Crypto को लेकर अमेरिका की टेंशन का रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन
अमेरीका में 18-29 आयु वर्ग के 43% पुरुषों ने अपना पैसा क्रिप्टोकरेंसी में डाल रखा है.
क्या क्रिप्टो पर अमेरिकी की टेढ़ी नजर के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध है? अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और अन्य संघीय एजेंसियों को वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रभाव का अध्ययन करने का निर्देश दिया है.
राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की सरकारी निगरानी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो फेडरल रिजर्व से यह पता लगाने का आग्रह करता है कि क्या केंद्रीय बैंक को अपनी डिजिटल मुद्रा (CBDC) बनानी चाहिए.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि बिडेन प्रशासन क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस डिजिटल एसेट के रिस्क और फायदे को समझना चाहता है.
100 से ज्यादा देश अपने CBDC लाने पर कर रहे काम
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई देश खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं. भारत भी वित्तवर्ष 23 में ही अपनी सीबीडीसी का पायलट ट्रायल करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए अब कई दिनों से काम कर रहा है. इसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी किया था.
RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?
इस फैसले का रूस पर क्या पड़ेगा असर?
यह कार्रवाई तब हो रही है जब सांसदों और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही थी कि रूस यूक्रेन के आक्रमण के कारण अपने बैंकों, कुलीन वर्गों और तेल उद्योग पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकता है.
हालांकि बिडेन प्रशासन ने इसपर तर्क दिया है कि रूस क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करके US और यूरोपीय व्यापार के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले जो बिडेन की सरकार इस फैसले पर काम कर रही थी.
युवाओं में क्रिप्टो का क्रेज
जोखिमों के बावजूद, अमेरिकी सरकार ने कहा, सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 16% व्यस्क अमेरिकियों – या 40 मिलियन लोगों ने – क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और 18-29 आयु वर्ग के 43% पुरुषों ने अपना पैसा क्रिप्टोकुरेंसी में डाल रखा है.
जो बिडेन द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश मुख्य रूप से केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राओं से जुड़े जोखिमों और लाभों के आकलन पर आधारित है. कई सरकारों ने पहले ही सीबीडीसी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर बैन भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प- RBI के डीप्टी गवर्नर
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
Cryptocurrency Value: क्या आप जानते हैं कैसे तय होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत? यहां समझें पूरा गणित
Cryptocurrency Value : क्रिप्टोकरेंसी की कीमत डिमांड और सप्लाई के सीधे सिद्धांत पर तय होती है, लेकिन इसके अलावा ऐसे बहुत से दूसरे फैक्टर भी हैं, जो इनकी कीमतें तय करने में भूमिका निभाते हैं.
Cryptocurrency Price : क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें कई फैक्टर्स को ध्यान में रखकर तय होती हैं.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की शुरुआत हुए लगभग एक दशक हो चुके हैं, लेकिन इसके मुकाबले इनकी पॉपुलैरिटी पिछले कुछ सालों में बढ़ी है. बहुत से लोगों ने क्रिप्टो कॉइन्स या टोकन्स में निवेश (Crypto investment) करना शुरू कर दिया है. क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग (Crypto Mining) के जरिए जेनरेट किया जाता है. ये काम उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरण हल करके किया जाता है. समीकरण हल करने पर माइनर्स को इनाम में कॉइन्स मिलते हैं. डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा तय की जाती है.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है और इसकी वैल्यू कैसे तय होती है?
यह भी पढ़ें
यह समझने के लिए हमें ये समझना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी फ्लैट करेंसी यानी कि हमारी ट्रेडिशनल करेंसी (रुपया, डॉलर, यूरो वगैरह) से अलग कैसे होती है. सबसे बड़ा फर्क यह होता है कि क्रिप्टो को सरकार की ओर से कानूनी वैधता मिली हुई होती है. फ्लैट करेंसी की कीमत इस तथ्य से तय होती है कि दो पक्ष किसी लेन-देन के लिए उस कीमत में अपना विश्वास रख रहे हैं. अधिकतर देश इसी सिस्टम में काम करते हैं, जिसमें एक केंद्रीय बैंक और मौद्रिक संस्थान उस करेंसी के सप्लाई और इसके जरिए मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखते हैं.
लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का नियंत्रण या नियमन नहीं होता है, ये डिसेंट्रलाइज्ड होते हैं, यानी किसी एक केंद्र के तहत काम नहीं करते हैं. अधिकतर देशों ने इसे कानूनी वैधता नहीं दी है. क्रिप्टो के साथ ऐसा भी है कि इनकी एक फिक्स्ड सप्लाई होती है, ऐसे में मुद्रास्फीति से कीमतें गिरने का डर नहीं रहता है.
इन तथ्यों के इतर दोनों में काफी कुछ एक जैसा है. दोनों को ही किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए लेने-देन में इस्तेमाल किया जाता है. और दोनों को ही उनके वैल्यू के लिए स्टोर करके रखा जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी पब्लिक लेजर या सार्वजनिक बहीखाता (Cryptocurrency Public Ledger)
क्रिप्टोकरेंसी में हर ट्रेडिंग अपने आप एक डिसेंट्रलाइज्ड लेजर में दर्ज हो जाती है. इस लेजर पर किसी का अधिकार नहीं होता है, यानी इसका मेंटेनेंस या एक्सेस किसी एक व्यक्ति या संस्था के पास नहीं होता है. इसे कोई भी, कभी भी, कहीं से भी एक्सेस कर सकता है. सभी ट्रांजैक्शन क्रिप्टोग्राफी की मदद से सुरक्षित रहते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी नोड काउंट (Cryptocurrency node count)
नोड काउंट यह बताता है कि किसी नेटवर्क पर कितने एक्टिव वॉलेट्स हैं. इससे समझ आता है कि किस क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम है, किसकी ज्यादा. अगर किसी निवेशक को यह पता लगाना है कि किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें सही हैं या नहीं या फिर ओवरबॉट के चलते बढ़ गई हैं (ओवरबॉट मतलब किसी करेंसी को ज्यादा खरीदे जाने के चलते इसकी कीमतें बहुत बढ़ जाना) तो निवेशक को उसका नोड काउंट और कुल मार्केट कैप देखना होगा. इसके बाद इन दोनों की दूसरे क्रिप्टोकरेंसी से तुलना करनी होगी, इससे आपको उस क्रिप्टोकरेंसी की सही कीमत पता चल जाएगी. नोड काउंट से यह भी पता चलता है कि कोई क्रिप्टो कम्युनिटी कितनी मजबूत है. जिस कम्युनिटी के जितने ज्यादा नोड काउंट होंगे वो उतनी ज्यादा मजबूत होगी.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज
किसी क्रिप्टोकरेंसी की जानकारी लेने के लिए आप ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज चेक कर सकते हैं. इसपर आपको किसी भी क्रिप्टो का मार्केट कैप, पिछले हफ्तों और महीनों में उसकी परफॉर्मेंस, सर्कुलेशन में अपना क्रिप्टोकरेंसी ऑर्डर दें उसकी कितनी करेंसी है, उसकी मौजूदा रेट क्या है और पहले रेट क्या था, वगैरह जैसी जानकारी एक्सचेंज पर मिलती है. इन एक्सचेंज पर बिटकॉइन, इथीरियम, टेदर और डॉजकॉइन जैसी कई दूसरी कॉइन्स को कुछ फीस चुकाकर ट्रेडिंग भी की जाती है.
किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय करना
किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय करने का सबसे प्रभावी तरीका उसकी मांग को देखकर कीमत तय करना है. किसी क्रिप्टो में निवेशकों की ओर से बढ़ रही मांग के चलते उस कॉइन की कीमतें बढ़ जाती हैं. इसके उलट, अगर किसी कॉइन टोकन सप्लाई ज्यादा है, लेकिन उसकी डिमांड कम है, तो इसकी कीमतें गिर जाएंगी. इसके अलावा एक और चीज है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय होती है- वो है इसकी उपयोगिता. यानी कि वो करेंसी कितनी यूज़फुल यानी उपयोगी है. अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग प्रक्रिया ज्यादा कठिन है, तो इसका मतलब है कि उसकी सप्लाई बढ़ाना भी मुश्किल होगा, ऐसे में अगर डिमांड सप्लाई से ज्यादा हो गई तो उसकी कीमतें ज्यादा हो जाएंगी.
इसे अपनाए जाने को लेकर लोगों का रुख (Mass adoption)
अगर ज्यादा से ज्यादा लोग किसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करेंगे तो उसकी कीमतें बेतहाशा बढ़ जाएंगी. लेकिन फिर भी आम जनता के बीच में इन्हें अपनाया जाना अभी बहुत दूर की बात दिखाई देती है क्योंकि इसमें कई वास्तविक पेचीदगियां हैं जो हमारे मौजूदा सिस्टम के हिसाब से परेशानी पैदा करेंगी.फ्लैट करेंसी का इस्तेमाल लेन-देन में जिस स्तर पर होता है, क्रिप्टो का वैसा इस्तेमाल नहीं हो सकता, या नहीं हो रहा है. इन कॉइन्स को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए इनकी उपयोगिता बढ़नी जरूरी है, वहीं यह फैक्टर भी काम करेगा कि वो डील खरीददार को कितनी फायदे वाली लगती है.
कीमतों में उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी बाजार अभी बहुत नया है और अधिकतर अपना क्रिप्टोकरेंसी ऑर्डर दें लोग इस इंडस्ट्री से बहुत परिचित नहीं हैं. ऐसे नए बाजारों में ऐसा होता है कि इसमें बहुत उतार-चढ़ाव देखा जाता है. लेकिन क्रिप्टो बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहने का यह कारण भी होता है कि ऐसे बहुत से व्हेल अकाउंट होते हैं, जिनके पास बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरेंसी कॉइन्स होती हैं, और वो प्रॉफिट बुकिंग के लिए बाजार को प्रभावित करते हैं.
Cryptocurrency : कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? पढ़ें
Cryptocurrency Investment : क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है.
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जबरदस्त लाभ और अपने खतरे भी हैं.
Cryptocurrency का क्रेज़ अब इलॉन मस्क और जैक डॉर्सी जैसे बड़े बिजनेसमेन से लेकर आम निवेशकों के बीच साफ दिख रहा है. हमारा भविष्य डिजिटल की दुनिया में होगा, इस विचार को काफी बड़े स्तर पर अपनाया जा रहा है, लेकिन एक मूलभूत सवाल रह जाता है- क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम (Crypto Investment) बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट (Cryptocurrency Market Today) कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है. ऐसे में ये कैसे तय करें कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं.
यह भी पढ़ें
सबसे पहले आपको ये बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी वैधता नहीं मिली हुई है. नहीं, ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो में निवेश अवैध है, ऐसा नहीं है. लेकिन, यह कोई लीगल टेंडर नहीं है, इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है और अधिकतर देशों में यही स्थिति है. इन्हें ऑनलाइन माइनिंग करके जेनरेट किया जाता है, अधिकतर जेनरेशन प्राइवेट होते हैं और इन कॉइन्स से ट्रांजैक्शन और मॉनेटरी सिस्टम में कितनी अस्थिरता आ सकती है, इसपर भी कोई साफ तस्वीर नहीं है. शायद इसलिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वो अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन चरणबद्ध तरीके से लॉन्च कर सकता है.
क्रिप्टो कॉइन में निवेश करना अवैध नहीं है और देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट होती है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ
सबसे पहली बात, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आपको, बाकी के हमारे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट टूल्स या निवेश के माध्यमों से कहीं ज्यादा बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस साल के पहले चार महीनों में क्रिप्टो बाजार ने ऐतिहासिक तेजी देखी है. इस दौरान निवेशकों ने जबरदस्त पैसा बनाया. इसे आंकड़ों में समझिए. दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे
इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. हालांकि फिलहाल यह $40,000 के लेवल तक रिकवर कर चुका है.
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे सकता है.
एक और चीज है, क्रिप्टो मार्केट को बड़े बिजनेसमेन और इलॉन मस्क जैसे टेक टाइकून्स लोग प्रभावित करते हैं. इलॉन मस्क पहले बिटकॉइन को सपोर्ट करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने डॉजकॉइन को समर्थन देना शुरू कर दिया. इससे डॉजकॉइन की कीमतें उछल गईं.
कितनी सुरक्षित हैं क्रिप्टोकरेंसी और क्या है इन्हें लेकर धारणा
अगर क्रिप्टोकरेंसी की सिक्योरिटी की बात करें तो यह काफी सुरक्षित होती है. एन्क्रिप्शन टेक्नीक- क्रिप्टोग्राफी- से इन्हें सुरक्षित रखा जाता है. वहीं क्रिप्टो वॉलेट्स भी होते हैं, जहां आपको हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट्स मिलते हैं. क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन में कोई बिचौलिया या मध्यस्थ शामिल नहीं होता है, जो अच्छी चीज है. अगर इन्हें अपनाने की बात करें तो कुछ देश और कई बड़ी कंपनियां हैं, जो क्रिप्टो कॉइन्स और टोकन्स को मान्यता देने पर विचार कर रही हैं. अल सल्वाडोर ने तो इसे लीगल टेंडर बनाने की घोषणा कर दी है. अगर भारत की बात करें तो डेकोर ब्रांड Rug Republic ने कुछ हफ्ते पहले ही क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट लेने ी घोषणा कर दी है.
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में गिरावट: बिटकॉइन समेत कई बड़े कॉइन गिरे, पर इथेरियम में बढ़त बरकरार
बाजार में बिटकॉइन का डोमिनेंस 40% रह गया है, जबकि इथेरियम का प्रभुत्व बढ़कर 20.2 फीसदी हो गया है.
इथेरियम का प्राइस (Ethereum Price Today) पिछले 24 घंटों में 0.94 फीसदी की बढ़त के साथ 1,901.97 डॉलर पर पहुंच गया है. बा . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 12, 2022, 10:13 IST
हाइलाइट्स
ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 0.68 फीसदी गिरकर 1.15 ट्रिलियन डॉलर रह गया है.
बिटकॉइन का प्राइस (Bitcoin Price Today) 1.40% फीसदी गिरकर 24,019.04 डॉलर पर है.
CMN में पिछले 24 घंटों के दौरान 1475.96 फीसदी का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में आज गिरावट नजर आ रही है. भारतीय समयानुसार सुबह 9:47 बजे तक ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) 0.68 फीसदी गिरकर 1.15 ट्रिलियन डॉलर रह गया है. इथेरियम में हल्की बढ़त है तो बिटकॉइन समेत लगभग अन्य बड़ी करेंसीज़ में गिरावट है.
Coinmarketcap के आंकड़ों के हिसाब से खबर लिखे जाने के समय तक बिटकॉइन का प्राइस (Bitcoin Price Today) 1.40% फीसदी गिरकर 24,अपना क्रिप्टोकरेंसी ऑर्डर दें 019.04 डॉलर पर है. दूसरे सबसे बड़े कॉइन इथेरियम का प्राइस (Ethereum Price Today) पिछले 24 घंटों में 0.94 फीसदी की बढ़त के साथ 1,901.97 डॉलर पर पहुंच गया है. बाजार में बिटकॉइन का डोमिनेंस 40% रह गया है, जबकि इथेरियम का प्रभुत्व बढ़कर 20.2 फीसदी हो गया है.
किस क्रिप्टोकरेंसी का क्या हाल
-पोल्काडॉट (Polkadot – DOT) – प्राइस: $9.24, बदलाव: -2.54%
-पॉलिगॉन (Polygon – MATIC) – प्राइस: $0.9262, बदलाव: -1.68%
-एवलॉन्च (Avalanche) – प्राइस: $28.97, बदलाव: -2.63%
-शिबा इनु (Shiba Inu) – प्राइस: $0.00001242, बदलाव: -0.61%
-सोलाना (Solana – SOL) – प्राइस: $43.55, बदलाव: -1.01%
-डोज़कॉइन (Dogecoin – DOGE) – प्राइस: $0.0713, बदलाव: -0.75%
-कार्डानो (Cardano – ADA) – प्राइस: $0.5311, बदलाव: -2.42%
-बीएनबी (BNB) – प्राइस: $323.50, बदलाव: -2.66%
-एक्सआरपी (XRP) – प्राइस: $0.378, बदलाव: -1.01%
सबसे ज्यादा उछलने वाली क्रिप्टोकरेंसी
Coinmarketcap के अनुसार, पिछले 24 घंटों के भीतर सबसे ज्यादा बढ़ने वाले तीन कॉइन्स में Crypto Media Network (CMN), Reflecto (RTO) और Tate Token (TOPG) शामिल हैं. बता दें कि ये वो क्रिप्टोकरेंसीज़ हैं जिनमें 50 हजार डॉलर से अधिक की वॉल्यूम रहती है.
Crypto Media Network (CMN) में पिछले 24 घंटों के दौरान 1475.96 फीसदी का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इसका प्राइस 1.43 डॉलर पहुंच गया है. सबसे ज्यादा बढ़ने वाले कॉइन्स में Reflecto (RTO) में 130.67 फीसदी का उछाल आया है और इसका मार्केट प्राइस 0.000000005991 डॉलर हो गया है. Tate Token (TOPG) तीसरे अपना क्रिप्टोकरेंसी ऑर्डर दें नंबर पर है और इसमें 111.84 प्रतिशत का उछाल आया है. इसका मार्केट प्राइस 0.007505 डॉलर पर पहुंच गया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
फीचर आर्टिकल: कॉइन स्विच के साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग उतनी ही आसान है जितना अपना फेवरेट फूड ऑर्डर करना
बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी को लेकर तमाम तरह की बहस और तर्क-वितर्क के बावजूद भारत की जनता ने सुरक्षा जुड़े तमाम संदेह दरकिनार करते हुए न केवल क्रिप्टो करेंसी को अपनाया है, बल्कि दुनिया में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने वाली सबसे बड़ी आबादी भारत की ही है। भारत में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग को आसान, सुलभ और सुरक्षित बनाने में बहुत बड़ा हाथ देश के तेजी से बढ़ते क्रिप्टो ऐप कॉइन स्विच कुबेर का है। भारत के सबसे सरल क्रिप्टो ऐप कॉइन स्विच कुबेर के साथ 1.2 करोड़ का विशाल निवेशक वर्ग जुड़ चुका है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
कोई बैंक या मध्यस्थ नहीं, आप हैं अपनी संपत्ति के खुद मालिक
क्रिप्टो करेंसी एक डीसेंट्रलाइज डिजिटल एसेट है। यानी रुपए या डॉलर या किसी और मुद्रा की तरह इसके मूल्य को रिजर्व बैंक या फेडरल रिज़र्व जैसी सेंट्रल अथॉरिटी नियंत्रित नहीं करती, बल्कि अपनी संपत्ति के आप खुद मालिक होते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है सुरक्षित, हर लेनदेन का विवरण होता है दर्ज
दुनियाभर में चल रही अधिकांश क्रिप्टो करेंसी के पीछे बहुत ही शक्तिशाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी होती है। ढेरों ब्लॉक्स एक दूसरे से इंटरलिंक रहते हैं और हर एक में लेनदेन का विवरण स्टोर रहता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 506