शेयरों या म्यूचुअल फंड्स की बिक्री पर हुए नुकसान को सैलरी से होने वाली आय से एडजस्ट नहीं किया जा सकता है बल्कि स्टॉक मार्केट से हुए नुकसान को स्टॉक मार्केट से हुए मुनाफे से सेट ऑफ किया जा सकता है. (File Photo)

कैसे नुकसान देने वाले शेयर लंबे समय तक हमारे पोर्टफोलियो में जमे रहते हैं?

कई निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनके दाम गिर रहे हों. वे सोचते हैं कि इससे उनकी परचेजिंग प्राइस कम होगी. हालांकि, वे किसी दूसरे शेयर में लगाने के बजाय गिरते शेयर में पैसा फंसा रहे होते हैं.

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घाटे से बचने की फिक्र ही हमारे फैसलों पर असर नहीं डालती. जिम्मेदारी के अहसास और कोई सामान बर्बाद न करने की सोच का भी इसमें हाथ होता है.

हालांकि, हम ऐसा करते नहीं हैं. शहरों में अधूरे पड़े अपार्टमेंट्स को देखें. उसमें डूब चुका पैसा अतीत में किए गए निर्णय से जुड़ा है. उन्हें पूरा करने के लिए ज्यादा पैसा चाहिए और कुछ बिल्डर पैसा नहीं जुटा पा रहे हैं.

इन बिल्डिंगों में फंसा पैसा तभी निकल सकता है, जब ये फ्लैट इनके पहले के खरीद मूल्य से कम पर बेचे जाएं. यहीं पर पिछले खर्च की चिंता सामने आती है. इन फ्लैट्स के शुरुआती खरीदारों ने यह सोचकर खरीदारी की थी कि कीमत चढ़ने पर वे पैसा बना सकेंगे.

घाटे में बेचने पर उन्हें यह निवेश अफसोस के साथ बंद करना होगा. उन्होंने जो निवेश किया था, वह डूब चुका है और अतीत की बात है. वे जिस कीमत पर फ्लैट बेच सकते हैं, वह बाजार के मौजूदा हाल से तय होगी.

अगर निवेशक और बाहुबली लोग पहले चुकाई गई कीमत के आधार पर निर्णय करें और घाटे में फ्लैट बेचने से मना कर दें तो ये इमारतें अधूरी पड़ी रहेंगी और समय के साथ खराब होती जाएंगी.

घाटे से बचने की यह सोच शेयर बाजार में भी दिखती है जब हम किसी शेयर के खरीद मूल्य को बहुत ज्यादा अहमियत देने लगते हैं. मान लें कि हमने 20 रुपये पर कोई शेयर खरीदा और इसके 40 रुपये तक जाने की उम्मीद है. शेयर तेजी से उस लेवल पर जाता है. तब हमें लगेगा कि हमने तो इस शेयर के बारे में गलत अंदाजा लगाया और फिलहाल इसे नहीं बेचना है.

मान लें कि हम इसे 100 रुपये तक जाते हुए देखकर खुश होंगे. अब हम यह कहानी दूसरों को बताएंगे कि किस तरह हमने एक छुपा हुआ हीरा खोजा था. हम यह बताना नहीं भूलते हैं कि खरीद मूल्य 20 रुपये था. जिन्होंने इसे नहीं खरीदा है वे उधेड़बुन में पड़ जाएंगे कि 100 रुपये पर खरीदा जाए या नहीं.

फिर शेयर प्राइस में गिरावट शुरू होती है. कुछ गिरावट पर तो हम ध्यान नहीं देंगे. लेकिन, मान लें कि प्राइस 60 रुपये के स्तर तक पहुंच जाते हैं तो चिंता होने लगेगी. हालांकि, हम खुद को समझाएंगे कि अब भी मामला प्रॉफिट में है और निवेश को बनाए रखेंगे.

फिर शेयर गिरकर 30 रुपये पर पहुंच जाता है. अब हम यह मानने लगते हैं कि 20 रुपये तक आ जाने पर शेयर बाउंस बैक करेगा. 20 रुपये के खरीद मूल्य पर हम इस तरह टिके हुए हैं कि हम यह मानने लगते हैं कि पूरा मार्केट इस आंकड़े को तवज्जो देगा.

हालांकि, शेयर गिरकर 10 रुपये पर चला जाता है. अब हम घाटे में हैं. वैसे हम उम्मीद करते हैं कि किसी तरह प्राइस 20 पर जाए तो हम बिना लॉस के बाहर निकल सकते हैं. तो क्या अब आपको हमारे पोर्टफोलियो में ऐसे कमजोर शेयर लंबे समय तक पड़े रहने की वजह समझ आ गई?

घाटे से बचने की फिक्र ही हमारे फैसलों पर असर नहीं डालती. जिम्मेदारी के अहसास और कोई सामान बर्बाद न करने की सोच का भी इसमें हाथ होता है. खाना फेंकना अच्छा नहीं माना जाता है. इस उम्मीद में फ्रिज में छोटे-छोटे बॉक्स में खाना रखा होता है कि लंच के बाद डिनर में उसे खा लिया जाएगा.

दरअसल, समस्या यह है जरूरत का ठीक से अंदाजा लगाए बिना खाना पका लिया जाता है. इस सोच का एक और बुरा नतीजा यह है कि फंस चुके पैसे के पीछे और पैसा फंसा दिया जाता है.

कई निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनके दाम गिर रहे हों. वे सोचते हैं कि इससे उनकी परचेजिंग प्राइस कम होगी. हालांकि, वे किसी दूसरे शेयर में लगाने के बजाय गिरते शेयर में पैसा फंसा रहे होते हैं.

(लेखिका सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) की चेयरपर्सन हैं.)

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Income Tax Return 2021: स्टॉक मार्केट में निवेश पर हुआ है नुकसान? जानिए इसे सैलरी इनकम से एडजस्ट कर सकते हैं या नहीं

यह जानना बहुत जरूरी है कि शेयर मार्केट में निवेश या ट्रेडिंग से आपको जो नुकसान हुआ है, उसे किस तरह सेट ऑफ किया जा सकता है. इसे सैलरी से होने वाली आय से सेट ऑफ किया जा सकता है या नहीं?

Income Tax Return 2021: स्टॉक मार्केट में निवेश पर हुआ है नुकसान? जानिए इसे सैलरी इनकम से एडजस्ट कर सकते हैं या नहीं

शेयरों या म्यूचुअल फंड्स की बिक्री पर हुए नुकसान को सैलरी से होने वाली आय से एडजस्ट नहीं किया जा सकता है बल्कि स्टॉक मार्केट से हुए नुकसान को स्टॉक मार्केट से हुए मुनाफे से सेट ऑफ किया जा सकता है. (File Photo)

Income Tax Return 2021: स्टॉक मार्केट में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और बड़ी संख्या में लोग इसमें निवेश और ट्रेडिंग करते हैं. हालांकि हर सौदे पर मुनाफा ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ सौदों में नुकसान भी हो सकता है. ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि शेयर मार्केट में निवेश या ट्रेडिंग से आपको जो नुकसान हुआ है, उसे किस तरह सेट ऑफ किया जा सकता है. इसे सैलरी से होने वाली आय से सेट ऑफ किया शेयर मार्केट के नुकसान जा सकता है या नहीं? अभी वित्त वर्ष 2021-21 के रिटर्न फाइल हो रहे हैं तो ऐसे में रिटर्न फाइल करते समय इसकी जानकारी होना आवश्यक है. एसेसमेंट इयर 2021-22 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 है.

लॉस को कैरी फॉरवर्ड करने की सुविधा

टैक्स2विनडॉटइन के को-फाउंडर और सीईओ अभिषेक सोनी के मुताबिक शेयरों या म्यूचुअल फंड्स की बिक्री पर हुए नुकसान को सैलरी से होने वाली आय से एडजस्ट नहीं किया जा सकता है बल्कि स्टॉक मार्केट से हुए नुकसान को स्टॉक मार्केट से हुए मुनाफे से सेट ऑफ किया जा सकता है. अगर उस वित्त वर्ष में मुनाफा नहीं हुआ या पूरा लॉस एडडस्ट नहीं हो पा रहा है यानी मुनाफा कम हुआ है तो इस पूरे नुकसान या एडजस्ट करने के बाद शेष लॉस को को अगले वित्त वर्षों में भी कैरी फारवर्ड कर सकते हैं.

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके


लाभ और हानि शेयर बाजार के दो पहलू हैं शेयर बाजार में किसी को फायदा तो किसी को नुकसान होना तय है समय-समय पर निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ता है किंतु यदि शेयर मार्केट में कुछ सावधानियां बरती जाएं तो होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

शेयर मार्केट में नुकसान से शेयर मार्केट के नुकसान बचने के लिए टिप्स और तौर तरीके इंटरनेट पर आसानी से मिल जाएंगे यदि आपको शेयर बाजार में अनुभव और जानकारी नहीं है तो यह तौर तरीके और टिप्स किसी काम के नहीं हैं .

यदि आपको शेयर बाजार में होने वाले नुकसान से बचना है तो आपको शेयर मार्केट के बारे में जानकारी रखनी होगी बाजार के लिए आपको समय देना होगा

उदाहरण के तौर पर यदि आप मल्टी सेक्टर में निवेश करेंगे तो एक सेक्टर में अचानक से होने वाले उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई दूसरे सेक्टर से की जा सकती है

जैसे कि आपने अपनी पूंजी का निवेश बैंकिंग सेक्टर फार्मा सेक्टर और म्यूचुअल फंड में किया है यदि आज बैंकिंग सेक्टर में भारी गिरावट आई तो आपको नुकसान हो जाएगा किंतु आपने फार्मा सेक्टर के शेयरों पर भी निवेश किया है और यदि फार्मा सेक्टर के शेयरों में तेजी आई तो बैंकिंग सेक्टर में हुए नुकसान की भरपाई फार्मा सेक्टर में से हो सकती है

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके
stock market loss

अपनी जिंदगी पैसे कौन नहीं कमाना चाहता और शेयर बाजार पैसे कमाने का एक अच्छा जरिया है नए निवेशक शेयर बाजार में बिना कुछ सीखे कदम रख देते हैं और इसी वज़ह से अधिकांश निवेशको को नुकसान उठाना पड़ता हैं नए निवेशक शेयर बाजार में राकेश झुनझुनवाला जी की स्टोरी पढ़ कर आते हैं और मार्केट में नुकसान के कारण झुनझुना लेकर मार्केट से वापस निकल जाते हैं असल में नए लोगों को शेयर बाजार बाहर से जितना सरल दिखता है उतना है नहीं अधिकांश नए लोग शेयर बाजार को बहुत हल्के में लेते हैं और वह यह सोचते हैं कि वह कम समय में बहुत अच्छी कमाई कर लेंगे लेकिन यह सब इतना आसान नहीं है

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के 10 तरीके
इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान

हो सके तो नए निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करने से बचें लेकिन अधिकांश लोग शेयर बाजार में कदम रखते ही इंट्राडे ट्रेडिंग करने में रुचि रखते हैं जबकि इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले आपको बाजार की बहुत अच्छी समझ बाजार की चाल में रिस्क मैनेजमेंट रिस्क रिवाड रेशियो व टारगेट एंड स्टॉप लॉस थ्योरी और भी अन्य जानकारियों को जानना बहुत जरूरी है

अक्सर हम यूट्यूब पर या अन्य सोशल साइटों पर देखते हैं कि कई ऐसे ट्रेडर हैं जो इंट्राडे ट्रेडिंग से रोजाना लाखों रुपए कमा रहे हैं वही देख कर हमारे अंदर भी मोटिवेशन के साथ जोश आ जाता है और हम बाजार में उतर पड़ते हैं लेकिन हमें यह भी जानना बहुत जरूरी है जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग से आज लाखों करोड़ों रुपए रोजाना कमा रहे हैं उनके पीछे कई सालों की मेहनत लगी होती है जिस किसी ट्रेडर को हम फॉलो करते हैं हम सिर्फ उसका प्रजेंट देखते हैं जब वह सक्सेसफुल हो चुका है बाकी हमें उसका पास्ट भी देखना चाहिए जब वह स्ट्रगल कर रहा होता है इससे आपको ट्रेडर की लाइफ से जुड़े संघर्षों की भी अनुभूत होगी

शेयर बाजार में लालच भी नुकसान का मुख्य कारण है कई बार देखा गया है कि नए ट्रेडर अपने मुनाफे वाली ट्रेड को भी नुकसान में बुक करते हैं इसका मुख्य कारण है लालच हमें पता होता है कि हमारा लक्ष्य पूरा हो गया फिर भी हम और मुनाफे के लिए उस ट्रेड में बने रहते हैं यही हमारी बहुत बड़ी गलती होती है मेरा अनुभव कहता है नए लोग बाजार में बराबर स्टॉपलॉस और टारगेट के साथ काम करें अगर आपको प्रॉफिट वाली ट्रेड में बने रहना है तो ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का प्रयोग करें

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान को जान लें ! अगर इसमें निवेश की सोंच रहे हैं

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान कई सारे हैं लेकिन यदि आप सही रणनीति के साथ इसकी शुरुआत करें तो आपको फायदे अधिक मिलेगें और नुकसान कम होगा। 80 प्रतिशत लोग, केवल शेयर बाजार की लुभावनी कहानी सुनकर इसमें शामिल हो जाते हैं जैसे कि किसी के दादा ने कोई शेयर खरीदा था और खरीदकर भूल गये थे।

आज अचानक उनके पोते को कहीं से कागजात मिल गये। पता करने पर पता चलता है कि, इन शेयर की कीमत आज 50 से 60 करोड़ की हो चुकी है।

आश्चर्य की बात ये है कि, ये कहानी सही होती है। शेयर बाजार में लोग रातों-रात अमीर बन जाते हैं लेकिन साथ ही साथ लोग कंगाल भी हो जाते हैं।

रातों रात अमीर बनने की बजाय, अगर आप निवेश करने के मूड से इसमें शामिल होते हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म साबित होगा।

अब आप शेयर बाजार के फायदे और नुकसान को समझ लें जिससे जब आप इसमें पैसा लगायें तो अधिक से अधिक लाभ कमां पायें।

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं !

शेयर बाजार के नुकसान

शेयर बाजार का सबसे बड़ा नुकसान है कि, इसमें पैसा डूबने का खतरा सबसे ज्यादा होता है अर्थात शेयर खरीदना सबसे जोखिम भरा कार्य हो सकता है।

शेयर बाजार का दूसरा सबसे बड़ा नुकसान है कि, एक अच्छी कंपनी चुनने के लिए ( जिसमें आप पैसा लगायेगें ) आपको बहुत अधिक रिसर्च करनी पड़ेगी।

इस कार्य में अन्य कोई आपकी मदद भी नहीं कर सकता है जो आपको सही-सही ये बता दे कि, कौन सी कंपनी चुनना आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहेगा।

शेयर मार्केट का तीसरा सबसे बड़ा नुकसान है कि, एक छोटी सी खबर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकती है।

कहने का तात्पर्य है कि, यह हमेशा अनिश्चित रहता है कि, कल शेयर बाजार बढ़ेगा या बाजार गिरेगा, इसलिए अधिकतर लोगों के लिए यह जुआँ साबित होता है।

शेयर बाजार का चौथा नुकसान है कि, कोई भी कंपनी अपना गलत डेटा दिखाकर लोगों को मूर्ख बना सकती है।

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

अर्थात जब लोग कंपनी का शेयर खरीदने के लिए रिसर्च करते हैं और उन्हें कंपनी का गलत डेटा मिलता है तब उनका सारा गणित बिगड़ जाता है उन्हें भारी नुकसान होता है।

शेयर बाजार के फायदे

शेयर बाजार का सबसे बड़ा फायदा है कि, आपके निवेश की ग्रोथ सबसे श्रेणी से होती है अर्थात आपका पैसा इतना तेजी से बढ़ सकता है जिसकी आपने उम्मीद भी नहीं की होगी।

शेयर बाजार का दूसरा बड़ा फायदा है कि, इसमें आपको एक कंपनी की हिस्सेदारी मिलती है। अगर कंपनी अच्छे से चलती है तो आपको डिवीडेंट के तौर पर, हर साल अच्छी खासी रकम भी मिलेगी।

शेयर बाजार का तीसरा सबसे बड़ा फायदा है कि, इसमें जब आप चाहें तो शेयर बेंच कर अपना पूरा पैसा निकाल सकते हैं। जबकि बीमा और FD में ऐसा नहीं हैं। वहाँ पर आपको संपूर्ण लाभ नहीं मिलेगा।

शेयर बाजार का चौथा सबसे बड़ा फायदा है कि, इसमें आप निवेश के साथ ट्रेडिंग भी कर सकते हैं। ट्रेंडिंग से आप रेगुलर इनकम भी बना सकते हैं।

ये कुछ शेयर बाजार के फायदे और नुकसान आपके सामने रखे हैं। आप कमेंट के माध्यम से हमें बता सकते है कि, आपको इसमें फायदा दिखता है नुकसान !

Bandhan Bank को शेयर मार्केट में भारी नुकसान! इतना रह गया शेयर

Bandhan Bank Share: निजी क्षेत्र के ऋणदाता द्वारा सितंबर तिमाही के लिए 209 करोड़ रुपये का नेट लाभ पोस्ट करने के बाद 31 अक्टूबर को बंधन बैंक के शेयर की कीमत में आठ प्रतिशत की गिरावट आई। दरअसल यह जो लाभ था, वह एक साल पहले 3,008 करोड़ रुपये के नुकसान के मुकाबले स्ट्रीट की उम्मीदों से काफी कम था।

CNBC-TV18 पोल के मुताबिक, विश्लेषकों ने 749.8 करोड़ रुपये के नेट लाभ की उम्मीद की थी। सोमवार सुबह 10 बजे से पहले बंधन बैंक का शेयर 20.25 रुपये व 7.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 244.95 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

शेयर ने क्रमशः 17 मई 2022 और 27 दिसंबर 2021 को अपने 52 सप्ताह के उच्च स्तर 349.50 रुपये और 52 सप्ताह के निचले स्तर 229.65 रुपये को छुआ। यह अब अपने 52 सप्ताह के उच्च स्तर से 29.91 प्रतिशत नीचे और अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर से 6.66 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा है।

वहीं, बैंक की नेट ब्याज आय सालाना आधार पर 13.3 प्रतिशत बढ़कर 2,193 करोड़ रुपये हो गई, जो भी 2,422.9 करोड़ रुपये की उम्मीद से कम है।

NIM लुढ़का

नेट ब्याज मार्जिन (एनआईएम) तिमाही-दर-तिमाही 100 आधार अंक लुढ़ककर आठ प्रतिशत से सात प्रतिशत पर शेयर मार्केट के नुकसान आ गया। संपत्ति की गुणवत्ता में सकल नेट परफॉर्मिंग संपत्ति (एनपीए) 7.2 प्रतिशत बनाम एक तिमाही पहले 7.3 प्रतिशत और नेट एनपीए 1.9 प्रतिशत पर फ्लैट के साथ बहुत कम सुधार हुआ।

समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 3,954 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ, विश्लेषकों को उम्मीद है कि ऋण लागत, जो जून तिमाही में 2.7 प्रतिशत के मुकाबले 5.3 प्रतिशत थी, वह उच्च बनी रहेगी।

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