Nippon India Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL - Apr 2027 Maturity 60:40 Index Fund Regular - Growth
Fund Key Highlights
1. Current NAV: The Current Net Asset Value of the Nippon India Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL - Apr 2027 Maturity 60:40 Index Fund - Regular Plan as of @@navdate@@ is Rs @@nav@@ for Growth option of its Regular plan.
2. Returns: Its trailing returns over different time periods are: -0.95% (since launch). Whereas, Category returns for the same time duration are: 1.46% (1yr), 0.0% (3yr) and 0.0% (5yr).
3. Fund Size: The Nippon India Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL - Apr 2027 Maturity 60:40 Index Fund - Regular Plan currently holds Assets under Management worth of Rs 1222.98 crore as on Sep 30, 2022.
4. Expense ratio: The expense ratio of the fund is 0.31% for Regular plan as on Aug 31, 2022.
5. Exit Load: The given fund doesn't attract any Exit Load.
6. Minimum Investment: Minimum investment required is Rs 1000 and minimum additional investment is Rs 1000. Minimum SIP investment is Rs 1000.
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About Fund
1. Nippon India Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL - Apr 2027 Maturity 60:40 Index Fund - Regular Plan is Open-ended Target Maturity Debt scheme which belongs to Nippon India Mutual Fund House.
2. The fund was launched on Mar 29, 2022.
Investment objective & Benchmark
1. The investment objective of the fund is that " The scheme seeks to provide investment returns closely corresponding to the total returns टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? of the securities as represented by the Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL Apr 2027 60:40 Index before expenses, subject to tracking errors. "
2. It is benchmarked against Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL Apr 2027 60:40 Index.
Asset Allocation & Portfolio Composition
1. The portfolio allocation of debt securities primarily have 2 kinds of risks: interest rate risk & credit risk. While the interest rate movements are driven by the fund's duration, credit quality of debt securities are based on the weighted average credit ratings of a fund. Generally, funds with high credit quality will have the weighted average credit rating of AA- and higher rated securities, funds with medium credit quality will hold securities having credit rating lying between A- to BBB- and funds with low credit quality will hold securities having average credit rating of less than BBB-. Credit rating is a qualitative tool that basically assesses the creditworthiness and financial soundness of a company and takes into consideration several factors including the default rate and solvency of the concerned business entity.
2. The portfolio of the fund has securities with varying levels of maturities. Duration takes into consideration the sensitivity of the average maturity of these securities with respect to the interest rate changes. The Average Maturity of Nippon India Nifty AAA CPSE Bond Plus SDL - Apr 2027 Maturity 60:40 Index Fund - Regular Plan is 4.1 years and Duration is 3.32175357 years. Generally, securities with high maturity are more sensitive to interest rate changes. So, an investor with a low risk appetite may look to invest in a fund with low maturity and duration vis-a-vis category levels.
3. All these parameters - average maturity, duration, interest rate changes, credit quality, credit rating, liquidity etc. need to be looked at in conjunction with each other to determine the quality of portfolio of a fund.
Tax Implications
1. If units are redeemed within 3 years of investment, the whole amount of gain will get added to the investor's income and will be taxed as per his/her applicable slab rate.
2. For units redeemed after 3 years of investment, gains will be taxed at a rate of 20% post indexation benefits. Indexation is a process of recalculating the purchase price after accounting for inflation into it. The benefit of indexation lies in lowering down one's capital gains which brings down the taxable income and thereby reduces taxes on it.
3. For Dividend Distribution Tax, the dividend income from this fund will get added to the टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? income of an investor and taxed according to his/her respective tax slabs.
4. Also, for dividend income in excess of Rs 5,000 in a financial year; the fund house shall deduct a TDS of 10% on such income.
₹500 से इस फंड में शुरू कर सकते हैं निवेश, 1 दिसंबर तक मौका
Mutual Fund NFO: म्यूचुअल फंड हाउस आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड (Aditya Birla Sun Life Mutual Fund) के नए डेट फंड में निवेश का मौका है. ABSL म्यूचुअल फंड की नई स्कीम आदित्य बिड़ला सन लाइफ क्रिसिल Crisil IBX 60:40 SDL+AAA PSU APR 2026 इंडेक्स फंड (Aditya Birla Sun Life Crisil IBX 60:40 SDL+AAA PSU APR 2026 Index Fund) का सब्सक्रिप्शन 24 नवंबर से खुल गया है. 1 दिसंबर 2022 तक एनएफओ में आवेदन किया जा सकता है. यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है. यानी, इसमें निवेशक जब चाहे पैसा निकाल सकता है.
₹500 से शुरू कर सकते हैं निवेश
ABSL म्यूचुअल फंड के मुताबिक, इस फंड में NFO के दौरान मिनिमम 500 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश शुरू किया जा सकता है. यह एक डेट स्कीम (टारगेट मैच्योरिटी) है. इस ओपन-एंडेड स्कीम में जीरो एग्जिट लोड है. इसमें किसी तरह का लॉक-इन पीरियड नहीं है. इस स्कीम के फंड मैनेजर भूपेश बामेटा (Bhupesh Bameta) हैं. इसका बेंचमार्क इंडेक्स CRISIL IBX 60:40 SDL + AAA PSU – April 2026 है.
किसके लिए बेहतर स्कीम
Mutual Fund NFO: म्यूचुअल फंड हाउस के मुताबिक, इस स्कीम का मकसद CRISIL IBX 60:40 SDL + AAA PSU Index की सिक्युरिटीज के कुल रिटर्न के अनुरूप रिटर्न जेनरेट करना है. हालांकि, स्कीम में इस तरह को कोई गारंटी नहीं है. यह चूंकि टारगेट मैच्योरिटी फंड है, इसलिए इसकी पहले से तय प्री- मैच्योरिटी डेट होती है. जिससे निवेशकों को अपने लॉन्ग टर्म गोल के मुताबिक निवेश करने में आसानी हो. इसमें निवेशकों को 4 साल का इंडेक्सेशन बेनेफिट होगा.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) के तीन टार्गेटेड मैच्योरिटी फंड पेश
अब आपके मन में सवाल उठ सकते हैं कि ये म्यूचुअल फंड कब खुलेंगे, इनका निवेश कहाँ होगा, ये किन निवेशकों के लिए होते हैं, और क्या आपको भी इसमें निवेश टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? करना चाहिए?
एसबीआई म्यूचुअल फंड के इन तीन लक्षित परिपक्वता फंडों में पहला है एसबीआई क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - जून 2036 फंड (SBI CRISIL IBX Gilt Index – June 2036 Fund)। इसका न्यू फंड ऑफर (NFO) गुरुवार 22 सितंबर 2022 को खुला है और यह 28 सितंबर 2022 को बंद होगा। एसबीआई क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - अप्रैल 2029 फंड (SBI CRISIL IBX Gilt Index – April 2029 Fund) का एनएफओ सोमवार, 26 सितंबर 2022 से लेकर 3 अक्तूबर 2022 तक खुला है। एसबीआई क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - सितंबर 2027 फंड (SBI CRISIL टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? IBX SDL Index – September 2027 Fund) का एनएफओ भी सोमवार 26 सितंबर 2022 को खुला है और 3 अक्तूबर 2022 को बंद होगा।
फंड आवंटन
एसबीआई म्यूचुअल फंड के ये तीनों फंड खुली अवधि वाले (ओपन एंडेड) लक्षित परिपक्वता इंडेक्स फंड हैं, जो क्रमशः क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - जून 2036 इंडेक्स, क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - अप्रैल 2029 इंडेक्स और क्रिसिल आईबीएक्स एसडीएल इंडेक्स - सितंबर 2027 इंडेक्स के घटकों में निवेश करेंगे। ये लक्षित परिपक्वता इंडेक्स फंड (टीएमएफ) क्रमशः क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - जून 2036, क्रिसिल आईबीएक्स गिल्ट इंडेक्स - अप्रैल 2029 और क्रिसिल आईबीएक्स एसडीएल इंडेक्स - सितंबर 2027 में शामिल की गयी प्रतिभूतियों (सिक्योरिटी) में अपनी संपत्ति का न्यूनतम 95% और अधिकतम 100% निवेश करेंगे। ये फंड अपनी संपत्ति का 5% तक योजना की परिपक्वता तिथि पर या उससे पहले परिपक्व होने वाली सरकारी प्रतिभूतियों, त्रिपक्षीय रेपो सहित मुद्रा बाजार के साधनों और लिक्विड म्यूचुअल फंड की इकाइयों में निवेश कर सकते हैं।
योजना का उद्देश्य
इस फंड का ऐलान करते समय एसबीआई म्यूचुअल फंड के डिप्टी एमडी और मुख्य व्यवसाय अधिकारी डीपी सिंह ने कहा कि ये फंड मौजूदा उच्च ब्याज दर परिदृश्य के तहत निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकते हैं क्योंकि वे 'मौजूदा बाजार प्रतिफल पर निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं।' इन योजनाओं के फंड मैनेजर टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? दिनेश आहूजा हैं। एसबीआई एमएफ के अनुसार इन योजनाओं का निवेश उद्देश्य ऐसा प्रतिफल (रिटर्न) प्रदान करना है, जो अंतर्निहित सूचकांक (अंडरलाइंग इंडेक्स) के प्रतिफल के अनुरूप हो, हालाँकि यह ट्रैकिंग त्रुटि के अधीन है।
इन योजनाओं से किसको लाभ
लक्षित परिपक्वता फंड में अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो इसके कुछ फायदे जान लें। ये निवेशकों को अपना पैसा किसी भी समय निवेश करने या पैसे वापस निकालने की अनुमति देते हैं। इन फंडों पर कितना प्रतिफल प्राप्त होगा, इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, ये निवेशकों को ब्याज दर जोखिमों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं, क्योंकि इनमें बॉन्ड परिपक्वता तक रखे जाते हैं।
अगर आप इनमें आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए न्यूनतम राशि 5000 रुपये है, और उसके बाद, 1 रुपये के गुणकों में है। एसबीआई म्यूचुअल फंड की प्रबंधन के अधीन औसत परिसंपत्ति (एएयूएम) 31 अगस्त 2022 तक 6.99 लाख करोड़ रुपये थी।
क्या है लिक्विड फंड, जानें मौजूदा दौर में निवेश फायदेमंद है या नहीं
लिक्विड फंड में निवेश करने वाले निवेशक एक छोटी अवधि में निश्चित रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इसमें जोखिम कम होता है, इसलिए निवेशकों में यह पॉपुलर है. लेकिन क्या अभी निवेश के लिए सही माहौल है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 22 Feb 2021 01:02 PM (टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? IST)
लिक्विड फंड , डेट फंड की एक कैटेगरी है जो डेट और मनी मार्केट के इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कॉमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल वगैरह में निवेश करता है. इसमें 91 दिनों तक की मैच्योरिटी अवधि होती है. लिक्विड फंड में निवेश करने सबसे बड़ा फायदा लिक्विडिटी का है. लिक्विडिटी का मतलब किसी संपत्ति को कितनी जल्दी बेच या खरीद कर उसे कैश में बदला जा सकता है.
लिक्विड फंड में जोखिम कम लेकिन अभी निवेश करना ठीक ? चूंकि लिक्विड फंड डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं, जो निश्चित ब्याज दर की पेशकश करते हैं, इसलिए इसमें निवेश से मिलने वाले रिटर्न तय होता है. सिक्योरिटीज़ के मैच्योर होने पर, निवेशक को निश्चित ब्याज के साथ मूल राशि मिल जाती है. शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी अवधि के कारण, लिक्विड फंड ज्यादा आकर्षक होते हैं. लिक्विड फंड में निवेश पर कोई लॉक-इन अवधि नहीं है. निवेश के 7 दिनों के बाद निवेश की गई पूंजी को वापस लेने पर कोई एग्जिट फीस शुल्क नहीं है. लेकिन इस वक्त लिक्विड फंड उतने आकर्षक नहीं रह गए हैं. हाल में म्यूचुअल फंड कैटेगरी में लिक्विड फंडों से सबसे ज्यादा निकासी देखने को मिल रही है. जनवरी में निवेशकों ने लिक्विड फंडों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये निकाले. दरअसल मार्केट में लिक्विडिटी की अधिकता के कारण लिक्विड फंड में रिटर्न घट रहा है और निवेशक इनसे निकल रहे है.
ये हो सकती है कि आपकी लिक्विड फंड स्ट्रेटजी लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए बढ़िया है जो छोटी अवधि के लिए अपना पैसा कहीं रखना चाहते हैं. छोटे निवेशक इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए इन कम जोखिम वाली स्कीमों में पैसा लगाते रहे हैं. फिलहाल निवेशकों को लिक्विड फंडों से कम रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आपके पोर्टफोलियो से लिक्विड फंड बाहर हो जाएं. जो निवेशक पंद्रह दिन से लेकर तीन महीने के लिए अपना सरप्लस पैसा कहीं रखना चाहते हैं वे लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.
पंद्रह दिन की अवधि के लिए अपनी सरप्लस रकम रखने के लिए ओवरनाइट फंड अच्छा प्रोडक्ट है. जो निवेशक 45 दिन या इससे अधिक का निवेश टारगेट लेकर चल रहे हैं, वे अपनी जरूरतों के लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में पैसा लगा सकते हैं. छोटी अवधि का निवेश करने की चाहत रखने वाले शॉर्ट टर्म प्रोडक्ट चुन सकते हैं, जिनमें अस्थिरता कम हो और रिटर्न का अनुमान लगाना संभव है.
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Published at : 22 Feb 2021 01:02 PM (IST) Tags: liquid fund liquid fund return AMFI Mutual fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Target Maturity Fund: क्या है टारगेट मैच्योरिटी फंड, क्यों इनवेस्टर्स इसकी तरफ बढ़ा रहे हैं अपना इंटरेस्ट?
Target Maturity Fund: वर्ष 2019 में भारत सरकार की तरफ से भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) जारी किया गया जिसके पास से टारगेट में छोटे फंड में निवेशक निवेश बढ़ा रहे हैं। देश के पहले टारगेट मैच्योरिटी फंड (Target Maturity) का प्रबंधन कर रहा है एडलवाइज म्युचुअल फंड ( Edelweiss Mutual Fund) । टारगेट में चोटी फंड की एक मैच्योरिटी डेट होती है कि वह डेट है जब स्कीम पोर्टफोलियो निवेश ( Scheme Portfolio Investment) में क्यों हो जाता है। इस निवेश के अंतर्गत जल्द ही निकासी की सुविधा भी मिल जाती है आपको बता दें कि टारगेट में छोटी फंड में जब होल्डिंग पीरियड होता है उस दौरान जो भी ब्याज मिलता है उसका दोबारा से Investment कर दिया जाता है।
निवेश को करना टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं? होगा लंबी अवधि तक
वैसे तो कोई भी निवेशक मैच्योरिटी से पूर्व भी अपनी राशि निकाल सकता है लेकिन हाई रिटर्न प्राप्त करने के लिए इन्वेस्टर्स को इसमें मैच्योरिटी होने तक बना रहना चाहिए। इससे ब्याज दरें तो बढ़ती है इसके साथ-साथ इन्वेस्टर्स को अपना निवेश high-yield पर लॉगइन करने का चांस भी मिलता है।
Passively Managed Target Fund की तरफ निवेशक बढ़ा रहे हैं अपना रुझान
विश्लेषकों की मानें तो फ्रेंकलिन टेंपलटन संकट के बाद से पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान बढ़ा रहे हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) करने वाले विशेषज्ञ निवेशकों को टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) का लाभ उठाने के लिए इस सेगमेंट में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। आपको बता दें पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड में अधिकतम यील्ड की भी संभावना रहती है। 2026 और 2027 के मैच्योरिटी टारगेट फंडों (Maturity Target Funds) की यील्ड है क्रमशः 7.48 और 7.55।
यही कारण है कि आज कल टारगेट मैच्योरिटी फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान ज्यादा बढ़ा रहे हैं।
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