पूरी क्रिप्टोकरेंसी मोबाइल वॉलेट में स्टोर न करें.
9. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स को मत भूलें
चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर किसी संस्था का नियमन नहीं होता है, ऐसे में इससे होने वाले प्रॉफिट पर आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी निवेश और टैक्स को लेकर देश में क्या नियम हैं, वो सब जानने के बाद ही निवेश शुरू करें.
10. जल्दबाजी न करें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट लुभावना माध्यम है और बहुत से लोग हर दिन इसमें निवेश और ट्रेडिंग के लिए जुड़ रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप भी इसमें कूद जाएं. अपने फाइनेंस का आकलन कर लें, नियमों को अच्छे से जान लें. इसके बाद निवेश शुरू करें. और क्रिप्टो को लेकर खबरों पर भी नजर रखें कि कहीं कुछ बदलाव तो नहीं हो रहे.
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