नए साल में मप्र को मिलेंगे नए 15 DIG

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के एसपी से डीआईजी पद एसएमओ प्रमोशन क्या है पर प्रमोशन वाले प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं है, बावजूद इसके नए साल में प्रदेश को नए 15 डीआईजी मिलेंगे। 2009 बैच के 15 आईपीएस का डीआईजी बनना तय है, क्योंकि अभी डीआईजी के 15 पद खाली हैं। दो डीआईजी पदोन्नत होंगे, जबकि दो डीआईजी रिटायर्ड होंगे।
इसके अलावा राज्य सरकार ने 10 डीआईजी के अतिरिक्त पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव भेजा था। इससे 2009 बैच के सभी आईपीएस डीआईजी बन सकते हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद में डीपीसी की गई थी। गृह मंत्रालय ने 28 नवंबर को सरकार को जवाब भेजा है कि आईपीएस नियमावली (वेतन) 2016 के अनुसार मध्य प्रदेश संवर्ग के आईपीएस अधिकारियों के रिक्त पदों को भरा जाए।

यह भी पढ़ें | मप्र में एनईपी कैसे हो पूरी तरह लागू, जब विद्यालयों में नहीं है जरूरी सुविधाएं

राज्य ने केंद्र को कुल 26 पदों के लिए प्रस्ताव भेजा था। 26 पदों के लिए प्रस्ताव मंजूर नहीं एसएमओ प्रमोशन क्या है हुआ था। केंद्र की अनुमानित के अनुसार 15 पदों पर ही पदोन्नति हो सकेगी। 13 अफसरों को जनवरी 2023 से पदोन्नति मिलेगी। 14वें क्रम के अफसर को अप्रैल 2023 और 15वें अफसर को जून 2023 को पदोन्नति मिलेगी।
नए साल में प्रमोशन के बाद एसपी तरुण नायक सागर, नवनीत भसीन रीवा, मुकेश कुमार श्रीवास्तव सीधी, मोनिका शुक्ला विदिशा, सुनील कुमार जैन कटनी, अवधेश गोस्वामी राजगढ़, डालूराम तेनीवार दमोह, अमित सांघी ग्वालियर, तुषारकांत विद्यार्थी निवाड़ी, सत्येंद्र कुमार शुक्ला उज्जैन, बीरेंद्र सिंह सिंगरौली और एसपी टीकमगढ़ प्रशांत खरे डीआईजी पद पर प्रमोट हो सकते हैं।

Expectations From Rajasthan Budget 2022: व्यापार संगठन प्रतिनिधियों ने दिये बजट को लेकर सुझाव, जानिए क्या है बजट से उम्मीद!

फरवरी मेें आने वाले गहलोत सरकार के बजट (Rajasthan Budget 2022-23) को लेकर तैयारियां जोरों पर है. कोरोना काल के इस बजट से खास कर उद्योग जगत को ज्यादा उम्मीदें हैं. यही वजह है कि सरकार के साथ बजट सुझाव को लेकर हुई टैक्‍स एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े व्यापारियों ने अपने सुझाव दिए .

जयपुर. गहलोत सरकार बजट (Rajasthan Budget 2022-23) को लेकर लगातार संवाद कार्यक्रम कर रही है. रायशुमारी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बैठकें हो रही हैं. सीएमओ में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत की अध्‍यक्षता में टैक्‍स एडवाइजरी कमेटी की बैठक (CM Gehlot Meet With Tax Advisory Committee) हुई. सीएम गहलोत कोरोना के कारण फिजिकली बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन वर्चुअल माध्‍यम से सीएमओ से ही बैठक की अध्‍यक्षता की.

मिटिंग में प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक और व्‍यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें व्‍यापारी कल्‍याण बोर्ड और स्‍टेट एक्‍सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का गठन, वन नेशन - वन पॉवर टैरिफ, सरसों पर स्‍टॉक लिमिट समाप्‍त करने और मंडी टैक्‍स की विसंगतियों को दूर करने और वैट पर एमनेस्‍टी स्‍कीम लाने की मांग प्रमुख है.

कोरोना को ध्यान रखकर दिए सुझाव: कोरोना काल की वर्तमान परिस्‍थितियों में प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उद्योग और व्‍यापारिक संगठनों से जो प्रमुख प्रस्‍ताव सरकार के सामने रखे (Expectations From Rajasthan Budget 2022) हैं. बैठक में फ़ोरे के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने अपना सुझाव रखते हुए कहा कि राज्य में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल का शीघ्र गठन होना चाहिए. उन्होनें कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूपी और हरियाणा की तरह प्रदर्शनी में भाग लेने के साथ ही (फ़्रेट) में सब्सिडी दी जानी चाहिए.

रीको में लंबे समय से अटके मामलों का तुरंत निस्तारण की वकालत भी अरोड़ा ने की. उन्होंने पर्यटन के विकास हेतु स्मारकों के पुनरुद्धार का कार्य शुरू कराने की मांग की. वहीं बैठक में अपनी बात रखते हुए खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि मंंडियों की स्थिति में सुधार होना चाहिए. उधर फोर्टी के उपाध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने यूडी टैक्स सहित अन्य मसलों पर अपने विचार मुख्यमंत्री गहलोत के समक्ष रखे.

यह दिए सुझाव

पूर्व प्रस्‍तावित व्‍यापारी कल्‍याण बोर्ड का गठन होना चाहिए, जिसकी ज्‍यादा से ज्‍यादा व्‍यापारियों को बोर्ड का सदस्‍य बनाया जाए और अध्‍यक्षता भी किसी प्रबुद्ध व्‍यापारी को सोंपनी चाहिए. वेयर हाउस को इंडस्‍ट्रीज का दर्जा मिलना चाहिए. रीको इंडस्‍ट्रीयल एरिया में नगर निगम का यूडी टैक्‍स वसूलने का प्रावधान है जिसे स्‍थाई रूप से समाप्‍त करने की डिमांड है.

फायर एनओसी के प्रावधान व्‍यावहारिक और आसान होने चाहिए, फायर एनओसी की शुल्‍क भी बहुत ज्‍यादा है, जिसे कम करना चाहिए. सरकार की ओर से एमएसएमई का पेमेंट (MSME Payment) समय पर होना चाहिए, पेमेंट लेट होने पर ब्‍याज मिलना चाहिए. सरकारी खरीद में प्रदेश की एमएसएमई को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

उद्योगों में एलपीजी को वैकल्‍पिक ऊर्जा के तौर पर इस्‍तेमाल करने की मंजूरी मिलनी चाहिए.पार्टनरशिप खत्‍म होने पर स्‍टाम्‍प ड्यूटी नहीं लगनी चाहिए. साबुन- डिटरजेंट पर 18 प्रतिशत जीएसटी को कम कर 5 प्रतिशत किया जाना चाहिए.

प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए डीएमआईसी प्रोजेक्‍ट में राज्‍य सरकार की ओर से तेजी से प्रयास किए जाने (Expectations From Rajasthan Budget 2022) चाहिए.चीनी पर मंडी टैक्‍स की छूट मिलनी चाहिए। चीनी पर मंडी टैक्‍स होने से चीनी का व्‍यापार मंडियों से बाहर निकलता जा रहा है. उद्योगों को महंगी बिजली से निजात एसएमओ प्रमोशन क्या है दिलाने के लिए प्रदेश में ' वन नेशन- वन पॉवर टैरिफ' का आगाज होना चाहिए. राजस्‍थान देश में इस अभियान का नेतृत्‍व करे.

प्रदेश की 6 लाख एमएसएमई जो 40 लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं, उन्‍हें 5 रुपये प्रति यूनिट के फिक्‍स चार्ज पर बिजली उपलब्‍ध होनी चाहिए, इसमें कोई हिडन चार्ज शामिल नहीं होना चाहिए. होटल और टूरिज्‍म सेक्‍टर पर कोरोना का सबसे ज्‍यादा दुष्‍प्रभाव पड़ा है, सरकर इस सेक्‍टर को , टैक्‍स, शुल्‍क और लाइसेंस में छूट देकर राहत दे सकती है. ग्रामीण क्षेत्रों की पुरानी हवेलियों को हैरीटेज होटल में तब्‍दील करने पर पंचायत में पट्टे की फीस 25 प्रतिशत है, जिसे 5 प्रतिशत करना चाहिए.

राज्‍य सरकार सुनिश्‍चित करे कि फुटवियर, फैबरिक और वुडन फर्नीचर पर जीएसटी 5 प्रतिशत से ज्‍यादा ना हो. अक्‍टूबर 2021 में बंद कर दी गई वेट पर एमनेस्‍टी स्‍कीम को 31 मार्च तक प्रभावी की जाए.

नए साल में मप्र को मिलेंगे नए 15 एसएमओ प्रमोशन क्या है DIG

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के एसपी से डीआईजी पद पर प्रमोशन वाले प्रस्ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं है, बावजूद इसके नए साल में प्रदेश को नए 15 डीआईजी मिलेंगे। 2009 बैच के 15 आईपीएस का डीआईजी बनना तय है, क्योंकि अभी डीआईजी के 15 पद खाली हैं। दो डीआईजी पदोन्नत होंगे, जबकि दो डीआईजी रिटायर्ड होंगे।
इसके अलावा राज्य सरकार ने 10 डीआईजी के अतिरिक्त पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव भेजा था। इससे 2009 बैच के सभी आईपीएस डीआईजी बन सकते हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद में डीपीसी की गई थी। गृह मंत्रालय ने 28 नवंबर को सरकार को जवाब भेजा है कि आईपीएस नियमावली (वेतन) 2016 के अनुसार मध्य प्रदेश संवर्ग के आईपीएस अधिकारियों के रिक्त पदों को भरा जाए।

यह भी पढ़ें | मप्र में एनईपी कैसे हो पूरी तरह लागू, जब विद्यालयों में नहीं है जरूरी सुविधाएं

राज्य ने केंद्र को कुल 26 पदों के लिए प्रस्ताव भेजा था। 26 पदों के लिए प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ था। केंद्र की अनुमानित के अनुसार 15 पदों पर ही पदोन्नति हो सकेगी। 13 अफसरों को जनवरी 2023 से पदोन्नति मिलेगी। 14वें क्रम के अफसर को अप्रैल 2023 और 15वें अफसर को जून 2023 को पदोन्नति मिलेगी।
नए साल में प्रमोशन के बाद एसपी तरुण नायक सागर, नवनीत भसीन रीवा, मुकेश कुमार श्रीवास्तव सीधी, मोनिका शुक्ला विदिशा, सुनील कुमार जैन कटनी, अवधेश गोस्वामी राजगढ़, डालूराम तेनीवार दमोह, अमित सांघी ग्वालियर, तुषारकांत विद्यार्थी निवाड़ी, सत्येंद्र कुमार शुक्ला उज्जैन, बीरेंद्र सिंह सिंगरौली और एसपी टीकमगढ़ प्रशांत खरे डीआईजी पद पर प्रमोट हो सकते हैं।

वीडियो: यहां एम्बुलेंस से हो रहा सपा का प्रचार!

यह मामला फतेहपुर जिले का है जहां पूर्व की अखिलेश सरकार का भूत आज भी स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियो के अन्दर से नहीं उतरा है। वहीं इस मामले में सीएमओ से बात की तो उनका कहना था की सरकार बदलते ही समाजवादी के इस्टिकर हटा दिया गया है लेकिन ऐसा है तो उसे तुरंत हटा दिया जायेगा।

आज के युवाओं की कहानी है हिंदुत्व; फ़िल्म प्रमोशन के लिये लखनऊ आये कलाकार।

लखनऊ। हिंदुत्व आज के युवाओं की कहानी है। फिल्म अपने प्रमुख पात्रों के माध्यम से हिंदू धर्म की गहराई की पड़ताल करती है। फ़िल्म प्रमोशन के लिये इस के कलाकार आशीष शर्मा, अंकित राज, सोनालिका भदौरिया के साथ निदेशक करन राजदान के साथ मौजूद रहे।

फ़िल्म में दोस्ती, प्यार और छात्र राजनीति की कहानी है। भरत शास्त्री (आशीष शर्मा) उत्तरी भारत के एक विशिष्ट हिंदू लड़के का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अपने श्लोकों और वेदों को जानता है। वो उत्तराखंड के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ता है। वह एक गौरवान्वित हिंदू हैं। लेकिन वह अभी भी अपने आस-पास के विभिन्न पात्रों के माध्यम से हिंदुत्व की खोज करने की प्रक्रिया में है। शुरुआत करने के लिए, उनके पिता [अनूप जलोटा] जो एक पंडित और मंदिर के पुजारी हैं। इसके अलावा अपने गुरुमा [दीपिका चिखलिया] और एक दक्षिणपंथी राजनीतिज्ञ भालेराव [गोविंद नामदेव] के माध्यम से वो हिंदुत्व का सार जान ने की कोशिश करता है। सपना गुप्ता (सोनारिका भदौरिया) वह ब्रिटेन से भारत शिफ्ट हो गई हैं। वह पश्चिम में पली-बढ़ी है। वह सोचती है कि हिंदू धर्म कट्टरपंथी विचारधारा है। वह भारत को सांप्रदायिक और कट्टरपंथी पाती हैं। समीर सिद्दीकी वह एक लोकप्रिय छात्र नेता हैं जो मानते हैं कि उनके समुदाय के साथ भेदभाव किया जा रहा है। वह एक वामपंथी होने का ढोंग करता है, लेकिन अपने समुदाय की रक्षा के लिए लड़ रहा है। वह सपना से प्यार करता है, और सपना भी विश्वविद्यालय में उसकी गतिशीलता और नेतृत्व से प्यार करता है।

क्या समीर सपना को इस्लाम में बदलने और उससे शादी करने का सपना देखता है? हमें पता नहीं। लेकिन उनके माता-पिता उदार एसएमओ प्रमोशन क्या है मुसलमान हैं। वे भरत को पुत्र के समान प्रेम करते हैं। विडंबना यह है कि भरत और समीर बचपन के दोस्त रहे हैं। लेकिन अब वे अपनी-अपनी विचारधाराओं से बंट गए हैं। भालेराव [गोविंद नामदेव] भरत को विश्वविद्यालय चुनाव लड़ने और समीर सिद्दीकी के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता है। फिर कुछ ऐसा होता है, कि एक चेन रिएक्शन शुरू हो जाता है। सपना को बदलते पक्षों की ओर ले जाता है। समीर प्यार में कटु हारा हुआ होता जा रहा है। और भरत को दुनिया को यह साबित करने के लिए संघर्ष करते रहना होगा कि हिंदुत्व का सही अर्थ वसुधैव कुटुम्बकम है।फिल्म वास्तव में हिंदू धर्म की गहराई का परीक्षण करती है। और देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रचार।

रेटिंग: 4.81
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 840