0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

Demat account: जानें क्या होता है डीमैट खाता, बैंक अकाउंट से यह कैसे है अलग

डीमैट खाते के कई फायदे हैं खासकर जब बदलते दौर के साथ आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 16 Feb 2021 04:28 PM (IST)

डीमैट खाता आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है हैं. बदलते दौर के साथ अब आम निवेशक भी शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं और ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है. शेयर बाजार के लिए भी ऐसा ही है.

डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हुआ. इससे शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई.

बैंक खाते से कैसे अलग होता है डीमैट खाता

वैसे तो डीमैट अकाउंट और बैंक खाते में ज्यादा अंतर नहीं होता है लेकिन फिर भी असमानताएं भी हैं-

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  • डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप में कैश की जगह स्टॉक से जुड़ा है.
  • डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के सिद्धांत का इस्तेमाल करता है.
  • डीमैटरियलाइजेशन में फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदल हो जाते हैं.
  • डीमैट खाता निवेशक के सभी शेयरों को एकत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है.

डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया

  • पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें.
  • इसके बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी मिलेगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • आपका डीमैट अकाउंट अब खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स मिल जाएंगे.

यह याद रखें कि एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स , या अलग-अलग डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के साथ हो सकते हैं. निवेशक जब तक सभी एप्लिकेशंस के लिए जरूरी केवाईसी दे सकता है तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.

Published at : 16 Feb 2021 04:24 PM (IST) Tags: investor demat account bank account E commerce Stock Market Investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर

Difference between trading account and demat account in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) वह है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि को जमा करते हैं और उसके माध्यम से शेयर मार्केट के शेयरों की खरीद और बिक्री को कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग

डीमैट अकाउंट – शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री डीमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से होती है। ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदे गए शेयरों को डीमैट अकाउंट में ही रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं

डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट में अंतर (Difference between Trading account and Demat account in Hindi): डीमैट

  • डीमैट एकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच एक प्रमुख अंतर यह है कि एक डीमैट अकाउंट में विभिन्न प्रतिभूतियां जैसे शेयर प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीद कर रखा जाता है। इस अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।
  • डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों का उद्देश्य अलग है। लेकिन दोनों में काफी निकटता भी पाई जाती है। वास्तव रूप में देखा जाए तो बाजार की गतिविधियों में ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट, इन तीनों ही एकाउंट के बीच परस्पर क्रिया प्रतिक्रिया होती रहती है।
  • डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में प्रमुख अंतर यह है कि ट्रेडिंग अकाउंट में एक समय अवधि में आपको पूंजी बाजार के लेनदेन को कैप्चर कराया जाता है जबकि डीमैट अकाउंट में एक समय में शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों की खरीद बिक्री को रखा जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट एक समय में शेयरों लेनदेन के प्रवाह के बारे में बताता है। वही डिमैट अकाउंट धन प्रवाह को कैप्चर करने का काम करता है।
  • एक ट्रेडिंग अकाउंट में समय अवधि के बारे में जानकारी मिलती है। यह समय अवधि 1 महीने, 3 महीने 1 वर्ष आदि में हो सकती है। वहीं एक डीमैट अकाउंट में प्रतिभूतियों के स्वामित्व के रिकॉर्ड की जानकारी दी होती है जिसे एक निश्चित समय पर मापा जाता है। आमतौर पर इसे एक वित्तीय वर्ष (31 मार्च) में मापते हैं।
  • यदि आप किसी भी कम्पनी के शेयर को खरीद कर रखना चाहते हैं और उन्हें बेचना नहीं चाहते हैं तो इसके लिए अकेले डीमैट अकाउंट पर्याप्त है। लेकिन यदि आप अपने शेयरों को बेचना चाहते है तो इसके लिए पहले आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसके बाद ही शेयरों की खरीद बिक्री हो पाती है।

संक्षेप में कहे तो डीमैट अकाउंट निवेशकों द्वारा खरीदे गए शेयर को डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने से संबंधित है। वही ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए प्रयोग किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से शेयर बाजार में शेयरों की खरीद और बिक्री आसान हो जाती है।

शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।

डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।

डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।

पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account vs Demat Account

0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होती है। बिना डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करना असंभव है। इसीलिए हमें सबसे पहले अपने स्टॉक ब्रोकर का चयन करके डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके बाद ही हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर पाते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account से क्या होता है

जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।

अपने बैंक से पैसे निकालकर शेयर खरीदने हो, तो वह पैसे भी सीधे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही पहुंचते हैं। और यह पैसे तब तक हमारी ट्रेडिंग अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं। जब तक कि हम शेयर ना खरीद लें। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में समझने के लिए हमें डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट की बारीकी को समझना बहुत ही जरूरी होता है।

ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है

डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।

जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है है।

शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।

डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।

डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।

पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।

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