Ethereum को स्विच कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है और यह स्विजरलैंड देश मे मौजूद है। यह एक नॉनप्रॉफिट्स थैरियम फाउंडेशन है जिसको साल 2014 में जून महीने में बनाया गया था। इसको क्रिप्टोकरेंसी को डेवलप करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था ।

Google ही नहीं बल्कि दुनिया के 75 फीसदी देशों से ज्‍यादा बिजली खर्च करता है बिटकॉइन, आखिर क्‍यों इतनी एनर्जी चाहिए?

What Is Ethereum In Hindi – Ethereum क्या है – Ttechnews

आज के समय मे सभी लोग क्रिप्टोकरेंसी के पीछे भागे है । इस तरह सभी लोगो का यह भी सवाल है की Ethereum क्या है? अगर आप नही जानते तो हम आपको Ethereum के बारे में बताएंगे और इसका महत्व क्या है इसके बारे में सारी जानकारी आपको इस लेख की मदद से देंगे ।

यह एक तरीके से क्रिप्टो करेंसी का स्टार भी कहा जाता है। क्योंकि इसने बड़ा मुकाम हांसिल कर लिया है। यह साल 2015 में प्रथम बार Ethereum ने क्रिप्टो करेंसी की दुनिया मे आया था। तब से आज के समय मे इसकी वेल्यु बढ़कर 7000 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

Ethereum की किंमत करीबन 500$ है। दुनिया की क्रिप्टोकरेंसी में bitcoin के बाद एथेरियम का नाम लिया जाता है। वर्तमान समय मे bitcoin के अलावा Ethereum को भी पाना चाहते है।

Ethereum kya hai – ( What Is Ethereum In Hindi )

एथेरियम को दुनिया मे Ether के नाम से भी पहचाना जाता है। एथेरियम एक डिजिटल चलण है। Ethereum का इस्तेमाल Ethereum network के Smart contract के संचालन के लिए किया जाता है। यह bitcoin की तरह इसको भी offline इसका इस्तेमाल नही कर सकते।

Ethereum

इसका ट्रांसलेशन डिसेंट्रलाइज की नजर में रखा जाता है। इसको हम blockchen भी कहते हैं।

Ethereum सॉफ्टवेर platform से उत्पन्न हुवा है। यह दूसरा दुनिया की क्रिप्टोकरेंसी है जो bitcoin के बाद में इसका स्थान है। यह bitcoin के मुकाबले पाना आसान है।

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एथेरियम किसके द्वारा बनाया गया? –

Ethereum को विधायक पुत्र ने एक सफेद पेपर पर समजाया था और यह एक प्रोग्रामर भी है और यह bitcoin के फाउंडर है। उनका यह सपना था कि वह एक 2013 मे डिसेंट्रलाइज app बनाये । टैब उन्होंने Ethereum के बारे में सोचा ओर बताया। और यह साल 2014 में फाउंडेशन डेवलपमेंट ट्राउट सेल के द्वारा इसको तैयार किया गया।

Ethereum को कई स्थानो में रखा गया है वर्तमान समय मे एथेरियम परियोजना स्थान 2 में रखा गया है जिसको होमस्टेड के नाम से जाना जाता है। ethereum नेटवर्क के विकास के लिए इसको स्थान 4 में रखा गया है।

एथेरियम के चार स्थान है जैसे कि…फ्रंटियर, होमस्टेड, मेट्रोपोलिस, और सीनिटी है।

एथेरियम Homestead क्लाइंट किसी भी बड़ी घटनाके कई महीनों तक beta में रहता है, इसके बाद भी यह काम करता है। लेकिन ethereum अभी भी प्रायोगिक तरीका है। इसको वर्चुअल यंत्र चलाने की परमिशन देता है इसलिए कुछ गलत ही सकता है। जैसे कि गलत लिखना आदि।

Ethereum को बनाने का मकसद –

एथेरियम को बनाने का एक ही मकसद था कि दुनिया मे एक डिसेंट्रलाइज ब्लॉकचेन app बनाये । इसके अलावा बटरिंग के बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? साथ कुछ गलत चीजे हुई और उन्होंने एक bitcoin के साथ blockchen बनाई जिसको प्रथम बार ओर वह दुनिया मे साल 2011 में क्रिप्टोकरेंसी के रूप में सामने आयी।

Ethereum एक मुख्य और आकर्षित डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी है। यह कुछ bitcoin की तरह नही है। यह एक स्पेश्यल करेंसी है। क्योंकि यह online पेमेंट के लिए अन्य किसी करेंसी का इस्तेमाल नही करती। एथेरियम ट्रांसलेट करने के लिए टोकन का भी इस्तेमाल करता है।

क्रिप्टो मार्केट में आया गिरावट का दौर, Bitcoin सहित अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी जम कर टूटीं

क्रिप्टो मार्केट में आया गिरावट का दौर, Bitcoin सहित अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी जम कर टूटीं

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। आज कल आपने हर किसी को Bitcoin में इन्वेस्ट करने की बात कहते सुना ही होगा। काफी लोकप्रियता होने के बाद भी बीते कुछ समय से Bitcoin में गिरावट दर्ज की जा रही है और गिरावट का ये दौर अब भी जारी है। इतना ही नहीं सोमवार को Bitcoin में दर्ज हुई गिरावट के बाद सोमवार क्रिप्टो मार्केट में ब्लैक डे साबित हुआ।

500 टेरावॉट-घंटे तक एनर्जी इस्‍तेमाल कर सकता है बिटकॉइन

गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनी 12.2 टेरावॉट-घंटे एनर्जी का इस्‍तेमाल करती है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) के एक एनलिस्‍ट जॉर्ज कामिया का कहना है कि बिटकॉइन माइनिंग को हटा दें तो दुनियाभर के डेंटा सेंटर्स में कुल 200 टेरावॉट-घंटे बिजली की खपत होती है.

IEA का अनुमान है कि यह स्थिति और खराब होने वाली है. अगर माइनर्स आने वाले समय में और भी एनर्जी खपत करने वाले इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल करते हैं तो यह 500 टेरावॉट-घंटे के स्‍तर तक पहुंच सकता है.

क्‍या है बिटकॉइन माइनिंग?

दरअसल, बिटकॉइन में बेहतर रिटर्न मिलने की वजह से ही इसकी माइनिंग बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि इसी साल के शुरुआत में बिटकॉइन का कुल मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच चुका है. बता दें कि क्रिप्‍टोकरेंसी कमाने के लिए पार्टिस‍िपेंट्स नेटवर्क पर काम करते हैं. इन्‍हें एक ‘माइनर्स’ कहते हैं. ये ही ब्रुट फोर्स प्रोसेसिंग पावर के जरिए बेहद जटिल इक्‍वेशन का हल निकालते हैं.

यह बिटकॉइन माइनिंग के लिए एक तरह ‘प्रूफ ऑफ वर्क’ प्रोटोकॉल होता है. इसके बिटकॉइन इतना पॉपुलर क्यों है? बिना कोई भी माइनर बिटकॉइन नहीं प्राप्‍त कर सकता है. यही इसकी सबसे बुनियादी शर्त होती है.

क्‍यों होती है इतनी बिजली खपत?

इस सिस्‍टम को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है कि हर 10 मिनट में यह नेटवर्क उन लोगों को कुछ बिटकॉइन अवॉर्ड करता है जो सफलतापूर्वक दी गई पहेली को सॉल्‍व कर देते हैं. बिटकॉइन की कीमतें बढ़ने के साथ ही इसकी मांग भी बढ़ती जा रही है. परिणामस्‍वरूप इसकी माइनिंग पर बिजली खपत भी तेजी से बढ़ रही है.

पिछले महीने ही एक साइंटिफिक जर्नल में दावा किया गया कि चीन में बिटकॉइन माइनिंग से होने वाला उत्‍सर्जन उसके क्‍लाइमेट गोल के लक्ष्‍य पर भारी पड़ सकता है. चीन में दुनिया की 80 फीसदी क्रिप्‍टोरकरेंसी ट्रेड होता है. चीन में माइनिंग के लिए अधिकतर कोयले और लिग्‍नाइट पर ही निर्भर रहना होता है. ब्‍लूमबर्ग ने अपने एक अनुमान में कहा है कि साल 2060 तक चीन अपने यहां क्रिप्‍टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए र‍िन्‍युवेबल एनर्जी का इस्‍तेमाल कर पाएगा.

BITCOIN के सबसे पुराने निवेशक ने किस Crypto Coin को बताया बेहतर?

दुनिया भर में Bitcoin Jesus के नाम से मशहूर Roger Ver ने हाल ही में एक बयान देकर सभी Crypto investors को चौंका दिया है। रॉजर वेर 43 वर्षीय अमेरिकी हैं जिन्हें अक्सर ‘बिटकॉइन जीसस’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि, ये उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने शुरूआती समय से ही बिटकॉइन में इनवेस्ट करना शुरू कर दिया था, और डिजिटल करेंसी को प्रोमोट करना भी शुरू कर दिया था। रॉजर ने हाल ही में Bloomberg को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने कुछ हैरान कर देने वाली बातें कहीं। उन्होंने सबसे पहली मीम क्रिप्टोकरेंसी DOGE को सपोर्ट करते हुए कहा कि डॉजकॉइन तुलना में बिटकॉइन से कहीं अधिक बेहतर है (Crypto with better potential than Bitcoin)। कारण बताते हुए उन्होंने इसे बिटकॉइन से सस्ता और भरोसेमंद बताया है।

क्यों है Michael की नज़र में Bitcoin इतना ज़्यादा भरोसेमंद?

Michael ने हाल ही में एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने Bitcoin की खूब तारीफ़ की थी। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी Cryptocurrency बिटकॉइन के साथ जोखिम बहुत कम है। यह दूसरे ट्रेडिशनल एसेट्स से कहीं अधिक सुरक्षित है। यही खूबियां हैं जो इसे रिटायरमेंट के लिए सबसे बेहतर विकल्प बनाती हैं। यानि कि अगर आप अपने रिटायरमेंट के समय में बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट उसके लिए बेस्ट ऑप्शन है।

वैसे तो रॉजर का नाम शुरुआत से ही Bitcoin के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन उन्होंने अपने इस बयां से सबको चौंका दिया है। इतना ही नहीं, रॉजर दो और ऑल्टकॉइन्स के नाम गिनाए जो कि बिटकॉइन के प्रतिद्वंदियों के रूप में उभर कर आ सकते हैं। उन्होंने Litecoin और Bitcoin Cash के बारे में कहा कि, डॉजकॉइन के अलावा ये दो ऐसे ऑल्टकॉइन हैं जो बिटकॉइन से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का तमगा हटाने की ताकत रखते हैं।

Dogecoin क्या है? | What is Dogecoin?

Dogecoin बिटकॉइन जैसी ही एक Cryptocurrency है। Dogecoin डोज कॉइन की शुरुवात बहुत ही दिलचस्प है क्युकी इसे बिटकॉइन की तरह किसी टेक्नोलॉजी बेस पर नहीं बनाया गया था। हालाकिं बाद में जाके Dogecoin को एक क्रिप्टोकररेंसी का रूप दिया गया।

बात है साल 2013 की, उस वक़्त इंटरनेट पर Doge Meme के रूप में एक फोटो बहुत वायरल थी जिसमें शीबा इनु ब्रीड के जापानी कुत्ते जो देखने में काफी प्यारे बड़े खतरनाक होते हैं , को कुछ टूटी फूटी अंग्रेजी के साथ एक मेमे के रूप दिखाया गया था। Doge meme साल 2013 का टॉप मेमे बन गया था।

Dogecoin-kya-hai?

Source: Wikipedia

Dogecoin की शुरुवात उस वक़्त IBM में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे Billy Markus और Adobe में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे Jackson Palmer मजाक के तौर पर की थी।

Dogecoin में तेजी आने का कारण क्या है?

डोगेकोईन Dogecoin में तेजी आने का मुख्य 2 कारण हैं :

Elon Musk साहब को कौन नहीं जनता। उनकी एक twitt बाजार में उथल पुथल करने के लिए काफी है।आपको याद होगा जब उन्होंने Signal App के ऊपर Twitt किआ था , उसके यूजर कितने बढ़ गए थे। पिछले कुछ समय से उनके कई twitt Cryptocurrency के इर्द-गिर्द देखने को मिल रही है। उनकी दिलचस्पी क्रिप्टो वर्ल्ड की ओर भी है आसानी से पता लगाया जा सकता है।

Dogecoin-kya-hai | Dogecoin-ka-Price-in-India

Source:Google

एलोन मस्क जिस भी विषय, टेक्नोलॉजी या कंपनी पर ट्वीट करते हैं उसमे तेजी देखने को मिल जाती है। कुछ महीनो पहले उन्होंने बिटकॉइन पर कुछ टिप्पड़ी की थी और फरवरी के महीने में उन्होंने Dogecoin को अपनी twitt पर जगह दी।

Dogecoin की मार्केट वैल्यू क्या है?

Dogecoin डोगेकोईन में सबसे ज्यादा बूम 2015 में आया जब Robinhood App में Dogecoin की लिस्टिंग हुई और देखते ही देकते Coinbase ( एक अमेरिकी कंपनी है जो एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म संचालित करती है। ) ने भी लिस्ट कर लिया

2017 की शुरुवात में जिस Dogecoin की टोटल मार्किट वैल्यू 20 मिलियन डॉलर थी वो दिसंबर 2017 आते आते 2 बिलियन डॉलर पहुंच गई थी । इसके बाद डोजकोइन में ज्यादा एक्टिविटी नहीं हुई।
Dogecoin की मौजूदा वैल्यू आज की तारिख में लगभग 85 बिलियन डॉलर है।

Dogecoin का प्राइस क्या है ? Dogecoin Current Price in India

आज की तारीख यानि की 26 मई 2021 को Dogecoin का प्राइस 26 रुपए के आस-पास है। पिछले कुछ दिनों से Elon Musk के Twitt के बाद से इसमें तेजी तेजी देखी गई थी और यह 40 से 50 रुपए के बीच ट्रेड हो रहा था ।

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