बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार बनाए नए नियम: एडवोकेट पीएम मिश्रा
क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है।
क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है। प्रौद्योगिकी और पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों को बाधित करने की क्षमता को लेकर चिंताए हैं।
हमसे अकसर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूछा जाता है, क्या वो सोने के लिए संभावित प्रतिस्थापन का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी क्या भूमका है। यदि कोई हो, तो बिटकॉइन को एक पोर्टफोलियो में खेलना चाहिए और बिटकॉइन को विनियमित करना कितना आसान है, क्रिप्टो गोल्ड और कैश लेनदेन की तुलना करें।
डेक्कन क्रॉनिकल में 12 जून,2018 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार भारत में मांग के एक तिहाई से अधिक सोने की तस्करी, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है। यह संभावित रूप से केंद्र सरकार को $ 1.3 बिलियन का राजस्व नुकसान का कारण बनता है। आधिकारिक आयात में लगभग 50 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि सोने की तस्करी 2018 से बढ़ रही है 2021 के बारे में सोचिएं। कुछ टैक्स से बचने के लिए। कल्पना कीजिए कि सरकार द्वारा इतनी सावधानी बरतने के बाद भी हमारे देश में सोने की तस्करी जारी है।
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को हवाला लेनदेन के नाम से जाना जाता है। 1990 के दशक की शुरुआत में इसे लोकप्रियता मिली जब कई राजनेता इसके जाल में फंस गए। हवाला एक वैकल्पिक या समानांतर प्रेषण प्रणाली है। "हवाला" एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है किसी तीसरे व्यक्ति का उपयोग करके दो व्यक्तियों के बीच धन या जानकारी का हस्तांतरण। यह प्रणाली अरबी व्यापारियों को लूट से बचने के साधन के रूप में बताती है। यह कई शताब्दियों तक पश्चिमी बैंकिंग की भविष्यवाणी करता है।
हवाला तंत्र ने काले से सफेद में धन के रूपांतरण की सुविधा प्रदान की। काले धन से तात्पर्य अर्जित धन से है, जिस पर आय और अन्य करों का भुगतान नहीं किया गया है। अवैध रूप से व्यापार किए गए सामान या सेवाओं के माध्यम से काला धन अर्जित किया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में कल्पना से परे है।
पूरी दुनिया और भारत सरकार इन लेनदेन को विनियमित करने के लिए इतना खर्च करती है, मुझे लगता है कि भारत में हाल ही में नोटबंदी को कोई नहीं बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान भूल पाया है।
एडवोकेट मिश्रा बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो मुद्रा के अनुसार गोल्ड और कैश की तुलना को विनियमित करना बिल्कुल आसान है। उन्होंने कहा, एक तरफ, क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से नाम रहित है। दूसरी ओर, यह पूरी तरह से पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य है। इसका अर्थ नामरहित में है, लेकिन उसके पते में अपनी पहचान के बारे में कुछ भी बताए बिना एक क्रिप्टो पते को आप पकड़ सकते हैं। एक व्यक्ति कई पते रख सकता है, और सिद्धांत रूप में, उन पते को एक साथ जोड़ने, या इंगित करने के लिए कुछ भी नहीं होगा कि व्यक्ति उनके स्वामित्व में है।
आभासी मुद्रा भेजना और प्राप्त करना छद्म नाम के तहत लिखने जैसा है। यदि किसी लेखक का छद्म नाम कभी उनकी पहचान से जुड़ा होता है, तो उस छद्म नाम के तहत उन्होंने जो कुछ भी लिखा है, वह उनसे जुड़ा होगा। बिटकॉइन लेनदेन इतिहास के साथ ग्राहक डेटा से मेल खाने वाले उपकरणों के साथ पास पर आपराधिक गतिविधि हो सकती है। इससे उच्च-जोखिम वाले ग्राहकों की पहचान करना आसान हो सकता है, एएमएल अनुपालन बना रहेगा, और क्रिप्टो मनी लांड्रिंग से जुड़े तनाव से बच सकते हैं।
क्रिप्टो धोखाधड़ी से साधारण नागरिक को बचाने के लिए और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि क्रिप्टो को रोकने के लिए, भारत को जल्दी से निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए -
1. केवल एक बैंक को क्रिप्टो मुद्रा से निपटने की अनुमति दें।
2. भारतीय आईपी का उपयोग करके सभी वॉलेट पते को ट्रैक करने के लिए युवा और साइबर टीम की नियुक्ति करें, उन्हें स्थान तक ट्रेस करें।
3. कुछ ISP को क्रिप्टो एक्सचेंज आईपी की अनुमति दें, ताकि इसे ट्रैक करना आसान हो जाए।
4. क्रिप्टो कस्टडी सेवा के लिए अतिरिक्त कर का शुल्क।
5. क्रिप्टो बीमा कंपनी को शामिल करें।
6. लिमिट क्रिप्टो होल्डिंग व्यक्ति या कंपनी के आईटीआर पर निर्भर करती है।
7. सख्त क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ क्रिप्टो ट्रांजेक्शन ओवरसीज को सीमित करें।
8. इश्यू लाइसेंस व्यक्तिगत व्यापारी, जो व्यापार करना चाहते हैं।
9. एक्सचेंजों को लाइसेंस जारी करना।
एडवोकेट पी एम मिश्रा ने बताया, मैं वर्तमान सरकार की क्रिप्टो रेगुलेटरी दृष्टिकोण के बारे में बहुत सकारात्मक हूं और मैं यह देखना चाहूंगा कि भारत को क्रिप्टो करेंसी दौड़ जीतनी चाहिए क्योंकि क्रिप्टो डिजिटल गोल्ड के अलावा कुछ भी नहीं है।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है इसकी Value और Price क्या है
बिटकॉइन क्या है – दोस्तों बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान यदि आपने बिटकॉइन का नाम सुना है लेकिन आप नहीं जानते की आखिर यह है क्या तो आपको बता दे की Bitcoin एक Crypto Currency है जिसका Use केवल Online ही किया जा सकता है, इसे हम केवल Mobile, Computer या दुसरे Storage Device में ही Store कर सकते है।
दोस्तों यह Currency भी रुपए, डॉलर, यूरो के जैसी है लेकिन इनमें और Bitcoin में अंतर केवल इतना है कि हम Bitcoin को केवल ऑनलाइन Use कर सकते हैं और यह Currency ना ही किसी देश की Currency है और नहीं इस पर किसी का अधिकार है और नहीं इस पर सरकार का Control है।
आप Online Payment या कुछ भी ऑनलाइन काम करते हैं तो आप इसमें Bitcoin का Use भी किया जा सकता है लेकिन Bitcoin को हाथ में नहीं लिया जा सकता है और हाथों से छुआ भी नहीं जा सकता है यह केवल ऑनलाइन ही काम आती है क्योंकि यह केवल Digital आकडे होते है।
बिटकॉइन क्या है ( W hat is Bitcoin in Hindi )
Bitcoin एक Crypto Currency है जो केवल ऑनलाइन ही काम करती है। इसको सन 2009 में Satoshi Nakamoto ने बनाया था और उस समय इसकी कीमत मात्र 6 रूपये के लगभग थी लेकिन आज यानि की 13/05/2021 को इसकी कीमत 34,98,979.68 भारतीय रूपये के बराबर है यह केवल एक आकड़ें है जिनकी Value कभी Up तो कभी Down होती रहती बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान है।
बिटकॉइन की वैल्यू स्थिर नहीं होने के कारण दुनिया में बहुत से देशो ने इस पर बैन लगा दिया था, लेकिन इसके बाबजूद भी इस currency का उपयोग आज भी हो रहा है।
1 Bitcoin में 100000000 Satoshi होते है जिस तरह से 1 रूपये में 100 पैंसे होते है उसी तरह से 1 बिट कॉइन में 100000000 Satoshi होते है, यहाँ पर केवल 1 Bitcoin को 10 करोड़ भागों में बांटा गया है, Bitcoin का केवल नाम में ही कॉइन है लेकिन इसका कोई Coin या Note नहीं है यह केवल एक Virtual Currency है।
Bitcoin की Value और Price क्या है ?
दोस्तों अभी 1 Bitcoin का Price 34,98,979.68 भारतीय रूपये की बराबर है और इसकी Value आने वाले समय में कोई नहीं बता सकता बढ़ेगी या फिर घटेगी इसकी Value को देखते हुए तो बहुत से देश इसे मान्य Currency घोषित भी किया है, लेकिन यदि इसकी वैल्यू की बात करे तो इससे बढ़ने से वैल्यू बढेगी, और इसके घटने से इसकी वैल्यू घटेगी।
Bitcoin कहाँ लीगल है और कहाँ नहीं
हम आपको पहले भी बता चुके है की bitcoin की वैल्यू स्थिर नहीं है जिस कारण बहुत से देशों में इस currency पर बैन भी लगा रखा है यदि बात करे उन देश की जहाँ bitcoin लीगल है तो उनमे से USA, जापान, साउथ कोरिया में यह currency लीगल है लेकिन यदि बात करे उन देश की जहाँ पर इस currency पर बैन लगाया गया है तो उसमे भारत और चाइना ऐंसे देश है जहाँ बिटकॉइन पर बैन है।
कितने Bitcoin अभी तक Market में आ चुके है ?
अभी तक केवल 13 मिलियन Bitcoin ही Market में आए हैं और जबकि केवल 21 मिलियन Bitcoin तक ही आ सकते है और सन 2140 तक यह खत्म नहीं होने वाला है इतने Bitcoin आने के लिए 120 साल के लगभग का समय लगेगा।
Bitcoin में क्या फायदा है ?
फायदे की बात की जाये तो यदि बिटकॉइन का कुछ भी हिस्सा खरीदता है और बिटकॉइन का प्राइस बढ़ जाता है तो इससे जितने भी रूपये का बिटकॉइन खरीदा गया था उसकी वैल्यू भी बढ़ जाएगी और इसी तरह से इससे फायदा होगा।
यदि किसी ने 2009 में 1 Bitcoin ₹ 6 में खरीदा हो तो वह आज इसकी वैल्यू 34,98,979.68 भारतीय रूपये के बराबर है और इससे आप अनुमान लगा सकते है की Bitcoin से कितना फायदा इसे खरीदने वाले का हुआ है।
यदि आप Bank या किसी और माध्यम से भुकतान में लगने वाली Fees देखे तो Bitcoin में यह Fees नामात्र की है, यहाँ पर वह किया जा सकता था जो आप किसी भी बैंक में नहीं कर सकते है क्योंकि यहाँ आप पर पाबन्दी लगाने वाला कोई नहीं है आप यहाँ इसका उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है।
Bitcoin से क्या नुकसान है ?
दोस्तों Bitcoin की बढती Value से तो नहीं लगता है की इसके किसी को नुकसान होगा लेकिन यदि Bitcoin का Rate कम होता है तो इससे बहुत से लोग कंगाल और बहुत से लोगो का नुकसान हो जायेगा।
Bitcoin पर किसी के अधिकार ना होने से उतार चडाव बना रहेगा और यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है, यदि आपका Bitcoin Account delete या Bitcoin Hake हो जाता है तो इससे Related कोई Problem आती है तो आप इसकी शिकायत या इसमें कोई आपकी मदद नहीं कर सकता है।
Bitcoin कैंसे कमायें ?
बिटकॉइन कैसे कमाए यह सुनकर आपको अजीब सा लग रहा होगा लेकिन दोस्तों आपको बता दे की बिटकॉइन को केवल खरीदा नहीं जा सकता है बल्कि कमाया भी जा सकता है वह कैसे आइये जानते है-
बहुत सी Website और Android Application ऐंसी होती है जिनकी सहायता से आप Bitcoin को रूपये देकर खरीद सकते है यह Bitcoin पाने का आसन तरीका है लेकिन यदि आप अपना कुछ सामान बेचना चाहते है तो आप रूपये के जगह Bitcoin मांग सकते है।
बहुत से Online Shopping Site या Payment Website Bitcoin के जरिये भुकतान करती है आप चाहे तो अपना Payment Bitcoin के रूप में मांग सकते है।
दोस्तों Bitcoin को mine भी किया जा सकता है इसके लिए Powerful Computer और Server की जरूरत होगी, और ऐंसा करने पर bitcoin खरीदना या बेचना नहीं पड़ेगा बल्कि इससे खुद bitcoin Mining कर पाएंगे।
कितने Bitcoin ख़रीदे जा सकते है ?
अभी Bitcoin का Price देखा जाये तो 1 Bitcoin 34,98,979.68 भारतीय रूपये के बराबर है लेकिन इसमें ऐसा नहीं है कि हम 34,98,979.68 भारतीय रूपये का 1 Bitcoin खरीदे तो तभी हमारा फायदा हो इसमें 1 Bitcoin को 10 करोड़ Satoshi में बांटा गया और हम चाहे तो 1 या इससे अधिक Satoshi खरीद या बेच सकते है।
क्या Bitcoin को Bank Account में Transfer किया जा सकता है ?
भारत में bitcoin पर आरबीआई ने बैन लगाया है जिससे यदि बैंक में बिटकॉइन ट्रान्सफर किया जाता है तो हो सकता है आपको यह सुविधा किसी बैंक में न मिले, लेकिन यदि इस तरह की सुविधा आपको मिल जाती है तो फिर यह पका नहीं है की bitcoin की जो वैल्यू है आपको वह पूरी मिले।
लेकिन यदि बात की जाये उन देश की जहाँ bitcoin legal है तो फिर आप बैंक में ट्रान्सफर तो क्या bitcoin से ऑनलाइन शॉपिंग या फिर बिटकॉइन का ऑनलाइन उपयोग दुसरे काम के लिए भी का सकते है।
क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?
हम सभी ने क्रिप्टोकरेन्सी के बारे सुना है, और मन में ये सवाल जरूर आता है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है? आप अगर क्रिप्टोकरेन्सी के बारे में थोड़ा बहुत जानते है तो भी और अगर बिलकुल भी कुछ नहीं जानते तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। इसमें हमने क्रिप्टोकरेन्सी के सभी पहलुओं पे बिस्तार से बात की है, तो आइये जानते है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है ?
क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?
क्रिप्टोकरेन्सी एक एक कंप्यूटर अल्गोरिथम पे आधारित डिजिटल करेंसी है,क्रिप्टोकरेन्सी के डिजिटल करेंसी होने के वजह से न तो आप इसे छू सकते है, न ही इनके ऊपर किसी भी गवर्मेन्ट या किसी तरह के बैंक या संस्थान का कोई कण्ट्रोल नहीं होता।
क्रिप्टोकरेन्सी पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पे काम करता है। जिसे ही ब्लॉकचेन कहाँ जाता है जो न सिर्फ इसके लेनदेन में कारगर साबित होता है साथ ही इससे क्रिप्टोकरेन्सी जैसे बिटकॉइन इत्यादि को ट्रैक किया जाता है।आज दुनिया में लगभग 4000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेन्सी मौजुद है।
इन करेंसी का लेनदेन फर्स्ट पर्सन यानि की जिससे आप ट्रेड कर रहे है और सेकण्ड पर्सन यानि की आप सिर्फ इन दोनों के बीच में होता है जिससे आपको मुनाफा ज्यादा होता है लेकिन ये कुछ हद तक इन्हे असुरक्षित भी बनाती है। हालांकि क्रिप्टोकरेन्सी की अपनी एक एंक्रिप्शन key युक्त सुरक्षा होती है।
जैसे बिटकॉइन अपने लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है, जिसमे दोनों पार्टियों को एंक्रिप्शन key दिया जाता है जिससे इनका लेनदेन सुरक्षित बन जाता है। जिसे लेजर की देखरेख में किया जाया है। अब आपके मन में सवाल आया होगा की लेजर क्या है? और क्या काम करता है? तो जानते है
लेजर क्या है? और क्या काम करता है?
जब करेंसी अपने आप में यूनिक है, तो इसका बहीखाता भी यूनिक होना चाहिए जिसे लेज़र कहा जाता है। लेज़र का काम मुख्य तौर पर डेटाबेस में एंटेरी की लिस्ट बनाना और सभी तरह के लेनदेन को सार्वजनिक और पारदर्शी बनाये रखना है। यह एक स्वचालित और स्व-शासित है इसका मतलब इसमें इसमें किसी तरह के बहरी हस्तछेप का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन इसकी भी अपनी कुछ कमिया है जो क्रिप्टोकरेन्सी को गलत तरीके से यूज़ करने से नहीं रोक पाति है।
CryptoCurrency के फायदे
आइये अब जानते है क्रिप्टोकरेन्सी के फायदे को जो इसे खास और भौतिक करेंसी से अलग बनाती है।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.
बिटकॉइन को विश्व की पहली और सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही इसका उपयोग कर कोई सामान खरीद सकता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.
बिटकॉइन की वैल्यू
बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.
बिटकॉइन वॉलेट
चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.
बिटकॉइन माइनिंग और माइनरस
चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.
बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण
- इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
- यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
- क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
- बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
- बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.
बिटकॉइन कैसे खरीदे?
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:
1. बिटकॉइन को आप अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन पेमेंट कर ख़रीदा जा सकता है.
2. किसी सेवा या किसी चीज के बदले बिटकॉइन लिया जा सकता है.
3. किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन माइनिंग कर कमाया जा सकता है.
बिटकॉइन के क्या नुकसान है?
बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.
आलोचना और चेतावनी
कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान जारी की थी.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से बैंकों को हो सकता है भारी नुकसान, बेसल समिति ने जताई आशंका
बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (Basel Committee) ने कहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) बैंकों के लिए अतिरिक्त और उच्च जोखिम पैदा करती है और एक नए कंजरवेटिव प्रूडेंशियल ट्रीटमेंट के अधीन होगी. क्रिप्टोकरंसी को वित्तीय स्थिरता के लिए एक जोखिम के रूप में देखा जाता है, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग और कीमतों में अस्थिरता की उनकी क्षमता के कारण चूक हो सकती है और बैंकों को भारी नुकसान हो सकता है. नए प्रूडेंशियल मानदंडों के तहत बैंकों को अपने पास मौजूद किसी भी क्रिप्टोकरंसी के जोखिम को कवर करने के लिए अधिक पूंजी अलग रखने की आवश्यकता होगी. यह बैंकों के जमाकतार्ओं और अन्य वरिष्ठ लेनदारों को नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक है, जो इन परिसंपत्तियों की कीमतों में अचानक क्रैश के कारण हो सकता है जो अक्सर होता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन डिजिटल मुद्राओं की कीमतों में व्यापक रूप से उतार-चढ़ाव के कारण बैंकिंग प्रणाली का सामना करने वाले उच्च जोखिम को भी हरी झंडी दिखाई है. आरबीआई ने तो वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने इन संपत्तियों के सीमित उपयोग की अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप किया था. बेसल समिति के प्रस्ताव आरबीआई के लिए एक शॉट के रूप में आते हैं क्योंकि सरकार इन जोखिम भरी डिजिटल मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून पर काम कर रही है. बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (बीसीबीएस) बैंकों के प्रूडेंशियल रेगुलेशन के लिए प्राथमिक वैश्विक मानक निर्धारक है और बैंकिंग पर्यवेक्षी मामलों पर नियमित सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करती है. इसके 45 सदस्यों में 28 क्षेत्राधिकारों के केंद्रीय बैंक और बैंक पर्यवेक्षक शामिल हैं.
बेसल समिति ने सार्वजनिक परामर्श जारी किया
बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति ने बैंकों के क्रिप्टोकरंसी एक्सपोजर के प्रूडेंशियल व्यवहार के लिए प्रारंभिक प्रस्तावों पर एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया है. बेसल समिति ने गुरुवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि क्रिप्टोकरंसी के लिए बैंकों का एक्सपोजर वर्तमान में सीमित है, क्रिप्टोकरंसी और संबंधित सेवाओं बिटकॉइन का उपयोग करने के नुकसान में निरंतर वृद्धि और नवाचार, कुछ बैंकों के बढ़े हुए हित के साथ, वैश्विक वित्तीय स्थिरता की चिंताओं और बैंकिंग प्रणाली के लिए एक विशिष्ट प्रूडेंशियल ट्रीटमेंट के अभाव में जोखिम बढ़ा सकते हैं. समिति ने कहा कि इस परिसंपत्ति वर्ग की तेजी से विकसित प्रकृति को देखते हुए, समिति का मानना है कि क्रिप्टोकरंसी एक्सपोजर के लिए नीति विकास में एक से अधिक परामर्श शामिल होने की संभावना है.
अप्रैल के मध्य में 63,000 डॉलर तक पहुंच गई थीं बिटकॉइन की कीमतें
समिति प्रस्तावों पर टिप्पणियों का स्वागत करती है, जिन्हें 10 सितंबर 2021 तक प्रस्तुत किया जा सकता है। सभी प्रस्तुतियां बीआईएस वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएंगी, जब तक कि कोई प्रतिवादी विशेष रूप से गोपनीय व्यवहार का अनुरोध नहीं करता है. बिटकॉइन की कीमतें पिछले सितंबर में लगभग 10,000 डॉलर से बढ़कर अप्रैल के मध्य में 63,000 डॉलर तक पहुंच गईं. हालांकि, पिछले एक महीने में, चीन में सख्त नियामक जांच और बिटकॉइन की उच्च ऊर्जा लागत की एलन मस्क की आलोचना के कारण कीमतें गिरकर 37,000 डॉलर तक गिर गई हैं. इससे पहले बिटकॉइन की कीमतें अचानक आसमान छू गई थीं, क्योंकि एलन मस्क ने अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला इंक के माध्यम से क्रिप्टोकुरंसी में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया था और कहा था कि बिटकॉइन जल्द ही भुगतान के लिए स्वीकार किया जाएगा.
हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने उस समय संभावित निवेशकों को ईमानदारी से सलाह दी थी और कहा था कि जब तक आप एलन मस्क की तरह अमीर नहीं हैं, आपको बिटकॉइन खरीदने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए. इसी तरह वॉरेन बफेट, जिन्हें अब तक के सबसे सफल निवेशक के रूप में जाना जाता है, को बिटकॉइन के बारे में गंभीर आपत्ति है। उन्होंने बिटकॉइन को एक जहर के समान जोखिम भरा बताते हुए कहा है कि वह कभी भी क्रिप्टोकरेंसी नहीं खरीदेंगे. बफेट ने सीएनबीसी पर कहा था, मेरे पास कोई क्रिप्टोकरेंसी नहीं है और न ही मेरे पास कभी यह होगी. (यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है) - इनपुट आईएएनएस
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