क्रिप्टोकरेंसी : 80 फीसदी निवेशकों ने झेला नुकसान, बड़ी मछलियों ने की कमाई

Cryptocurrency News : क्रिप्टोकरेंसी का मायाजाल काफी जटिल है. दूर से देखने पर आपको अच्छा महसूस हो सकता है, लेकिन जो इस जाल में फंसे, उन्हें नुकसान ही उठाना पड़ा. एक रिपोर्ट सामने आई है, जो कहती है कि दुनियाभर के लगभग 80 फीसदी निवेशकों ने पैसा गंवाया है. केवल निवेशक ही नहीं, एक साल के भीतर कई बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज बर्बाद हुई हैं.

इन्टू द ब्लॉक (IntoTheBlock) और क्रिप्टो कम्पेयर (CryptoCompare) के एक ताजा अध्ययन से खुलासा हुआ है कि 73 फीसदी यूजर्स ने कोई भी क्रिप्टो एक्सचेंज ऐप तब डाउनलोड की थी, जब बिटकॉइन की कीमत लगभग 20,000 डॉलर के ऊपर बनी हुई थी. इसी साल अक्टूबर के बाद बिटकॉइन का प्राइस 20 हजार डॉलर के नीचे आया है.

यह स्टडी कहती है कि यदि डाउनलोड करने वाले यूजर्स ने उसी दिन (डाउनलोड किए जाने के दिन) ही बिटकॉइन में पैसा भी डाला होगा तो उन्हें पक्के तौर पर नुकसान ही उठाना पड़ा होगा. लम्बे समय के निवेशकों के पोर्टफोलियो में अनरियलाइज्ड नुकसान (Unrealised Losses) दिख रहे हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज FTX के डूबने के बाद बिटकॉइन की कीमत काफी गिरी है और यह फिलहाल 16,000 के आसपास सपोर्ट ले रही है.

छोटे निवेशक घुसे तो बड़े बेचते गए

ब्लॉकचेन का डेटा से पता चला है कि जब बिटकॉइन के प्राइस ऊपर की तरफ जा रहे थे तो छोटे निवेशक इसे खरीद रहे थे. ठीक इसी समय बड़े निवेशक (जिनके पास ज्यादा बिटकॉइन थे और जिन्हें व्हेल (Whales) या हम्पबैक (Humpbacks) भी कहा जाता है) बिटकॉइन बेच रहे थे. इन बड़े कॉइन होल्डर्स ने छोटे यूजर्स के जेब से बड़ी रकम निकाली. स्टडी में बिटकॉइन की बढ़ती कीमत ने 2015-2022 तक 7 साल की अवधि में दुनियाभर के 95 देशों में अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों का ध्यान खींचा.

कहा गया है, “कुल मिलाकर, बैक-ऑफ-द-इनेवलप कैलकुलेन से पता चलता है कि लगभग तीन-चौथाई यूजर्स ने अपने बिटकॉइन निवेश पर पैसा खो दिया है.” समीक्षाधीन अवधि के दौरान, बिटकॉइन की कीमत अगस्त 2015 में 250 डॉलर से बढ़कर नवंबर 2021 में लगभग $69,000 पर पहुंच गई थी. इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने के लिए स्मार्टफोन ऐप का उपयोग करने वालों की संख्या 1,19,000 से बढ़कर 32.5 मिलियन हो गई.

cryptocurrency: निवेश करने की तैयारी में हैं तो पहले पढ़ लें यह खबर!

cryptocurrency: निवेश करने की तैयारी में हैं तो पहले पढ़ लें यह खबर!

डीएनए हिंदी: Cryptocurrency में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे सही और अच्छा तरीका है कि आप इसके बारे में अच्छे से जांच-पड़ताल करें. इसके बाद किसी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर अपना अकाउंट खोल लें. इन एकाउंट्स पर खरीदार और विक्रेता क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करते हैं. सबसे ज्यादा जानी-मानी crypto exchanges में कॉइनबेस, बायनेंस और वजीरएक्स आदि शामिल हैं. लेकिन इस दौरान ध्यान रहे कि आप जो भी क्रिप्टोकरेंसी खरीदना चाहते हैं वह उस crypto exchange पर मौजूद हो. जिससे आप अपनी मनचाही क्रिप्टोकॉइन खरीद सकें.

कैसे करें Payment?

Cryptocurrency में ट्रेडिंग करने से पहले यह जानना बहुत जरुरी है कि आपने जिस crypto exchange पर अपना अकाउंट बनाया है वहां पर पेमेंट करने का क्या तरीका है. कई बार देखा गया है कि exchange अपने ग्राहकों को चेकिंग या बचत खाते से पैसा जमा करने की सुविधा देता है. वहीं कुछ ऐसे exchange भी हैं जो अपने ग्राहकों को cryptocurrency खरीदने के लिए credit card की सुविधा देते हैं.
अब जब आप अपने exchange account में पैसे जमा कर लेते हैं तो अपने पसंदीदा क्रिप्टो को सर्च करें. इसके बाद अपना ट्रेडिंग टाइप चुनने के बाद जिस करेंसी (रुपया, डॉलर) में निवेश करना चाहते हैं वह करेंसी चुनें. अब आप अपने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आर्डर दे सकते हैं.
लेकिन किसी भी क्रिप्टो में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छे से छानबीन कर लें कि वह क्या काम करता है और उसमें उतार-चढ़ाव की क्या संभावना है.

Digital Currency को लेकर RBI का नया प्रोजेक्ट, 1 दिसंबर से आप पर पड़ेगा प्रभाव

Digital Rupee, RBI Launched Digital Rupee

1 नवंबर को थोक खंड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था

अब 1 दिसंबर से खुदरा खंड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा

RBI to launch retail digital rupee: भारत (India) में डिजिटल लेनदेन (क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें Digital Transactions) में काफी तेजी आई है. कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल लेन देन काफी तेजी से बढ़ा है. वहीं, विश्व बाजार में बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी जैसे निवेश पर लोगों का झुकाव बढा है. वहीं, प्राइवेट करेंसियों पर लोगों का झुकाव देखकर अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले बजट में ऐलान किया था कि आरबीआई अगले वित्त वर्ष Digital Rupee को लॉन्च करेगा. बता दें, डिजिटल रूपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC भी कह सकते हैं. पहले केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपये के थोक खंड का पायलट परीक्षण कर चुका है. एक नवंबर को डिजिटल रुपये के थोक खंड का पहला परीक्षण हुआ था.

थोक के बाद खुदरा पायलट प्रोजेक्ट

अब इसी डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल रूपी को आरबीआई भारतीय बाजार में उतारने के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें लिए पूरी तरह से तैयार है. आरबीआई ने इसके लिए विज्ञप्ती भी जारी की है. आरबीआई ने कहा है कि, केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल संबंधी पायलट परीक्षण की घोषणा की है. ये एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता में चुनिंदा जगहों पर परीक्षण किया जाएगा. जिसमें ग्राहक और बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश में डिजिटल करेंसी को बाजार में लॉन्च करने जा रहा है. डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल के इस पायलेट प्रोजेक्ट में SBI, ICICI बैंक समेत चार अन्य बैंक को शामिल किया गया है. यह पायलेट प्रोजेक्ट दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. आरबीआई का कहना है कि ये इलेक्ट्रॉनिक रुपये एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो एक वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करेगा.

Digital Rupee का आम लोगों पर क्या होगा प्रभाव

ये डिजिटल करेंसी भारत के आम लोगों के लिए काफी नया है. जिसके बारे में उन्हें ज्यादा पता भी नहीं है.हालांकि, RBI ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 दिसंबर 2022 से शुरू करने की घोषणा कर दी है. बता दें, क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन जैसी चीजें पहली ही विश्व बाजार में है लेकिन ये भारत में वैलिड नहीं है. इसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के काट के रूप में RBI ने डिजिटल रूप को लॉन्च कर रहा है. हालांकि, ये जानना जरूरी है कि डिजिटल करेंसी आम लोगों पर कितना और कैसा प्रभाव डालेगी. आपको बता दें, डिजिटल करेंसी पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है ऐसे में RBI भी इसका आकलन करेगी की लोगों के लिए डिजिटल करेंसी कितना फायदेमंद होगी.

हालांकि, इसकी कुछ अच्छे प्रभाव बताए गए हैं. जैसे की डिजिटल रूपी का इस्तेमाल प्राइमरी फाइनेंशियल सर्विस के तौर पर किया जाता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें पेमेंट का तरीका और ज्यादा लचीला और सरल हो जाएगा.डिजिटल रूपी की मदद की मदद से रेमिटेंस यानी क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन सस्ता हो जाएगा.डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. और डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. ट्रांसफर प्रोसेस तेज होने के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी.डिजिटल रूपी के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करने बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा. साथ ही बैंकिंग सेक्टर के लिए रिस्क मॉनिटरिंग का काम भी घट जाएगा.बताया जा रहा है कि,डिजिटल रूपी पूरी तरह रेग्युलराज्ड और सेंट्रलाइज्ड होगा,जिसके कारण प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज कम होगा. यानी कुल मिलाकर डिजिटल करेंसी भारत में बिजनेस, इनवेस्टमेंट, सेविंग और शॉपिंग का तरीका बदल देगा.

डिजिटल करेंसी ई-रुपी का 1 दिसंबर को होगा पायलट लॉन्च, जानें इससे जुड़ी सभी अहम बातें

डिजिटल करेंसी ई-रुपी का 1 दिसंबर को होगा पायलट लॉन्च, जानें इससे जुड़ी सभी अहम बातें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 दिसंबर को देश की पहली डिजिटल करेंसी ई-रुपी (डिजिटल रुपी) का पायलट लॉन्च करेगा। आज इस संबंध में बयान जारी करते हुए उसने कहा कि इस पायलट लॉन्च में आठ बैंक शामिल होंगे और इसके जरिए ई-रुपी के निर्माण से लेकर इसके रिटेल उपयोग तक, पूरी प्रक्रिया की मजबूती परखी जाएगी। आइए आपको बताते हैं कि ई-रुपी आखिर है क्या, इसका कहां इस्तेमाल किया जा सकेगा और पायलट लॉन्च में क्या-क्या होगा।

क्या है ई-रुपी?

ई-रुपी भारत की मुद्रा रुपया का डिजिटल स्वरूप है। यह डिजिटल टोकन के रूप में होगा और पारंपरिक रुपये की तरह एक लीगल टेंडर होगा। इसकी कीमत रुपये के बराबर होगी यानि 100 ई-रुपी 100 रुपये के बराबर होंगे। ई-रुपी उन्हीं मूल्यों में उपलब्ध होगा जिनमें नोट और सिक्के उपलब्ध होते हैं। इसका मतलब यह केवल एक, दो, पांच, 10, 20, 50, 100, 500 और 2,000 रुपये के मूल्यों में उपलब्ध होगा। इसे आसानी से नकदी में बदला जा सकेगा।

किन-किन कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा ई-रुपी?

ई-रुपी को लगभग हर उस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिसके लिए नोट और सिक्के इस्तेमाल किए जाते हैं। यूजर्स ई-रुपी को अपने फोन में एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकेंगे और इसके जरिए किसी भी व्यक्ति या दुकानदार को भुगतान कर सकेंगे। दुकानदारों को QR कोड स्कैन करके भुगतान किया जा सकेगा। ये सारी सुविधाओं बैंकों के जरिए प्रदान की जाएंगी, हालांकि इसके लिए बैंक अकाउंट होना अनिवार्य नहीं होगा।

ई-रुपी से क्या फायदा होगा?

ई-रुपी आने से व्यापार में पैसों का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंड में बिना इंटरनेट के लेनदेन हो सकेगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा और नोटों की छपाई का खर्च बचेगा। ई-रुपी की मदद से सरकार लेनदेन पर बेहतर नजर रख सकेगी और इससे मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। रियम टाइम डाटा उपलब्ध होने के कारण ई-रुपी की मदद से बेहतर नीतियां भी बनाई जा सकेंगी।

क्या ई-रुपी और क्रिप्टोकरेंसी एक हैं?

RBI का ई-रुपी क्रिप्टोकरेंसी से कई मायनों में अलग है। क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड होती है और लीगल टेंडर नहीं मानी जाती। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बहुत अस्थिर होती है, जबकि ई-रुपी को स्थिरता और सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है। RBI का कहना है कि क्रिप्टो का प्रसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खतरे को बढ़ाता है और इसमें कालेधन का बड़े पैमाने पर निवेश होता है। ई-रुपी इन सभी मामलों में सुरक्षित होगा।

ई-रुपी के पायलट लॉन्च में क्या होगा?

ई-रुपी के पायलट लॉन्च में आठ बैकों के साथ मिलकर चरणबद्ध तरीके से पूरी व्यवस्था की मजबूती परखी जाएगी। पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC बैंक शामिल होंगे और कुछ समय बाद यूनियन बैंक, HDFC बैंक, बड़ौदा बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इसमें शामिल हो जाएंगे। शुरूआती चरण में केवल मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू और भुवनेश्वर में ये पायलट लॉन्च होगा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें और फिर अन्य नौ शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा।

न्यूजबाइट्स प्लस

अभी तक जमैका, बहामास, एंटीगुआ और बारबुडा, सेंट किट्स एंड नेविस, मॉन्सेरट, डोमिनिका, सेंट सुलिया, सेंट विन्सेंट और ग्रेनेडाइन, ग्रेनाडा और नाइजीरिया समेत 10 देशों में डिजिटल करेंसी जारी हो चुकी है। अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा आदि देश भी केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित डिजिटल करेंसी जारी करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। चीन भी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किए गए डिजिटल युआन (e-CNY) का विस्तार करने की योजना बना रहा है।

मात्र इस ₹75 के स्टॉक ने बदल दी अमिताभ बच्चन की किस्मत, IPO में किया था निवेश जाने नाम!

नमस्कार दोस्तों, आप सभी तो बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को तो जानते ही होंगे, और यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार वे करोड़पति नामक एक डेली क्विज प्रतियोगिता की मदद से लोगों को करोड़पति बन वाते हैं, पर क्या मैं अगर आपसे कहूं ऐसी कंपनी है जिसने अमिताभ बच्चन को करोड़पति बनाया हो तो क्या विश्वास करेंगे, जी हां दोस्तों आज हम आपको बताएंगे की कैसे अमिताभ बच्चन ने एक कंपनी में निवेश करके और अपने धैर्य को बनाए रख के कैसे करोड़ों का मुनाफा कमाया है, चलिए अब आपको इस कंपनी के बारे में बताते हैं

Amitabh Bachchan Multibagger Stock

कौन सी है यह करोड़पति कंपनी: जैसा कि हम सभी जानते हैं अमिताभ बच्चन एक अव्वल दर्जे के अभिनेता है, और इसके साथ ही साथ में निवेश के क्षेत्र में भी कुछ उसी प्रकार का प्रदर्शन कर रहे हैं, सिर्फ किसी एक अच्छी कंपनी में निवेश करके और धैर्य बनाए रखें कैसे आप करोड़पति बन सकते हैं आज अमिताभ बच्चन से सीखेंगे, दोस्तों दरअसल साल 2017 में एक स्माल कैप DP Wires नामक कंपनी ने अपना IPO लॉन्च किया था, पर उस समय इस IPO में स्टॉक की ज्यादा कीमत भी नहीं थी

इस IPO को उस समय साल 2017 में NSE पर लाया गया था, और इसी IPO मैं महानायक अमिताभ बच्चन ने निवेश किया था, विनिवेश के बाद उन्होंने करीब 5 सालों के लिए इस स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखी, और इसी बेहतरीन धैर्य के गुण के कारण अब जाकर अमिताभ बच्चन को इंतजार का फल मिल रहा है, और साथ ही साथ लगातार स्टॉक में तेजी भी बनी हुई है, इसके चलते निवेशकों का पैसा कुल करीब 5 गुना हो गया है

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Big B की कितनी हिस्सेदारी: पता नहीं कि साल 2017 के अक्टूबर महीने में कंपनी का स्टॉक शेयर मार्केट में लिस्ट हो गया था, और तब से अब तक अमिताभ बच्चन की हिस्सेदारी कंपनी में समान बनी हुई है, बता दें की साल 2017 के IPO में स्टॉक करीब ₹75 के रेट पर बेचा जा रहा था, और अमिताभ बच्चन ने इस कंपनी के करीब 13,41,18,400 शेयर खरीदे थे, जो कंपनी के कुल हिस्सेदारी का गरीब 2.45% है, यानी अमिताभ बच्चन इस कंपनी के करीब 2.5 प्रतिशत के मालिक हैं

और वर्तमान में कंपनी में कुल अमिताभ बच्चन के ₹13.4 करोड़ निवेशित हैं, और जैसा कि हमने आपको बताया स्टॉक की शुरुआती कीमत ₹75 थी, पूर्णिया वर्तमान में NSE पर इस स्टॉक की कीमत ₹408 पर पहुंच गई है, और अपने लिस्टिंग के बाद से वर्तमान में इस कंपनी के स्टॉक ने निवेशकों को करीब 444% का बंपर मलीबैगर रिटर्न दिया है, और इस साल में अब तक यह स्टॉक अपने निवेशकों को करीब 58% का रिटर्न दे चुका है

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Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ आंकड़ों और अनुमानों के अनुसार लिखा गया है, और हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंसियल सलाहकार नहीं है, इसलिए शेयर मार्केट (Share Market), म्यूचुअल फंड (Mutual funds) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में अपने जोखिम पर निवेश करें, अगर आपको किसी भी तरह का नुकसान होता है, तो इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे हैं

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