Investment in Property: कॉमर्शियल या रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी? कौन सी खरीदें जो अगले कुछ साल में पैसे बना कर भर दे आपकी जेब

Commercial vs Residential Property: अगर आप भी अपनी एक्‍स्‍ट्रा इनकम के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यहां जानें कि आपके लिए कॉमर्शियल या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी रहेगी फायदे का सौदा.

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 19 Oct 2022 11:59 AM (IST)

कॉमर्शियल बनाम रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी

त्‍योहारों का सीजन (Festive Season) चल रहा है और इस दौरान हो सकता है ज्‍यादातर लोगों की तरह आप भी प्रॉपर्टी खरीदने (Buying Property) की सोच रहे हों. कुछ बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी त्‍योहारी सीजन के दौरान लोन की ब्‍याज दरों पर रियायत ऑफर कर रही हैं. प्रॉपर्टी में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपकी आय का एक स्रोत खुल जाता है जिससे नियमित आय सुनिश्चित होती है. रियल एस्‍टेट (Real Estate) में निवेश आपको प्रॉपर्टी का स्‍वामित्‍व, इनकम टैक्‍स में लाभ और किराए से आय के साथ ही कई दूसरे महत्‍वपूर्ण लाभ उपलब्‍ध कराता है. दूसरी बात है कि प्रॉपर्टी मार्केट, शेयर बाजार की तुलना में कम अस्थिर भी है.

हालांकि, जब प्रॉपर्टी में इन्‍वेस्‍ट करने की बात आती है तो कॉमर्शियल (Commercial Property) और रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Residential Property) दोनों के फायदे और नुकसान होते हैं. अजमेरा रियल्‍टी एंड इन्‍फ्रा लिमिटेड के डायरेक्‍टर धवल अजमेरा कहते हैं कि रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की तुलना में कुछ अधिक लागत के बावजूद, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अधिक रेंटल रिटर्न (Rental Return) देती हैं. जबकि रेसिडेंशियल रियल एस्टेट अक्सर व्यक्तिगत उपयोग और दीर्घकालिक निवेश दोनों के लिए खरीदी जाती है. आपूर्ति के साथ मांग के मामले में कॉमर्शियल रियल एस्टेट की मांग लगातार बढ़ रही है. नतीजतन, मूल्य बिंदु तेजी से बढ़ रहे हैं. कॉमर्शियल रियल एस्टेट मूल्य वर्तमान में पूंजी और किराये दोनों मामले में डेवलपमेंट कर्व पर बढ़ रहे हैं. नियामकीय परिवर्तनों के प्रभाव ने पिछले कुछ वर्षों के संपत्ति में निवेश दौरान रेसिडेंशियल रियल एस्टेट में एक सामान्य गतिरोध पैदा कर दिया है.

कॉमर्शियल और रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश के बीच फर्क

जब रियल एस्टेट में निवेश की बात आती है तो खरीदार के पास अनिवार्य रूप से दो विकल्प होते हैं: या तो कॉमर्शियल, या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी. दोनों ही विकल्‍प अपनी-अपनी जगह सही हैं लेकिन यह व्‍यक्ति विशेष की जरूरतों, लक्ष्‍य और उनके आर्थिक संसाधनों पर भी निर्भर करता है. अजमेरा कहते हैं कि एक खरीदार दोनों तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करने का निर्णय ले सकता है, लेकिन अगर वे रखरखाव, किराएदारों के साथ बातचीत करने में समय व्यतीत करना, और अन्य कारकों पर विचार कर रहे हैं, तो एक रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी को किराए पर देना एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने की तुलना में अधिक झंझट भरा है. रेसिडेंशियल रियल एस्टेट के उलट कॉमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश की प्रभावशीलता किसी भी अन्य निवेश विकल्प की तरह ही लक्ष्यों और जोखिमों पर निर्भर करती है.

कॉमर्शियल प्रॉपर्टी चुनें या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी?

अजमेरा कहते हैं कि किसी निवेशक का कॉमर्शियल या रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश दो प्रमुख कारकों से प्रभावित होता है: इसमें शामिल जोखिम और ध्यान में रखें गए लक्ष्य. चूंकि किराए अधिक स्थिर होते हैं और लीज अग्रीमेंट अक्सर ज्‍यादा स्‍पेसिफिक और लंबे समय के लिए होते हैं इसलिए कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में किरायेदार ज्‍यादातर आसानी से उपलब्‍ध होते हैं. कॉमर्शियल प्रॉपर्टी आम तौर पर ज्‍यादा ग्रॉस रिटर्न जेनरेट करती हैं. रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मामले में किरायेदारों को न कुछ मॉर्गेज करना होता है और न ही ब्‍याज का भुगतान करना होता है. ऐसे में देश के कई हिस्‍सों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी भी अच्‍छा रिटर्न देती है. कॉमर्शियल प्रॉपर्टीकी तुलना में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में ज्‍यादा बड़ी पूंजी भी नहीं लगानी होती है.

यह मुख्य रूप से एक खरीदार पर निर्भर करता है जिसकी प्राथमिकता या तो अपने रहने के लिए एक घर खरीदना है या एक रिकरिंग एसेट में निवेश करना है. अजमेरा कहते हैं कि आम तौर पर घर खरीदार एक रेसिडेंशियल एसेट रखना पसंद करेगा यदि यह उसका पहला निवेश है. ताकि वे जीवन भर सुरक्षित रहें और वे इसे सुरक्षा के रूप में रखें. हालांकि, अगर किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आय की क्षमता में वृद्धि होती है और वे रिकरिंग एसेट या रिकरिंग इन्कम चाहते हैं. ऐसे में वे शायद कॉमर्शियल रियल एस्टेट चुनेंगे क्योंकि इससे उन्हें रेसिडेंशियल रेंटल की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलेगा. रेसिडेंशियल की तुलना में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का किराया बेहतर है. हालांकि, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आवश्यकता कैसी है.

Published at : 19 Oct 2022 11:45 AM (IST) Tags: Real Estate Commercial property Residential property Investment in Property Rental Return हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

अचल संपत्ति में निवेश संपत्ति निवेश ट्रस्ट: आरईआईटी क्या है?

हिंदी

भारत में कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं। इक्विटी, बांड और निश्चित जमा जैसे वित्तीय साधनों से अचल संपत्ति और सोने जैसी भौतिक संपत्तियों तक, निवेशकों के पास विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। अचल संपत्ति, तथापि, निवेशक का ध्यान के अच्छी तरह से आकर्षित करती है पैसे की तरह। भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरेलू संपत्ति का लगभग 77% हिस्सा अचल संपत्ति के लिए अपना रास्ता खोजता है। अचल संपत्ति निवेश के साथ एक स्थायी मुद्दा इसके द्वारा सीमित तरलता की पेशकश है।

अचल संपत्ति निवेश ट्रस्ट या आरईआईटी अचल संपत्ति निवेश से जुड़े अधिकांश मुद्दों का जवाब है। आरईआईटी एक ऐसी कंपनी है जो अचल संपत्ति राजस्व पैदा करने वाली, विकसित, स्वामित्व या वित्त प्रदान करती है।

आरईआईटी क्या है?

यदि कोई पूछता है कि आरईआईटी क्या है, तो सबसे आसान जवाब यह होगा कि एक आरईआईटी एक ऐसी कंपनी है जो आय उत्पन्न करने वाली अचल संपत्ति में निवेश करने के लिए कई व्यक्तियों से धन इकट्ठा करती है। आरईआईटी म्यूचुअल फंड के समान हैं और लोगों को इसे खरीदने या प्रबंधित करने की आवश्यकता के बिना अचल संपत्ति में निवेश और कमाने की अनुमति देते हैं। भारत में अचल संपत्ति में निवेश एक बोझिल प्रक्रिया है। किसी को पूरी तरह से शोध करना पड़ता है और यदि आप किराए पैदा करने वाली अचल संपत्ति के मालिक हैं, तो आपको पर्याप्त निवेश करना होगा। इसके विपरीत, आरईआईटी को नियंत्रित करने वाली संरचना और नियम उन्हें बेहद पारदर्शी और तरल बनाते हैं। आरईआईटी निवेश को आसानी से नकद किया जा सकता है क्योंकि यह स्टॉक्स की तरह एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है। आरईआईटी को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुसार, उत्पन्न आय का 90% निवेशकों को लाभांश के रूप में भुगतान करना होगा और कंपनी द्वारा केवल 10% ही बनाए रखा जा सकता है। अधिकांश आरईआईटी वाणिज्यिक अचल संपत्ति में निवेश करते हैं और इसे पट्टे पर देते हैं। आय निवेशकों के बीच वितरित की जाती है। गिरवी आरईआईटी अचल संपत्ति के मालिक नहीं हैं, लेकिन परियोजनाओं को वित्त देती हैं। अर्जित ब्याज लाभांश के रूप में वितरित किया जाता है।

आरईआईटी के प्रकार

इक्विटी आरईआईटी : सबसे आम आरईआईटी इक्विटी आरईआईटी हैं। ये आरईआईटी अचल संपत्ति के मालिक हैं और प्रबंधन करते हैं। किराया आय इक्विटी आरईआईटी के लिए राजस्व का प्राथमिक स्रोत है।

गिरवी आरईआईटी : ये आरईआईटी गिरवी और ऋण के माध्यम से अचल संपत्ति विकासकों को पैसे उधार देते हैं। धन के लिए प्रचालक द्वारा भुगतान किया गया ब्याज आरईआईटी के लिए आय है। विकासक द्वारा आरईआईटी के लिए भुगतान किए गए ब्याज और आरईआईटी उधारदाताओं को भुगतान ब्याज में जो अंतर है, आरईआईटी के लिए आय है। गिरवी आरईआईटी की आय ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील है।

हाइब्रिड आरईआईटी : ये इक्विटी आरईआईटी और गिरवी आरईआईटी के बीच मध्य भाग है। हाइब्रिड आरईआईटी आम तौर पर अचल संपत्ति के मालिक और विकासकों को गिरवी और ऋण प्रदान करने के लिए संतुलन के लिए संचित धन का एक हिस्सा तैनात करते हैं।

आरईआईटी में निवेश कैसे करें?

आरईआईटी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं और कोई सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी के शेयरों की तरह आरईआईटी की इकाइयां खरीद सकता है। सार्वजनिक रूप से व्यापार करने वाली आरईआईटी के अलावा, निवेशक आरईआईटी म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में भी शेयर खरीद सकते हैं।

क्या आरईआईटी निवेश समझ में आता है?

भारत आरईआईटी के लिए एक अपेक्षाकृत नया बाजार है। भारत में पहला आरईआईटी 2019 में लॉन्च किया गया था, भले ही पश्चिमी देशों में आरईआईटी 60 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है। आरईआईटी निवेश को ध्यान में रखते हुए भारत में एक नई अवधारणा है, क्या यह आरईआईटी संपत्ति में निवेश का चयन करना समझ में आता है? आरईआईटी अद्वितीय फायदे के एक मेजबान प्रदान करते हैं।

कम पूंजी आवश्यकता: भारत में गुणवत्ता अचल संपत्ति निषिद्ध रूप से महंगा है। एक छोटा निवेशक एक गुणवत्ता संपत्ति खरीद और संचालित नहीं कर सकता है जो पर्याप्त उपज प्रदान करती है। आरईआईटी आय उत्पन्न करने वाली अचल संपत्ति में निवेश करते हैं क्योंकि आरईआईटी की प्रत्येक इकाई अपेक्षाकृत सस्ती है।

छोटे निवेशकों के लिए उपयुक्त : अचल संपत्ति में सीधे निवेश में कई कमियां हैं, प्राथमिक देश में शक्तिशाली बिल्डरों की लॉबी का सामना करना पड़ रहा है। एक छोटे निवेशक के लिए एक परियोजना में निवेश करने से पहले उचित परिश्रम करना आसान नहीं है। आरईआईटी विकासकों के साथ बातचीत करने की आवश्यकता को पूरी तरह से खत्म करते हैं।

पारदर्शिता: आरईआईटी एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है, जिससे मूल्य खोज आसान हो जाती है। आरईआईटी इकाइयों को बिना किसी परेशानी के आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।

आय आश्वासन: आरईआईटी को निवेशकों के बीच आय का 90% लाभांश के रूप में वितरित करना होगा, जिससे आय का स्थिर स्रोत सुनिश्चित किया जा सके।

आरईआईटी निवेश धीरे-धीरे और लगातार भारत में स्वीकृति प्राप्त कर रहा है। पहले भारतीय आरईआईटी ने मजबूत निवेशक भागीदारी देखी है। बड़े आरईआईटी फंड वाणिज्यिक परियोजनाओं, होटल, डेटा केंद्रों संपत्ति में निवेश और गोदामों में निवेश करते हैं, जो आम निवेशक के लिए संभव नहीं हो सकते हैं। पोर्टफोलियो के विविधीकरण के लिए आरईआईटी फंड का उपयोग किया संपत्ति में निवेश जा सकता है। निवेशक अपने पोर्टफोलियो में भौतिक अचल संपत्ति के विकल्प के रूप में आरईआईटी का उपयोग कर सकते हैं।

किस तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करना होता है फायदेमंद? जानें

property for investment

What Type of Property is Best for Investment: रोजाना की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ लोग निवेश करना भी पसंद करते हैं। हालांकि निवेश करने से पहले हमारे मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं। खासतौर पर किसी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले हम यह सोचते हैं कि इसमें निवेश करना फायदेमंद होगा भी या नहीं?

इसी को देखते हुए हमने बात की Kirtan A Shah से जो एक फाइनेंशियल प्लानर और Credence Wealth Advisors LLP कंपनी के फाउंडर हैं। उन्होंने साझा किया की आखिर किस तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करना आज के समय में फायदेमंद हो सकता है।

expert quote on best property

पहले जान लेते हैं प्रॉपर्टी के प्रकार

आमतौर पर प्रॉपर्टी को 4 प्रकार में बांटा जाता है। इसमें रेसिडेंटल, कमर्शियल, लैंड और इंडस्ट्री शामिल हैं। रेसिंडेटर प्रोपर्टी को आप घर आदि के रुप में समझ सकते हैं। वहीं ऑफिस और रेस्तरां आदि कमर्शियल प्रॉपर्टी के अंदर आते हैं। लैंड को आप खेत और इंडस्टरी को फैक्टरी के उदाहरण से समझ सकते हैं।

कैसी प्रॉपर्टी में करें निवेश

in which property we should invest

फाइनेंशियल प्लानर Kirtan A Shah बताते हैं, "रेसिंडेंटर प्रॉपर्टी में निवेश करना एक फायदे का सौदा नहीं है क्योंकि किराए का प्रतिशत सिर्फ 2 से 2.5 प्रतिशत होता है। अगर आप 2 करोड़ का घर खरीद रहे हैं तो सिर्फ 20 हजार तक का किराया मिलेगा जो काफी कम है।"

वह आगे कहते हैं, "रेसिडेंटल प्रॉपर्टी कि बजाए कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने पर आपको 7 प्रतिशत के आसपास का किराया मिलता है जो एक ज्यादा फायदेमंद सौदा है।"

बजट और अन्य कारकों के मुताबिक लें फैसला

things to keep in mind while buying property

प्रॉपर्टी खरीदते वक्त बजट एक बहुत बड़ा फैक्टर होता है। आप जब भी निवेश करें बजट के मुताबिक ही अपना निर्णय लें। इसके साथ-साथ कुछ और कारण भी हैं। जैसे आप क्या करते हैं। एक किसान जो खेती करता है उसके लिए शायद रेसिंडेंटल और कमर्शियल से ज्यादा लैंड प्रॉपर्टी खरीदना खरीदना फायदेमंद हो।

अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो इन बातों को ध्यान में जरूर रखें। साथ ही अगर आपने इसके अलावा कुछ और जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन 5 बातों को जान लें

सावधानी जरूरी

न‍िवेश के ल‍िहाज से प्रॉपर्टी लेना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं. प्रॉफिट कमाने के मकसद से रियल एस्‍टेट में पैसा लगाते समय लोगों से अक्‍सर गलतियां होती हैं. इसके चलते उन्‍हें अपेक्षित रिटर्न नहीं मिल पाता है. कई मामलों में तो नुकसान उठाना पड़ जाता है. ऐसा न हो इसके लिए कुछ बातों पर ध्‍यान देना जरूरी है. आइए, यहां संपत्ति में निवेश उनके बारे में जान लेते हैं.

​अपना क्रेडिट स्‍कोर जान लें

​अपना क्रेडिट स्‍कोर जान लें

अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन का आवेदन करते हैं तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री संपत्ति में निवेश की जांच करते हैं. क्रेडिट हिस्‍ट्री में कोई समस्या होने पर लोन के आवेदन को खारिज किया जा सकता है या फिर अधिक ब्‍याज दरों में उसे स्‍वीकार किया जा सकता है. लोन का सबसे अच्‍छा ऑफर अक्‍सर 750 या इससे अधिक क्रेडिट स्‍कोर वालों को किया जाता है. उन्‍हें सबसे कम दरों का लाभ मिलता है. लिहाजा, लोन का आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्‍कोर को ऑनलाइन देख लेना जरूरी है. इसमें चंद मिनट लगते हैं.

​रियल एस्‍टेट इनवेस्‍टमेंट की पूरी कॉस्‍ट निकाल लें

​रियल एस्‍टेट इनवेस्‍टमेंट की पूरी कॉस्‍ट निकाल लें

जब आप रियल एस्टेट में निवेश करते हैं तो आपको उसकी पूरी लागत निकालनी चाहिए. उदाहरण के लिए 100 रुपये के बेस प्राइस पर जीएसटी, रजिस्‍ट्रेशन, स्‍टैंप ड्यूटी, ब्रोकरेज, फर्निशिंग, उधार की लागत आदि जैसे अतिरिक्‍त चार्ज पूरे बिल को बढ़ाकर 120-130 रुपये कर देते हैं.

एक्‍सपर्ट्स कहते हैं कि एक अंडर-कंस्‍ट्रक्‍शन प्रॉपर्टी में आपको 5 फीसदी जीएसटी और 5-7 रजिस्‍ट्रेशन और स्‍टैंप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है. यह राज्‍यों के नियमों पर निर्भर करता है. घर की फर्निशिंग में और 5 फीसदी लग सकते हैं. इस तरह बेस प्राइस से 15 फीसदी दाम और बढ़ जाते हैं. इसका मतलब है कि अगर घर की कॉस्‍ट 1 करोड़ रुपये है तो आपको अतिरिक्‍त कॉस्‍ट के तौर पर 15 लाख रुपये और खर्च करने होंगे.

संपत्ति जोड़ना हो तो सालाना 9% रिटर्न जरूरी: इक्विटी निवेश इसका सबसे अच्छा तरीका, ये 5 बातें अपनाकर संपत्ति को कर सकते हैं 10 गुना

आज के समय में अथाह धन-संपदा जोड़ने वाले अधिकांश निवेशकों ने शेयर बाजार में निवेश का फायदा उठाया है। इक्विटी ने 5 सालों में 11%, 10 सालों में 17%, संपत्ति में निवेश 15 सालों में 13.6% और 20 सालों में 12.9% रिटर्न दिया है। आपको भी यदि अपनी संपत्ति को 10 गुना बढ़ाना है तो इक्विटी निवेश इसका सबसे अच्छा तरीका हो सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। मार्केटमोजो की CEO डॉ. मोहित बत्रा आपको इन बातों के बारे में बता रही हैं।

1. 9% से ज्यादा रिटर्न जरूरी
औसत महंगाई दर 6.3% मानते हुए 9% से कम वाले किसी भी निवेश में आपका धन बढ़ने की जगह घटेगा। इसलिए सालाना 9% से ज्यादा रिटर्न देने वाले एसेट में ही निवेश करें।

2. प्रोफेशनल एडवाइजर की सलाह लें
हर व्यक्ति अपने निवेश पर 24 घंटे निगाह नहीं रख सकता। इसलिए या तो खुद प्रोफेशनल निवेशक बनें या फिर किसी प्रोफेशनल एडवाइजर की सलाह लें।

3. उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं
महामंदी को छोड़ दें तो बियर मार्केट यानी गिरावट का बाजार अधिकतम 6 महीने रहता है, लेकिन अधिकांश निवेशक घाटे से घबराकर बाजार से बाहर हो जाते हैं। ऐसा न करें।

4. निवेशक रिटायर नहीं होता
हमेशा निवेश करते रहें। वारेन बफे ने 15 की उम्र में निवेश शुरू किया था। आज 92 की उम्र में उनके पास 8 लाख करोड़ की संपत्ति है। बफे 60 साल उम्र में रिटायर हो जाते तो उनके पास मौजूदा दौलत का 0.001% भी नहीं होता।

5. बचत नहीं निवेश से बढ़ेगी संपत्ति
बढ़ती महंगाई को देखते हुए एक समय बाद आपकी बचत की कीमत शून्य हो सकती है, जबकि निवेश का रिटर्न संपत्ति को बढ़ाता रहता है।

रेटिंग: 4.38
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 514