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SOVEREIGN GOLD BONDS SCHEME 2022-23 Tranche-III opens from 19th Dec – 23rd Dec, 2022
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कैसे खुद तय करें बेस्ट म्यूचुअल फंड्स और करें निवेश
जब म्यूचुअल फंड लोगों के बीच इतना मजबूत से अपनी पैठ बना रहा है तब यह जरूरी हो जाता है कि यह सभी को जान लेना चाहिए कि कोई म्यूचुअल फंड लेने से पहले उसकी पहचान कैसे की जाए.
म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual fund investment) पर प्रतीकात्मक फोटो
समय बदल रहा है और करीब एक दशक होने के आया है जब से म्यूचुअल फंड्स लोगों के बीच काफी लोकप्रिय निवेश का माध्यम बन गया है. 1963-64 से आरंभ होकर म्यूचुअल फंड्स करीब पांच दौर देखें हैं. वर्तमान में पांचवां दौर जारी है जो मई 2014 से माना जा रहा है. सेबी के प्रयास रंग लाने लगे और टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में भी लोगों ने म्यूचुअल फंड में निवेश का लाभ लेना आरंभ कर दिया था. 31 मई 2014 तक म्यूचुअल फंड का AUM करीब 10 ट्रिलियन रुपये को पार कर गया था. इसके बाद दो साल के कार्यकाल में ही AUM दो गुना से ज्यादा हो गई यानि करीब 20 ट्रिलियन रुपया (20 लाख करोड़़). यह आंकड़ा अगस्त 2017 में छुआ गया और नवंबर 2020 तक यह आंकड़ा 30 ट्रिलियन रुपया को पहली बार छू गया. 31 अक्टूबर 2017 करीब 6.32 करोड़ लोगों के फोलियो रजिस्टर्ड थे और 31 अक्टूबर 2022 तक इसमें भी दोगुना से ज्यादा का उछाल आया और यह करीब 14 करोड़ के आस पास पहुंच गया.
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अक्टूबर 2017 के बाद से हर निवेश क्या होता हैं महीने लगभग 12.65 लाख फोलियो हर महीने जुड़े हैं. म्यूचुअल फंड में लोगों के इस बढ़े रुझान के पीछे केवल दो कारण सबसे अहम रहे. एक SEBI द्वारा नियमों में बदलाव कर लोगों के विश्वास को बहाल करते रहने का प्रयास और दूसरा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स द्वारा समय पर दिया गया सपोर्ट. इतना ही नहीं अप्रैल 2016 तक SIP खाता धारक जहां एक करोड़ पार कर गए थे वहीं, 31 अक्टूबर 2022 तक SIP खाताधारकों की संख्या करीब 6 करो़ड़ तक पहुंच गई.
जब म्यूचुअल फंड लोगों के बीच इतना मजबूत से अपनी पैठ बना रहा है तब यह जरूरी हो जाता है कि यह सभी को जान लेना चाहिए कि कोई म्यूचुअल फंड लेने से पहले उसकी पहचान कैसे की जाए.
अमूमन म्यूचुअल फंड को एक्सपर्ट ही मैनेज करते हैं. इन लोगों को फंड मैनेजर कहा जाता है. यह फंड मैनेजर यह देखते हैं कि कहां निवेश करने से निवेशकों को ज्यादा लाभ होगा यानि ज्यादा रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जो निवेश का जोखिम खुद उठाने में सक्षम नहीं होते. ये लोग बाजार के बारे में और कंपनियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के चलते ऐसे फंड मैनेजरों की राय पर काम कर सकते हैं.
बेस्ट म्यूचुअल फंड वो होते हैं जो ज्यादा और लगातार रिटर्न देते हैं यानि निवेश करने पर लगातार बेहतर परिणाम देते हैं. ऐसे म्यूचुअल फंड चुनने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए. माना जाता है कि बेस्ट म्यूचुअल फंड पहचानने के लिए सबसे पहले इन तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए. परफॉरमेंस, रिस्क और कॉस्ट. इन तीनों के जोड़-तोड़ से एक फंड तैयार किया जाता है. इक्वीटी के लिए अलग रेशियो का अलग सेट होता है वहीं डेब्ट के लिए अलग होता है. कुछ फंड मैनेजर इसमें सबकैटेगरी पर भी स्टडी कर अपनी राय बनाते हैं.
Performance Score (प्रदर्शन स्कोर) - यह सूचना अनुपात, अप कैप्चर अनुपात, YTM आदि जैसे कई अनुपातों से बना है। यह रिटर्न उत्पन्न करने में फंड की स्थिरता को मापने में मदद करता है, बेंचमार्क के संबंध में बेहतर प्रदर्शन, बेंचमार्क को मात देने में स्थिरता और ऋण के लिए अपेक्षित रिटर्न फंड अगर परिपक्वता तक आयोजित किया जाता है.
Risk Management Score (जोखिम प्रबंधन स्कोर) - जोखिम प्रबंधन स्कोर में सॉर्टिनो, मानक विचलन, डाउन कैप्चर अनुपात, क्रेडिट रेटिंग आदि जैसे अनुपात शामिल होते हैं. यह फंड की नकारात्मक जोखिम की संभावना का आकलन करने में मदद करता है, चाहे फंड बाजार सुधार और इसकी साख के दौरान अपने नुकसान को नियंत्रित करने में सक्षम निवेश क्या होता हैं हो.
Cost Score (लागत स्कोर) यह फंड के व्यय अनुपात को ध्यान में रखता है.
हम इनमें से प्रत्येक पैरामीटर के लिए स्कोर की गणना करते हैं और एक श्रेणी के लिए इन स्कोर को सामान्य करते हैं. हम प्रत्येक प्रदर्शन स्कोर, जोखिम स्कोर और लागत स्कोर को वेटेज देते हैं और एक अंतिम स्कोर पर पहुंचते हैं. इन अंतिम अंकों का उपयोग किसी फंड की श्रेणी के भीतर रैंकिंग करने के लिए किया जाता है.
Equity Mutual Funds (इक्विटी म्युचुअल फंड)
इन फंडों का पोर्टफोलियो मुख्य रूप से इक्विटी पर केंद्रित होता है. इस प्रकार, एक निवेशक अपने इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश से जो रिटर्न कमाता है, वह मुख्य रूप से फंड की इक्विटी होल्डिंग्स के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण इक्विटी में उचित मात्रा में जोखिम होता है. जोखिम बाद में इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी परिलक्षित होता है. हालांकि, म्यूचुअल फंड के रिटर्न में उतार-चढ़ाव कुछ समय के लिए ही रहता है. इक्विटी आधारित म्युचुअल फंड का लंबे समय में रिटर्न के मामले में एक उत्कृष्ट प्रदर्शन इतिहास रहा है.
निवेश क्या होता है और कितने प्रकार का होता है ?
क्या आपको पता है इन्वेस्टमेंट यानी निवेश क्या होता है और क्यों दुनिया सारे बड़े लोग इन्वेस्टमेंट करते हैं और यह कितने प्रकार का होता है ? अगर नहीं तो इस ब्लॉग को पूरा पढ़िए आज आपको इस ब्लाग के माध्यम से पता चलने वाला है इन्वेस्टमेंट क्या होता है यानी निवेश क्या होता है और कितने प्रकार का निवेश होता है।
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Investing |
निवेश क्या होता है? ( What is an Investment in Hindi ) –
इन्वेस्टमेंट यानि निवेश का मतलब होता है की हम अपने पैसे को ऐसी जगह लगाए जहाँ से हमे भविष्य में लगाए हुए पैसे से ज्यादा पैसे मिल सके। और लगाए हुए पैसो पर जितने पैसे ज्यादा मिलते हैं उसे हम अपने निवेश का Return कहते है।
जैसे – अगर हम किसी कंपनी में ५० हजार का निवेश करते हैं और हमे उस कंपनी से ७० हजार मिलता है तो इसमें ५० हजार हमारा निवेश हो जायेगा और २० हजार Return हो जायेगा जो हमें उस कंपनी में इन्वेस्ट किये पैसे से मिला है। या फिर एक निवेशक अब इस विचार के साथ एक संपत्ति खरीद सकता है कि भविष्य में ये सम्पति
निवेश कितने प्रकार का होता है ( Types of an Investments) –
वैसे तो मार्किट में और भी तरीके के इन्वेस्टमेंट होते हैं लेकिन वे सभी कहीं न कहीं इन्ही चार तरीको पर आधारित होते हैं। दूसरे प्रकार के निवेश जैसे –
आखिर क्यों दुनियाँ के सबसे अमीर लोग इन्वेस्टमेन्ट करते हैं ?
रोबर्ट कियोसाकि ने अपने किताब रिच डैड पुअर डैड में कहा है की अमीर लोग सिर्फ पैसे के लिए काम नहीं करते, बल्कि वे पैसो को अपने लिए काम करवाते हैं, और गरीब लोग केवल पैसे के लिए काम करते हैं और यही अंदर होता है अमीर और गरीब लोगो में। What is Investment in Hindi
और पैसो को अपने लिए काम करवाने का एक ही तरीका है अपने पैसो को अच्छी जगह इन्वेस्ट करना जो की अमीर लोग करते हैं ।
अमीर लोग जानते हैं कि वह 1 दिन में 12 घंटे ही काम कर सकते हैं जिससे वह पैसे कमा सकें पर अगर वह 12 घंटे में कमाए हुए पैसे को सेव करके अच्छी जगह इन्वेस्ट करते हैं तो उनके साथ-साथ उनके इन्वेस्ट किए हुए पैसे भी उनके लिए पैसे बना सकते हैं और जो इन्वेस्ट की है पैसों से रिटर्न आएगा उन पैसों को इन्वेस्ट करके और कैसे बना सकते हैं।What is Investment in Hindi
और इसीलिए हमें लोग थोड़े से पैसे को इन्वेस्ट कर के बहुत सारे पैसे बना लेते हैं और बहुत अमीर बन जाते हैं इन्वेस्टमेंट उन्हें काम उन लोगों से रिच और फिर उसके बाद बहुत अमीर बना देती है। इसी वजह से अमीर लोग इन्वेस्टमेंट करते हैं।
निवेश करना जरूरी क्यों है ?
अमीर बनने के लिए निवेश तो करना ही चाहिए और एक दूसरे दिन होता है इन्फ्लेशन जिसे हम हिंदी में मुद्रास्फीति कहते हैं। इन्फ्लेशन का मतलब है महंगाई जैसे पहले 1 किलो चीनी ₹20 में आ जाती थी लेकिन अब 1 किलो चीनी ₹40 मिलता है। इसका क्या मतलब है इसका मतलब है पहले कि ₹20 आज के ₹40 के बराबर है और इन्फ्लेशन इसी तरह पैसे की वैल्यू को कम कर देता है। हम लोग इन्फ्लेशन को नहीं समझ पाते हैं और वह इसीलिए गरीब ही रहते हैं। वह इतनी तेजी से अपनी इनकम को नहीं बना सकते जितनी तेरी सी इन्फ्लेशन बढ़ती जाती है और इसीलिए वे गरीब बने रहते हैं। What is Investment in Hindi
हमें कहां निवेश करना चाहिए ?
इंडिया में लोग तीन जगह इन्वेस्ट करते हैं पहला गोल्ड दूसरा रियल स्टेट और तीसरा स्टॉक मार्केट। और लोग इन्हें 3 तारीख को को बेस्ट मानते हैं इन्वेस्ट करने के लिए तो क्या यह तीनों तरीका इन्वेस्ट करने के लिए बेस्ट है तो इन्वेस्ट हम इसलिए करते हैं ताकि हमें ज्यादा रिटर्न्स मिल सके।
तो चलिए देखते हैं हमें ज्यादा रिटर्न्स किस में मिलते हैं। पिछले 40 सालों में सोना यानी गोल्ड का CAGR 9.84% दिया है और रियल एस्टेट का CAGR 12.47% हैं। और शेयर मार्किट का CAGR 16.16 है। तो अगर हमे लम्बे समय के इन्वेस्टमेंट करना है तो शेयर मार्किट बेस्ट तरीका है। What is Investment in Hindi
और दोस्तों अगर आप शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो आपको उसके लिए एक डीमैट खाता चाहिए होता है जिससे आप शेयर मार्किट में निवेश कर सकेंगे। डीमैट खाता खोलवाने के लिए आप नीचे दिए लिंक की सहायता से UPSTOX का अप्प डाउनलोड करके आसानी से अपना खाता खोल सकते हैं।
Mutual Fund: इन 5 म्यूचुअल फंड में नए साल से करें निवेश, मिलेगा सबसे तगड़ा रिटर्न
बिजनेस डेस्क | अगर आप नए साल पर किसी जगह अपनी पूंजी निवेश करने की सोच रहे हैं जहां आपको मोटा रिटर्न मिलें तो आप Mutual Fund को पसंद कर सकते हैं. हालांकि, म्यूचयल फंड को अक्सर निवेश का एक मुश्किल जरिया माना जाता है लेकिन इसमें निवेश करने की प्रक्रिया बेहद आसान है. यहां निवेश करने पर आपको कई तरह के Benefit मिलेंगे. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि नए साल पर आप किन म्यूचुअल फंड में निवेश कर तगड़ा Return कमा सकते है.
SBI Contra Fund
इस म्यूचुअल फंड को क्रिसिल ने रैंकिंग में नंबर-1 पर रखा है. इसमें निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है. यहां पिछले तीन साल के दौरान निवेशकों को 31.85% का वार्षिक रिटर्न मिला है,जिसे बहुत ही बेहतरीन माना जाता है. ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक SBI Contra फंड के टॉप होल्डिंग्स है. यह जोखिम वाला निवेश है क्योंकि बड़ी राशि में फंड इक्विटी में लगा होता है.
Quant Small Cap Fund
क्रिसिल ने इस फंड को भी नंबर-1 की रैंकिंग दी है. इसमें स्मॉल कैप कंपनियों के पोर्टफोलियो में निवेश करके लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है. यहां भी पिछले तीन साल के दौरान निवेशकों को सालाना करीब 56 प्रतिशत का रिटर्न मिला है. इस बात पर विशेष ध्यान रखें कि इस फंड के रिटर्न में बहुत उतार- चढ़ाव देखने को मिलता है.
Franklin India Flexi Cap Fund
क्रिसिल ने इस फंड को भी रैंकिंग में नंबर-1 पर रखा है. यहां निवेश करने में जोखिम कम है क्योंकि फंड में कैपिटल के साथ रेगुलर डिविडेंड मिलता है. यहां भी निवेशकों को पिछले तीन साल के दौरान 21% सालाना रिटर्न मिला है. फंड की बड़ी होल्डिंग्स ICICI बैंक, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल और इंफोसिस के शेयरों में है. निवेश का 66 फीसदी हिस्सा लार्ज कैप होल्डिंग्स में है.
SBI Large & Midcap Fund
क्रिसिल ने इसकी Category में इसे भी रैंकिंग में नंबर-1 की जगह पर रखा है. फंड में डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करके लंबी अवधि में रिटर्न कमाने का मौका मिलता है. यहां भी निवेशकों को पिछले तीन साल के दौरान 22% का सालाना रिटर्न मिला है जबकि पांच साल के लिए 13.47 प्रतिशत की दर से सालाना रिटर्न उपलब्ध है.
Parag Parikh Tax Saver Fund
क्रिसिल ने इसे भी रैंकिंग में नंबर-1 पर रखा है. यहां भी निवेशकों को पिछले तीन साल के दौरान 24 प्रतिशत की दर से सालाना रिटर्न मिला है. इसके शेयरों में HDFC, बजाज होल्डिंग्स, आईटीसी आदि शामिल हैं. यह इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम है. यहां इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है. इस फंड की इक्विटी होल्डिंग्स 84 प्रतिशत है.
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सिर्फ 500 रुपये से भी आप कर पाएंगी इंवेस्टमेंट, एक्सपर्ट से जानें तरीका
पैसों को सही जगह इंवेस्ट करना बेहद जरूरी होता है ताकि आपको उसका फायदा भी समय पर मिल सके। आपके पास अगर सिर्फ 500 रुपये भी हैं तो आप उन पैसों को भी इंवेस्टमेंट कर सकती हैं। अगर आप 500 रुपये से इंवेस्ट करने जा रही हैं तो इस लेख में आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल के ब्रांच हेड राहुल श्रीवास्तव से जानिए वो तरीके जिसमें आप इंवेस्ट कर सकती हैं।
1)छोटा इंवेस्टमेंट प्लान
सबसे पहले तो आपको यह विचार मन से निकाल देना चाहिए कि आप सिर्फ 500 रुपये को इंवेस्ट कर रही हैं और इससे आपको फायदा नहीं होगा। आपको बता दें कि एसआईपी इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए आप हर माह 500 रुपये के छोटे निवेश से भी शुरुआत कर सकती हैं।
इसकी मदद से आप अच्छा निवेश कर पाएंगी और भविष्य में पैसों को इस्तेमाल भी कर पाएंगी। आप एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश भी कर सकती हैं। फाइनेंस एक्सपर्ट के अनुसार एसआईपी में बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोखिम काफी कम होता है। अगर बाजार में गिरावट आती है तो आपको निवेश की उतनी ही वैल्यू में ज्यादा यूनिट मिल जाती हैं।
2)नियमित निवेश है जरूरी
अगर आप किसी ऐसी स्कीम या फिर योजना में निवेश करने जा रही हैं जिसमें आपको निवेश क्या होता हैं हर रोज 500 रुपये इंवेस्ट करने होंगे तो आपको नियमित निवेश करना जरूरी होता है। (Post Office Savings Scheme: रोजाना करें 47 रुपए का निवेश, मैच्योरिटी पर पाएं 35 लाख रुपए)
अगर आप किसी भी दिन यह निवेश नहीं करती हैं तो इससे आपको भारी नुकसान भी हो सकता है। माह में एक बार 500 रुपये निवेश करने के लिए आप निवेश की डेट तय कर सकती हैं और इससे आपको नियमित निवेश की आदत पड़ जाएगी।
3)ऐसे करें निवेश
आपको निवेश करने से पहले यह समझना चाहिए कि आप किस लिए निवेश कर रहे हैं और इससे आपको क्या फायदा होगा। अगर आप अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए निवेश कर रही हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि 500 रुपये कितने समय के लिए निवेश करना होगा और अगर आप चाहें तो निवेश किए हुए पैसों को भविष्य में बढ़ाकर भी निवेश कर सकती हैं। इस तरह से निवेश करने पर आपको भविष्य में फायदा मिल सकता है।
इस तरह से आप 500 रुपये में भी निवेश कर सकती हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज III के लिए सब्सक्रिप्शन शुरू, जानिए इसके बारे में सबकुछ
Sovereign Gold Bond Scheme: जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं। सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज 3 का सब्सक्रिप्शन शुरू कर दिया है, जो पांच दिनों के लिए ओपन रहेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इशू प्राइस 999 शुद्ध सोने की कीमत के आधार पर तय होता। इस बार नई किस्त का इशू प्राइस 5409 रुपये प्रतिग्राम रखा गया है।
आरबीआई की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज III के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि 19-23 दिसंबर, 2022 तक रहेगी, जबकि इसके जारी होने की तिथि 27 दिसंबर रहेगी।
कौन खरीद सकता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ?
आरबीआई की ओर से जारी नए सर्कुलर के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्था सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकती है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को कम से कम 1 ग्राम या उसके गुणज में सोना खरीदना होगा। एक व्यक्ति एवं एचयूएफ अधिकतम 4 किलो गोल्ड और ट्रस्ट एवं संस्थाएं अधिकतम 20 किलो गोल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन खरीद पर मिलेगा डिस्काउंट
भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एग्रीमेंट में, भारत सरकार ने उन निवेशकों को डिस्काउंट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं अगर कोई व्यक्ति या संस्था डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदती है, तो उसे प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इन निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य रु. 5,359 रुपये प्रति ग्राम होगा।
SBI के माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) कैसे खरीदें
1. क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके एसबीआई नेट बैंकिग में लॉग इन करें
2. मेन मेनू से ‘ई-सर्विस’ पर क्लिक करें
3. ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम’ पर क्लिक करें
4. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
5. हेडर टैब से ‘रजिस्टर’ चुनें, फिर ‘नियम और शर्तें’, फिर ‘आगे बढ़ें’.
6. अपनी सभी डिटेल के साथ नॉमिनेशन और अन्य डिटेल जोड़ें
7. NSDLया CDSL से डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चुनें जहां आपका डीमैट अकाउंट है
8. डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी दर्ज करें और ‘सबमिट’ टैब पर क्लिक करें
9. डिटेल की पुष्टि करें और ‘सबमिट’ टैब पर क्लिक करें
10। रजिस्ट्रेशन के बाद हेडर टैब से ‘खरीदारी’ चुनें
11. नॉमिनेशन क्वांटिटी, नॉमिनेशन डिटेल दर्ज करें
12. अपना ओटीपी दर्ज करें और ‘पुष्टि करें’ पर क्लिक करें
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SOVEREIGN GOLD BONDS SCHEME 2022-23 Tranche-III opens from 19th Dec – 23rd Dec, 2022
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ऑफलाइन कहां से खरीद सकते हैं?
आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सभी बड़े बैंकों के माध्यम से खरीद सकते हैं, जैसे जैसे एसबीआई और एचडीएफसी बैंक। निर्धारित डाकघरों से भी इसकी खरीद हो सकती है। किसी भी लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), एनएसई और बीएसई से भी इन बॉन्ड्स को खरीद सकते हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है। भारत सरकार की ओर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इसमें भौतिक रूप से सोने की खरीद के बजाय डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा होती है। सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी। इसके तहत वित्त वर्ष में 4 बार सब्सक्रिप्शन का मौका मिलता है। इस बार सब्सक्रिप्शन के लिए तीसरी सीरीज 19 से 23 दिसंबर तक खुली रहेंगी। इस वित्त वर्ष की चौथी सीरीज 6 से 10 मार्च तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इससे पहले, जनवरी और अगस्त 2022 में SGB में निवेश की सुविधा दी गई थी।
एक बार में कितना गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है. इस दौरान 2.5% की सालाना दर से ब्याज मिलता है, यानी 8 साल में 20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। 5वें साल से आपको विड्रॉल ऑप्शन मिल जाता है और ब्याज भी मिलने लगता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है, और व्यक्तियों, एचयूएफ, और ट्रस्टों और अन्य समान संस्थाओं के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में निवेश की जा सकने वाला अधिकतम निवेश क्रमश: चार किलोग्राम, चार किलोग्राम और बीस किलोग्राम है। अच्छी बात ये है कि इसे नाबालिग के नाम पर भी खरीदा जा सकता है।
फिजिकल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में क्या फर्क है
दरअसल, फिजिकल सोना खरीदने में कई दिक्कतें होती हैं। एक तरफ सोने की शुद्धता की चिंता तो दूसरी तरफ सोना खरीदने और गहने बनवाने पर GST और मेकिंग चार्ज भी देन पड़ता हैं। SGB बॉन्ड GST के दायरे में नहीं है, जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है। घर में सोना रखने पर उसकी सुरक्षा की भी चिंता रहती है। SGB पेपर फॉर्म में होता है, तो इसके रखरखाव में खर्च नहीं करना पड़ता। निवेश के नजरिये से फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना बेहतर माना जा सकता है, क्योंकि बाजार में चाहे कितनी भी उथल-पुथल हो आपका नुकसान नहीं होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बांड योजना का मकसद फिजिकल सोने की मांग को कम करना है। जैसे आपने सोना खरीदकर घर में रखा निवेश क्या होता हैं है और भाव बढ़ने का इंतजार करना होगा। लिहाजा गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाकर निवेशक सोने की सुरक्षा की मानसिक चिंता से भी मुक्त रह सकता है। यही कुछ खास वजहें हैं जिनके कारण लोगों की दिलचस्पी गोल्ड बॉन्ड में बढ़ रही है। साथ ही घरेलू बचत को वित्तीय बचत में बदलकर इसका ऐसा इस्तेमाल करना है ताकि इससे आम निवेशकों को सस्ता सोना मिले तो वहीं अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो।
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