डीमैट खाता क्या और कितने प्रकार के होते है?
इस लेख में डीमैट खाता (Demat Account) क्या है? डीमैट खाता कैसे काम करता है? डीमैट खाता कितने प्रकार के होते है? डीमैट खाता के लिए पात्रता और नियम तथा डीमैट खाता के लिए बैलेंस आदि की जानकारी दी गयी है।
Table of Contents
डीमैट खाता क्या है?
सभी गांव में रहने वाले और नए छात्रों को डीमैट खाता के बारे में जानकारी नहीं होती है इसलिए सबसे पहले जानते है की डीमैट खाता क्या होता है? असल में डीमैट खाता एक प्रकार बैंक खाते जैसा ही होता है। बैंक खाते में रूपये का लेन – देन करते है ठीक उसी प्रकार डीमैट खाता में शेयर का लेन – देन किया जाता है। डीमैट खाता में इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयर को रखा जाता है और इन शेयर को खरीदना तथा बेचने का कार्य डीमैट खाता में किया जाता है।
डीमैट खाते का कार्य
दोस्तों! अब आपको समझ में आ गया होगा की डीमैट खाता क्या होता है और किस कार्य में लिए जाता है। डीमैट खाता का मुख्य कार्य निवेश के लिए शेयर को खरीदने और बेचने में किया जाता है। यह एक प्रकार का निवेश के लिए डीमैट खाता जरुरी होता है। डीमैट खाता उन लोगों के लिए जरुरी होता है जो निवेश करना एक डीमैट खाता क्या है पसंद करते है। निवेश कई प्रकार के होते है, शेयर में निवेश भी एक प्रकार का निवेश है। डीमैट खाता को खुलवाने का मुख्या उद्देष्य शेयर को खरीदने – बेचने, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश और डे ट्रेडिंग करना आदि।
डीमैट खाते के प्रकार
डीमैट खाते के तीन प्रकार होते है। इन तीन प्रकार के डीमैट खाते से शेयर बाजार में निवेश का कार्य किया जाता है। डीमैट खाता नहीं होने पर निवेश असंभव है, इसलिए डीमैट खाता अनिवार्य और निवेश की पहली सीढ़ी है। डीमैट खाता खुलवाने की प्रक्रिया आगे इसी लेख में दी गयी है। पहले डीमैट खाता कितने प्रकार का होता है, ये जानना जरुरी है जो इस प्रकार है –
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account) – इस प्रकार का डीमैट खाता भारतीय जो देश में रहते है और देश में कमाई करते है, वे निवेश करना चाहते है उनके लिए रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account) खुलवाना होता है। रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account) में इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयर को खरीद कर रखा जाता है। शेयर बाजार में निवेश का लेन – देन कर कार्य रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account) में किया जाता है, जो कम समय के लिए हो सकता है जैसे दैनिक व्यापार (intraday trading) और लम्बे समय के लिए जैसे शेयर खरीद कर रखना या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश लम्बे समय के लिए करना आदि।
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat Account) खुलवाने का तरीका
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat Account) खुलवाने के लिए किसी भी डिपॉजिट्री-CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं।
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account)
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) – इस प्रकार के डीमैट खाता भारतीय जो विदेश में रह रहे है उन्हें NRI कहते है वे NRI भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते है। इस खाते में जॉइंट निवेश की सुविधा होती है जो भारतीय होना चाहिए, परन्तु कहाँ रहता है ये जरुरी नहीं है मतलब भारतीय विदेश में रहते हुए भी रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) में जॉइंट निवेश कर एक डीमैट खाता क्या है सकते है। रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) में विदेश में फण्ड ट्रांसफर करने की अनुमति होती है, परन्तु इसके लिए उनके पास NRI बैंक खाता होना चाहिए।
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat account) खुलवाने का तरीका
- NRIs को पासपोर्ट की एक कॉपी,
- PAN कार्ड,
- वीजा कार्ड,
- विदेश में रहने का पता,
- पासपोर्ट साइज फोटो और साथ ही में FEMA डिक्लेरशन,
- NRE या NRO खाते का कैंसल्ड चेक आदि।
नॉन-रिपाट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat account)
जिनकी कमाई भारत और विदेश में है वे NRI नॉन-रिपाट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat account) खुलवा सकते है, परन्तु उसके लिए NRO खाते की जरुरत होती है। इस प्रकार के डीमैट खाते से विदेश में फण्ड ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं होती है। देश और विदेश की कमाई को प्रबंधित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। विदेश में रह रहे भारतीयों के लिए निवेश की सुविधा प्रधान करने के लिए नॉन-रिपाट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat account) की व्यवस्था की गयी है।
डीमैट खाता क्या और कितने प्रकार के होते है?
डीमैट खाता FAQ
प्रश्न: डीमैट खाता (Demat Account) क्या है?
उत्तर – डीमैट खाता शेयर को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने का माध्यम है जिसमे शेयर खरीदकर रखे जाते है और बेचे जाते है।
प्रश्न: डीमैट खाता कैसे काम करता है?
उत्तर – डीमैट खाता ठीक उसी प्रकार कार्य करता है जैसे बैंक का खाता। डीमैट खाता को निवेश के लिए काम में लेते है।
प्रश्न: डीमैट खाता कितने प्रकार के होते है?
उत्तर – डीमैट खाते तीन प्रकार के होते है। Regular, Repatriable और Non – Repatriable डीमैट एक डीमैट खाता क्या है खाता।
निष्कर्ष
दोस्तों! आपने इस लेख में डीमैट खाता (Demat Account) के बारे में पढ़ा। डीमैट खाता क्या और कितने प्रकार के होते है तथा कोनसा डीमैट खाता किन के लिए होता है, जानकारी इस लेख में पूरी दी गयी है। आशा करता हु की आपको डीमैट खाता (Demat Account) के बारे में पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा होगा। और भी निवेश सम्बंधित लेख इस ब्लॉग में प्रकाशित होंगे इसलिए हमारे बिग निवेश ब्लॉग को नहीं भूलना। इस लेख को पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद।
एक डीमैट खाता क्या है
बोनांजा पोर्टफोलियो में एसोसिएट फंड एवं वेल्थ मैनेजर हीरेन ढाकन कहते हैं कि हाल तक ब्रोकिंग कंपनियों से ग्राहक इस तरह की पूछताछ करते रहे हैं कि वे अपने निष्क्रिय डीमैट खाते को फिर से कैसे चालू करा सकते हैं? उन्होंने लंबे समय से कोई खरीद-बिक्री नहीं की है लेकिन अब जबकि इक्विटी और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार में फिर से तेजी आई है तो वे ऐसा करना चाहते हैं। ढाकन का कहना है, 'हम तीन साल तक डीमैट खाते को निष्क्रिय रहने देते हैं और फिर इन्हें स्थायी रूप से निष्क्रिय बना लेते हैं। हालांकि कुछ ऐसी ब्रोकिंग कंपनियां हैं जो इन खातों को पूरी तरह निष्क्रिय घोषित करने से पहले पांच साल तक इंतजार करती हैं।' हालांकि इस बारे में कोई तय नियम नहीं है कि किसी डीमैट खाते को निष्क्रिय घोषित करने से पहले कितने समय तक इस खाते में लेन-देन नहीं होना चाहिए। यह इस पर निर्भर करता है कि डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी), बैंक या ब्रोकर और ग्राहक के बीच किस तरह का करार हुआ एक डीमैट खाता क्या है है? आमतौर पर यह इस पर निर्भर करता है कि खाते के रखरखाव का शुल्क किस तरह वसूला जाता है।
अगर खाते के लिए आजीवन या एक बार फीस वसूली गई है तो खाता में लंबे समय तक कोई लेन-देन न होने के बावजूद इसे निष्क्रिय श्रेणी में नहीं डाला जाता है। हालांकि अगर डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट सालाना प्रबंधन फीस लेता है तो इसे एक साल बाद भी निष्क्रिय घोषित किया जा सकता है। बोनांजा के ही मामले में प्रबंधन शुल्क 350 रुपये से 370 रुपये प्रति वर्ष होता है जबकि आजीवन शुल्क 1500-1600 रुपये है। ज्यादातर डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट ग्राहकों को उनके प्रोफाइल के हिसाब से लघु अवधि, दीर्घ अवधि आदि श्रेणियों में रखते हैं।
फंड्सइंडिया डॉट कॉम में इक्विटी प्रमुख आर. सुधींद्र का कहना है कि अक्सर ग्राहकों के प्रोफाइल के आधार पर ही फीस भी तय होती है। मिसाल के तौर पर लंबी अवधि के निवेशक जो साल में एक ही बार खाते में कारोबार करते हैं तो डीपी उनका खाता खोलने के लिए ज्यादा शुल्क और ब्रोकिंग के लिए कम शुल्क वसूल सकता है। ऐसे ग्राहकों के डीमैट खाते को निष्क्रिय श्रेणी में डालने एक डीमैट खाता क्या है से पहले उनको ज्यादा लंबे समय की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि रोजाना कारोबार करने वाले सट्टा कारोबारी का खाता खोलने का शुल्क कम हो सकता है लेकिन ब्रोकिंग शुल्क ज्यादा हो सकता है। ऐसे खाते में अगर 12 महीने तक कोई कारोबार नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय कहा जा सकता है। खाता खोलने की फीस ग्राहक के प्रोफाइल के मुताबिक 500-1000 रुपये तक हो सकती है। आमतौर पर एक डीमैट खाते को दोबारा चालू कराने में दो दिन का वक्त लगता है।
डीमैट खाते को फिर से बहाल कराने के लिए सबसे पहले आपको एक रिएक्टीवेशन फॉर्म भरना होता है और नो योर कस्टमर (केवाईसी) ब्योरा देना पड़ता है। इस ब्योरे में निवास और पहचान प्रमाणपत्र देना शामिल है। आपका डीपी यह भी देखेगा कि आपके हस्ताक्षर मूल रिकार्ड से मेल खाते हैं या नहीं। इसके लिए वह उनका मिलान मूल रिकॉर्ड के साथ करेगा। आपका डीपी इसे बहाल करने के लिए फीस वसूल सकता है। यह शुल्क अलग-अलग डीपी के लिए अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर रिएक्टीवेशन फीस 500 रुपये से कम ही होती है। सुधींद्र कहते हैं, 'मान लीजिए अगर आपके खाते में 2 लाख रुपये के शेयर हैं लेकिन उसमें कोई कारोबार नहीं हो रहा है तो मुमकिन है कि डीपी कोई रिएक्टीवेशन फीस नहीं वसूले। लेकिन अगर उस खाते में कोई शेयर नहीं हैं तो डीपी आपसे रिएक्टीवेशन फीस ले सकता है। माना यह जाता है कि जब ग्राहक कोई कारोबार करता है तो डीपी को ब्रोकिंग शुल्क से कमाई होती है और उससे लागत की भरपाई हो सकती है।' डीपी द्वारा ली गई फीस में केवल ब्रोकिंग शुल्क ही अनिवार्य होता है। दूसरे शुल्क मसलन प्रबंधन, खाता खोलने और दोबारा एक्टिवेशन शुल्क अनिवार्य नहीं है और हर डीपी का अपना नियम होता है।
ढाकन का कहना है, 'एक डीमैट खाता क्या है आपको छह महीने में एक बार अपना खाता जरूर देखना चाहिए। आपको लाभांश मिल सकता है या कुछ लेन-देन के लिए आप पर शुल्क लगाया जा सकता है जिसके बारे में आपको पता ही नहीं हो।' हालांकि सुधींद्र कहते हैं कि केवल डीमैट खाते में लॉग इन करने से यह सक्रिय नहीं हो जाता है। वह कहते हैं, 'अगर आप कोई लेन-देन करते हैं तो ही इसे सक्रिय माना जाएगा। इसकी वजह यह है कि सभी डीमैट खाते ऑनलाइन नहीं होते। कई ऑफलाइन खाते भी होते हैं और ग्राहकों को बैंक जाकर या ब्रोकर के दफ्तर में पूरी कार्रवाई करनी होती है।'
डीमेट एकाउंट (Demat Account) कैसे खोलें, यहाँ से जानें पूरी जानकारी
डीमेट एकाउंट हिंदी में – सम्पूर्ण विश्व में लोग धन को अधिक से अधिक प्राप्त करना चाहते है इसके लिए वह कई प्रकार के तरीकों का उपयोग करते है। इन तरीकों में शेयर मार्केट एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसमें रिस्क थोड़ा अधिक रहता है लेकिन यदि यूजर को सही जानकारी हो तो वह इसके माध्यम से अच्छा पैसा अर्जित कर सकता प्रत्येक देश में इसके लिए रोजाना नियमानुसार शेयर बाजार को निर्धारित समय के लिए खोला और बंद किया जाता है। इस माध्यम से पैसा अर्जित करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यदि आप भी इसमें निवेश करना चाहते है तो आपको एक डीमेट एकाउंट की आवश्यकता होती है। यदि आपको डीमेट एकाउंट के बारे में जानकारी नहीं है, तो इस लेख में हम आपको डीमेट एकाउंट क्या है और डीमेट एकाउंट (Demat Account) कैसे खोलें ? इसके बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है।
डीमेट एकाउंट क्या है (What is Demat Account)
डीमेट एकाउंट हिंदी में – शेयर मार्केट में अपने पैसे का निवेश करने और उससे प्राप्त लाभ को प्राप्त करने के लिए एक एकाउंट को खोलना पड़ता है इस एकाउंट को ही डीमेट एकाउंट कहा जाता है। यह हमारे बैंक एकाउंट की तरह ही होता है जैसे हम साधारण खाते में पैसे को जमा करते है और निकालते है उसी से मिलता- जुलता डीमेट एकाउंट भी होता है इसमें पैसे का आदान- प्रदान ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है।
इसको इस प्रकार से भी समझा जा सकता है, हमारे साधारण बैंक खातें में जिस प्रकार से भौतिक रूप से रुपयों को नही रखा जाता है, केवल उनकी इंट्री को ही प्रदर्शित किया जाता है। इसी तरह से डीमेट एकाउंट में भी शेयरों का आदान- प्रदान की इंट्री और उससे प्राप्त धन के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके द्वारा हम अपने डीमेट एकाउंट में होने वाले लाभ और हानि को समझ सकते है।
जब हम शेयर को खरीदते है तो हमारे डीमेट एकाउंट से पैसा कट जाता है और जब भी हम अपने शेयर को बेचते है तो उससे प्राप्त रूपये हमारे डीमेट एकाउंट में जमा कर दिए जाते है इन जमा रुपयों को हम अपने साधारण बैंक खातें में ट्रांसफर करके नगद रूपए प्राप्त कर सकते है।
डीमेट एकाउंट का फुल फॉर्म डीमैटरियलाइज्ड एकाउंट होता है इसके द्वारा निवेशक डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शेयर और प्रतिभुतियो को खरीद और बेच सकते है।
भारत में डीमेट एकाउंट को खोलने की दो संस्थानों के द्वारा प्रदान की जाती है। प्रथम नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और दूसरा सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड इन दोनों के माध्यम से ही अन्य छोटी- छोटी कम्पनियाँ इसे खोलने में सहायता प्रदान करती है।
इस सहायता के द्वारा वह लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है। डीमैट खाते को खोलने के लिए आपको किसी भी प्रकार का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
नियमानुसार इसमें किसी भी निर्धारित मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आप शेयर मार्केट के द्वारा पैसे अर्जित करना चाहते है तो आपके पास डीमेट एकाउंट होना अतिआवश्यक है।
डीमेट एकाउंट का महत्व (Importance of Demat Account)
- इसके द्वारा शेयरों और प्रतिभूतिभूयों को डिजिटल रूप से अपने खाते में रखा जा सकता है।
- इसके माध्यम से शेयरों और प्रतिभूतिभूयों के प्रमाणपत्रों की चोरी, जालसाजी, हानि और क्षति की समस्या समाप्त हो जाती है।
- डीमेट एकाउंट के द्वारा शेयरों को तुरंत ही बेचा और ख़रीदा जा सकता है।
डीमैटरियलाइजेशन-डीमैट क्या होता है (what is Dematerialization)
डीमेट एकाउंट हिंदी में – डीमैटरियलाइजेशन एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके द्वारा शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जाता है। इसके द्वारा इसको कही से भी एक्सेस किया जा सकता है। कुछ वर्षों पूर्व जब डिजिटलीकरण नहीं हुआ था उस समय शेयरों के प्रमाणपत्रों को भौतिक रूप से सुरक्षित रखा जाता था परन्तु आज के समय में यह सभी कार्य डिजिटल फॉर्म में किया जाता है। इसके द्वारा हमे प्रमाण पत्र हमेशा भौतिक रूप से अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं रहती है।
जब से डीमैट खाते का आगमन हुआ तब से शेयरों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अगर कोई निवेशक अपने भौतिक शेयरों को डिजिटलीकरण करना चाहता है तो उसे एक डीमैटरियलाइजेशन-डीमेट एकाउंट को खोलना होगा।
डीमैट खाते के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required for Demat Account)
- आय का प्रमाण
- पहचान का प्रमाण
- पते का प्रमाण
डीमैट खाते के लिए आय का प्रमाण (Demat Account Income Proof)
आय प्रमाण के रूप में आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) या पिछले 6 महीने का बैंक विवरण अथवा सैलरी स्लिप का प्रयोग कर सकते है।
डीमैट खाते के लिए पहचान का प्रमाण (Demat Account Identity Proof)
- पहचान के प्रमाण हेतु आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट या पैन का उपयोग कर सकते है।
- पते के लिए आप पासपोर्ट या आधार कार्ड या राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या मकान या फ़्लैट की रजिस्ट्री का उपयोग कर सकते है।
डीमेट एकाउंट किस प्रकार खोला जाता है (Demat Account Kaise Open Kare)
Demat Account Kaise Khola Jata Hai- डीमेट एकाउंट के लिए हमारे देश में दो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड के द्वारा खोला जाता है। इसमें 500 से अधिक डिपॉजिटरीज एजेंट के रूप में डीमेट एकाउंट को खोलने में सहायता प्रदान करते है। डिपॉजिटरीज एजेंट को आम भाषा में डीपी के नाम से जाना जाता है।इन सभी डीपी का प्रमुख कार्य यह है कि जो भी निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है उसका डीमेट एकाउंट खुलवाना होता है।
Post Office FD Interest – Rates : पोस्ट ऑफिस में सावधि जमा खाता खोलने पर मिलता है 7.4 तक ब्याज, देखे
Post Office FD Interest-Rates : आम आदमी के जीवन में बचत का एक महत्वपूर्ण स्थान है ! बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट ( Fixed Deposit ) प्राप्त करना निवेश के लिए सबसे सरल और लोकप्रिय विकल्प है ! पिछले कुछ सालों की बात करें तो बैंकों में सावधि जमा कराकर पैसा लगाने की संख्या पोस्ट ऑफिस ( Post Office ) के मुकाबले काफी बढ़ गई है ! लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब भी पोस्ट ऑफिस सावधि जमा में एफडी इंटरेस्ट रेट ( FD Interest Rate ) बैंक से ज्यादा है ! इतना ही नहीं डाकघर निवेश का एक विश्वसनीय और सुरक्षित विकल्प भी प्रदान करता है !
Post Office FD Interest-Rates
Post Office FD Interest-Ratesडाकघर में कई ऐसी योजनाएं हैं ! जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं है ! उन्हीं में से एक है फिक्स्ड डिपॉजिट ( Fixed Deposit ) अकाउंट स्कीम ! इस योजना के तहत आपको डाकघर में बैंकों के सावधि जमा से अधिक ब्याज मिलता है ! पोस्ट ऑफिस ( Post Office ) में आप 1 साल, 2 साल, 3 साल और 5 साल के लिए पैसे जमा कर सकते हैं ! डाकघर में 5 साल के कार्यकाल के साथ सावधि जमा खाते में निवेश की गई राशि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत लाभ के लिए पात्र है ! पोस्ट ऑफिस एफडी इंटरेस्ट रेट ( FD Interest Rate ) बहुत खास है !
सावधि जमा खाता योजना क्या है?
सावधि जमा खाता योजना ( Fixed Deposit Scheme ) में निवेश करने पर 6.7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है ! इतना ही नहीं अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो इसके तहत आपको 7.4 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है ! इस योजना के तहत 1 से 3 साल की एफडी में आपको 5.5 फीसदी ब्याज मिल सकता है ! जबकि 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट ( Fixed Deposit ) पर 6.7 फीसदी का ब्याज मिल सकता है ! ब्याज की गणना तिमाही आधार पर की जाती है ! जबकि इसका भुगतान सालाना किया जाता है ! इस डाकघर सावधि जमा योजना ( Post Office FD Scheme ) में एफडी कराने पर आपको बैंक के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिल रहा है !
अभिभावक अपने बच्चो के लिए खुलवा सकते है Post Office FD Account
डाकघर ( Post Office ) में 5 वर्ष की अवधि के सावधि जमा खाते में निवेश की गई राशि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत लाभ के लिए पात्र है ! कोई भी व्यक्ति डाकघर सावधि जमा ब्याज दरों ( Fixed Deposit ) में अपना खाता खोल सकता है ! इसके अलावा 3 वयस्क भी संयुक्त वहीं माता-पिता 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के नाम से खाता खुलवा सकते हैं ! बच्चो के लिए भी एफडी इंटरेस्ट रेट ( FD Interest Rate ) वही रहेगी !
Benefits Of Post Office FD Scheme
- पोस्ट ऑफिस ( Post Office ) में एफडी कराने से आपको सरकार की ओर से सुरक्षित पैसे की गारंटी मिलती है.
- इसमें आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है !
- आप इस ऑफलाइन में पैसा जमा कर सकते हैं यानि नकद, चेक आदि से !
- इसके अलावा आप ऑनलाइन मोड यानी नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग के जरिए भी पैसे जमा कर सकते हैं।
- पोस्ट ऑफिस में आप एक से ज्यादा एफडी कर सकते हैं !
- अगर आप लंबे समय तक फिक्स्ड डिपॉजिट ( Fixed Deposit ) करते हैं ! तो आपको इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है !
- जरूरत पड़ने पर आप अपनी FD को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर कर सकते हैं।
- इसमें सीनियर सिटीजन को करीब 7.4 फीसदी दर से ब्याज ( FD Interest Rate ) मिलता है ! वहीं, 60 से कम लोगों को लगभग 5.5% से 6.7% का रिटर्न मिलता है !
कैसे खुलवाए Fixed Deposit Account
डाकघर ( Post Office ) की इस योजना के तहत आप जितने चाहें उतने खाते खोल सकते हैं ! इतना ही नहीं बच्चों के नाम से खाते खुलवाए जा सकते हैं ! अगर बच्चों की उम्र 10 साल से ज्यादा है तो वे अपना अकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं ! इतना ही नहीं आप अपने ज्वाइंट अकाउंट को अपनी मर्जी से सिंगल अकाउंट में बदल सकते हैं ! जिससे आप डाकघर एफडी इंटरेस्ट रेट ( FD Interest Rate ) का लाभ ले सके और साथ ही यूजर के मुताबिक इन फिक्स्ड डिपॉजिट ( Fixed Deposit ) में आपको कई सुविधाएं मिलेंगी !
SBI की जबरदस्त स्कीम: एक बार जमा करना है पैसा, ब्याज के साथ हर महीने होगी कमाई
Zee Business हिंदी 6 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम
SBI Annuity Deposit Scheme: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की कई ऐसी स्कीम्स हैं, जो फिक्स्ड इनकम के लिए बेहतर ऑप्शन हैं. ऐसी ही एक स्कीम SBI एन्युटी डिपॉजिट योजना (SBI Annuity Deposit Scheme) है. इस स्कीम में एकमुश्त पैसा जमा करना होता है. उसके बाद हर महीने ब्याज के साथ गारंटीड कमाई होती है. SBI एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में कस्टमर को हर महीने प्रिंसिपल अमाउंट के साथ ब्याज दिया जाता है. यह ब्याज अकाउंट में बची रकम पर हर तिमाही कम्पाउंडिंग पर कैलकुलेट किया जाता है.
SBI की वेबसाइट के मुताबिक, इस स्कीम में ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा है. इस स्कीम में डिपॉजिट पर वही ब्याज मिलता है, जो बैंक के टर्म डिपॉजिट यानी एफडी (Fixed Deposit) पर मिलता है. इसमें कस्टमर को यूनिवर्सल पासबुक भी जारी किया जाता है. इस स्कीम में 36, 60, 84 या 120 महीने के लिए डिपॉजिट किया जा सकता है. SBI एक डीमैट खाता क्या है की सभी ब्रांच में यह स्कीम उपलब्ध है. इसमें मैक्सिमम डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है. वहीं, मिनिमम डिपॉजिट कम से कम 1000 रुपये रुपये मंथली एन्यूटी के हिसाब से करना होगा.
एन्युटी इनकम पर लगेगा टैक्स
SBI की इस स्कीम में एन्यूटी का भुगतान डिपॉजिट होने के अगले महीने निर्धारित तारीख से किया जाएगा. अगर किसी महीने वह तारीख (29, 30 और 31) नहीं है, तो उसके अगले महीने के एक तारीख को एन्यूटी मिलेगी. एन्यूटी का भुगतान टीडीएस काटकर लिंक्ड सेविंग्स अकाउंट या करंट अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा. एसबीआई एन्यूटी डिपॉजिट स्कीम में आम कस्टमर और सीनियर सिटीजन को टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज मिलता है. इसमें इंडिविजुअल नॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध है. कस्टमर को यूनिवर्सल पासबुक भी जारी किया जाएगा. स्कीम के अकाउंट को बैंक की एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर कराया जा सकता है.
75% तक ले सकते हैं ओवरड्रॉफ्ट
SBI की इस स्कीम में जरूरत के समय काफी काम की है. जरूरत पर एन्यूटी के बैलेंस अमाउंट के 75 फीसदी तक की रकम का ओवरड्राफ्ट/कर्ज मिल सकता है. लोन/ओवरड्राफ्ट लेने के बाद एन्यूटी पेमेंट लोन अकाउंट में क्रेडिट होगा. वहीं, डिपॉजिटर की मृत्यु की होने पर समय से पहले स्कीम क्लोज की जा सकती है. इसके अलावा 15 लाख रुपये तक की डिपॉजिट के लिए भी समय प्री पेमेंट भी किया जा सकेगा. वहीं, प्री-मैच्योर पेनल्टी भी उसी रेट से देनी होगी, जिस रेट से एफडी पर लगता है. यानी, टर्म डिपॉजिट के मुताबिक इस योजना में प्री-मेच्योर पेनल्टी लगती है. इस अकांउट की सिंगल या ज्वाइंट होल्डिंग हो सकती है.
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