IMDb: आयुष्मान खुराना की 'एन एक्शन हीरो' या कार्तिक आर्यन की फ्रेडी, रेटिंग में कौन सी फिल्म है आगे
IMDb Ratings of an action hero and freddy: कार्तिक आर्यन और अलाया एफ की फिल्म 'फ्रेडी' और आयुष्मान खुराना की फिल्म 'एन एक्शन हीरो' पिछले हफ्ते रिलीज हुई थी. आइए जानते हैं आईएमडीबी की रेटिंग में कौन सी फिल्म ने बाजी मारी है.
- कार्तिक आर्यन Vsआयुष्मान खुराना
- IMDb रेटिंग में कौन सी फिल्म आगे
5
5
5
5
नई दिल्ली: IMDb Ratings: पिछले हफ्ते दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई है. पहली फंड का कंपेरिजन फिल्म कार्तिक आर्यन और अलाया एफ की फ्रेडी हैं वहीं दूसरी फिल्म जयदीप अहलावत और आयुष्मान खुराना की फिल्म एन एक्शन हीरो है. कार्तिक की फिल्म ओटीटी पर रिलीज हुई है. वहीं आयुष्मान खुराना की फिल्म थिएटर में रिलीज होती है. ऐसे में दोनों के बिजनेस को लेकर कोई फंड का कंपेरिजन कंपेरिजन नहीं कर सकते हैं. लेकिन हम जान सकते हैं कि IMDb रेटिंग में कौन सी फिल्म आगे हैं. आइए जानते हैं आईएमडीबी की रेटिंग में कौन सी फिल्म ने बाजी मारी है.
कार्तिक की फिल्म फ्रेडी की रेटिंग
कार्तिक आर्यन और अलाया एफ की फिल्म फ्रेडी ओटीटी पर रिलीज हुई है. फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है. फिल्म को IMDb पर 8.8 की रेटिंग मिली है. ऐसे में फिल्म को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं.
एन एक्शन हीरो
एन एक्शन हीरो की फिल्म थिएटर में रिलीज हुई है. फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है. फिल्म की आईएमडीबी रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 7.1 रेटिंग मिली है. वहीं फिल्म मेकर्स को उम्मीद है कि फिल्म की कमाई बढ़ सकती है. थिएटर में रिलीज होने के बाद फिल्म जल्द ही ओटीटी पर रिलीज होगी.
वीकेंड पर देखें फिल्म
वीकेंड फंड का कंपेरिजन पर आप ओटीटी पर कार्तिक आर्यन और अलाया एफ की फिल्म फ्रेडी फंड का कंपेरिजन देख सकते हैं. वहीं थिएटर में आयुष्मान खुराना की फिल्म एन एक्शन हीरो देख सकते हैं.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर फंड का कंपेरिजन पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप .
एक समय नौकरी ना मिली, तो हताश थी, अब 30 हजार करोड़ रुपये की कंपनी की मालकिन बन गई
Success Story Of Edelweiss MF CEO Radhika Gupta In. Bullied, wanted to end her life at 22 after job rejections and At 33 CEO of company.
Photo Credits: Twitter (@iRadhikaGupta)
Bhopal: एक अच्छी नौकरी पाकर अपने फ्यूचर को सेक्योर करने का सपना हर एक युवा का होता है। लेकिन कभी कभी लगातार मिलती असफलता के चलते हमारा कॉन्फीडेंस लेवल इतना गिर जाता है, कि हम अपने प्राण त्यागने की तक करने की सोचने लगते है।
हम यह बात बहुत अच्छे से जानते फंड का कंपेरिजन है, कि भगवान सबसे ज्यादा कष्ट और संकट केवल उन्ही लोगों की झोली में डालते है। जो कठिन परिस्थियों से लड़कर आगे बढ़ने की क्षमता रखते है। लगातार असफलता के बाद एक दिन ऐसा जरूर आता है, जब हमें वह सब कुछ मिलने लगता है। जिसकी हम कामना करते है। हमारी कड़ी मेहनत और कुछ हासिल करने का हमारा जुनून हमें उस मुकाम तक पहुँचा ही देता है, जिसके हम काबिल होते है।
आज फंड का कंपेरिजन की कहानी एक ऐसी ही युवा भारतीय की है। जोकि वर्तमान में एडलवाइस एमएफ की सीईओ (Edelweiss MF CEO) है। हम बात कर रहे है राधिका गुप्ता (Radhika Gupta) की। अपनी तिरछी गर्दन और भारतीय लहजे में बात करने की वजह से स्कूल में हंसी मजाक का पात्र बनने वाली युवा सीईओ की सक्सेस की कहानी (Success Story) काफी इंटरेस्टिंग है। आइये जानते है, और समझते है इनके नजरिये और संघर्ष को।
एक समय मिल रही असफलता से हो गई थी निराश
राधिका गुप्ता एक समय में अपनी जिंदगी से इतनी हताश और निराश हो गई थी कि अपनी जिंदगी तक खतम करने की कोशिश कर ली थी। कॉलेज खत्म होने के बाद जिस तरह हर युवा नौकरी पाने का सपना देखता फंड का कंपेरिजन है। वैसा ही सपना राधिका गुप्ता ने भी देखा था।
हर बार इंटरव्यू देने के बाद उनके हाथ निराशा ही लग रही थी। जिस वजह से उन्होंने आत्म ह-त्या करने का कदम उठा लिया था। लेकिन दोस्तों ने मौके पर आकर उनकी जान बचा ली। इस घटना के बाद से राधिका ने कभी भी पीछे पलटकर उस अतीत को नहीं देखा और मेहनत से आज वह सिर्फ 33 वर्ष की आयु में युवा सीईओ बन गई है।
हमेशा माँ से किया जाता था राधिका का कंपेरिजन
राधिका गुप्ता जी बताती है, कि उनकी मॉं बहुत ही प्रतिभावान और तेजस्वी महिला है। उनकी मॉं उसी स्कूल में पढ़ाती थी जिस स्कूल में राधिका पढ़ा करती थी। राधिका बताती है कि झुकी हुई गर्दन की वजह से वह अपनी मॉं की तुलना में बहुत ही बदसूरत लगती थी। लोग राधिका जी की तुलना हमेशा ही उनकी मॉं से किया करते थे और इसी तरह की बाते किया करते थे। जिस वजह से राधिका जी का कॉन्फिडेंस किसी कार्य को करने से पहले ही टूट फंड का कंपेरिजन जाता था।
इंटरव्यू में सात बार हुई थी फेल
जब राधिका जी ने 22 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई कंप्लीट की तो हर युवा की तरह उन्होंने भी प्राइवेट नौकरी करने का सोचा। कॉलेज के बाद राधिका जी यहॉं वहा इंटरव्यू देने में लग गई। लेकिन राधिका जी को 7 बार इंटरव्यू में असफलता मिली।
जिस वजह से वह अपने प्राण त्यागने का सोचने लगी थी। राधिका जी बताती है, कि अपना जीवन ख़त्म करने के लिए जब वह खिड़की से कूदने की कोशिश फंड का कंपेरिजन कर रही थी। उस समय ही उनके दोस्तों ने आकर उन्हें बचा लिया। राधिका को बचाने के बाद उनके दोस्त उन्हें एक मनोचिकित्सक डॉक्टर के पास ले गये।
राधिका के डिप्रेशन का इलाज कई दिनों तक चला और उन्हें वहा से छुट्टी तब दी गई जब उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि उनका इंटरव्यू है। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद राधिका जी इंटरव्यू के लिए गई। इस बार राधिका जी को सफलता मिली और वह मैंकेंजी कंपनी में जॉब पाने में कामयाब रही।
एडलवइस एम एफ कंपनी में है सीईओ
राधिका जी बताती है कि जब उन्हें यह कामयाबी मिली तो उनकी जिंदगी धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी। 3 साल तक उन्होंने मैंकेंजी कंपनी में ही जॉब किया। लेकिन उसके बाद उन्होंने कुछ अलग करने का मन बनाया।
25 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने हसबैंड और दोस्त के साथ मिलकर एक संपत्ति प्रबंधन का फर्म शुरू कर दिया। लेकिन कुछ समय के बाद उनकी इस फर्म को एडलवाइस एमएफ कंपनी के द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत करती रही। अपने प्रयास से वह जीवन में आगे भी सफल होती रही। लोगों ने उनकी सफलता को देखते हुए उनकी ओर नये अवसरों को देने के लिए हाथ बढ़ाया। जब एडलवाइस में सीईओ के पद के लिए तलाश की जा रही थी। तब राधिका जी ने इस अवसर को हासिल करने का मन बनाया।
उन्होंने अपने पति से प्रेरणा ली और सीईओ की पोस्ट के लिए आवेदन कर दिया। राधिका जी की प्रतिभा को देखते हुए एडलवाइस एमएफ कंपनी ने उन्हे सीईओ का पद दिया। आज राधिका जी की उम्र केवल 33 वर्ष है और वह भारत के युवा सीईओ कि लिस्ट में अव्वल दर्जे पर है। उनकी प्रतिभा और जज्बे को हम सलाम करते है। महिलाओं के लिए राधिका जी प्ररणास्त्रोत है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 500