एसबीआई योनो के तहत शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर ऑफर मिल रहा है. (Image- SBI)

Share Market Tips: क्या होता है Demat Account? क्या इसके बिना भी लगा सकते हैं म्यूचुअल फंड में पैसा

पहले डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते थे। लेकिन अब ये दोनों एक साथ ही मिल जाते हैं। निवेशक जब ट्रेड करता है तो उसे एक कॉन्ट्रैक्ट नोट भेजा जाता है। यह एक रसीद होती है जो ब्रोकर द्वारा निवेशक को जारी की जाती है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। इशिता के दादाजी को गुजरे 4 साल हो गए थे। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जैसे-तैसे उसके परिवार का गुजारा चलता था। एक दिन वह घर की सफाई कर रही थी। इसमें एक पुराना संदूक भी था। यह उसके दादाजी का था। उसने उस संदूक में कुछ कागज देखे। पहले उसने इन कागजों पर ज्यादा गौर नहीं किया था। लेकिन जब ध्यान से देखा तो पता चला कि वे शेयर सर्टिफिकेट्स (Share Certificates) थे। उसके दादाजी के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज के (Reliance Industries) 2500 शेयर थे। ये सर्टिफिकेट्स उन्हीं शेयरों के थे। आज की तारीख में इन शेयरों की वैल्यू 60 लाख 85 हजार रुपये है। पहले निवेशकों को शेयर खरीदने पर शेयर सर्टिफिकेट्स दिये जाते थे। इन्हीं से शेयरों की खरीद-फरोख्त होती थी।

Stock Market Investment: what is stop loss order

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फिर आया Demat Account

शेयर सर्टिफिकेट्स के साथ यह दिक्कत थी कि इससे शेयरों के लेनदेन में काफी अधिक समय लग जाता था। निवेशकों को इन्हें संभालकर भी रखना पड़ता था। जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी तो शेयरों को फिजिकल फॉर्म की बजाय इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में रखने की जरूरत महसूस हुई। इसके साथ ही आया डीमैट अकाउंट (Demat Account)। जैसे बैंक में आपके पैसे आपके बैंक अकाउंट में रखे जाते हैं, उसी तरह डीमैट खाते में निवेशकों के शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं। इससे शेयरों के लेनदेन में लगने वाला समय भी काफी कम हो गया। अब हर निवेशक को शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए डीमैट खाता खुलवाना होता है।

Demat Account के हैं कई फायदे

अब शेयरों की खरीद-बिक्री सब डीमैट खाते से ही होती है। आप किसी भी ब्रोकरेज फर्म में अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं और मोबाइल में ऐप के जरिए इसे ऑपरेट कर सकते हैं। अगर किसी के पास पुराने शेयर सर्टिफिकेट्स रखे हैं तो वह इन शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदलवा सकता है। इसके लिए उन्हें अपने सर्टिफिकेट्स को सरेंडर करने होंगे। डीमैट खाते के कई फायदे हैं। आपके वित्तीय लेनदेन की सेफ्टी बढ़ जाती है, ट्रेड प्रोसेस होने की स्पीड बढ़ जाती है और पेपरवर्क भी नहीं होता।

जरूर पढ़ें कॉन्ट्रैक्ट नोट

पहले डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते थे। लेकिन अब ये दोनों एक साथ ही मिल जाते हैं। निवेशक जब ट्रेड करता है, तो उसे एक कॉन्ट्रैक्ट नोट भेजा जाता है। यह एक रसीद होती है, जो ब्रोकर द्वारा निवेशक को जारी की जाती है। इसमें ट्रेडिंग अकाउंट को कैसे फंड करें आपके सौदे से जुड़ी कई सारी जानकारियां होती हैं। निवेशकों को ब्रोकर द्वारा जारी कॉन्ट्रैक्ट नोट जरूर पढ़ना चाहिए, इससे उसे अपने सौदे में लगे सभी तरह के चार्जेज की जानकारी मिल जाती है।

क्या Mutual Funds के लिए जरूरी है Demat Account?

किसी निवेशक को म्यूचुअल फंड शेयरों (Mutual Fund Stocks) को खरीदने या रिडीम करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, अगर किसी के फास डीमैट खाता है, तो इसके कई फायदे हैं। आप डीमैट खाते के जरिए बिना किसी ब्रोकर की मदद के फंड्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसफर कर म्यूचुअल फंड शेयर खरीद सकते हैं। अगर आप डीमैट खाता का यूज नहीं करना चाहते, तो सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी से भी म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं और रिडीम कर सकते हैं।

SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट

SBI Yono Trading Offer: शेयर ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे.

SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट

एसबीआई योनो के तहत शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर ऑफर मिल रहा है. (Image- SBI)

SBI Yono Trading Offer: स्टॉक ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. इन ट्रेडिंग अकाउंट को कैसे फंड करें दोनों खातों पर शुल्क भी देय होता है लेकिन अगर SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे. अगर आप शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से नहीं घबराते हैं और अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न निवेश करना चाहते हैं तो इक्विटी में निवेश बेहतर विकल्प हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं जिसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं और शेयर्स को होल्ड नहीं कर सकते हैं.
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एसबीआई योनो के जरिए इन दोनों खातों को खोलने पर 1350 रुपये की बचत होगी. इसमें 850 रुपये खाता खोलने का शुल्क नहीं लगेगा. इसके अलावा सालाना डीपी एएमसी (एकाउंट मेंटेनेंस चार्ज) के तहत 500 रुपये का चार्ज पहले साल नहीं चुकाना होगा.

इस तरह खोलें डीमैट और ट्रेडिंग खाता

  • योनो की वेबसाइट पर लॉग इन करें.
  • Menu पर क्लिक करें.
  • Financial Produts के तहत Investments में Securities पर क्लिक करें.
  • Link / Open a New Demat & Trading Account पर क्लिक करें.
  • Open Demat & Trading Account पर क्लिक करें. इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं.

Yono App के जरिए ऐसे खोलें खाता

  • ऐप में लॉग इन करें.
  • मेन्यू के लिए ऊपर बायीं तरफ बने सिंबल पर क्लिक करें
  • एक डॉप मेन्यू खुलेगा. उसमें इंवेस्ट पर क्लिक करें.
  • अगले मेन्यू में ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
  • Through SBICap Securities के तहत दिए गए विकल्प ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
  • इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.

क्या होता है डीमैट और ट्रेडिंग खाता

आपने जिन शेयरों या सिक्योरिटीज (बांड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड यूनिट्स इत्यादि) में निवेश किया है, उन्हें डिजिटल मोड में डीमैट खाते में रखा जाता है. इसके विपरीत ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही डीमैट खाते में रखे सिक्योरिटीज की बिक्री की जा सकती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही स्टॉक एक्सचेंज पर आप शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए पोजिशंस ले सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म अकाउंट ओपनिंग्स के लिए शुल्क लेती हैं.

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पहले डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते थे। लेकिन अब ये दोनों एक साथ ही मिल जाते हैं। निवेशक जब ट्रेड करता है तो उसे एक कॉन्ट्रैक्ट नोट भेजा जाता है। यह एक रसीद होती है जो ब्रोकर द्वारा निवेशक को जारी की जाती है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। इशिता के दादाजी को गुजरे 4 साल हो गए थे। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जैसे-तैसे उसके परिवार का गुजारा चलता था। एक दिन वह घर की सफाई कर रही थी। इसमें एक पुराना संदूक भी था। यह उसके दादाजी का था। उसने उस संदूक में कुछ कागज देखे। पहले उसने इन कागजों पर ज्यादा गौर नहीं किया था। लेकिन जब ध्यान से देखा तो पता चला कि वे शेयर सर्टिफिकेट्स (Share Certificates) थे। उसके दादाजी के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज के (Reliance Industries) 2500 शेयर थे। ये सर्टिफिकेट्स उन्हीं शेयरों के थे। आज की तारीख में इन शेयरों की वैल्यू 60 लाख 85 हजार रुपये है। पहले निवेशकों को शेयर खरीदने पर शेयर सर्टिफिकेट्स दिये जाते थे। इन्हीं से शेयरों की खरीद-फरोख्त होती थी।

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फिर आया Demat Account

शेयर सर्टिफिकेट्स के साथ यह दिक्कत थी कि इससे शेयरों के लेनदेन में काफी अधिक समय लग जाता था। निवेशकों को इन्हें संभालकर भी रखना पड़ता था। जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी तो शेयरों को फिजिकल फॉर्म की बजाय इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में रखने की जरूरत महसूस हुई। इसके साथ ही आया डीमैट अकाउंट (Demat Account)। जैसे बैंक में आपके पैसे आपके बैंक अकाउंट में रखे जाते हैं, उसी तरह डीमैट खाते में निवेशकों के शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं। इससे शेयरों के लेनदेन में लगने वाला समय भी काफी कम हो गया। अब हर निवेशक को शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए डीमैट खाता खुलवाना होता है।

Demat Account के हैं कई फायदे

अब शेयरों की खरीद-बिक्री सब डीमैट खाते से ही होती है। आप किसी भी ब्रोकरेज फर्म में अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं और मोबाइल में ऐप के जरिए इसे ऑपरेट कर सकते हैं। अगर किसी के पास पुराने शेयर सर्टिफिकेट्स रखे हैं तो वह इन शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदलवा सकता है। इसके लिए उन्हें अपने सर्टिफिकेट्स को सरेंडर करने होंगे। डीमैट खाते के कई फायदे हैं। आपके वित्तीय लेनदेन की सेफ्टी बढ़ जाती है, ट्रेड प्रोसेस होने की स्पीड बढ़ जाती है और पेपरवर्क भी नहीं होता।

जरूर पढ़ें कॉन्ट्रैक्ट नोट

पहले डीमैट अकाउंट ट्रेडिंग अकाउंट को कैसे फंड करें और ट्रेडिंग अकाउंट अलग-अलग होते थे। लेकिन अब ये दोनों एक साथ ही मिल जाते हैं। निवेशक जब ट्रेड करता है, तो उसे एक कॉन्ट्रैक्ट नोट भेजा जाता है। यह एक रसीद होती है, जो ब्रोकर द्वारा निवेशक को जारी की जाती है। इसमें आपके सौदे से जुड़ी कई सारी जानकारियां होती हैं। निवेशकों को ब्रोकर द्वारा जारी कॉन्ट्रैक्ट नोट जरूर पढ़ना चाहिए, इससे उसे अपने सौदे में लगे सभी तरह के चार्जेज की जानकारी मिल जाती है।

क्या Mutual Funds के लिए जरूरी है Demat Account?

किसी निवेशक को म्यूचुअल फंड शेयरों (Mutual Fund Stocks) को खरीदने या रिडीम करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, अगर किसी के फास डीमैट खाता है, तो इसके कई फायदे हैं। आप डीमैट खाते के जरिए बिना किसी ब्रोकर की मदद के फंड्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसफर कर म्यूचुअल फंड शेयर खरीद सकते हैं। अगर आप डीमैट खाता का यूज नहीं करना चाहते, तो सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी से भी म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं और रिडीम कर सकते हैं।

जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट में रखी राशि से म्यूचुअल फंड में नहीं कर पाएंगे निवेश, जानिए क्या है इसकी वजह

किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट में रखी राशि का इस्तेमाल अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं हो सकेगा.

किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट में रखी राशि का इस्तेमाल अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं हो सकेगा.

जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों का इस्तेमाल अब निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं कर पाएंगे. सेबी ने इस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 02, 2022, 08:49 IST

नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी ने 1 जुलाई से ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश पर रोक लगा दी है. इसके बाद शुक्रवार जेरोधा के कॉइन ऐप पर यूर्जस ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. अब निवेशक का पैसा उसके बैंक से सीधे फंड कंपनी के पास पहुंचेगा.

अभी तक निवेशकों को पहले ब्रोकर या अन्य इंटरमीडियरीज के पास पैसा जमा करते थे. वे इस पैसे को अपने पास पूल करते थे और फिर फंड्स को भेजा जाता था. लेकिन सेबी ने अब इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है.

जेरोधा ने क्या कहा?
जेरोधा ने कहा है कि कॉइन ऐप पर ट्रांजेक्शन के लिए कंपनी बीएसई स्टार एमएफ का सहारा लेती है लेकिन इसमें कुछ खामी आने के कारण ट्रांजेक्शन प्रोसेस होने में परेशानी आ रही है. कंपनी ने कहा है कि वह इस मुद्दे को लेकर बीएसई से संपर्क में है और इसे जल्द सुलझा लिया जाएगा. जेरोधा ने यह भी बताया है कि जिन लोगों ने म्यूचुअल फंड की एसआईपी के लिए बीएसई द्वारा जारी लिंक से पेमेंट किया है उन्हें दोबारा पेमेंट करने की जरूरत नहीं है. बकौल जेरोधा, लेकिन यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वह आगे से कॉइन ऐप के जरिए ही पेमेंट करें और बीएसई के भेजे लिंक को नजरअंदाज करें.

ट्रेडिंग अकाउंट के पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं
जेरोधा ने बताया है कि अब उसके अकाउंट में रखे पैसों का इस्तेमाल लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं कर पाएंगे. यूजर्स को म्यूचुअल फंड एसआईपी का भुगतान करने के लिए जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़े बैंक खाते का इस्तेमाल करना होगा. फंड से पैसा निकालने की प्रक्रिया भी यही रहेगी और रकम सीधा बैंक अकाउंट में पहुंचेगी.

रियल टाइम इन्वेस्टमेंट का फायदा नहीं
अभी तक चले आ रहे सिस्टम में निवेशकों को यूनिट अलॉटमेंट का पता देर से चलता था. दरअसल, ब्रोकर पैसों को पूल कर फंड कंपनियों के पास भेजते थे तो कंपनियों के लिए वास्तविक खाताधारक की पहचान करना मुश्किल हो जाता था. फंड्स एक बार खाते की पहचान होने के बाद ही यूनिट अलॉट करते थे. इससे अलॉटमेंट में देरी होती थी और निवेशकों को रियल टाइम इन्वेस्टमेंट का लाभ नहीं मिल पाता था.

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Demat और Trading अकाउंट में क्या फर्क होता है? स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें ये कैसे होते हैं अलग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

Representative Image (Source: Pexels)

शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट रखना स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहली शर्त है. इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट भी है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इनका फर्क, इनका काम और इनका रोल समझना जरूरी है.

Demat Account क्या होता है?

डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर ट्रेडिंग अकाउंट को कैसे फंड करें सकते हैं.

इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?

डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ बेसिक फर्क

1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.

2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.

3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.

डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?

आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.

हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.

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