लक्ष्य तय करना जरूरी
निवेश से पहले तय करिए कि लंबी अवधि के लिए निवेश कर हाई रिटर्न पाना चाहते हैं? या लाभांश के रूप में सिर्फ कमाई के लिए अलग सोर्स. ऐसे निवेश के लक्ष्य आपको समझने में मदद करेंगे कि आपको निवेश कितना और कब तक करना चाहिए. वर्तमान वित्तीय स्थिति देखकर तय करें कि आप एकमुश्त निवेश चाहते हैं या छोटे नियमित मासिक. एक छोटी राशि से शुरुआत करना ही समझदारी है, जिसे समय के साथ आप धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.

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Stock Market : शेयर बाजार से मुनाफा पाना है तो अमल में लाएं कुछ जरूरी बातें

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 03 Jul 2021 10:31 PM (IST)

stock market : शेयर मार्केट में निवेश सिर्फ लाभ बनाना भर नहीं है. इसके लिए आपके पास सही स्टॉक चुनने की समझ भी जरूरी है. शेयर बाजारों में निवेश के साथ जोखिम भी काफी है, लेकिन इसके मुकाबले होने वाले बड़े लाभ नुकसान का असर कम कर देते हैं. दअसल, शेयर बाजार राष्ट्रीय वित्तीय एक्सचेंजों पर लिस्टेँड कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री है. जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है तो वह अपने शेयर जनता को बिक्री के लिए जारी करती है, इन्हें खरीदने या बेचने वाले स्टॉक कारोबारी कहे जाते हैं. वे बाजार के जानकार होने के साथ यह भी समझते है कि अपने पैसे का सही निवेश कब और कहां करना चाहिए. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से पहले पुख्ता प्लानिंग जरूरी है.

निवेश से पहले यह करना जरूरी
सभी पेंडिंग लोन खत्म अपने ब्रोकर को जानें कर लें: शेयर बाजार में निवेश शुरू करने से पहले एहतियातन आपको अपने सभी हाई इंट्रेस्ट वाले लोन, जैसे पर्सनल, क्रेडिट कार्ड क्लीयरेंस आदि चुकता कर लेने चाहिए. जिससे क्रेडिट लायबिलिटी न हो.

शेयर बाजार में निवेश का नया तरीका, स्टॉक में पैसा लगाना होगा कहीं ज्यादा आसान; जानें पूरी डिटेल

शेयर बाजार में निवेश का नया तरीका, स्टॉक में पैसा लगाना होगा कहीं ज्यादा आसान; जानें पूरी डिटेल

Share Market Investment: शेयर बाजार में निवेश के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. इसमें से एक नया तरीका स्मॉलकेस है. 2015 अपने ब्रोकर को जानें में तीन आईआईटी के छात्रों ने इस कंपनी की शुरुआत की थी. और आज देश के लगभग सभी ब्रोकरेज के साथ इसने समझौता कर लिया है. पिछले तीन साल में इसका ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 300 गुना बढ़ा है. आजकल शेयर बाजार के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं. आइए आसान भाषा में इस बात को समझते हैं कि स्मॉलकेस क्या है और यह क्या करता है.

आसान भाषा में समझें, तो स्मॉलकेस एक पोर्टफोलियो है, जो किसी थीम या स्ट्रैटजी के लिए बनाया जाता है. और निवेशक इसमें अपने ब्रोकर और डीमैट अकाउंट के जरिए सीधे निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेशक को कुछ भी नया करने की जरूरत नहीं है. निवेशक को इसमें स्मॉल केस डॉट कॉम पर आना है. और अपने ब्रोकिंग अकाउंट के जरिए लॉगइन करना है. उदाहरण के लिए आपका अकाउंट HDFC सिक्योरिटीज के साथ है, तो उसके लॉगइन के जरिए भी आप इसमें लॉगइन कर सकते हैं.

ऐसे कर सकते हैं निवेश

लॉगइन करने के बाद आपको प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग पोर्टफोलियो देखने को मिलेंगे. इन्हें स्मॉलकेस कहते हैं. ये पोर्टफोलियो अलग-अलग थीम के मुताबिक होते हैं. जैसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी या बढ़ती ग्रामीण डिमांड. तो जो पोर्टफोलियो आपको पसंद आता है, आप सीधे उसमें निवेश कर सकते हैं. जिस तरह आप शेयर खरीदते हैं, उसी तरह आप इनमें भी सीधा निवेश कर सकते हैं. इस तरह प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करना बेहद आसान है.

यह म्यूचुअल फंड और शेयर खरीदने से बिल्कुल अलग है. थीम के आधार पर आप इसमें शेयर या ईटीएफ का बास्केट खरीदते हैं. किसी भी थीम, बास्केट के आधार पर आप बास्केट बना सकते हैं. थीम के आधार पर बास्केट में 2 से 50 शेयर तक हो सकते हैं.

निवेश की राशि की डिटेल

सेबी रजिस्टर्ड एक्सपर्ट इसमें बास्केट को मैनेज करते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर आपको डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो खरीदने का मौका मिलता है. इसमें 120 से ज्यादा मैनेजर्स के अनुभव का फायदा मिलता है. यह प्लेटफॉर्म 25 से 35 साल के युवाओं में ज्यादा लोकप्रिय है.

इस प्लेटफॉर्म पर हर पोर्टफोलियो की न्यूनतम निवेश राशि तय होती है. इसे निवेशक पहले से प्लेटफॉर्म पर देख भी सकते हैं. पोर्टफोलियो 100 रुपये से शुरू होकर 70-80 हजार रुपये तक भी जाते हैं. कई पोर्टफिलियो में निवेशकों को एकमुश्त राशि निवेश करने का भी विकल्प मिलता है. आपको दोनों ऑप्शन मिलते हैं, आप एकमुश्त पैसा भी डाल सकते हैं और इसके अलावा सिस्टमैटिक भी निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें किसी तरह का लॉक-इन नहीं होता है. तो निवेशक जब चाहें पैसा वापस भी निकाल सकते हैं.

भारी पड़ी लापरवाही! बस एक क्लिक से स्‍वाहा हो गए ब्रोकर के 250 करोड़ रुपये, देश में अब तक का सबसे बड़ा मामला

साल 2012 में भी ऐसे ही एक मामले में 60 करोड़ का नुकसान हुआ था.

साल 2012 में भी ऐसे ही एक मामले में 60 करोड़ का नुकसान हुआ था.

शेयर बाजार को वैसे तो जोखिम वाली जगह माना जाता है, लेकिन निवेशक अपनी जानकारी और सावधानी के बूते यहां खूब मुनाफा भी कमात . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 03, 2022, 16:04 IST

नई दिल्‍ली. कभी-कभी जरा सी चूक कितनी भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. ऐसी ही एक घटना बृहस्‍पतिवार को NSE पर ट्रेडिंग के दौरान सामने आई, जब ब्रोकर के एक गलत क्लिक से ही करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, ब्रोकरेज की भाषा में इसे फैट फिंगर ट्रेडिंग कहते हैं, जहां कोई ब्रोकर ऑर्डर प्‍लेस करते समय गलती से की-बोर्ड का ऐसा बटन दबा देता है जो उसके पूरे सौदे को तबाह कर देता है. भारत में यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है. अनुमान है कि इसमें ब्रोकर को 200-250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इससे पहले साल 2012 में ब्रोकरेज हाउस एमके ग्‍लोबल को भी इसी तरह के एक मामले में 60 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था.

स्टॉक ब्रोकर के रूप में बनाएं करियर, अन्य कई विकल्प भी मौजूद

स्टॉक ब्रोकर के रूप में बनाएं करियर, अन्य कई विकल्प भी मौजूद

अगर आप देश-दुनिया की बिजनेस से संबंधित खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक ब्रोकर, निफ्टी और सेंसेक्स जैसे शब्दों से जरूर परिचित होंगे। शेयर मार्केट में दिन-प्रतिदिन उतार-चढ़ाव होता है, ऐसे में इस इंडस्ट्री के विस्तार के साथ-साथ इसमें रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। अगर आप भी इस क्षेत्र में दिल्चस्पी रखते हैं तो स्टॉक मार्केट में आप बेहतरीन करियर बना सकते हैं।

स्टॉक ब्रोकर क्या काम करता है?

जो व्यक्ति निवेशक और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है। स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लिए आपके पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट होना जरूरी है और इसके लिए आपको स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ेगी। स्टॉक ब्रोकर अपने ब्रोकर को जानें दो प्रकार के होते हैं, फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर और डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर। आइए अब जानते हैं कि ये ब्रोकर काम क्या करते हैं।

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर निवेशकों को यानि अपने ग्राहकों को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में निवेश जैसी सुविधाएं देता है। वहीं, डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहक से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं। यह अपने ग्राहक को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए कॉमर्स, अकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, अपने ब्रोकर को जानें स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की जानकारी आपके लिए काफी मददगार साबित होगी और इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का NSE एकेडमी सर्टिफिकेशन इन फाइनेंशियल मार्केट्स (NCFM) कोर्स भी कर सकते हैं। यह एक ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है। इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले उम्मीदवार को गणित और अंग्रेजी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए।

सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज BSE, NSE के साथ मेंबरशिप के लिए आवेदन करें। मेंबरशिप आवेदन स्वीकृत होने के बाद आपकी एप्लीकेशन को मेंबरशिप चयन कमेटी के पास भेजा जाएगा। कमेटी एप्लीकेशन के मूल्यांकन के बाद अनुमति के लिए भेजेगी और फिर स्वीकृति मिलने के बाद प्रोविजनल मेंबरशिप का प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद आपको SEBI में पंजीकरण करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको SEBI की तरफ से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके बाद आपको ट्रेडिंग सिस्टम मिल जाएगा।

रीइंश्योरेंस ब्रोकर कौन-कौन सी सुविधाएं देते हैं

पॅालिसी का सिलेक्शन

ऐसे कई तरीके हैं जिनमें अलग-अलग तरह की रीइंश्योरेंस पॅालिसी का इस्तेमाल करके एक ही रिस्क को कवर किया जा सकता है. रीइंश्योरेंस ब्रोकर को रीइंश्योरेंस पॅालिसी लेने का काफी एक्सपीरियंस होता है. अपने डेटा के आधार पर, वे बेहतर तरीके से जानते हैं कि किस तरह के रिस्क को कवर के लिए कौनसी पॅालिसी बढ़िया कवरेज देगी.

नेगोशिएटिंग रेट

रीइंश्योरेंस ब्रोकर बड़ी संख्या में फर्मों के लिए रीइंश्योरेंस पॅालिसी खरीदते हैं. इसलिए रीइंश्योरेंस ब्रोकर बहुत सारे बिजनेस को कंट्रोल करते हैं. रीइंश्योरेंस कंपनियाँ इन ब्रोकर को स्पेशल रेट देती हैं. जो बीमा कंपनी के डायरेक्ट अपनी पॉलिसी को लाने पर उपलब्ध नहीं होती हैं.

प्रशासनिक कार्यों में सहायता

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