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Hijab Case: जानें ईरान की मशहूर एक्ट्रेस Taraneh Alidoosti के बारे में जिनकी रिहाई की मांग हुई तेज

Taraneh Alidoosti (social media photo)

Taraneh Alidoosti (social media photo)

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • (Updated 19 दिसंबर 2022, 3:42 PM IST)

ईरान में पिछले तीन महीने से हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है

ईरान में पिछले तीन महीने से हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है. इसी बीच ईरान अधिकारियों ने देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बारे में झूठ फैलाने के आरोप में देश की मशहूर एक्ट्रेस तारानेह अलीदूस्ती (Taraneh Alidoosti) को गिरफ्तार झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें किया है. तारानेह ऑस्कर विनिंग फिल्म की एक्ट्रेस रह चुकी हैं. अब तारानेह की रिहाई झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें की मांग जोर-शोर से की जा रही है. तारानेह झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें ने प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा देने के लिए सरकार की आलोचना की थी. अलीदूस्ती ने एक हफ्ते पहले इंस्टाग्राम में तस्वीर पोस्ट की थी. इसमें उन्होंने हिजाब नहीं पहना था और मोहसिन शेखरी को मौत की सजा देने का विरोध किया था. इस तस्वीर को 10 झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें लाख से ज्यादा बार लाइक किया गया. हालांकि बाद में उनका इंस्टाग्राम अकाउंट बंद कर दिया गया है.

निर्दोष होने का सबूत नहीं दिया था
गत 9 दिसंबर को मोहसिन को ईरान की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.उसपर देश के सुरक्षा बलों के एक मेंबर पर चाकू से हमला करने और तेहरान में एक सड़क को जाम करने के आरोप लगाया गया था. तारानेह ने मोहसिन की मौत को लेकर दावे किए थे कि वह निर्दोष था, लेकिन इसका सबूत नहीं दिया था. इसीलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

साइंटिस्ट कहते हैं अच्छा है बच्चों का झूठ बोलना, जानिए कैसे

साइंटिस्ट कहते हैं अच्छा है बच्चों का झूठ बोलना, जानिए कैसे

झूठ बोलना गलत बात है, ये हम अच्छे से जानते हैं और अपने बच्चों को भी यही बात कहते रहते हैं। लेकिन इस मामले में वैज्ञानिकों का कुछ और ही कहना है। झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें एक स्टडी में दावा किया गया है कि जो बच्चे छोटी उम्र में ही झूठ बोलते हैं, वे आगे चलकर स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनते हैं। यानी ऐसे बच्चों की संज्ञानात्मक क्षमता बेहतर होती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि झूठ बोलना भले ही नकारात्मक व्यवहार माना जाए लेकिन इससे व्यक्ति की संज्ञानात्मक क्षमताएं बेहतर होती हैं। लेकिन वे यह भी कहते हैं कि बच्चे को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाने के मकसद से उन्हें झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें जानबूझकर झूठ बोलना सिखाना पूरी तरह से गलत झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें है।

Everyday Science : हम झूठ बोलकर किसका नुकसान करते हैं?

झूठ या सच बोलने की प्रवृत्ति पर साइंटिफिक अध्ययन हो चुके हैं. (Pixabay से साभार)

  • News18India
  • Last Updated : October 25, 2020, 15:00 IST

हिटलर (Adolf Hitler) के प्रोपैगैंडा का सिद्धांत था 'झूठ पुख़्ता ढंग से बोलो और बार बार बोलो, तो लोग उसे सच मानने लगेंगे'. लेकिन, नाज़ियों (Nazis) को यह विज्ञान नहीं पता था कि झूठ बोलना, झूठ बोलने वाले का कितना नुकसान करता है. कुछ ही समय पहले वैज्ञानिकों ने स्टडीज़ (Scientific Study) के बाद बताया कि झूठ बोलने से व्यक्ति का कम समय के लिए कोई फायदा भले हो, लंबे समय के लिए बड़ा नुकसान होता है. वहीं, सच बोलने या ईमानदारी बरतने से भले ही लगे कि नुकसान ज़्यादा होगा, लेकिन बड़ा फ़ायदा होता है.

चाणक्य नीति: पति-पत्नी की ये 6 आदतें वैवाहिक जीवन को कर झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें देती हैं बर्बाद, ऐसे बचें

Chanakya Niti For Happy Marriage Life (चाणक्य नीति)

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2020,
  • (अपडेटेड 11 मई 2020, 2:30 PM IST)

खुशहाल दाम्पत्य जीवन के लिए जरूरी है कि पति और पत्नी झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें दोनों समझदार हों. उन्हें समाज और संसार से जुड़ी बातों के बारे में अच्छे से पता हो. चाणक्य ने भी अपने नीति शास्त्र में पति और पत्नी के 6 प्रकार के गुणों की चर्चा की है. चाणक्य के मुताबिक वैवाहिक झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए इन 6 आदतों पर काबू रखना बेहद आवश्यक होता है. ऐसा नहीं करने पर रिश्ता खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है.

एक झूठ हजार मुसीबत

एक झूठ हजार मुसीबत

झूठ बोलने से हमारी छवि तो खराब होती ही है रिश्ते भी खराब होते झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें हैं। बावजूद इसके क्यों इस बुरी आदत को गले लगा लेते हैं लोग क्या है इसका राज और कैसे बचें इस आदत से?

राघव सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय है। वह जब भी नई किताबों, नई फिल्मों या किसी नई तकनीक अथवा जानकारी से जुड़ी पोस्ट डालता है,तो लाइक-कमेंट्स की झड़ी लग जाती है। पर उसी की कक्षा में पढ़ने वाले श्याम को राघव नहीं सुहाता। वह साफ कहता है कि राघव पर उसे कतई भरोसा नहीं, क्योंकि वह जो दिखाता है,वास्तव में वैसा है नहीं। दोस्तो, प्रमाण होने के बाद भी हम किसी पर पूरा यकीन नहीं कर पाते और कभी किसी पर झट से भरोसा कर लेते झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें हैं। ऐसा क्यों होता है? इस सवाल का जवाब देते हुए मनोवैज्ञानिक आरती आनंद कहती हैं, ‘किसी पर भरोसा उसके शब्दों से नहीं,बल्कि उसके व्यवहार या काम को देखकर होता है। यदि झूठ बोलकर या बातों को घुमाकर कहने की आदत है, तब भरोसा जीतना तो दूर, यह एक आदत हजार मुसीबत साथ ले आती है।’

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