विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार

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Risks In Banking Sector

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मुद्रा जोखिम विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान का संभावित जोखिम है जब किसी निवेशक का विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा-व्यापार निवेश में जोखिम होता है। मुद्रा जोखिम को कभी-कभी कहा जाता है

मौद्रिक दर निर्यात दर व्यापार दर विनिमय दर जोखिम

Solution : मुद्रा जोखिम विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान का संभावित जोखिम है जब किसी निवेशक का विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा-व्यापार निवेश में जोखिम होता है। मुद्रा जोखिम को कभी-कभी विनिमय दर जोखिम कहा जाता है

डेली अपडेट्स

मुद्रास्फीति दर: बाज़ार मुद्रास्फीति में परिवर्तन मुद्रा विनिमय दरों में परिवर्तन का कारण बनता है। उदाहरण के लिये दूसरे देश की तुलना में कम मुद्रास्फीति दर वाले देश की मुद्रा के मूल्य में वृद्धि देखी जाती है।

    इसमें निर्यात, आयात, ऋण आदि सहित कुल लेन-देन शामिल हैं।

उत्पादों के आयात पर अपने विदेशी मुद्रा कोअधिक खर्च करने के कारण चालू खाते में घाटा, निर्यात की बिक्री से होने वाली आय से मूल्यह्रास का कारण बनता है और यह किसी देश की घरेलू मुद्रा की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को बढ़ावा देता है।

सरकारी ऋण: सरकारी ऋण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला ऋण है। बड़े सरकारी कर्ज विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार वाले देश में विदेशी पूंजी प्राप्त करने की संभावना कम होती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ जाती है।

इस मामले में,विदेशी निवेशक अपने बॅाण्ड की विक्री खुले बाज़ार में करेंगे, यदि बाज़ार किसी निश्चित देश के भीतर सरकारी ऋण का अनुमान लगाता है। परिणामतः इसकी विनिमय दर के मूल्य में कमी आएगी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भुगतान सन्तुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)

  1. व्यापार संतुलन
  2. विदेशी संपत्ति
  3. अदृश्य का संतुलन
  4. विशेष आहरण अधिकार

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 4

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • भुगतान संतुलन (BoP) दो मुख्य पहलुओं से बना है: चालू खाता और पूंजी खाता।
  • BoP का चालू खाता वस्तुओं, सेवाओं, निवेश आय और हस्तांतरण भुगतानों के प्रवाह व बहिर्वाह को मापता है। सेवाओं में व्यापार (अदृश्य); माल के रूप में व्यापार (दृश्यमान); एकतरफा स्थानांतरण; विदेशों से प्रेषण; अंतर्राष्ट्रीय सहायता चालू खाते के कुछ मुख्य घटक हैं। जब सभी वस्तुओं और सेवाओं को संयुक्त किया जाता है, तो वे एक साथ मिलकर किसी देश का व्यापार संतुलन (BoT) को दर्शाता है। अतः कथन 1 और 3 सही हैं।
  • BoP का पूंजी खाता किसी देश के निवासियों और बाकी दुनिया के बीच उन सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, जो देश के निवासियों या उसकी सरकार की संपत्ति या देनदारियों में बदलाव का कारण बनते हैं
  • निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्रों द्वारा ऋण और उधार; निवेश; विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन पूंजी खाते के घटकों के कुछ उदाहरण हैं। अतः कथन 2 और 4 सही नहीं हैं। इसलिये विकल्प (c) सही उत्तर है।

मेन्स:

प्रश्न.भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध कीजिये। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों और वास्तविक एफडीआई के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक एफडीआई बढ़ाने के लिये उठाए जाने वाले उपचारात्मक कदमों का सुझाव दीजिये।

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दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद अब बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार में दर्ज हुई बढ़त

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहता है, लेकिन नए साल में शुरुआत में 2 बार दर्ज की गई बढ़त के बाद इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। वहीँ, अब इसमें सालभर की गिरावट के बाद अब कुछ राहत देखने को मिल रही है। हालांकि, स्वर्ण भंडार में बीच-बीच में भी कई बार बढ़त देखने को मिली, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट ही दर्ज की गई, लेकिन इस बार आंकड़े उलट नजर आए हैं। क्योंकि, इस बार दोनों में बढ़त दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है।

RBI विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्टूबर 2022 को समाप्त सप्ताह में 6.विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार 56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में 3.85 बिलियन डॉलर गिरकर 524.520 बिलियन डॉलर पर आ गिरा था। उससे पिछले सप्ताह यानी अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। जो कि, विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़त लगभग लगातार दर्ज हो रहगी गिरावट के बाद पहली बार दर्ज की गई है। इस बढ़त से पहले दर्ज हुई गिरावट पर विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं, अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार 55.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.76 अरब डॉलर पर जा पहुंची हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में गिरावट ही दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।

आंकड़ों के अनुसार FCA और SDR :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 18.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.62 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर रह गई है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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