रूस के यूक्रेन पर सैन्य हमले के बीच घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लौटी रौनक से निवेशकों की संपत्ति 7.72 लाख करोड़ रुपए से अधिक बढ़ गई. अमेरिका और उसके सहयोगियों देशों द्वारा रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के साथ शुक्रवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,328.61 यानी 2.44 फीसदी उछलकर 55,858.52 अंक पर बंद हुआ. इस तेजी के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,72,873.6 करोड़ रुपए बढ़कर 2,49,97,053.39 करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा की कीमतें पर पहुंच गया. गुरुवार को इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,42,24,179.79 करोड़ रुपए था.

विदेशी मुद्रा भंडार से देश को संबल : The Dainik Tribune

विदेशी मुद्रा की कीमतें

चीनी राजकीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस सितंबर के अंत तक चीन का विदेशी मुंद्रा भंडार 30 खरब 29 अरब अमेरिकी डॉलर रहा ,जिसमें इस अगस्त के अंत की तुलना में 0.85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

चीनी राजकीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो की उप निदेशक और प्रवक्ता वांग छुनइंग के मुताबिक इस साल सितंबर में सीमा पार पूंजी की बहाली आम तौर पर स्थिर रही ।विदेशी मुद्रा की सप्लाई और मांग संतुलित बनी रही ।

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में अमेरिकी डॉलर का सूचकांक और बढ़ रहा है और वैश्विक विदेशी मुद्रा की कीमतें वित्तीय संपत्ति की कीमतों में बड़ी गिरावट नजर आ रही है ।विनिमय दर और संपत्ति की कीमतों के बदलाव से इस सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार का पैमाना थोड़ा कम हुआ है ।(वेइतुंग)

सोने की कीमत में आई तेजी से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आया 2.76 अरब डॉलर का उछाल, जानिए खजाने में कितना है

सोने की कीमत में आई तेजी से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आया 2.76 अरब डॉलर का उछाल, जानिए खजाने में कितना है

देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 18 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.762 अरब डॉलर बढ़कर 632.95 अरब डॉलर हो गया. मुख्य रूप से आरक्षित स्वर्ण भंडार (Gold reserves) के मूल्य तथा मुख्य मुद्रा आस्तियों में वृद्धि के कारण मुद्रा भंडार बढ़ा. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पूर्व के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.763 अरब डॉलर घटकर 630.19 अरब डॉलर रह गया था. आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) के बढ़ने के कारण दर्ज की गई. एफसीए समग्र भंडार और स्वर्ण भंडार का एक प्रमुख घटक है. आंकड़ों के अनुसार 18 फरवरी को समाप्त सप्ताह में एफसीए 1.496 अरब डॉलर बढ़कर 567.06 अरब डॉलर हो गया.

रुपए में 27 पैसे का उछाल

कच्चे तेल की कीमतों में कमी और घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 27 पैसे मजबूत होकर 75.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 75.31 प्रति डॉलर पर खुला. कारोबार के दौरान 75.18 के उच्च स्तर और 75.46 के निम्न स्तर को छूने के बाद अंत में 27 पैसे की तेजी के साथ 75.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को रुपया 99 पैसे की गिरावट के साथ 75.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान शुरु होने के बाद जोखिम वाली संपत्तियों को लेकर धारणा प्रभावित हुई हैं.

दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 1,274 रुपए के गिरावट के साथ 50,913 प्रति दस ग्राम रह गयी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट तथा रुपए के मूल्य में सुधार आने के साथ सोने में गिरावट आयी.रूस-यूक्रेन संकट के बीच सोना गुरुवार को 1,656 की जोरदार तेजी के साथ 51,627 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था. चांदी की कीमत भी 2,219 रुपए लुढ़ककर 64,809 रुपए प्रति किलोग्राम रह गयी. पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 67,028 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.

रुपये ने बनाया गिरने का नया रिकॉर्ड, पहली बार 82 के पार, आपके ऊपर होगा ये असर

रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़का रुपया

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2022, 2:21 PM IST)

भारतीय करेंसी रुपया (Rupee) लगातार गिरने का नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. बीते दिनों अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ये 81 के स्तर तक फिसल गया था, तो अब नए विदेशी मुद्रा की कीमतें निचले स्तर (Rupee Record Low) को छूते हुए 82 के पार निकल गया है. शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में यह कमजोर होकर 82.33 के स्तर पर आ गया. यहां बता दें रुपये में ये गिरावट कई तरह से आप पर असर (impact) डालने वाली है.

16 पैसे टूटकर छुआ रिकॉर्ड लो स्तर
पहले बात कर लेते हैं Rupee में लगातार जारी गिरावट के बारे में, तो बीते कारोबारी दिन मुद्रा बाजार (Currency Market) में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.88 के स्तर पर बंद हुआ था. बीते कुछ दिनों में इसमें कभी मामूली बढ़त और कभी गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन कई रिपोर्ट्स में इसके 82 तक गिरने की आशंका जताई जा रही थी.

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रुपये में गिरावट के बड़े कारण
भारतीय मुद्रा रुपये में लगातार आ रही गिरावट के एक नहीं बल्कि कई कारण है. हालांकि, इसके टूटने की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है. दरअसल, अमेरिका में महंगाई (US Inflation) चार दशक के उच्च स्तर पर बनी हुई है और इसके चलते वगां ब्याज दरें लगातार बढ़ (US Rate Hike) रही हैं. बीते दिनों एक बार फिर से फेड रिजर्व ने इनमें 0.75 फीसदी की भारी-भरकम बढ़ोतरी की.

दरें बढ़ने की रफ्तार में सुस्ती नहीं आने का संकेत मिलने के कारण दुनिया भर की करेंसी डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही हैं. क्योंकि डॉलर के मजबूत होने पर इन्वेस्टर्स दुनिया भर के बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षा के लिहाज से अमेरिकी डॉलर में अपना इन्वेस्टमेंट झोंक रहे हैं. इन्वेस्टर्स की इस बिकवाली का असर रुपया समेत दुनिया भर की करेंसियों पर हो रहा है. इसके अलावा जबकि, रूस और यूक्रेन युद्ध और उससे उपजे भू-राजनैतिक हालातों ने भी रुपया पर दबाव बढ़ाने का काम किया है.

गिरते रुपया को संभालने में जुटा RBI, विदेशी मुद्रा भंडार पर दिख रहा असर!

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भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रुपया की गिरावट को रोकने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दिख रहा है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है। वहीं, रुपया की बात करें तो शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 5 पैसे की गिरावट के साथ 79.90 रुपये पर बंद हुआ।

कैसी रही रुपया की चाल: भारतीय करेंसी रुपया कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 79.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपया 79.86 के दिन के उच्चतम स्तर और 79.92 के निम्नतम स्तर तक गया।

RBI रुपये की रक्षा के लिए 'समझदारी' से विदेशी मुद्रा भंडार का कर रहा उपयोग

भारतीय रुपया, जो कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से गिर रहा था और कई बार निचले स्तर को छू गया था, भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करके कई बार विवेकपूर्ण तरीके से बचाव किया है।

RBI रुपये की रक्षा के लिए

भारतीय रुपया, जो कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से गिर रहा था और कई बार निचले स्तर को छू गया था, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करके कई बार विवेकपूर्ण तरीके से बचाव किया है।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की मांग-आपूर्ति के बीच अंतर को भरने के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को देखते हुए आरबीआई ने पिछले कुछ वर्षो में प्रवाह और बहिर्वाह को बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित किया है।

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