भारत में व्यापार शुरू करना
एक बिलियन से भी अधिक जनसंख्या वाला भारतीय बाजार उचित उत्पादों, सेवाओं और प्रतिबद्धताओं वाले अमेरिकी निर्यातकों के लिए आकर्षक और विविध अवसर मुहैया कराता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण और विस्तार होने से मध्यावधि में भारत की ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखरेख, उच्च-प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, परिवहन और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपकरणों और सेवाओं की आवश्यकताएं दसियों बिलियन डॉलर से भी अधिक होगी। उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा नीतियों का उदारीकरण जारी रखने की संभावना के साथ, भारत के पास आगामी कुछ वर्षों तक सतत उच्च विकास दर कायम रखने की क्षमता है और अमेरिकी कंपनियों को विकसित होते भारतीय बाजार में प्रवेश के अवसर को अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
अमेरिका-भारत व्यापार
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत के लिए अमेरिकी निर्यातः 39.7 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत से आयातः 69.6 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार (माल और सेवाएं) 109.3 बिलियन डॉलर
कुल व्यापारः कैलेंडर वर्ष 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 109.3 बिलियन डॉलर, 2014 से 3.6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत को अमेरिकी निर्यात बढ़कर 39.7 बिलियन डॉलर, पहले के साल के मुकाबले 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष में भारत से आयात बढ़कर 69.6 बिलियन डॉलर हो गया, पहले के साल के मुकाबले 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अमेरिकी बिजनेस के लिए सीधे लाइनः अमेरिकी बिजनेस कार्यक्रम के लिए सीधे लाइन आपको हमारी ‘‘कंट्री टीम’’ का हिस्सा बनाते हुए, अमेरिकी उद्यमियों को विदेशों में अमेरिकी राजदूतों और अमेरिकी मिशन के कर्मचारियों से जोड़ती है। इससे आपको अपने बिजनेस के लिए बाजार की नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी। अधिक जानकारी के लिए और नई कॉल्स के लिए यहां क्लिक करें।
बिजनेस जानकारी की डाटाबेस प्रणाली (द बिजनेस इन्फोर्मेशन डाटाबेस सिस्टम) अमेरिकी उद्यमियों को विदेशी सरकार और बहुपक्षीय विकास बैंक खरीदारियों के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। एक संवादात्मक मैप इंटरफेस द्वारा उद्यमी विदेशों में अमेरिकी सरकार के आर्थिक व वाणिज्यिक विशेषज्ञों द्वारा नए निर्यात अवसरों, का पता व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं कर सकते हैं। सरकारी व निजी हिस्सेदार मैचमेकिंग, विश्लेषण और अन्य उद्देश्यों के लिए बीआईडीएस डेटा से लिंक या डाउनलोड कर सकते हैं।
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कंट्री कमर्शियल गाइड
भारत की कंट्री कमर्शियल गाइड (सीसीजी) अमेरिकी उद्यमियों के लिए भारत में निर्यात और निवेश अवसरों की खोज करके एक उपयोगी आरंभिक जानकारी प्रदान करता है। सीसीजी भारत में अमेरिकी दूतावास के विस्तृत दस्तावेज के में तैयार है जो वार्षिक रूप से प्रकाशित होता है। यह भारत के आर्थिक रुझानों और रूपरेखा, राजनीतिक वातावरण; व्यापार लिनयम, परंपराओं और मानकों; बिजनेस ट्रैवल; और आर्थिक व व्यापार आंकड़ों की जानकारी प्रदान व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं करता है। यह भारत में अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग, अमेरिकी निर्यात व निवेश के लिए प्रमुख भारतीय औद्योगिक क्षेत्रों; अमेरिकी निर्यातकों के लिए व्यापार और परियोजना की वित्तीय सहायता और अमेरिकी व भारतीय उद्यमियों के संपर्क की जानकारी भी प्रदान करता है।
भारत की कंट्री कमर्शियल गाइड (सीसीजी) भारत में निर्यात और निवेश अवसरों की खोज अमेरिकी उद्यमियों के लिए उपयोगी आरंभिक जानकारी प्रदान करता है। सीसीजी भारत में अमेरिकी दूतावास के विस्तृत दस्तावेज के रूप में तैयार है जो वार्षिक रूप से प्रकाशित होता है। यह भारत के आर्थिक रुझानों और रूपरेखा, राजनीतिक वातावरण; व्यापार नियम, शुल्क और मानकों; बिजनेस ट्रैवल; और आर्थिक व व्यापार आंकड़ों की जानकारी प्रदान करता है। यह भारत में अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग, अमेरिकी निर्यात व निवेश के लिए प्रमुख भारतीय औद्योगिक क्षेत्रों; अमेरिकी निर्यातकों के लिए व्यापार और परियोजना के वित्तपोषण और अमेरिकी व भारतीय उद्यमियों के संपर्क की जानकारी भी प्रदान करता है।
उद्योग विशेष की अधिक जानकारी प्राप्त करने के व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं लिए कृपया हमसे संपर्क करें।
भारत में व्यापार किस प्रकार करें
तेजी से बढ़ते मध्य वर्ग, आय बढ़ने और महंगे कृषि उत्पादों के उपभोग का तरीका बदलने से अमेरिकी कृषि के बड़े स्तर पर भारत में निर्यात बढ़ने की संभावनाएं हैं। भारत में आधुनिक फुटकर क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश चाहते हैं, और खाद्य सेवा के सेफ नए प्रयोग करना चाहते हैं एवं नए उत्पादों और वैश्विक व्यंजनों को चखने के इच्छुक युवाओं व उच्च आय वाले उपभोक्ताओं को आकर्षित करना चाहते है। भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के इच्छुक निर्यातकों को पहले यह पता लगाना चाहिए कि क्या उस उत्पाद की बाजार तक पहुंच हैं और छोटे स्तार शुरुआत करने तथा विशिष्ट लेबलिंग एवं पैकेजिंग आवश्यकताओं को पूरा करने लिए तैयार रहना चाहिए।
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सबसे पहले 011-91-11- डायल करें व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं
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रॉबर्ट जे. गारवेरिक, आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
स्कॉट एस सिंडलर, कृषि मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
जॉन मैक्कैसलिन, वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारी व वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर
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कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत के लिए अमेरिकी निर्यातः 39.7 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत से आयातः 69.6 बिलियन डॉलर
कैलेंडर वर्ष व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार (माल और सेवाएं) 109.3 बिलियन डॉलर
कुल व्यापारः कैलेंडर वर्ष 2015 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 109.3 बिलियन डॉलर, 2014 से 3.6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष 2015 में भारत को अमेरिकी निर्यात बढ़कर 39.7 बिलियन डॉलर, पहले के साल के मुकाबले 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कैलेंडर वर्ष में भारत से आयात बढ़कर 69.6 बिलियन डॉलर हो गया, पहले के साल के मुकाबले 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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दिए गए विकल्पों में से कौन सा वित्तीय क्षेत्र में शामिल नहीं है?
Key Points
वित्तीय बाजार:
वित्तीय बाजार उधारदाताओं और उधारकर्ताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। वित्तीय बाजार पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को सुचारू करने में मदद करते हैं। यह उधारदाताओं और उधारकर्ताओं के बीच संसाधनों का आवंटन करता है। बाजार खरीदारों और विक्रेताओं के लिए अपनी वित्तीय होल्डिंग्स का व्यापार करना आसान बनाते हैं। निम्नलिखित वित्तीय बाजारों का एक हिस्सा हैं:
- शेयर बाजार- ये वे स्थान हैं जहां कंपनियां अपने शेयरों को सूचीबद्ध करती हैं और व्यापारियों और निवेशकों द्वारा खरीदी और बेची जाती हैं।शेयर बाजार, या इक्विटी बाजार, कंपनियों द्वारा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से पूंजी जुटाने के लिए उपयोग किया जाता है, बाद में विभिन्न खरीदारों और विक्रेताओं के बीच शेयरों का कारोबार होता है जिसे द्वितीयक बाजार के रूप में जाना जाता है।
- ओवर-द-काउंटर बाजार- एक ओवर-द-काउंटर (OTC) बाजार एक विकेन्द्रीकृत बाजार है, इसका कोईभौतिक स्थान नहीं होता हैं, और व्यापार इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयोजित किया जाता है—जिसमें बाजार सहभागियों को दलाल के बिना दो पक्षों के बीच सीधे प्रतिभूतियों का व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं व्यापार होता है।
- बांड बाजार- निगमों के साथ-साथ नगर पालिकाओं, राज्यों और संप्रभु सरकारों द्वारा परियोजनाओं और संचालन के वित्तपोषण के लिए बांड जारी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, बांड बाजार यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेजरी द्वारा जारी किए गए नोट और बिल जैसी प्रतिभूतियों को बेचता है। बांड बाजार को डेबिट, क्रेडिट या फिक्स्ड-इनकम मार्केट भी कहा जाता है।
- मुद्रा बाजार- मुद्रा बाजार अत्यधिक तरल अल्पकालिक परिपक्वता (एक वर्ष से कम) वाले उत्पादों में व्यापार करते हैं और उच्च स्तर की सुरक्षा और ब्याज में अपेक्षाकृत कम रिटर्न की विशेषता होती है।
- व्युत्पन्न बाजार- एक व्युत्पन्न बाजार प्रतिभूति और विकल्प अनुबंध और अन्य उन्नत वित्तीय उत्पादों में ट्रेड करता है, जो बांड, कमोडिटीज, मुद्रा, ब्याज दर, बाजार सूचकांक और स्टॉक जैसे अंतर्निहित उपकरण से अपना मूल्य प्राप्त करते हैं।
- विदेशी मुद्रा बाजार/विदेशी मुद्रा बाजार- वह बाजार जिसमें प्रतिभागी मुद्रा युग्मों के बीच विनिमय दरोंपर खरीद, बिक्री, बचाव और अनुमान लगा सकते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार दुनिया में सबसे अधिक तरल बाजार है, क्योंकि नकदी संपत्ति में सबसे अधिक तरल होती है।
- कमोडिटी बाजार- कमोडिटी बाजार ऐसे स्थान हैं जहां उत्पादक और उपभोक्ता भौतिक वस्तुओं जैसे कृषि उत्पादों (जैसे, मक्का, पशुधन, सोयाबीन), ऊर्जा उत्पादों (तेल, गैस, कार्बन क्रेडिट), कीमती धातुओं (सोना, चांदी, प्लैटिनम), या "नरम" वस्तुएं (जैसे कपास, कॉफी और चीनी) का आदान-प्रदान करने के लिए एकजुट होते हैं। इन्हें स्पॉट कमोडिटी बाजार के रूप में जाना जाता है, जहां पैसे के लिए भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है।
- क्रिप्टोकरेंसी बाजार- क्रिप्टोकरेंसी टोकन उपलब्ध हैं और स्वतंत्र ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंजों के पैचवर्क में विश्व स्तर पर व्यापार करते हैं। ये एक्सचेंज व्यापारियों के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी को दूसरे के लिए या डॉलर या यूरो जैसे फिएट मनी के लिए स्वैप करने के लिए डिजिटल वॉलेट होस्ट करते हैं।
Important Points
- ध्यान दीजिए कि वित्तीय बाजार क्षेत्र में मौजूद कोई ऐसा बाजार नहीं है जिसे व्यापार बाजार कहा जाता है।
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Last updated on Sep 26, 2022
The Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited (DFCCIL) has released the DFCCIL Junior Executive Result for Mechanical and Signal & Telecommunication against Advt No. 04/2021. Candidates who are qualified for the CBT round of the DFCCIL Junior Executive are eligible for the Document Verification & Medical Examination. The highest marks of the UR category for Mechanical are 103.50 and for Signal & Telecommunication 98.750. With a salary range between Rs. 25,000 to Rs. 68,000, it is a golden opportunity for all job seekers.
सिर्फ 1 से 2 लाख रुपए में शुरू करें ये 5 छोटे व्यापार के लिए कौन से बाजार उपलब्ध हैं बिजनेस, हो सकती है बढ़िया कमाई
अपना बिजनेस कौन शुरू नहीं करना चाहता, लेकिन पैसा न होने के कारण बहुत से लोग बिजनेस शुरू नहीं कर पाते. साथ ही यह भी संशय रहता है कि कौन सा बिजनेस उनके लिए सही साबित होगा.
यह ऐसे बिजनेस हैं, जिनके लिए मोदी सरकार की तरफ से मुद्रा स्कीम के तहत लोन मिलता है. (प्रतीकात्मक)
अपना बिजनेस कौन शुरू नहीं करना चाहता, लेकिन पैसा न होने के कारण बहुत से लोग बिजनेस शुरू नहीं कर पाते. साथ ही यह भी संशय रहता है कि कौन सा बिजनेस उनके लिए सही साबित होगा. लेकिन, कई ऐसे छोटे बिजनेस हैं, जिन्हें शुरू करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसमें सिर्फ 1-2 लाख रुपए तक का खर्च आएगा. आज हम आपको ऐसे ही पांच बिजनेस की जानकारी दे रहे हैं, जो सिर्फ 2 लाख रुपए तक की पूंजी से शुरू किए जा सकते हैं.
यह ऐसे बिजनेस हैं, जिनके लिए मोदी सरकार की तरफ से मुद्रा स्कीम के तहत लोन मिलता है. मतलब अगर आपकी लागत बढ़ती है तो बाकी की कैपिटल का इंतजाम मुद्रा स्कीम से हो सकता है. तो आइए, जानते हैं कि इन बिजनेस की प्रोजेक्ट रिपोर्ट कैसे तैयार की जा सकती है.
शुरू करें राइस एवं करी पाउडर यूनिट
अगर आप राइस एंड करी पाउडर मैकिंग यूनिट लगाते हैं तो आपको लगभग 6.55 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में यह यूनिट शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आपको लगभग 1.66 लाख रुपए अपने पास से लगाने होंगे, जबकि 3.32 लाख रुपए टर्म लोन और 1.66 लाख रुपए वर्किंग कैपिटल लोन लेना होगा. यह लोन आपको मुद्रा स्कीम के तहत किसी भी बैंक से मिल जाएगा. मुद्रा वेबसाइट पर अपलोड प्रोजेक्ट प्रोफाइल के मुताबिक, आपको इस प्रोजेक्ट में लगभग 1.45 लाख रुपए का नेट प्रॉफिट हो सकता है.
1.95 लाख में शुरू करें यह बिजनेस
प्रधानमंत्री मुद्रा स्कीम के प्रोजेक्ट प्रोफाइल के मुताबिक, अगर आप टमेटो सॉस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने चाहते हैं तो आपके पास लगभग 1 लाख 95 हजार रुपए रुपए होने चाहिए. जबकि आप 1.50 लाख टर्न लोन और लगभग 4.36 लाख रुपए वर्किंग कैपिटल लोन ले सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, आप साल भर में लगभग 30 हजार किलोग्राम टोमेटो सॉस तैयार कर सकते हैं और सालाना प्रोडक्शन कॉस्ट के तौर पर आपका लगभग 24 लाख 37 हजार रुपए खर्च होगा. वहीं, 30 हजार किलोग्राम सॉस आप 95 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से बाजार में सप्लाई करते हैं तो आपका सालाना टर्नओवर 28 लाख 50 हजार रुपए होगी.
शुरू करें आयुर्वेदिक यूनिट
अगर आप आयुर्वेदिक कैप्सूल बनाने की यूनिट शुरू करना चाहते हैं तो आप लगभग 1.10 लाख रुपए में यह यूनिट शुरू कर सकते हैं. इस प्रोजेक्ट की कुल कॉस्ट 4 लाख 47 हजार रुपए आएगी. इस कॉस्ट से आप 20 लाख कैप्सूल बना सकते हैं. प्रोजेक्ट कॉस्ट में शेड का किराया, इक्विपमेंट्स और एक माह की वर्किंग कैपिटल शामिल है. इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर पीएम रोजगार योजना के तहत लोन ले सकते हैं. प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन लगभग 11 लाख 72 हजार रुपए होगी. वहीं, आपकी सेल्स लगभग 15 लाख रुपए होगी. मतलब लगभग 3 लाख 28 हजार रुपए का सीधा मुनाफा होगा.
राइस प्रोसेसिंग मिल
अगर आप राइस प्रोसेसिंग मिल शुरू करते हैं तो आप कुल 3.5 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में यह यूनिट लगा सकते हैं. इसमें लगभग 25 फीसदी पैसे का इंतजाम करना होगा, बाकी लगभग 2 लाख रुपए का आपको लोन मिल जाएगा. प्रोजेक्ट के तहत आप लगभग 370 क्विंटल राइस की प्रोसेसिंग करता है. इसका कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन लगभग 4 लाख 45 हजार रुपए आएगा, अगर आप सारा माल बेच देते हैं तो आपकी सेल्स लगभग 5 लाख 54 हजार रुपए होगी. मतलब लगभग 1 लाख 10 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा हो सकता है.
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1.25 लाख में शुरू करें यह बिजनेस
खादी विलेज इंडस्ट्री बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आप 4.76 लाख रुपए की प्रोजेक्ट कॉस्ट में आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने की यूनिट शुरू कर सकते हैं. इसमें आपको लगभग 1.25 लाख रुपए का इंतजाम करना होगा. इसमें शेड का किराया, इक्विपमेंट्स और एक माह की वर्किंग कैपिटल शामिल है. इस प्रोजेक्ट कॉस्ट से आप लगभग 65 हजार कंटेनर्स का प्रोडक्शन कर सकते हैं, जिसकी प्रोडक्शन कॉस्ट 13 लाख 41 हजार रुपए आएगी. और आपकी टोटल सेल्स 16 लाख रुपए होगी. मतलब आपको लगभग 2 लाख 58 हजार रुपए की शुद्ध कमाई होगी.
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