E-Rupee

डिजिटल रुपया क्या है, यह कैसे काम करता है। विस्तार से जानिए

अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और व्यवसायों को खुश करने की संभावना वाले एक कदम में, भारत सरकार ने डिजिटल रुपये पेश करने का फैसला किया है। नए इलेक्ट्रॉनिक रुपये पेटीएम और एम-पेसा जैसे मौजूदा ई-मनी प्लेटफॉर्म के समान होंगे, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा समर्थित होंगे।

आरबीआई पिछले कुछ डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं समय से डिजिटल रुपये की अवधारणा पर काम कर रहा है, और लॉन्च के साथ आगे बढ़ने का निर्णय पिछले हफ्ते केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया था। डिजिटल रुपये नियमित कागजी मुद्रा के साथ मौजूद होंगे, और भारत में सभी लेनदेन के लिए कानूनी निविदा के रूप में स्वीकार किए जाएंगे।

कागजी मुद्रा की तुलना में डिजिटल रुपये के कई फायदे हैं। एक के लिए, उन्हें नकली बनाना अधिक कठिन है।

कागजी मुद्रा की तुलना में डिजिटल मुद्रा के लाभ

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कागजी मुद्रा की तुलना में डिजिटल मुद्रा के लाभ
भारत सरकार कागजी मुद्रा को डिजिटल रुपये से बदलने की योजना बना रही है, और इस बदलाव के कई फायदे हैं।

एक के लिए, नकली के लिए डिजिटल रुपये अधिक कठिन हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे एक सुरक्षित सर्वर पर संग्रहीत हैं और प्रत्येक लेनदेन को रिकॉर्ड किया जाता है। इससे सरकार के लिए जालसाजों को ट्रैक करना और उनकी जांच करना आसान हो जाएगा।

डिजिटल रुपये का एक और फायदा यह है कि इन्हें आसानी से विभाजित या गुणा किया जा सकता है। इससे लोगों के लिए कम मात्रा में लेन-देन करना आसान हो जाएगा, जो कागजी मुद्रा से संभव नहीं है।

डिजिटल रुपये बड़ी मात्रा में नकदी के लिए भंडारण स्थान की आवश्यकता को भी डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं समाप्त कर देगा। इससे घरों और व्यवसायों में जगह खाली होगी, साथ ही चोरी का खतरा भी कम होगा।

कुल मिलाकर, डिजिटल रुपये कागजी मुद्रा की तुलना में लेनदेन करने का अधिक सुरक्षित और कुशल तरीका प्रदान करते हैं।

डिजिटल रुपया कैसे और कहाँ इस्तेमाल किया जाएगा

नए डिजिटल रुपये का इस्तेमाल नियमित रुपये की तरह ही सामान और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाएगा। हालांकि, डिजिटल रुपया आपके मोबाइल फोन के डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाएगा। आपको वॉलेट को Google Play Store या App Store से डाउनलोड करना होगा। एक बार जब आप वॉलेट डाउनलोड कर लेते हैं, तो आप अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके इसमें पैसे जोड़ सकते हैं। आपके डिजिटल वॉलेट के पैसे का उपयोग ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए किया जा सकता है।

डिजिटल रुपया आपके मोबाइल फोन का उपयोग करके चीजों के भुगतान का एक नया तरीका है। डिजिटल रुपया आपके मोबाइल फोन पर एक डिजिटल वॉलेट में जमा होता है। आप अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके अपने डिजिटल वॉलेट में पैसे जोड़ सकते हैं। आपके डिजिटल वॉलेट के पैसे का उपयोग ऑनलाइन या व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए किया जा सकता है।

भारत में डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा

डिजिटल रुपया परियोजना की घोषणा पहली बार फरवरी 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की गई थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक भारतीय रुपये का डिजिटल संस्करण लॉन्च करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।

हालांकि, डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा, इसकी कोई समयसीमा नहीं बताई गई है। दास ने केवल इतना कहा है कि आरबीआई परियोजना पर सरकार के साथ “निकटता से काम” कर रहा है।

डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने से पहले कई कारकों पर विचार करने की आवश्यकता होती है, जैसे सुरक्षा और नियामक मुद्दे। इसलिए यह संभावना है कि जब तक इन मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक डिजिटल रुपया लॉन्च नहीं किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक भारत में डिजिटल रुपया 2024 तक लॉन्च हो जाएगा

आरबीआई द्वारा जारी किया जाने वाला डिजिटल रुपया क्या है?

RBI के अनुसार, “CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया गया कानूनी निविदा है

Digital Currency: कैसे कर सकेंगे डिजिटल रूपी का इस्‍तेमाल? किन किन चीजों को खरीदने में आएगा काम

RBI Digital Rupee: रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है.

Digital Currency: कैसे कर सकेंगे डिजिटल रूपी का इस्‍तेमाल? किन किन चीजों को खरीदने में आएगा काम

RBI Digital Currency: 1 नवंबर से डिजिटल रुपी का इस्तेमाल होलसेल ट्रांजेक्‍शन के लिए किया जाएगा.

RBI Digital Rupee: देश में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी (Digital Rupee) की शुरुआत हो रही है. रिजर्व बैंक आज यानी 1 नवंबर 2022 को अपने डिजिटल करेंसी को लॉन्‍च कर रहा है. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है. शुरूआत में डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं इस प्रोजेक्ट में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के करीब 9 बैंकों को जोड़ा गया है. हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. अभी होलसेल ट्रांजेक्‍शन में इस्‍तेमाल किया जाएगा. 1 महीने के अंदर इसका रिटेल इस्‍तेमाल भी हो सकेगा. सवाल उठता है कि आखिर इसका इस्‍तेमाल कैसे किया जा सकेगा. इस बारे में रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कुछ जानकारियां दी हैं.

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित

डिजिटल रूपी ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित होगा. इसका इस्‍तेमाल उसी तरह से होगा, जैसे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है. आरबीआई के अनुसार यह पेमेंट का माध्‍यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा. इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगल टेंडर नोट (मौजूदा करेंसी) के बराबर ही होगी. देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी. RBI द्वारा रेगुलेट किए जाने से यह सेफ होगा. CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.

इन 9 बैंकों को किया गया है सेलेक्‍ट

रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद इसमें और बैंकों को भी जोड़ा जाएगा.की

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अभी कहां हो सकेगा इस्‍तेमाल

1 नवंबर से डिजिटल रुपी का इस्तेमाल होलसेल ट्रांजेक्‍शन के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद बिक्री के लिए होगा. लेकिन एक महीने के अंदर रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए भी इसको इस्तेमाल लाया जाएगा.

रोजमर्रा की चीजें भी खरीद सकेंगे

डिजिटल रुपी के 2 फॉर्म हैं. पहला रिटेल (CBDC-R) और दूसरा होलसेल (CBDC-W) इस्‍तेमाल के लिए. रिटेल CBDC सभी कंज्‍यूमर यानी प्राइवेट सेक्‍टर, नॉन फाइनेंशियल कंज्‍यूमर्स और बिजनेस के लिए होगा. जबकि होलसेल CBDC सेलेक्‍टेड फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस के लिए होगा. रिटेल CBDC रिटेल ट्रांजेक्‍शन का ही इलेक्‍ट्रॉनिक वर्जन है. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे.

कैसे कर सकेंगे इस्‍तेमाल

E-Rupee को आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसके अलावा यूजर्स इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट भी करा सकेंगे. आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए इस डिजिटल रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा. ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल को इस्तेमाल कर सकेंगे. डिजिटल रुपी को UPI से भी जोड़े जाने की तैयारी है.

डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत में कमी आएगी. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी के आने से देश की मौजूदा ट्रांजेक्‍शन सिस्‍टम में कोई बदलाव नहीं होगा. इससे लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकेंगे

अगर आपका भी है इन 4 बैंकों में खाता तो 1 दिसंबर से कर पाएंगे Digital Rupee का इस्तेमाल, जानें आम आदमी को किस तरह होगा फायदा

यूजर्स मोबाइल फोन में मौजूद डिजिटल वॉलेट से डिजिटल रुपये के जरिए लेन-देन कर पाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में घोषणा करते हुए कहा था कि वह जल्द ही खास इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च शुरू करेगा. इसके लेनदेन आरबीआई के नियमों के दायरे में आएंगे.

E-Rupee

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2022,
  • (Updated 29 नवंबर 2022, 11:55 PM IST)

ई-रुपी (e₹-R) डिजिटल टोकन का काम करेगा

बैंक नोटों की तरह ही डिजिटल रुपये को स्टोर कर सकेंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 दिसबंर से रीटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) लॉन्च करने की घोषणा की है. डिजिटल करेंसी के लिए यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है. इससे पहले आरबीआई ने 1 नवंबर को होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपये को लॉन्च करने की घोषणा की थी. ई-रुपया भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी और प्रबंधित एक कानूनी डिजिटल मुद्रा है और इसके लेनदेन भी आरबीआई के नियमों के दायरे में आएंगे.

डिजिटल टोकन के रूप में होगा ई-रुपया

इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नाम दिया गया है. देश की चुनिंदा जगहों पर एक दिसंबर से इसका रोलआउट किया जाएगा. इसके रोलआउट में कस्टमर से लेकर मर्चेंट को भी शामिल किया जाएगा. आरबीआई ने एक बयान में कहा, ई-रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा. इसे उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह वैध और मान्य है. इसका इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया जा सकता है.

डिजिटल वॉलेट के माध्यम से कर पाएंगे लेन देन

आम आदमी डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये का लेनदेन कर पाएगा. केंद्रीय बैंक ने कहा, ई-रुपये के जरिए लेनदेन पर्सन टू पर्सन (पी2पी) और पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम) दोनों हो सकते हैं. मर्चेंट के पास दिख रहे क्यूआर (QR) कोड्स के जरिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. आप बैंक नोटों की तरह ही डिजिटल रुपये को स्टोर कर सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में घोषणा करते हुए कहा था कि वह जल्द ही खास इस्तेमाल के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) का पायलट लॉन्च शुरू करेगा.

आरबीआई ने इन बैंको को चुना

आरबीआई ने इस पायलट लॉन्च के लिए आठ बैंकों को चुना है. पहले चरण की शुरुआत चार बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ चार शहरों में होगी. बाद में इस पायलट में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को शामिल किया जाएगा.

इन शहरों से होगा शुरू

अगर आपका खाता भी इन बैंकों में है तो आप भी डिजिटल करेंसी का उपयोग कर पाएंगे. इसकी शुरुआत मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर से होगी. बाद में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक बढ़ाया जाएगा. आरबीआई ने कहा कि सभी बैंकों को शामिल करने के लिए पायलट के दायरे को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. जैसे-जैसे पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च की सीमा और दायरे का विस्तार होगा, आरबीआई ई-रुपये की खास विशेषताओं और लाभों के बारे में समय-समय पर लोगों की बताएगी.

Digital Currency: डिजिटल करेंसी आने के बाद मौजूदा पेमेंट ऐप्स का क्या होगा? यहाँ जानिए इससे जुड़ी सारी बातें

डिजिटल करेंसी, फिजिकल करेंसी के जितना ही मूल्यवान होगी. (फ़ोटो: cnbc tv18)

डिजिटल रुपया मौजूदा भुगतान विधियों का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि भुगतान का एक नया तरीका है. यह पारंपरिक डिजिटल लेनदेन . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : December 02, 2022, 15:04 IST

हाइलाइट्स

डिजिटल रुपया मौजूदा भुगतान विधियों का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि भुगतान का एक नया तरीका है.
डिजिटल करेंसी के माध्यम से आप पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट दोनों तरह की लेनदेन कर डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं सकेंगे.
डिजिटल करेंसी का उपयोग सामान्य मुद्रा की तरह ही भुगतान के लिए किया जा सकेगा.

नई दिल्ली. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर, 2022 को खुदरा डिजिटल रुपये के लिए पहला पायलट लॉन्च करने की घोषणा की है. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC के रूप में जाना जाता है. यह रिज़र्व बैंक का डिजिटल करेंसी को प्रचलन में लाने और कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने का एक तरीका है. डिजिटल करेंसी को लेकर सभी के मन में बहुत से सवाल है. इनमें से कुछ बातें हम यहाँ आपको बता रहे हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल रुपया मौजूदा भुगतान विधियों का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि भुगतान का एक नया तरीका है. यह पारंपरिक डिजिटल लेनदेन की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक होगा, जिसमें आपके बैंक से डिजिटल रुपये खरीदना और उसके बाद वॉलेट से वॉलेट में लेनदेन किया जा सकेगा. यह एक ब्लॉकचेन पर डिजिटल टोकन फॉर्म में मुद्रा है.

बैंक को शामिल किए बिना हो सकेगी लेनदेन
डिजिटल करेंसी यूपीआई से काफी अलग है जो कि आपके बैंक खाते से लेनदेन करती है. खुदरा CBDC के जरिए आप किसी बैंक को बीच में शामिल किए बिना लेनदेन कर सकेंगे. डिजिटल करेंसी फिजिकल करेंसी के जितना ही मूल्यवान होगी. खुदरा डिजिटल मुद्रा को दो स्तरों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा. पहले चरण में आरबीआई चार वाणिज्यिक बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को डिजिटल रुपये का वितरण करेगा. इसके बाद ये बैंक उपभोक्ताओं को मुद्रा वितरित करेंगे. इसमें शामिल बैंकों के मोबाइल फोन पर उपलब्ध डिजिटल वॉलेट के जरिए आप डिजिटल रुपये के साथ लेनदेन कर सकेंगे.

चरणों में की जाएगी डिजिटल करेंसी की शुरुआत
आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से आप पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों तरह की लेनदेन कर सकेंगे. मर्चेंट को भुगतान क्यूआर कोड का उपयोग करके किया जा सकता है. इसे चरणों में लागू किया जाएगा. दूसरे चरण में चार डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं और बैंकों, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक पायलट में शामिल होंगे. पायलट शुरू में चार शहरों मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसे विस्तारित किया जाएगा.
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डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल करने के नियम
डिजिटल करेंसी को उपयोग करने के नियमों पर अभी भी काम किया जा रहा है, लेकिन जो जानकारी उपलब्ध है वो यह कि इसे एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाएगा, जिसे किसी व्यक्ति के आधार नंबर से जोड़ा जा सकता है. डिजिटल रुपये को आईबीआई का समर्थन प्राप्त होगा यानी इसका मूल्य फिजिकल रुपये के समान ही होगा. डिजिटल करेंसी का उपयोग सामान्य मुद्रा की तरह ही वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए किया जा सकेगा. इसके अलावा मोबाइल फोन से सहायता से डिजिटल रुपये को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या किसी मर्चेंट को भुगतान किया जा सकेगा.

डिजिटल करेंसी से लागत कम होने की उम्मीद
डिजिटल करेंसी से लेन-देन करने में बिचौलियों की कोई जरूरत नहीं होगी. इससे डिजिटल करेंसी से लेन-देन में लागत कम होने की उम्मीद है. इससे व्यावसायिक लेनदेन पर लगने वाले शुल्क को भी बचाया जा सकेगा. हालांकि, डिजिटल करेंसी को फिलहाल घरेलू उपयोग को ध्यान में रखकर लागू किया जा रहा है लेकिन रिज़र्व बैंक के जल्द ही सीमा पार लेनदेन के लिए काम शुरू करने की उम्मीद है.

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Digital Rupee : कल से आम आदमी भी करेंगे डिजिटल रुपये में भुगतान, किस बैंक का वॉलेट आएगा काम?

आरबीआई ने डिजिटल रुपये के ट्रायल के लिए 9 बैंकों को दिया नया प्लेटफॉर्म.

आरबीआई ने डिजिटल रुपये के ट्रायल के लिए 9 बैंकों को दिया नया प्लेटफॉर्म.

Digital Rupee Launch : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा स्तर पर डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 30, 2022, 11:06 IST

हाइलाइट्स

डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं.
यूजर्स भागीदार बैंकों की ओर से पेश किए गए और मोबाइल फोन पर स्टोर डिजिटल वॉलेट से लेनदेन कर सकेंगे.
व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है.

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खुदरा स्तर पर डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की है. आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि वह 1 दिसंबर से रिटेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के लिए पायलट प्रोजेक्ट लेकर आएगा. आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जो लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा होगी. आरबीआई ने कहा है कि वह एक दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (e₹-R) के लिए पहली खेप लॉन्च करेगी.

आरबीआई ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं. यानी नोट के मूल्‍य जितना ही डिजिटल रुपया भी होगा. आरबीआई ने कहा कि एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) में चुनिंदा जगहों पर यह परीक्षण किया जाएगा. इसमें ग्राहक एवं बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे.

डिजिटल वॉलेट के जरिए होगा लेनदेन
यूजर्स भागीदार बैंकों की ओर से पेश किए गए और मोबाइल फोन पर स्टोर डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-आर (e₹-R) के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे. आरबीआई ने कहा कि लेनदेन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों हो सकते हैं. वहीं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है.

ये चार बैंक होंगे शामिल
डिजिटल रुपये के खुदरा उपयोग के इस परीक्षण में भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत चार बैंक शामिल होंगे. यह परीक्षण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. डिजिटल रुपये को बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा और उपयोगकर्ता पायलट परीक्षण में शामिल होने वाले बैंकों की तरफ से पेश किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपये में लेनदेन कर पाएंगे.

आरबीआई ने कहा कि यह डिजिटल रुपया परंपरागत नकद मुद्रा की ही तरह धारक को भरोसा, सुरक्षा एवं अंतिम समाधान की खूबियों से भी लैस होगा. नकदी की ही तरह डिजिटल रुपया के धारक को भी किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा और इसे बैंकों के पास जमा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

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