cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।

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क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।

जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।

मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।

क्रिप्टो करेंसी भी उनमे से एक है जो मुद्रा का एक रूप है । और जो पैसे के रूप में कार्य करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जा रहा है।

इससे डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है। और यह इस प्रकार कार्य कर रहा है।

1. विनिमय का एक माध्यम के रूप मे

2. खाते की एक इकाई के रूप मे

3. मूल्य का भंडारके रूप मे लेकिन कानूनी निविदा की स्थिति इसमे नही है।

इसको अलग अलग लोंगों के द्वारा इस प्रकार से देखा गया है।

बिल गेट्स के अनुसार

“बिटकॉइन एक तकनीकी माध्यम है जो टूर डी फोर्स हो सकता है।”

टायलर विंकलेवोस (जो की फेसबुक के सह-आविष्कारक)है उनके अनुसार –

“हमने अपना पैसा और विश्वास एक गणितीय ढांचे में लगाने के लिए इसका चुनाव किया है। जो राजनीति और मानवीय त्रुटि से मुक्त है।”

अल गोर (अमेरिका के 45वें उपराष्ट्रपति) के अनुसार –
मैं बिटकॉइन का बहुत बड़ा प्रशंसक क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? हूं। इसका अर्थ यह है कि बिटकॉइन ब्रह्मांड एक एल्गोरिथ्म सरकार के कार्यों को बदल देता है। यह बहुत अच्छा है।

पीटर थिएल (पेपैल के सह-संस्थापक)के अनुसार क्रिप्टो करेंसी क्या होता है?

“मुझे लगता है कि बिटकॉइन में दुनिया को बदलने की क्षमता है।”

जॉन मैक्एफ़ी के अनुसार –

आप बिटकॉइन को नहीं रोक सकते। यह हर जगह क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? उपलब्ध होगाऔर इससे दुनिया को फिर से समायोजित करना होगा।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे –

क्रिप्टोकरेंसी को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौगोलिक बाधा नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी सस्ता, सुरक्षित, तेज मुद्रा है।

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान-

क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है।
क्रिप्टोकरेंसीलेनदेन मे अपरिवर्तनीय हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अवैध गतिविधि या डार्क वेब में हो रहा है।

ब्लॉक श्रृंखला पर निर्धारित –

यह एक ऐसी गतिविधि है जहां व्यक्ति अपनी कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करके एक परेशान करने वाले 64-अंकीय हेक्साडेसिमल समीकरणों, पहेलियों और हैश के रूप में ज्ञात कोड को हल करने के लिए करता है। क्रिप्टोकरेंसी एक माध्यम है जिसमे लेनदेन को एक ब्लॉक श्रृंखला पर सत्यापित और मान्य किया जाता है। इससे एक नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।

पहले बैंक था जो मुद्रा के रूप मे निवेश का माध्यम हुआ करता था। अब क्रिप्टोकुरेंसी के साथ लेनदेन सत्यापित करने के लिए कोई मध्यस्थ नहीं बचा है। दुनिया भर में ऐसे हजारों लोग हैं जो अपने लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वहां मौजूद हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता-

भारत क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री को प्रतिबंधित करता है। यहा पर यह परिसंपत्ति वर्ग है जहां कोई भी निवेश कर सकता है। लेकिन यहा पर इसको कानूनी निविदा नहीं माना जाता है।

भारत मे कोई भी तकनीकी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकता। क्योंकि इसमे किसी भी केंद्रीकृत पार्टी आदि का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है।

भारत मे पिछले कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका एक मुद्रा के रूप में कम हो गईथी जो अब फिर से बढ़ गयी है। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा है। यह सोने की तरह एक परिसंपत्ति वर्ग की तरह विकसित हो रहा है।

अब दुनिया मे यह तेजी से विकसित हो रही है। दुनिया के किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। और आगे ईआई सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा भी दे दिया है।

भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर कर के प्रभाव और इसका स्वरूप –

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर योग्यता की स्थिति के बारे में 23 मार्च 2021 को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था की जिसमें कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 के अनुसार यह कुल आय से एक व्यक्ति की सभी आय होगी। और इसके सभी स्रोत चाहे कानूनी हों या नहीं और , कोई भी व्यावसायिक गतिविधि जो क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति से संबंधित हैउस पर जब तक कि विशेष रूप से छूट प्रदान न किया गया हो माल और सेवा कर के तहत कर योग्य है।

और इसी तरहसे “किसी भी सेवा की आपूर्ति यदि विशेष रूप से छूट प्रदान नही की गयी है तो वह जीएसटी के तहत कर योग्य है । और क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज से संबंधित किसी भी सेवा को छूट नहीं दी गई हैइसलिए यह भी कर योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। और यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के हितों की रक्षा जिसमे हो उसको लागू किया जाए। आरबीआई भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा पर भी काम कर रहा है। और सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति की भी गठन किया गया है। जहां पर सचिवों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (24) में आय की परिभाषाइस प्रकार से दी गयी है। जिसमे ‘आय’ शब्द ‘लाभ’ या ‘लाभ’ तक सीमित नहीं है। जबकि इस परिभाषा का उद्देश्य ‘आय’ के अर्थ को सीमित करना नहीं है बल्कि आय के स्त्रोत को चौड़ा करना है। भले ही एक रसीद परिभाषित किसी भी खंड के दायरे में क्यो नहीं आती है। फिर भी यह आय की प्रकृति का एक हिस्सा हो सकती है। जब तक कि स्पष्ट रूप से छूट न दी गयी हो।

यदि डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में माना जाता है। तो यह आयकर अधिनियम के अनुसार कर के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होगा। परंतु इसका प्राकृतिक अर्थ और न ही आईटी अधिनियम की धारा 2(24) में आय के रूप में क्रिप्टोकुरेंसी ‘पैसा’ या ‘मुद्रा’ मे शामिल किया गया है। हालांकि इसमें ‘मौद्रिक भुगतान’ शामिल है।

Jagran Trending: क्‍या है क्रिप्‍टोकरेंसी और अपने देश में इसके कारोबार से जुड़े नियम, जानें एक्‍सपर्ट की राय

किसी भी एसेट की एक Underlying Value होती है लेकिन Cryptocurrencies का कोई अंडरलाइंग वैल्‍यू नहीं है। शेयरों के मामले में आपको पता होता है कि कंपनी का प्रदर्शन कैसा चल रहा है और शेयरों की कीमतें ऊपर जाएंगी या नीचे क्रिप्‍टो के मामले में ऐसा नहीं है

नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। Cryptocurrency के प्रति हाल के वर्षों में लोगों का आकर्षण बढ़ा है और भारतीय इसमें पीछे नहीं हैं। कुछ देशों ने जहां Cryptocurrency को मान्‍यता दे दी है वहीं, कुछ देशों में यह पूर्णत: प्रतिबंधित है। अपने देश में भी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कुछ नियम हैं, जिनके बारे में हम विस्‍तार से चर्चा करेंगे। पहले ये जानते हैं कि Cryptocurrencies हैं क्‍या और ये किस टेक्‍नोलॉजी पर आधारित हैं।

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ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने क्रिप्‍टोरेंसी के बारे में बताते हुए कहा कि यह ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी है जिसे क्रिप्‍टोग्राफी से सुरक्षित किया है। ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है, जिसका इस्‍तेमाल सिर्फ इसके यूजर्स ही कर सकते हैं। उन्‍होंने बताया कि ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी सुरक्षित तो है ही पारदर्शी भी है। यह इतना सुरक्षित है कि इसके एडमिनिस्‍ट्रेटर भी इसमें अपने फायदे के लिए बदलाव नहीं कर सकते।

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क्रिप्‍टोकरेंसी से ट्रांजैक्‍शन

मठपाल ने बताया कि क्रिप्‍टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट में स्‍टोर की जाती है और इसे आप दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि क्रिप्‍टोकरेंसी का इस्‍तेमाल आप किसी वस्‍तु या सेवाओं को खरीदने में कर सकते हैं या इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं या इसके बदले कैश भी ले सकते हैं।

क्रिप्‍टोकरेंसी की ट्रेडिंग

मठपाल ने बताया कि एक तरफ जहां स्‍टॉक मार्केट में ट्रेडिंग पूरी तरह रेगुलेटेड है। आपको यह भी पता होता है कि शेयर बेचने के कितने दिन बाद आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। हालांकि, क्रिप्‍टोकरेंसी के मामले में ऐसा कोई रेगुलेशन नहीं है। आप ब्रोकर या क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों के जरिए इसकी खरीद-बिक्री कर सकते हैं। यहां बेचने वाले और खरीदने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाती।

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क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतों में क्‍यों आता है उतार-चढ़ाव

मठपाल के अनुसार, क्रिप्‍टोकरेंसी का कोई अंडरलाइंग एसेट नहीं होता। आप शेयर खरीदते हैं तो आपको पता होता है कि कंपनी के एसेट्स और लाइबिलिटीज क्‍या हैं। आप जानते हैं कि कंपनी का मुनाफा बढ़ेगा या कंपनी से जुड़ी कोई पॉजिटिव खबर आएगी तो शेयर की क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? कीमतें बढ़ेंगी और आपको मुनाफा होगा। क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतें सिर्फ मांग और आपूर्ति से प्रभावित होती हैं। इसमें कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है, आप इसका अनुमान नहीं लगा सकते।

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यहां देखें पूरा वीडियो

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क्रिप्‍टोकरेंसी पर टैक्‍स

मठपाल के अनुसार इस साल पेश हुए बजट में यह प्रावधान किया गया है कि क्रिप्‍टोकरेंसी बेचने पर निवेशकों को 30 प्रतिशत के हिसाब से टैक्‍स देना होगा। उन्‍होंने बताया कि मान लीजिए कोई व्‍यक्ति 50000 रुपये की क्रिप्‍टोकरेंसी खरीदता है और उसे मुनाफे में चाहे 60,000 रुपये में बेचे या घाटे में 25,000 रुपये में, उसे 30 प्रतिशत की दर से ही टैक्‍स देना होगा।

क्रिप्टोकरेंसी की ये कहानी शायद आप नहीं जानते होंगे? जानें क्या होता है ब्लॉकचेन?

CryptoCurrency

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) इन दिनों सुर्खियों में है. मोदी सरकार (Modi government) क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक बिल लाने की चर्चा. इन सबके बीच आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे. आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?) कैसे काम करता है? क्या होता है ब्लॉकचेन? तो चलिए जानते हैं क्रिप्टोकरेंसी की पूरी कहानी.

खबर में खास
  • क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)
  • क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन के जरिए होती है यूज
  • RBI रेगुलेट कर सकती है
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Crypto Currency)

बिटकॉइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. बिटकॉइन (Bitcoin) कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती बस आपके कंप्यूटर पर कुछ codes के रूप में स्टोर होती है. जिसका ट्रांसफर कर लोग इसे इस्तेमाल करतें है. दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है और इस पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं है. कोई भी सरकार या कंपनी इसे कंट्रोल नहीं कर सकती. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही छेड़छाड़.क्रिप्टो करेंसी क्या होता है?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन के जरिए होती है यूज

क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं.. ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं. इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है. इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है. इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित होता है. ये सारा काम कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता है.

RBI रेगुलेट कर सकती है

रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित डिजिटल या वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टो बिल के साथ नहीं जोड़ा गया है. फिर भी यह तय है कि केंद्रीय बैंक क्रिप्टो से जुड़े मामलों को कंट्रोल करेगा. इसके विनिमय से जुड़े मामलों का उल्लंघन करने वालों को डेढ़ साल तक कैद हो सकती है. वही, रेगुलेटर ₹5 करोड़ से लेकर ₹20 करोड़ तक का जुर्माना भी लगा सकता है.

डिजिटल करेंसी क्या होती है | What is Digital Currency in Hindi

डिजिटल करेंसी क्या होती है | What is Digital Currency in Hindi

हम सभी जानते है, कि प्रत्येक देश की अपनी एक अलग करेंसी क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? होती है और उस देश में सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन उसी मुद्रा के अनुरूप किया जाता है| जैसे कि अमेरिका में यूएस डॉलर, भारत में रुपये और अरब देशों में रियाल आदि का उपयोग किया जाता है| सबसे खास बात यह है, कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर नें देश में जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच करनें का संकेत दिया है और इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है| अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा, कि आखिर डिजिटल करेंसी कौन सी नई बला है| डिजिटल करेंसी क्या होती है, इसके उपयोग, लाभ के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान कि जा रही है|

डिजिटल करेंसी क्या होती है (What is Digital Currency)

डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा (E-Currency) भी कहते है और इसका पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है| क्रिप्टो करेंसी नोटों की तरह नहीं होती है| हालाँकि आप इसे अपनें कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि पर बड़ी आसानी से देख सकते है| इसके साथ ही आप डायरेक्ट इसे अपनें बैंक खाते में ट्रान्सफर भी कर सकते है|

आपको बता दें, कि क्रिप्टो करेंसी को उस देश के सेंट्रल अर्थात केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किया है और इसे उस देश की गवर्नमेंट द्वारा मान्यता भी मिली होती है| डिजिटल करेंसी की खासियत यह है, कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत के लोग डिजिटल करेंसी को अपनी भाषा में डिजिटल रुपया (Digital Rupee)भी कह सकते हैं।

डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types Of Digital Currency)

डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा 2 प्रकार की होती है|

2. होलसेल (Wholesale)

यदि हम इन दोनों डिजिटल मुद्राओं की बात करे तो, रिटेल डिजिटल मुद्रा (Retail Digital Currency) का उपयोग देश के आम नागरिकों और कम्पनियों द्वारा किया जाता है, जबकि होलसेल डिजिटल मुद्रा (Wholesale Digital Currency) का उपयोग सिर्फ वित्तीय संस्थाओं (Financial Institutions) द्वारा किया जाता है।

डिजिटल करेंसी कैश से कितनी अलग होगी (How Different will Digital Currency Be From Cash)

यदि हम डिजिटल करेंसी को साधारण भाषा में समझे तो यह हमारे पास मौजूद धन का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा, जिसे हम सहूलियत के अनुसार अपनें फोन, कंप्यूटर-लैपटॉप की सहायता से लेन-देन कर सकेंगे| डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल बिल्कुल नगद धन की तरह ही किया जा सकेगा, बस फर्क यह होगा यह आपके पास नगद के रूप में न होकर इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा|

यदि आप किसी को भुगतान करना चाहते है, तो आप इसे अपनें फोन से बड़ी सरलता से कर सकते है| जिस प्रकार जब आप कोई सामान दूकान से खरीदते है, तो आप दुकानदार को डायरेक्ट पैसे देते है ठीक उसी प्रकार डिजिटल करेंसी द्वारा भुगतान करनें या लेनदेन में बैंक की मध्यस्थता नहीं होगी|

डिजिटल करेंसी के फायदे (Advantages of Digital Currency)

डिजिटल मुद्रा अर्थात क्रिप्टो करेंसी की खासियत यह होगी कि लोगो को इसके गुम हो जानें या चोरी हो जानें का भय नहीं होगा| जिस प्रकार लोगो को अधिक नगद कैश ले जानें पर खतरा काफी अधिक होता है, इसमें ऐसा कुछ नहीं होगा| एक तरह से देखा जाये तो लोगो की सुरक्षा की दृष्टि से यह लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा|

यदि हम कैश की बात करें, तो कोई व्यक्ति किसी शख्स को कितना कैश देता है, तो उसका कोई भी आकड़ा सरकार के पास नहीं होता है, जिसके कारण इसे ट्रैक करना बहुत ही कठिन काम हो जाता है। डिजिटल करंसी में लेन-देन करनें पर इसकी ट्रैकिंग बहुत ही आसान हो जाएगी। जिसके परिणाम स्वरुप कालेधन पर लगाम लग सकेगी| इसके साथ ही टैक्स चोरी भी कम हो जाएगी|

फ़ास्ट ट्रांसक्शन (Fast Transaction)

डिजिटल मुद्राएं या क्रिप्टो करेंसी पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए लेनदेन की तुलना में काफी फ़ास्ट होती हैं। उदाहरण के लिए यदि हम विदेश में अपने किसी फैमिली मेम्बर को पासी ट्रान्सफर करते है, तो रिसीवर के अकाउंट में पैसे पहुँचने में कभी-कभी 24 घंटे या उससे अधिक समय लग जाता है| लेकिन डिजिटल करेंसी को ट्रान्सफर करने में मात्र कुछ सेकेंड्स का समय लगता है|

कोई शुल्क नहीं (No fee)

आपके खाते में पैसा आपका है, इसके बावजूद बैंकों द्वारा आपसे एटीएम शुल्क, ट्रान्सफर फीस, ट्रान्सफर फीस और क्लोजिंग फीस ली जाती है | हालाँकि विदेश में अपना पैसा खर्च करने के लिए अक्सर शुल्क भी लगता है। जबकि डिजिटल करेंसी पर आपका पूर्ण स्वामित्व होता है और इसका इसका उपयोग बिना किसी शुल्क का भुगतान किये बिना आप अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं |

पेमेंट ट्रैकिंग की सुविधा (Payment Tracking Facility)

क्रिप्टो करेंसी को मुख्य रूप से पारदर्शिता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है, कि आप देख सकते हैं कि आपका पैसा हर लेनदेन के बाद कहां है।

धोखाधड़ी से सुरक्षा (Fraud Protection)

सामान्‍य तरीके से ऑनलाइन सामान ख़रीदने का अर्थ है, कि आपके व्‍यक्तिगत और भुगतान विवरण कंपनियों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं, जिससे कभी भी चोरी हो जाने पर धोखाधड़ी की पूरी संभावना बनी रहती है । जबकि डिजिटल करेंसी के माध्यम से लेनदेन करनें में आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है।

क्रिप्टो करेंसी क्या होता है?

Cryptocurrency Meaning in Hindi - क्रिप्टो करेंसी क्या होती है, क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है? » Hindi Read Duniya Технологии

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