OBC के लिए 35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा आरक्षण
यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिलाकर 50% से कम है, तो वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी से अधिक नहीं होगा। किसी भी निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।

विशिष्ट सेवा पॉलिसी – (एसआरसी)

जहाँ भारतीय वंत्र्पनियों ने विदेशी प्रधानों को तकनीकी तथा व्यावसायिक सेवाएँ प्रदान करने के लिए संविदा संपन्न की है, संविदा के अंतर्गत देय भुगतानों के लिए भी आपूर्ति संविदा की तरह जोखिम बने रहते हैं। ऐसे निर्यातकों की सेवाओं को रक्षा प्रदान करने के लिए ईसीजीसी ने सेवा पॉलिसी शुरु की है ;

विभिन्न प्रकार की सेवा पॉलिसियाँ क्याक हैं तथा वे किस प्रकार रक्षा प्रदान करती हैं ?

    एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है?
  • विशिष्ट सेवा संविदा (व्यापक जोखिम) पॉलिसी
  • विशिष्ट सेवा संविदा (राजनीतिक जोखिम) पॉलिसी
  • संपूर्ण पण्यावर्त सेवा (व्यापक जोखिम) पॉलिसी तथा
  • संपूर्ण पण्यावर्त सेवा (राजनीतिक जोखिम) पॉलिसी

विशिष्ट सेवा पॉलिसी अपने नाम के अनुसार, एक विशिष्ट संविदा को रक्षा प्रदान करने के लिए जारी की जाती है। यह उन संविदाओं को रक्षा प्रदान करने के लिए जारी की जाती है जिनका मूल्य बहुत अधिक होता है तथा इसकी अवधि भी अपेक्षावृत्र्त लंबी होती है। संपूर्ण पण्यावर्त पॉलिसी उन निर्यातकों के लिए उचित है जो प्रधानों के समूह को निर्यातों की पुनरावृत्ति आधार पर सेवाएँ प्रदान करते हैं तथा जहाँ पर प्रत्येक सेवा संविदा की अवधि अपेक्षावृत्र्त कम होती है। ऐसी पॉलिसियाँ उन सभी संविदाओं को रक्षा प्रदान करने के लिए जारी की जाती हैं, जो अगले 24 महीनें की अवधि के दौरान निर्यातक द्वारा समाप्त की जानी है।

Jhalawar Happy Index. अब जिंदगी झालावाड़ नहीं, झालावाड़ ही जिंदगी

Jhalawar Happy Index. अब जिंदगी झालावाड़ नहीं, झालावाड़ ही जिंदगी

झालावाड़. पिछले दो दशक के दौरान झालावाड़ शहर की तस्वीर बदल गई है। प्रदेश में पहले पिछड़े जिलों में शुमार था, लेकिन 2003 के बाद झालावाड़ शहर की तस्वीर बदलने का काम शुरू हुआ है। देखते ही देखते हैं शहर में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। आज झालावाड़ शहर प्रदेश के बेहतर शहरों में शुमार है। आधुनिक विकास की झलक इस शहर में देखने को एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है? मिलती है। रहने की दृष्टि से शहर बेहतर है। यही कारण है कि पिछले सालों से नौकरीपेशा लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। रहने के दृष्टि से शहर में सभी आधारभूत सुविधाएं है। चौड़ी सड़कें, पानी-बिजली की बेहतर आपूर्ति। सड़क और रेलमार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट इस शहर में है। राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण एयरपोर्ट का काम फिलहाल अटका पड़ा हुआ है। स्वास्थ्य सेवाओं में झालावाड़ शहर अपनी श्रेणी में श्रेष्ठ है। मेडिकल कॉलेज, एसआरजी अस्पताल और जनाना अस्पताल है। इस शहर की जनसंख्या कभी ऋणात्मक थी, लेकिन पिछले कई दशकों से लगातार जनसंख्या बढ़ रही है। विश्व जनसंख्या दिवस पर पेश है शहर की एक विशेष रिपोर्ट :
झालावाड़ से ज्यादा जनसंख्या वृद्धि दर झालरापाटन की थी
झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की वर्ष 1961 के बाद जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है, जबकि 20 वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशकों में वृद्धि दर बहुत ही कम थी। यहां तक की वर्ष 1911 व 1921 में ऋणात्मक थी। क्योंकि उस समय पूरे राजस्थान में महामारी, सूखे आदि का प्रकोप था। वर्ष 1961 से पहले झालरापाटन की जनसंख्या वृद्धि दर झालावाड़ की अपेक्षा अधिक रही है, जो यह दर्शाता है कि झालरापाटन 1961 तक व्यापार व उद्योग के रूप में आगे था। बाद में प्रशासनिक केन्द्र, सांस्कृतिक एवं संस्थागत गतिविधियों के कारण झालावाड़ शहर में तेजी से वृद्धि होना शुरू हुआ।
आवासीय क्षेत्रफल 546 एकड़ में
दोनों शहरों का कुल शहरी निकाय क्षेत्र करीब 33.12 वर्ग किलामीटर यानी 8,184 एकड़ है। दोनों नगरों का नगरीयकृत क्षेत्र लगभगत 4,792 एकड़ है व विकसित क्षेत्र 4,537 एकड़ है। झालरापाटन का अवासीय क्षेत्रफल लगभग 278 एकड़ व झालावाड़ का आवासीय क्षेत्रफल लगभग 546 एकड़ है। इस प्रकार नगरीय क्षेत्र में झालवाड़ व झालरपाटन का कुल आवासी क्षेत्रफल लगभगत 824 एकड़ है, जो कि विकसित क्षेत्र का 18.16 प्रतिशत है। झालावाड़ व झालरापाटन में नगरीय क्षेत्र में औद्येगिक क्षेत्र का क्षेत्रफल नगरीय क्षेत्रफल का सर्वाधिक लगभगत 1,678 एकड़ है, जो कि विकसित क्षेत्र का 36.99 प्रतिशत है। इस कारण यहां 1200 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर स्टेशन है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 1,064 एकड़ है। परिवहन, आयात उपयोग नगरीय भू उपयोग का प्रमुख भू उपयोग है, जो कि लगभग 622 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और विकसित क्षेत्र का 13.71 प्रतिशत है।
एक लाख से ज्यादा है जनसंख्या
1991 में झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की कुल जनसंख्या 61 हजार 738 थी, जो 2001 में बढ़कर 78 हजार 157 हो गई। 1991 और 2001 में दशकीय वृद्धि दर क्रमश लगभग 34.03 प्रतिशत एवं 26.59 प्रतिशत दर्ज की गई। जनसंख्या 2011 के अनुसार झालावाड़ व झालरापाटन नगरों का क्षेत्रफल 33.12 वर्ग किमी है, इसी प्रकार जनसंख्या घनत्व 2,360 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर और लिंगानुपात 904 था। वर्ष 2011 में झालावाड़ व झालरापाटन नगरों की जनसंख्या 1 लाख 5 हजार 512 आंकी गई थी। इसके बाद जनगणना नहीं हुई है।
मनोरंजन के लिए विकसित क्षेत्र
झालावाड़ व झालरापाटन में आमोद-प्रमोद सुविधाओं में उद्यान, खुले स्थल, खेल के मैदान तथा मेले, पर्यटन की सुविधा के अन्तर्गत 185 एकड़ भूमि है। जो कुल विकसित क्षेत्र का 4.08 प्रतिशत है।
पेयजल की सुविधा
झालावाड़ और झालरापाटन में जलदाय विभाग की ओर से करीब 100 एलपीसीडी की दर से जलापूर्ति की जाती है। यहां के जलस्रोत पीपाजी देह, कालीसिंध नदी, छापनी बांध, मुंडिया खेड़ी तालाब आदि है। दोनों जगह अलग-अलग इंटैक रिजरवायर बनाए गए हैं। दोनों शहर की करीब 90 फीसदी आबादी को जलदाय विभाग की ओर से जलापूर्ति की जाती है।
शहर में 85 शिक्षण संस्थान
झालावाड़ शहर में दो महाविद्यालय, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक कृषि महाविद्यालय , चार बीएड व बीएसटीसी कॉलेज समेत 85 शिक्षण संस्थान संचालित है।
बेहतर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध
झालावाड़ व झालरापाटन के निवासियों एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को चिकित्सा सुविधाएं
उपलब्ध कराने के लिए झालावाड़ में 500 शैय्याओं युक्त राजकीय चिकित्सा एवं राजकीय चिकित्सालय ऐलोपैथिक संचालित है। शहर में 37 चिकित्सा संस्थान संचालित है।
आवासीय घनत्व लगभग 119 व्यक्ति प्रति एकड़
झालावाड़ व झालरपाटन में कुल आवासीय उपयोग का क्षेत्रफल लगभग 824 एकड़ है, जो कि नगर के विकसित क्षेत्रफल का 18.16 प्रतिशत है। वर्ष 2011 में झालावाड़ की जनसंख्या 64.73 और झालरापाटन की जनसंख्या 40 हजार 639 थी। इस प्रकार झालावाड़ में औसत आवासीय घनत्व लगभग 119 व्यक्ति प्रति एकड़ और झालरपाटन में औसत आवासीय घनत्व लगभग 146 व्यक्ति प्रति एकड़ है। झालावाड़ व झालरपाटन का भीतरी भाग उच्च घनत्व वाला है तथा बाहरी क्षेत्र कम घनत्व वाला है। वाणिज्यिक गतिविधियां सामान्य सड़कों के सहारे चल रही है। जहां पार्किंग की व्यवस्था का अभाव है। गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों बनी हुई है, लेकिन इनकी निकासी व्यवस्था में सुधार करने की आवश्यकता है। एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है?
आर्थिक विकास केन्द्र
झालावाड़ व झालरपाटन दोनों महत्वपूर्ण प्रशासनिक व व्यापारिक केन्द्र होने के कारण समृद्ध आर्थिक विकास केन्द्र है। वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार दोनों शहरों की कुल जनसंख्या का लगभग 26.86 प्रतिशत कार्यशील व्यक्ति थे, जबकि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार यह 28.33 प्रतिशत हो गए। इसमें से करीब 12 प्रतिशत प्राथमिक व्यवसायों में जैसे कृषि , खनन, एवं अन्य कार्यों में नियोजित थे। उद्योग निर्माण, एवं परिवहन व संचार के क्षेत्र में कार्यशील व्यक्तियों के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की गई। और इनमें क्रमश : 18 प्रतिशत , 8 प्रतिशत और 10 प्रतिशत लोगों को रोजागार प्राप्त हुआ। शेष 30 प्रतिशत लोग अन्य विभिन्न सेवाओं के माध्यम से नियोजित थे।

MP में पहले पंचायत, बाद में नगरीय निकाय चुनाव: पंचायत आरक्षण के लिए पहली अधिसूचना आज, भोपाल में आरक्षण प्रक्रिया 25 मई को

मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव पहले और नगरीय निकायों के चुनाव बाद में कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग की राज्य सरकार के अफसरों के साथ गुरुवार को चली बैठक में इसके संकेत मिले हैं। सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंचायतों का आरक्षण तय करने का कार्यक्रम जारी कर दिया है। आरक्षण की सूचना का प्रकाशन शुक्रवार को हो गया। 25 मई तक आरक्षण की कार्रवाई पूरी करनी होगी। इसके साथ ही सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय करने की गाइडलाइन भी जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 50% आरक्षण की सीमा में रहकर OBC वर्ग के लिए सीट रिजर्व करनी होंगी।

भोपाल में ग्राम पंचायत के वार्ड और सरपंच पद की आरक्षण प्रक्रिया 25 मई को होगी। इस संबंध में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने शुक्रवार को आदेश जारी किए। जनपद फंदा की ग्राम पंचायतों के लिए आरक्षण प्रक्रिया सुबह 11 बजे से होगी।

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 एडमिट एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है? कार्ड और परीक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी इन नियमों का पालन करना होगा वरना परीक्षा से बाहर

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022, Pre BSTC Exam Hall Guideline 2022, Rajasthan Pre Deled Exam Admit Card Guideline for OMR Sheet and Candidates

एडमिट कार्ड और परीक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी इन नियमों का पालन करना होगा वरना परीक्षा से बाहर (Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 ) राजस्थान बीएसटीसी परीक्षा मे शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों के लिए पंजीयक प्रीडीएलएड शिक्षा विभाग बीकानेर ने एडमिट कार्ड व परीक्षा के लिए एक दिशा निर्देशिका जारी कर दी है । राजस्थान बीएसटीसी परीक्षा का आयोजन शिक्षा विभाग द्वारा 8 अक्टूबर 2022 को 2 से 5 बजे के माध्य किया जाएगा । इस परीक्षा के लिए आज शाम तक एडमिट कार्ड जारी कर दिए जाएंगे ।

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 For OMR Sheet

  • प्री डी.एल.एड. परीक्षा, 2022 के लिए तैयार O.M.R. Answer Sheets पर परीक्षार्थी का रोल नम्बर, नाम एवं फोटो मुद्रित हैं।
  • O.M.R. Answer Sheet पर परीक्षार्थी को केवल प्रश्नपत्र सिरीज एवं उसका क्रमांक लिखकर हस्ताक्षर करना है।
  • Question Paper Booklets का वितरण सिरीज A, B, C, D के क्रमानुसार ही करना है।
  • अनुपस्थित परीक्षार्थी की Question Paper Booklet व O.M.R. Answer Sheet परीक्षार्थी की टेबल / डेस्क पर ही रखी जावे ।
  • परीक्षा प्रारम्भ होने के 15 मिनिट के भीतर प्रश्न पुस्तिका ( Question Paper Booklet) त्रुटिपूर्ण होने पर बदल कर परीक्षार्थी को उसी सिरीज की अन्य (Question Paper Booklet) उपलब्ध करवाने का निर्णय केन्द्राधीक्षक ले सकेंगे।
  • परीक्षार्थी उन्हें दिये जाने वाले ओ.एम.आर. उत्तर पत्रक (O.M.R. Answer Sheet ) में ही प्रश्नों के उत्तर देंगे। उत्तर के विकल्प के रूप में A,B,C,D छपा रहेगा। परीक्षार्थी को प्रश्न पढ़ कर प्रश्न संख्या के अनुसार सही विकल्प के गोले को ही गहरा काला करना है। अन्य स्थान को काला करने या A,B,C,D लिखने पर O.M.R. Answer Sheet का मूल्यांकन नहीं हो सकेगा। गलत तरीके के लिए परीक्षार्थी स्वयं उत्तरदायी होंगे।
  • केन्द्राधीक्षक परीक्षा समाप्ति के पश्चात विभिन्न परीक्षा कक्षों से प्राप्त उपस्थित एवं अनुपस्थित परीक्षार्थियों की O.M.R. Answer Sheetsएक साथ रोल नम्बर क्रमानुसार जमा कर ऊपर-नीचे गत्ते रखकर एक ही पैकिट बनायेंगे ।
  • यदि किन्हीं अपरिहार्य परिस्थिति में रोल नम्बर अंकित O.M.R. Answer Sheets को बदलना पड़े तो केन्द्राधीक्षक केन्द्र को आवण्टित रिजर्व O.M.R. Answer Sheets का उपयोग करने का निर्णय ले सकेंगे।

नेत्रहीन परीक्षार्थियों के लिए निर्देश

नेत्रहीन परीक्षार्थी एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है? को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर श्रुतलेखक, जिसकी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 से अधिक ना हो, की सुविधा प्रदान की जा सकेगी। श्रुतलेखक के लिए प्रस्ताव परीक्षार्थी द्वारा किया जा सकता है किन्तु चयन पूर्ण सन्तुष्टि की स्थिति में केन्द्राधीक्षक द्वारा ही किया जावेगा । केन्द्राधीक्षक श्रुतलेखक की योग्यता के सम्बन्ध में सन्तुष्टि कर उससे प्रपत्रसंख्या डी.एल.एड. – B भरवायेंगे । केन्द्राधीक्षक चाहें तो अपने स्तर पर भी श्रुतलेखक की व्यवस्था कर सकते हैं। अन्तिम निर्णय केन्द्राधीक्षक द्वारा ही लिया जा सकेगा। ऐसे परीक्षार्थी को अलग से बैठने की व्यवस्था की जायेगी तथा उसे 30 मिनट का अतिरिक्त समय भी दिया जायेगा

नोट परीक्षा केन्द्र पर मुद्रित अथवा हस्तलिखित सामग्री, मोबाइल फोन, केलकुलेटर, ब्लूटूथ अथवा किसी भी प्रकार के इलैक्ट्रिक/इलैक्ट्रॉनिक उपकरण का परीक्षार्थी द्वारा अपने साथ लाया जाना सखा वर्जित है।

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