रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 11.8 अरब डॅालर बढ़कर 482.53 अरब डॅालर रह गई है।

What is foreign currency reserves, क्या है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ?

Foreign currency reserve kya hai:- किसी भी देश के इकॉनमी के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना बहुत ही जरुरी है। इस लेख में हम नजर डालने वाले है क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार, क्या हैं इसके मायने ? और इससे संबधित महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में… किसी भी देश के इकॉनमी के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना बहुत ही जरुरी है। ऐसा माना जाता है कि जिसे देश की विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादा होगा उस देश के लिए अच्छा रहेगा। विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां हैं ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। इस तरह की मुद्राएं केंद्रीय बैंक जारी करता है।

दरअसल 1990 में चंद्रशेखर प्रधानमंत्री के सात महीने के शासन काल में देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। तब भारत की इकॉनमी भुगतान संकट में फंसी हुई थी। इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया। उस समय के गंभीर हालात विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था। भारत की मुद्रा रुपया है, लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए ज़्यादा डॉलर का होना बहुत ज़रूरी है। वर्ल्ड इकॉनमी में किस देश की आर्थिक सेहत सबसे मज़बूत है, इसका निर्धारण इससे भी होता है कि उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार कितना भरा हुआ है।

What is Foreign currency reserve/Foreign currency reserve kya hai ?

विदेशी मुद्रा भंडार किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई विदेशी मुद्रा या अन्य परिसंपत्तियां हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा (foreign exchange), गोल्ड रिजर्व( Gold reserve, एसडीआर और आईएमएफ कोटा डिपाजिट(), ट्रेज़री बिल (Treasury bills), बॉन्ड और अन्य सरकारी प्रतिभूतियों () शामिल होतीं हैं। जरूरत पड़ने पर इस भंडार से देनदारियों का भुगतान किया जाता है। विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है। RBI (Reserve Bank Of India) भारत में विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक है।

दुनिया भर के विदेशी मुद्रा भंडार में प्रभुत्व डॉलर का ही यानि डॉलर सबसे उपर है। आप बाज़ार जाते हैं तो जेब में रुपए लेकर जाते हैं। इसी तरह भारत को किसी अन्य देश से तेल ख़रीदना होता है तो वहां रुपए नहीं डॉलर देने होते हैं। जैसे उदाहरण को तौर पर समझे तो भारत ने फ़्रांस से रफ़ाल लड़ाकू विमान ख़रीदा तो भुगतान डॉलर में करना पड़ा न कि रुपए में। मतलब रुपया राष्ट्रीय मुद्रा है, लेकिन भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए डॉलर की शरण में ही जाना पड़ता है।

इकोनॉमी के लिए क्यों जरूरी है फॉरेक्स रिजर्व?

देश की इकॉनमी में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम योगदान होता है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नवंबर 1990 में सात महीनों के शासन काल में देश की आर्थिक स्थिति बेहद विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी खराब थी। तब भारत की इकॉनमी भुगतान संकट में फंसी हुई थी। इसी समय रिजर्व बैंक ने 47 टन सोना गिरवी रख कर कर्ज लेने का फैसला किया। उस समय के गंभीर हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था। हालात यह हो गई थी कि इतनी रकम तीन हफ्तों के आयात के लिए पर्याप्त नहीं थी।

किसी भी वस्तु या सेवा की क़ीमत उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। अगर रुपए की मांग कम है तो उसकी क़ीमत भी कम होगी और डॉलर की मांग ज़्यादा है, लेकिन उसकी आपूर्ति कम है तो उसकी क़ीमत ज़्यादा होगी। आपूर्ति तब ही पर्याप्त होगी जब उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त होगा।

कंगाली के राह पर खड़ा है पाकिस्तान, विदेशी मुद्रा भंडार में बची है मात्र 6 अरब डॉलर की संपत्ति

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published on: December 10, 2022 13:08 IST

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर- India TV Hindi

Photo:INDIA TV पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक (एसबीपी) का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 78.4 करोड़ डॉलर घटकर चार साल के निचले स्तर 6.72 अरब डॉलर पर आ गया। बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक, इससे पहले 18 जनवरी 2019 को केंद्रीय बैंक के पास मुद्रा भंडार 6.64 अरब डॉलर था। वाणिज्यिक बैंकों के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार 5.86 अरब डॉलर रहा।

इस वजह से आई मुद्रा भंडार में कमी

इसको लेकर देश में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 12.58 अरब डॉलर रहा। सरकार ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति को मजबूत बनाना उसकी मुख्य प्राथमिकता है। हालांकि, अप्रैल के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर घटा है। उस समय यह 10.9 अरब डॉलर था। उसी समय प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई में नई गठबंघन सरकार सत्ता में आई थी। विश्लेषकों के अनुसार, मुद्रा भंडार में कमी का कारण पिछले पांच महीने में पूंजी प्रवाह का केवल चार अरब डॉलर रहना है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक कारण इस्लामिक बॉन्ड (सुकुक) के परिपक्व होने के बाद उसका भुगतान है। केंद्रीय विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी बैंक के गवर्नर जमील अहमद ने कहा कि चूक का कोई जोखिम नहीं है और देश समय पर विदेशी देनदारी को पूरा करने में सक्षम है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.162 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चौथे सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। एक सप्ताह में दूसरी बार सबसे अधिक वृद्धि हुई थी।

विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे काम करता है

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सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि विदेशी मुद्रा बाजार क्या है। विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा बाजार वह जगह है जहां एक मुद्रा का दूसरे के लिए कारोबार किया जाता है। यह दुनिया के सबसे सक्रिय रूप से कारोबार किए गए वित्तीय बाजारों में से एक है। वॉल्यूम इतने विशाल हैं कि वे दुनिया भर के शेयर बाजारों में सभी संयुक्त लेनदेन से अधिक हैं।

विदेशी मुद्रा बाजार की एक वैश्विक पहुंच है जहां दुनिया भर से खरीदार और विक्रेता व्यापार के लिए एक साथ आते हैं। ये व्यापारी एक दूसरे के बीच सहमत मूल्य पर धन का आदान प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति, कॉर्पोरेट और देशों के केंद्रीय बैंक एक मुद्रा का दूसरे में आदान-प्रदान करते हैं। जब हम विदेश यात्रा करते हैं, तो हम सभी विदेशी देश की कुछ मुद्रा खरीदते हैं। यह अनिवार्य रूप से एक विदेशी मुद्रा लेनदेन विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी है।

विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे करें?

अब जब आप जानते हैं कि विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे काम करता है, तो मुद्रा व्यापार करने के लिए तीन अलग-अलग प्रकार के विदेशी मुद्रा बाजारों को समझना आवश्यक है।

स्पॉट मार्केट:

यह एक मुद्रा जोड़ी के भौतिक आदान-प्रदान को संदर्भित करता है। एक स्पॉट लेनदेन एक ही बिंदु पर होता है – व्यापार को ‘स्पॉट’ पर बसाया जाता है। ट्रेडिंग एक संक्षिप्त अवधि के दौरान होता है। मौजूदा बाजार में, मुद्राएं मौजूदा कीमत पर खरीदी और बेची जाती है। किसी भी अन्य वस्तु की तरह, मुद्रा की कीमत आपूर्ति और मांग पर आधारित होती है। मुद्रा दरें अन्य कारकों से भी प्रभावित होती हैं जैसे ब्याज दरों, अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजनीतिक स्थिति, दूसरों के बीच अन्य। एक स्पॉट सौदे में, एक पार्टी किसी अन्य पार्टी को एक विशेष मुद्रा की एक निश्चित राशि प्रदान करती है। बदले में, यह एक सहमत मुद्रा विनिमय दर पर दूसरी पार्टी से एक और मुद्रा की एक सहमत राशि प्राप्त करता है।

विदेशी मुद्रा व्यापार भारत में कैसे करें:

अब जब हमने मुद्रा व्यापार की मूल बातें देखी हैं, तो हम भारत में मुद्रा व्यापार करने के तरीके के बारे में और बात करेंगे।

भारत में, बीएसई और एनएसई मुद्रा वायदा और विकल्पों में व्यापार करने की पेशकश करते हैं। यू एस डॉलर /भारतीय रुपया सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा जोड़ी है। हालांकि, जब मुद्रा व्यापार की बात आती है तो विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी अन्य अनुबंध भी लोकप्रिय हो रहे हैं। यदि आप एक व्यापारी जो मुद्रा बदलावों पर एक स्थान लेना चाहता है, तो आप मुद्रा वायदा में व्यापार कर सकते हैं। मान लीजिए कि आप उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी डॉलर जल्द ही भारतीय रुपए मुकाबले बढ़ जाएगा । आप तो अमरीकी डालर/ भारतीय रुपया वायदा खरीद सकते हैं। दूसरी ओर, यदि आप उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले INR मजबूत होगा, तो आप यू एस डॉलर /भारतीय रुपया वायदा बेच सकते हैं।

हालांकि, यह समझने की जरूरत है कि विदेशी मुद्रा व्यापार हर किसी के लिए नहीं है। यह उच्च स्तर के जोखिम के साथ आता है। विदेशी मुद्रा में व्यापार करने से पहले, अपने जोखिम की भूख को जानना आवश्यक है और इसमें आवश्यक स्तर का ज्ञान और अनुभव भी होना चाहिए। विदेशी मुद्रा में व्यापार करते समय, आपको पता होना चाहिए कि कम से कम शुरुआत में पैसे खोने का एक अच्छा डर बना रहता है।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी पर पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. The post भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर पर पहुंचा appeared first on The Wire - Hindi.

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक इस भंडार से मदद ले रहा है. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.

Stacks of one hundred dollar notes are piled up for counting at the headquarters of the Korea Exchange Bank in Seoul February 3, 2009. South Korea

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में इस बार विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी भी दर्ज हुई बढ़त

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा के आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करता आया हैं। इस साल इन आंकड़ों में ज्यादातर गिरावट ही देखने को मिलती रही है। इस साल की शुरुआत में 2 बार बढ़त के बाद इसमें लगातार गिरावट बनी हुई है।वहीँ, पिछली बार दर्ज हुई बढ़त के बाद इस बार इसमें फिर से बढ़त दर्ज हुई है। इसके अलावा यदि स्वर्ण भंडार की बात की जाए तो उसका हाल भी कुछ कुछ विदेशी मुद्रा भंडार जैसा ही रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार के बारे में अन्य जानकारी इस बार RBI द्वारा जारी हुए आंकड़ो के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार दोनों में बढ़त दर्ज हुई है।

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