मित्तल के अनुसार, "निवेशकों को जोखिम क्षमता के अनुसार ही निवेश करें. हर श्रेणी और स्कीम का जोखिम अलग होता है." मौजूदा समय में ज्यादातर म्यूचुअल फंड कंपनियां सेबी के निर्देशानुसार के स्कीम की कैटेगरी में बदलाव करने में म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? व्यस्त हैं. निवेशकों को इनको ध्यान में रखकर ही पोर्टफोलियो में सुधार करने चाहिए.

PPF account pre maturity closure, Know all details

Debt Fund- डेट फंड

क्या होता है डेट फंड?
Debt Fund: डेट फंड एक निवेश पूल, जैसेकि म्युचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होता है जिसके मूलभूत संग्रह में मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम निवेश होते हैं। डेट फंड अल्प अवधि या दीर्घ अवधि बॉन्डों, सिक्योरिटाइज्ड उत्पादों, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या फ्लोटिंग रेट डेट में निवेश कर सकता है। औसतन डेट फंडों पर फी रेशियो इक्विटी फंडों की तुलना में कम होते हैं क्योंकि कुल प्रबंधन लागतें अंदरूनी रूप से कम होती हैं। अक्सर क्रेडिट फंड या फिक्स्ड इनकम फंडों के रूप में संदर्भित म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? डेट फंड, फिक्स्ड इनकम एसेट वर्ग के तहत आते हैं। पारंपरिक रूप से इन कम जोखिम वाले व्हीकल्स की खोज वैसे निवेशक करते हैं जो कैपिटल को संरक्षित करना चाहते हैं या निम्न जोखिम इनकम डिस्ट्रीब्यूशन अर्जित करना चाहते हैं। डेट फंड ऑप्शंस में इच्छुक निवेशक निष्क्रिय और सक्रिय उत्पादों के बीच चयन कर सकते हैं।

एमएफ में भी हैं जोखिम तो निवेश क्यों?

ऐसे में पहला सवाल उठता है कि अगर Mutual Funds के भी जोखिम हैं तो इसमें निवेश क्यों किया जाए। दरअसल Mutual Funds बड़े फंड की ताकत और Fund Manager के अनुभव के आधार पर सीधे निवेश के मुकाबले आपके जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न के मौके बनाता है। इसमें निवेश के अपने जोखिम होते हैं, लेकिन वो आपके द्वारा किसी एसेट में सीधे किए गए निवेश के मुकाबले म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? काफी कम होते हैं।

यानी अनिश्चितता की स्थिति में म्यूचुअल फंड अगर जोखिम खत्म नहीं करता तो उन्हें काफी कम कर देता है। ऐसे में जरूरी हो म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? जाता है कि आप अपनी स्कीम के जोखिमों को समझें और उसी आधार पर निवेश को लेकर गंभीर बनें। आइए देखें, स्कीम पर किन बातों का असर पड़ सकता है।

शेयर बाजार के जोखिम

Mutual Funds में सबसे ज्यादा रिटर्न इक्विटी से जुड़ी स्कीम में मिलता है, इसलिए एमएफ के लिए सबसे बड़ा रिस्क खुद शेयर बाजार ही है। हालांकि जोखिम इस बात से तय होता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है। अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा। हालांकि स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा लेकिन गिरावट में नुकसान की संभावना भी ज्यादा होगी।

अक्सर देखने को मिलता है कि बाजार में गिरावट के साथ ही लोग बिना सोचे समझे स्कीम से पैसा निकालते हैं। ऐसी स्थिति में पहले आपको बाजार में गिरावट की वजह और अपनी स्कीम के जोखिम का स्तर देखना होगा। अगर जोखिम कम है और स्टॉक मजबूत हैं तो निवेश निकाल लेना आपके लिए नुकसान का सौदा बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ की मदद लें और अपने स्कीम के बारे में समझें। 5paisa आपको सभी स्कीम के जोखिम के स्तर और रिटर्न के अनुमानों की सटीक जानकारी देता है जिससे आप अपनी स्कीम के गिरावट और तेजी दोनों ही स्थिति में प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हो। इससे आप ज्यादा बेहतर फैसला ले सकते हैं।

महंगाई दर का जोखिम

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है, ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो।

अगर स्कीम पहले से काफी ऊंचे रिटर्न दे रही हो तो महंगाई का असर खास नहीं पड़ता, क्योंकि आपके रिटर्न ऊंचे हैं। हालांकि अगर रिटर्न काफी कम हैं तो महंगाई की वजह से उनका वास्तविक मूल्य कम हो जाता है। म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? यही वजह है कि एक्सपर्ट अलग अलग जोखिम और रिटर्न के आधार पर अलग अलग स्कीम में निवेश की सलाह देते हैं जिसमें आपका औसत रिटर्न ऊंचा ही बना रहे और आप महंगाई के असर से बच जाएं।

आप इसके लिए 5paisa जैसे एप की मदद ले सकते हैं। जहां म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। वहीं आपको जोखिम उठाने के आधार पर सबसे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम की जानकारी दी जाती है जिससे आपके रिटर्न हर स्थिति में ऊंचे ही बने रहें।

ब्याज दरों का असर

डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए ब्याज दरों में बदलाव भी एक बड़ा जोखिम है। डेट फंड तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब ब्याज दरें गिरती हैं। हालांकि दरों में बढ़त के साथ रिटर्न पर दबाव देखने को मिलता है। दरअसल, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निचली दरों पर जारी हुए बॉन्ड्स की वैल्यू घट जाती है, क्योंकि बॉन्ड में निवेश करने को उत्सुक निवेशक ऊंचे कूपन रेट को प्राथमिकता देता म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? है।

ऐसे में डेट फंड्स से स्थिर रिटर्न पाने के लिए आपको स्कीम के चुनाव के लिए दरों में बढ़ोतरी या कटौती के साथ कई अन्य बातों को भी देखना होता है। डेट फंड्स में भी कई कैटगरी होती है जिसमें अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड्स, लो ड्यूरेशन फंड्स, लिक्विड फंड्स ओवरनाइट फंड्स शामिल हैं और इन सब पर ब्याज दरों में बढ़त का असर अलग अलग होता है। 5paisa के साथ आप किसी भी स्थिति में अपने लिए सबसे बेहतर फंड्स का चुनाव कर सकते हैं और बढ़ते ब्याज दरों के बीच अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं।

क्या आप निवेश में जोखिम का सही मतलब जानते हैं?

क्या आप निवेश में जोखिम का सही मतलब जानते हैं?

उनका कहना है कि इस तरह के ज्यादातर निवेशक खुद पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं. बाजार में अस्थिरता के दौरान यह भरोसा गायब हो जाता है. गिरावट के दौरान ये अति-आत्मविश्वासी निवेशक काफी बेचैन हो जाते हैं.

सर्कल वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक पार्टनर सौरभ मित्तल ने कहा, "निवेशक जोखिम के अर्थ को अपने अनुसार समझ रहे हैं. उन्हें लगता है कि जोखिम का अर्थ ज्यादा रिटर्न से है है. उन्हें यह नहीं पता कि अधिक जोखिम उठाना घाटे का भी सौदा साबित हो सकता है."

सलाहकारों का कहना है कि ज्यादातर निवेशक जोखिम को पूंजी की बर्बादी के साथ जोड़कर नहीं देखते हैं. उनका मानना है कि निवेशकों को दांव लगाने से पहले खुद से कुछ सवाल जरूर करने चाहिए और फिर किसी निर्णय तक पहुंचना चाहिए.

Debt Fund- डेट फंड

क्या होता है डेट फंड?
Debt Fund: डेट फंड एक निवेश पूल, जैसेकि म्युचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होता है जिसके मूलभूत संग्रह में मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम निवेश होते हैं। डेट फंड अल्प अवधि या दीर्घ अवधि बॉन्डों, सिक्योरिटाइज्ड उत्पादों, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स या फ्लोटिंग रेट डेट में निवेश कर सकता है। औसतन डेट फंडों पर फी रेशियो इक्विटी फंडों की तुलना में कम होते हैं क्योंकि कुल प्रबंधन लागतें अंदरूनी रूप से कम होती हैं। अक्सर क्रेडिट फंड या फिक्स्ड इनकम फंडों के रूप में संदर्भित डेट फंड, फिक्स्ड इनकम एसेट वर्ग के तहत आते हैं। पारंपरिक रूप से इन कम जोखिम वाले व्हीकल्स की खोज वैसे निवेशक करते हैं जो कैपिटल को संरक्षित करना चाहते हैं या निम्न जोखिम इनकम डिस्ट्रीब्यूशन अर्जित करना चाहते हैं। डेट फंड ऑप्शंस में इच्छुक निवेशक निष्क्रिय और सक्रिय उत्पादों के बीच चयन कर सकते हैं।

SIP से मिलेगा 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

वैसे तो म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं लेकिन लंबी अवधि के इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए रिस्क एकदम कम लेवल पर माना जाता है. टैक्स और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इन्वेस्टमेंट सिस्टेमेटिक इंवेस्ट प्लान या एसआईपी तरीके से की जाये तो लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड में अधिक रिटर्न मिलता है और इसमें शामिल जोखिम कम हो जाता है.

अगर आप ज्यादा रकम भी नहीं जुटा सकते तो भी कोई समस्या नहीं म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं? है. क्योंकि इसमें आप कम से कम निवेश में भी अच्छा रिटर्न ले सकते हैं. आप हर महीने अपनी बचत के मात्र 1000 रुपए इन्वेस्ट करके एक करोड़ रुपये तक का रिटर्न ले सकते हैं.

SIP से मिलेगा 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड के एसआईपी में हर महीने 1000 रुपए इन्वेस्ट करके आप करोड़पति बन सकते हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड के एसआईपी में 20 फीसदी तक का रिटर्न मिला है.

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