SIP Investment – SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें
SIP Investment – SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें यानि SIP में निवेश आपको किस प्रकार करोड़पति बन सकते है. साफ़ तौर पर आपको कितना बचत करना है, कहाँ निवेश करना है और कितना रिटर्न मिल सकता है हिंदी में विस्तार से जानकारी कि SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें. यह तो सब समझते हैं कि अमीर बनने के लिए आपको अपनी आमदनी से कम खर्चा करना है और बचत करना है और उस बचत को सही जगह पर निवेश करना है. मगर हमें यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमें कितनी बचत करनी है और कहाँ निवेश करना है. SIP के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये SIP in Hindi हमारा लेख विस्तार से पढ़ें।
SIP Investment – SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें
SIP कैलकुलटेर
यदि आपको मालूम है कि आपको अपने उद्देश्य की पूर्ती के लिए कितना पैसा चाहिए तो आज आपको बता रहे हैं कि आपको कितना निवेश करना चाहिए और कहाँ निवेश करना चाहिए. यदि आप ने एक निश्चित पूँजी प्राप्त करने का उद्देश्य हासिल करना है तो यहाँ आपको बता रहे हैं कि अगले पचीस वर्षों में आप इसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं. यदि आप अपने निवेश से एक करोड़ रुपये प्राप्त करना चाहते हैं तो यहाँ दिए गए टेबल में देख सकते हैं कि कितनी राशी प्रति माह जमा करने के बाद एक निश्चित ब्याज या रिटर्न पर आप कब एक करोड़ रुपये प्राप्त कर सकते हैं. यहां पढ़ें SIP में निवेश कैसे करें।
SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें
SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें
जानिए SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें
एक करोड़ से ऊपर की राशी नीले रंग में दिखाई गयी है.
कैसे करें बचत
यहाँ आपको बता दें कि यदि मान लीजिये कि आपका उद्देश्य एक करोड़ रुपये की पूँजी बनाना है तो मुद्रास्फीति यानी महंगाई का ध्यान रखें. यानि जो चीज आप आज एक करोड़ में प्राप्त कर सकते हैं वही चीज आप पचीस साल बाद बढ़ती महंगाई के कारण एक करोड़ में प्राप्त नहीं कर सकेंगे. इसी लिए जब आप अपना लक्ष्य निर्धारित करें तो उसमें महंगाई से होने वाली क्षति की भी गणना कर लें. इसीलिए मैंने इस टेबल में एक करोड़ से भी ज्यादा के लक्ष्य को प्राप्त करने के आंकड़े भी लिए हैं.
जो लक्ष्य आपने चुना है उसी अनुसार आपकी मासिक बचत भी होनी चाहिए. यदि आप उतनी मासिक बचत नहीं कर पा रहे हैं तो इसके लिए साधारण सा नियम है कि या तो अपनी आय बढ़ाएं या अपने खर्चे कम करें जिससे आप एक निश्चित राशी हर माह बचा सकें.
या फिर अपनी बचत को ऐसी जगह निवेश करें जहां आपको अधिक रिटर्न मिल सके.
एक करोड़ का लक्ष प्राप्त करने के लिए कैसे और कहाँ निवेश करें
अब सवाल उठता है कि अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कहाँ और कैसे निवेश करें. हर माह एक निश्चित राशी निवेश करने को कहते हैं SIP यानी Systematic Investment Plan मतलब एक पद्धतिबद्ध निवेश योजना.
अब आप यह निश्चित राशि हर माह म्यूचुअल फण्ड में भी कर सकते है, बैंक RD (Recurring Deposit) या पोस्ट ऑफिस RD में भी कर सकते हैं.
SIP Investment अपना मनवांछित रिटर्न पाने के लिए कहाँ निवेश करें?
अपने निवेश पर अधिक रिटर्न प्राप्त करने के लिए आपको अधिक रिस्क भी उठाना होगा. आप अपना लक्ष प्राप्त करने के लिए अपने निवेश को अलग अलग जगह पर भी निवेश कर सकते हैं. इससे कम रिस्क में अधिक रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है. जैसे कि हर माह केवल इक्विटी म्यूचुअल फण्ड में निवेश ना करके आधा निवेश डेट फण्ड में और आधा निवेश इक्विटी फण्ड में कर सकते हैं. यदि आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो ELSS में भी निवेश कर सकते हैं. साथ ही पढ़ें ELSS में निवेश से पहले जानने योग्य बातें हमारी साइट पर। यहाँ आपको बता रहे हैं कि आप कहाँ निवेश करके कैसा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
8 से 11%
बैंक RD
पोस्ट ऑफिस RD
PF यानि Provident Fund
डेट फण्ड
बैलेंस्ड फण्ड
ETF
इन निवेशों को अधिक सुरक्षित माना जाता है और रिटर्न के लिए सुनिश्चित रहा जा सकता है.
12 से 18%
शेयर बाजार
इक्विटी फण्ड
डाइवर्सिफाइड इक्विटी फण्ड
बैलेंस्ड फण्ड
ETF
इन निवेशों में रिस्क भी सम्मिलित मान सकते हैं मगर यदि आप पचीस वर्षों तक निवेश कर रहे हैं और SIP द्वारा निवेश कर रहे हैं तो आपका रिस्क न्यूनतम हो जाता है.
आदर्श निवेश वही होगा जो ऊपर दी गयी दोनों श्रेणियों में बाँट कर किया जाए.
तो इस लेख को पढ़ कर आप अपने निवेश और बचत के उद्देश्यों को समझने में अधिक स्पष्ट हो गए होंगे. अब आपको पता है कि अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आपको कितना और कहाँ निवेश करना है. अब आपको SIP Investment द्वारा SIP में निवेश से एक करोड़ कैसे बनायें यह बहुत आसान लग रहा होगा.
Investment Tips : इन 5 स्कीम में करें निवेश, नहीं होगी पैसों की दिक्कत
जैसे ही आप कमाना शुरू करते हैं तभी निवेश शुरू करना आपकी पहली प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए। अपनी कमाई का कम से कम 30-35% हिसा निवेश करना चाहिए। ताकि ओल्ड एज में आपको पैसे की कमी न हो।
यह वास्तव में बेहद गर्व का क्षण होता है जब आपको अपना पहली सैलरी मिलती है। आर्थिक तौर पर निर्भर से स्वतंत्र व्यक्ति बनने की दिशा में होने वाला यह बदलाव वस्तुतः आपको आत्मविश्वास और गर्व की भावना से भर देता है। इसके अलावा, यह भावना कि आपके पास भविष्य की जिम्मेदारियां उठा सकने की क्षमता आ गई है, आपको विकास के पथ पर आगे बढ़ने में मदद करती है।
अक्सर यह देखा गया है कि जब नियमित रूप से हर महीने बैंक खाते में पैसा आने लगता है तो हम खर्च को लेकर थोड़े लापरवाह हो जाते हैं। अपनी शर्तों पर जीवन का आनंद उठाना स्वाभाविक है क्योंकि अब आप स्वतंत्र हैं, हालांकि, अनियोजित ढंग से किए गए खर्च और बचत दोनों ही आगे चलकर आपकी वित्तीय स्वतंत्रता को गड़बड़ा सकते हैं। सही ढंग से वित्तीय योजना नहीं बनाने का मतलब यह नहीं है कि आप पर भारी कर्ज हो सकता है, बल्कि इसकी वजह से आपके पास उतनी बचत राशि नहीं रह सकती है जिससे आप स्वतंत्र रूप से ऐसी बड़ी योजनाएं बना सकें जिनके लिए पर्याप्त मात्रा में धनराशि की आवश्यकता होती है। इसलिए पैसे का सही तरीके से प्रबंधन करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उसे कमाना।
जैसे ही आप कमाना शुरू करते हैं तभी निवेश शुरू करना आपकी पहली प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए। आदर्श रूप से, आपको अपने करिअर की शुरुआत में अपनी कमाई का कम से कम 30-35% हिसा निवेश करना चाहिए। आप जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे, आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। लेकिन आपको निवेश के बारे में सोच-समझकर फैसले लेने चाहिए और उन वित्तीय एजेंटों से बचना चाहिए जो आपको ऐसे वित्तीय उत्पाद गलत ढंग से बेच सकते हैं जो न तो आपके लिए फायदेमंद हैं और न ही आपके लिए उपयुक्त हैं।
यहाँ वे 5 तरह के निवेश दिए जा रहे हैं जिन पर आप अपनी पहली सैलरी मिलने के बाद विचार कर सकते हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी
इक्विटी म्यूचुअल फंड में हर महीने सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? एसआईपी) गौरतलब है। एसआईपी जब एक बार रजिस्टर्ड हो जाता है तो आपके द्वारा चुनी गई तारीख पर हर महीने आपके खाते से पूर्व-निर्धारित राशि काट ली जाएगी। लंबे समय में म्यूचुअल फंड के जरिए शेयरों में निवेश करके पैसा बनाने का सबसे सुविधाजनक तरीका ‘इक्विटी में एसआईपी’ है। दीर्घावधि में आप औसतन 15% चक्रवृद्धि वार्षिक रिटर्न प्राप्त करने का अनुमान रख सकते हैं।
पीपीएफ खाता खोलें
बैंकों या डाकघर में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाता खोलना ‘डेब्ट एसेट’ में निवेश करने का एक अच्छा तरीका है। सरकारी समर्थन के साथ इसमें मिलने वाला ब्याज दर अभी भी उच्चतम रूप से 7.1% है, जो पीपीएफ को अहम बनाता है। इसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है, हालांकि आप आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं। पीपीएफ में इस तरह का निवेश न केवल आपको सुरक्षित रूप से लंबी अवधि में पैसा बनाने में मदद करता है, बल्कि इसमें वार्षिक रूप से किया जाने वाला योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट के लिए भी पात्र है। एक व्यक्ति इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपए और न्यूनतम 500 रुपए प्रति वर्ष तक निवेश कर सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लें
स्वास्थ्य-संबंधी किसी भी अप्रत्याशित खर्च से बचने के लिए यह उचित होगा कि एक हेल्थ इंश्योरेंस कवर लें। हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम अंततः एक बड़ा निवेश निर्णय साबित होगा क्योंकि यह न तो आपकी जेब से खर्च होगा, और न ही किसी चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान आपके अन्य निवेशों को संभावित रूप से प्रभावित करेगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप इसे 20-29 वर्ष की उम्र में खरीदते हैं तो आपके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम 30-39 वर्ष की उम्र में इसे खरीदने की तुलना में कम होगा।
डीमैट गोल्ड
आप अपने मासिक निवेश का लगभग 5-10% हिस्सा गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए डीमैटरियलाइज्ड गोल्ड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। फिजिकल गोल्ड रखने के बजाय डीमैट गोल्ड में निवेश करने से आपको मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा मिलती है, साथ ही इससे डाइवर्सिफिकेशन में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, फिजिकल गोल्ड की तुलना में इसे नकदी में बदलना अधिक आसान है, और इसमें वेस्टेज या मेकिंग चार्ज देने का झंझट भी नहीं है जो आपके निवेश मूल्य को कम करते हैं। न ही इसके साथ कोई भावनात्मक लगाव वाली बात है, जो इसे बेचना मुश्किल बना दे। ऐसी उम्मीद है कि अगले एक दशक में सोने की कीमतें और बढ़ेंगी, अतः डीमैट गोल्ड में निवेश पर विचार किया जा सकता है।
मासिक बचत को लिक्विड फंड में लगाएं
अपना कुल मासिक खर्च निकालने के बाद, बची हुई राशि को अपने बैंक खाते में बेकार रखने के बजाय किसी लिक्विड फंड में लगाएं। एक लिक्विड म्यूचुअल फंड अल्पावधि के लिए डेब्ट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करता है। आमतौर पर, बैंकों के बचत खाते की तुलना में लिक्विड फंड में रखे गए पैसे पर बेहतर रिटर्न मिलता है। इस तरह, आपकी बचत न केवल सुरक्षित रहती है बल्कि तुलनात्मक रूप से उस पर बेहतर ब्याज मिलता है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से मनचाही रकम निकाल सकते हैं, और बाकी पैसा निवेशित बना रहेगा। इस तरह, आप आसान उपलब्धता वाला एक आपातकालीन कोष भी बना सकते हैं जिसका उपयोग किसी संकट या विपत्ति के समय किया जा सकता है।
निवेश के विभिन्न तरीकों पर निर्णय लेते समय, एक युवा निवेशक को चाहिए कि वह इक्विटी-ओरिएंटेड निवेश साधन की ओर अधिक झुकाव वाले एसेट एलोकेशन को अहमियत दे। हालाँकि कोई स्थापित नियम नहीं है लेकिन एक अच्छा निवेश दृष्टिकोण वह है जो सुनिश्चित करे कि आपके कुल पोर्टफोलियो में इक्विटी निवेश की हिस्सेदारी 60-70% है। डेब्ट एसेट में 20-30% हिस्सा लगा सकते हैं जबकि बाकी आपको सोने में लगाना चाहिए। इक्विटी निवेश आम तौर पर लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को व्यापक अंतर के साथ मात देते हैं।
चूंकि 20-29 वर्ष के एक युवा निवेशक के पास 30 साल से अधिक का कामकाजी जीवन होता है, इसलिए उन्हें 45 साल की उम्र तक इक्विटी निवेश पर अधिक ध्यान देना चाहिए। दो दशकों से अधिक समय तक इक्विटी में हाई एक्सपोजर से न सिर्फ पर्याप्त धन सृजन होगा बल्कि इससे आपकी वित्तीय स्थिति भी काफी मजबूत बनेगी। तो निवेश की गाड़ी को न छोड़ें, और पर्याप्त धन सृजन का फायदा उठाने के लिए जल्दी निवेश शुरू करें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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म्यूचुअल फंड बनाम रियल एस्टेट- आपके निवेश के लिए कौन है बेहतर, कौन दिलाएगा बम्पर रिटर्न?
बात जब निवेश की आती है तो आपको किसी भी निवेश में पैसा लगाने से पहले कई बातों पर विचार करना पड़ता है। निवेश के विकल्पों को शॉर्टलिस्ट करते समय आपके पास स्टॉक(Stock), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), सोना.
बात जब निवेश की आती है तो आपको किसी भी निवेश में पैसा लगाने से पहले कई बातों पर विचार करना पड़ता है। निवेश के विकल्पों को शॉर्टलिस्ट करते समय आपके पास स्टॉक(Stock), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), सोना (Gold), सावधि जमा (FD) और रियल एस्टेट (Real Estate) जैसे कई विकल्प होते हैं। अगर हम लॉन्ग टर्म के बारे में बात करते हैं, तो कुछ लोग एमएफ पसंद करते हैं जबकि अन्य रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं। यहां रियल एस्टेट और म्यूचुअल फंड का निवेश साधनों के रूप में तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है।
म्यूचुअल फंड निवेश एक जोखिम भरा निवेश
शीरबुल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर शुभम अरोड़ा के मुताबिक, सभी निवेश साधनों आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? के अपने फायदे और नुकसान होते हैं लेकिन हमें रिटर्न की क्षमता, निरंतरता, सुरक्षा और बजट रेंज जैसे कारकों को अपने निर्णय के आधार पर नियंत्रित करना चाहिए। महामारी के कारण अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद, रियल एस्टेट को अभी भी लगभग एक फिक्स्ड डिपाजिट के समान ही माना जाता है। दूसरी ओर म्यूचुअल फंड निवेश एक जोखिम भरा निवेश है। प्रत्येक निवेशक को निवेश साधन की लिक्विडिटी के पहलू पर ध्यान देना चाहिए।
रियल एस्टेट निवेश के फायदे
गोयल गंगा समूह के एमडी और नारेडको पुणे के प्रेजिडेंट (चुनाव) अतुल गोयल का कहना है कि लिक्विडिटी के मामले में म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट दोनों अलग-अलग हैं। हालांकि ऐसा लगता है कि म्युचुअल फंड अधिक तरल हैं, रिस्क कोसेंट और मार्केट एक्सपोज़र लिक्विडिटी को एक चुनौती बनाते हैं। प्रॉपर्टी के मामले में ऐसा नहीं है, आपको सौदे को सील करने में कुछ महीने लग सकते हैं, लेकिन मूल्य बरकरार रहता है, और म्यूचुअल फंड के विपरीत पैसा रातों-रात गायब नहीं हो सकता है। गोयल के मुताबिक, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोगों को ब्रोकरेज में पैसा देना पड़ता है, इसके अलावा निवेशकों को घबराहट की बिक्री से भी सावधान रहना चाहिए क्योंकि इससे संपत्ति का मूल्य कम हो जाता है।
लॉन्ग टर्म के लिए रियल एस्टेट बेहतर?
आम धारणा यह रही है कि रियल एस्टेट में निवेश वर्षों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। आरपीएस ग्रुप के पार्टनर सुरेन गोयल का कहना है, “मंदी की कुछ अवधि को छोड़कर शहरों में संपत्ति की कीमतें आसमान छू गई हैं। हालांकि स्थिरता कनेक्टिविटी, भौतिक बुनियादी ढांचे, सामाजिक सुविधाओं, सड़क नेटवर्क, पड़ोस, नियोजित परियोजनाओं जैसे कारकों पर बहुत अधिक निर्भर है और इसे एक म्यूचुअल फंड / इक्विटी बाजार की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है। रियल एस्टेट उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के नजरिए से, रियल एस्टेट और संपत्ति निवेश को अभी भी प्राथमिकता दी जाती है और निवेशकों द्वारा इसे पसंद किया जाना जारी रहेगा।
20 रुपए की रोजाना बचत से ऐसे मिलेगी 10 करोड़ की मोटी रकम, जानें प्लान
How To Become Crorepati : ऐसा कौन शख्स है, जो ऐशो-आराम की जिंदगी जीना नहीं चाहता. लेकिन ऐसे लाइफ स्टाइल के लिए आपके पास बेशुमार दौलत होनी चाहिए. बस रुपये-पैसे का जिक्र आते ही हम निराश हो जाते हैं, क्योंकि बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतने धन आए तो आए कैसे? हालांकि पैसा कमाना जितना मुश्किल लगता है, वास्तव मे उतना है नहीं. अगर आप नियमित रूप से सेविंग शरू कर दें तो भविष्य में एक करोड़ नहीं 10 करोड़ रुपए तक मोटा फंड तैयार कर सकते हैं. वैसे तो इन्वेस्टमेंट करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन आप जब शुरू कर दो तब अच्छा.
60 आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? साल की उम्र में मिलेगा 10 करोड़
ऐसे में अगर आपके मन में भी अमीर बनने की चाह है और आर्थिक तौर पर मजबूत होना चाहते हैं. तो आज से इन्वेस्टमेंट शुरू कर दीजिए. इस तरह से रोजाना बचाई गई एक छोटी सी राशि भी अगर सही तरीके से निवेश की जाए तो भविष्य में आप अमीर बन सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा प्लान बताने जा रहे हैं, जिसमें हर दिन 20 रुपये यानी महीने के 600 रुपये निवेश करते हैं तो 60 साल की उम्र में 10 करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं. हालांकि यह सुनकर शायद आपको मजाक लग रहा हो, लेकिन यह पूरा सच है.
हर महीने 600 रुपये का इन्वेस्टमेंट
दरअसल, भविष्य में 10 करोड़ रुपए का फंड तैयार करने के लिए आपको म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में इन्वेस्ट करना होगा. इस क्रम में आपको लगातार निवेश के लिए एसआईपी (SIP) लेनी होगी. SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप कम से कम 500 रुपये महीने से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं. जैसा की हमनें आपको बताया कि आपको 20 रुपए रोजाना निवेश करने हैं तो आपको हर महीने कम से कम 600 रुपये की एसआईपी लेनी होगी. यह निवेश आपको 20 साल की उम्र में शुरू करना होगा.
SIP में निवेश करें पैसा
दरअसल, पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) ने शानदार रिटर्न दिया है. यहां तक कि कुछ फंड ने 12 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. इस हिसाब से अगर आप हर माह 600 रुपये की म्यूचुअल फंड में SIP लेते हैं तो 40 साल में 10 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं. लेकिन आपको 40 साल तक यह निवेश जारी रखना होगा.
दरअसल, पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) ने शानदार रिटर्न दिया है. यहां तक कि कुछ फंड ने 12 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. इस हिसाब से अगर आप हर माह 600 रुपये की म्यूचुअल फंड में SIP लेते हैं तो 40 साल में 10 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं. लेकिन आपको 40 साल तक यह निवेश जारी रखना होगा.
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