प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है वह है Trend Line इसके आधार पर ही आप ट्रेडिंग कर सकते है, अब यह सवाल आता है कि यह Trend Line होता क्या है, इसको जानने के लिए आपको यह जानना होगा कि लाइन क्या होता है!

ट्रेंड लाइन, Trend Line,

सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग

जब कीमतें अपट्रेंड में होती है, तो अंतिम लो और अंतिम हाई कीमतें बहुत महत्वपूर्ण होती है।

यदि कीमतें लोअर लो बनाना शुरू करती है, तो यह ये दर्शाता है की ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है।

लेकिन अगर कीमतें हाई बनी रहती है तो अपट्रेंड की पुष्टि होती है।

एक निवेशक को उचित और वर्तमान मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को चिन्हित करना चाहिए क्योंकि जब कीमतें इन स्तरों पर पहुंचती है तो वे महत्वपूर्ण हो सकते है।

इसके अलावा, उचित और करंट माइनरसपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को चिन्हित करना चाहिए जो आपको करंट ट्रेंड, चार्ट पैटर्न और सीमाओं का एनालिसिस करने में मदद करेगा।

आपको नए सपोर्ट और रेजिस्टेंस की रेखाएं बनाते रहना चाहिए और पुराने लेवल्स को हटा देना चाहिए, क्यूंकि कीमतें पुरानी लेवल्स को पहले ही पार कर चूकी हैं ।

की पॉइंट्स :

  • माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तर कीमतों को होल्ड नहीं कर पाते है।
  • माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस के क्षेत्र आपकी होल्डिंग बढ़ाने के अवसर प्रदान करते है।
  • मेजर रेजिस्टेंस और सपोर्ट का लेवल वो क्षेत्र है जो ट्रेंड रिवर्सल का कारण बनते है।
  • मार्केट डाउनट्रेंड में है या अपट्रेंड में है, या भविष्य में क्या हो सकता है, इन सबकी जानकारी ट्रेंड लाइन्स स्पष्ट दिखाती है।
  • एक निवेशक या एनालिस्ट को उचित और वर्तमान मेजर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवलों को चिन्हित करना चाहिए क्योंकि जब कीमतें इन लेवल पर पहुंचती है तो वे महत्वपूर्ण हो सकते है।
  • रेलेवेंट और करंट माइनर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवलों को चिन्हित करना चाहिए जो आपको करंट ट्रेंड, चार्ट पैटर्न और सीमाओं का एनालिसिस करने में मदद करेगा।

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विदेशी मुद्रा रुझान: तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स

मूल अवधारणाओं में से एक तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स है तकनीकी विश्लेषण प्रवृत्ति है.यह धारणा पर आधारित है कि बाजार में भाग लेने वाले कुछ समय के लिए परिसंपत्ति मूल्य आंदोलनों को टिकाऊ बनाने वाले झुंडों में निर्णय लेते हैं.तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स

ट्रेंड्स के प्रकार

परिसंपत्ति मूल्यों की प्रचलित दिशा के आधार पर तीन प्रकार के रुझान हैं:

  • अपवर्ड ट्रेंड
  • नीचे रुझा
  • साइडवे या कोई स्पष्ट प्रवृत्ति नहीं

एक अपवर्ड प्रवृत्तिउच्च स्थानीय उतार और उच्च स्थानीय चढ़ाव के लिए जा रही कीमतों की विशेषता है । चढ़ाव को जोड़ने वाली एक ऊपर की प्रवृत्ति सकारात्मक ढलान प्राप्त करती है.

एक नीचे की प्रवृत्ति कम स्थानीय उतार और कम स्थानीय चढ़ाव बनाने की कीमतों की विशेषता है । उतार को जोड़ने वाली एक नीचे की रेखा नकारात्मक ढलान प्राप्त करती तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स है.

एक साइडवेज प्रवृत्ति दो क्षैतिज ट्रेंडलाइन द्वारा तैयार की जाती है जो कीमतों को बड़े ऊपर या नीचे की ओर आंदोलनों से रोकती है, जो एक निश्चित सीमा में उतार-चढ़ाव को रखते हुए होती है.

ट्रेंड लाइन के आधार पर कैसे समझें निवेश का पैटर्न?

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तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है.

जब बाजार में तेजी हावी होती है और यह अगली गिरावट का आधार तय करती है, तो ऐसी स्थिति में ट्रेड लाइन ऊपर बढ़ने के साथ-साथ हमेशा सपोर्ट स्तर प्रदान करती है, तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स जो समय के साथ बदलता रहता है. इस स्थिति में ऐसी ट्रेंड लाइन के करीब की कीमतों पर खरीदारी करना फायदेमंद रहता है.

हालांकि, यदि सपोर्ट स्तर पार हो जाता है तो गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में कारोबारियों को इसी ट्रेंड लाइन पर अपनी स्टॉप लॉस कीमत निर्धारित करनी चाहिए. इसी प्रकार गिरावट के हावी रहने पर सपोर्ट स्तर की जगह रेसिस्टेंस दर्ज किया जाता है. निवेशकों को इस दौरान बिक्री करनी चाहिए.

Supertrend Indicator की विभिन्न स्थितियां

Supertrend Signal change to buy

इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से कंसोलिडेट कर रहा है या डाउनट्रेंड में चल रहा है और Supertrend में अचानक buy सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में तेजी आने वाली है।

Supertrend Signal Change to Sell

ये स्थिति पहले वाली स्थिति से पूरी तरह उलटी है ,इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से तेजी में है और Supertrend में अचानक Sell सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में गिरावट आने वाली है।

Price Nearing Supertrend Support

Supertrend, सपोर्ट और रेसिस्टेन्स के रूप में भी कार्य करता है और इसकी सहायता से स्टॉपलॉस भी आसानी से लगाया जा सकता है। अगर शेयर बार बार Supertrend के सपोर्ट पर आकर रुकता है एवम सपोर्ट से ही वापस ऊपर चला जाता है तो उस प्राइस पॉइंट को हम स्ट्रांग सपोर्ट मानेंगे एवं उसे एक स्टॉपलॉस के रूप में भी उपयोग कर सकते है।

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