रुपया 65 पैसे लुढ़ककर लगभग एक माह के निचले स्तर 82.50 प्रति डॉलर पर

मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 65 पैसे लुढ़ककर लगभग एक माह के निचले स्तर 82.50 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों में कच्चा तेल कीमतों में तेजी आने और घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली दबाव से रुपये में गिरावट आई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले निवेशकों के बीच विदेशी पूंजी की निकासी को लेकर चिंता रही।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.94 पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह 65 पैसे औंधे मुंह लुढ़ककर 81.50 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 81.94 के उच्चस्तर और 82.63 के निचले स्तर को शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा छुआ।

इससे पिछले, कारोबारी सत्र में रुपया 52 पैसे की गिरावट के साथ 81.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.24 रह गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 प्रतिशत बढ़कर 83.22 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 208.24 अंक घटकर 62,626.36 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने सोमवार को 558.67 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशीमुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक, गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘निवेशकों की निगाह भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत बयान पर रहेगी। ऐसी उम्मीद है कि केन्द्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है।’’

भाषा राजेश राजेश रमण

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार

Indian Foreign researve

यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन गिरकर $550.871 बिलियन ही रह शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

फरवरी 2022 के अंत में रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद 29 सप्ताह में से 23 हफ्तों में लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट गिरावट दर्ज हुई है, इस दौरान मात्र 6 हफ्ता ही ऐसा रहा, इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज हुई थी. इस दौरान डॉलर आधारित संपत्तियों में भारी मात्रा में निवेश की वजह से डॉलर के शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा मूल्य में तेजी के साथ इजाफा होने लगा. लिहाजा, रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए आरबीआई को खुले बाजार में डॉलर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसकी वजह से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. यही वजह है कि पिछले साल अक्टूबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के मुकाबले इस वक्त 90 अरब डॉलर से अधिक नीचे है.

एक साल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के मुकाबले 80 पर पहुंचा
देश के बाजारों में विदेशी पूंजी के निरंतर प्रवाह के बावजूद बढ़ते चालू खाते के घाटे की वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. दरअसल, डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल नाटकीय रूप से लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर के कमजोर रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है. लिहाजा, आरबीआई ने रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए भारी मात्रा में डॉलर को खुले बाजार में बेच दिया, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे आ गया है. शुक्रवार को जारी आरबीआई ताजा मासिक बुलेटिन से भी इसकी पुष्टि हो रही है. इसमें दिखाया गया कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई में हाजिर विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध $ 19.05 बिलियन की बिक्री की. जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट अभी कुछ और समय के लिए बनी रहेगी, क्योंकि डॉलर अब भी नए शिखर पर पहुंच रहा है, जो कि अधिकांश प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दो दशकों में नहीं देखा गया है.

रुपया कमजोर होने से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
गौरतलब है कि भारतीय रुपए का शुक्रवार को पिछले पांच सप्ताह में सबसे खराब रहा, क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ती मुद्रास्फीति पृष्ठभूमि के साथ आर्थिक विकास को धीमा करने की चेतावनी दी है. यही वजह है कि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई.

पड़ोसियों से बेहतर है भारत की स्थित
विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास को डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में शामिल किया गया है। लेकिन सोने के शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा भंडार का मूल्य 340 मिलियन डॉलर बढ़कर 386.44 बिलियन डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 63 मिलियन डॉलर शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा घटकर 17.719 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश की आरक्षित स्थिति 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके बावजूद देश अब भी अपने उभरते बाजार के साथियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. गौरतलब है कि भारत के कई पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार संकट के स्तर तक गिर गया है.

चार दिन की गिरावट के बाद सेंसेक्स 160 अंक मजबूत बंद, सन फार्मा 3.57% टूटा

चार दिन की गिरावट के बाद सेंसेक्स 160 अंक मजबूत बंद, सन फार्मा 3.57% टूटा

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) गुरुवार को 160 अंकों के लाभ में रहा. वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच चुनिंदा बैंकों और वाहन शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 160 अंकों की बढ़त के साथ 62,570.68 पर बंद हुआ. शुरुआत गिरावट के साथ हुई लेकिन बाद में इसमें तेजी आई और एक समय यह 62,633.56 तक चला गया था. पूरे दिन में सेंसेक्स ने 62,320.18 का निचला स्तर छुआ.

सेंसेक्स के शेयरों में 13 लाभ में जबकि 17 नुकसान में रहे. सेंसेक्स के शेयरों में एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, ICICI बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एल एंड टी, इन्फोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति प्रमुख रूप से लाभ में रहे. सबसे ज्यादा 2.71 प्रतिशत एक्सिस बैंक का शेयर चढ़ा, उसके बाद इंडसइंड बैंक का शेयर रहा, जो 2.31 प्रतिशत चढ़ा. दूसरी तरफ, सन फार्मा सबसे अधिक 3.57 प्रतिशत नीचे आया. कंपनी के गुजरात स्थित हलोल कारखाने को अमेरिकी दवा एवं खाद्य प्रशासन (यूएसएफडीए) की तरफ से आयात सतर्कता सूची में डालने और अमेरिकी बाजार में इस संयंत्र से निर्यात पर पाबंदी से कंपनी का शेयर नीचे आया. इसके अलावा, नुकसान में रहने वाले अन्य शेयरों में पावरग्रिड, टीसीएस, नेस्ले इंडिया, विप्रो, कोटक बैंक और बजाज फाइनेंस शामिल हैं.

Nifty50 का हाल

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (NSE Nifty) 48.85 अंकों की तेजी के साथ 18,609.35 पर बंद हुआ. निफ्टी के 50 शेयरों में से 27 नुकसान में रहे. एनएसई पर आईटी, फार्मा, रियल्टी, हेल्थकेयर इंडेक्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं. निफ्टी पर एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, आयशर मोटर्स, एलएंडटी, हिंडाल्को टॉप गेनर्स रहे. दूसरी ओर सन फार्मा, डिविस लैब, पावरग्रिड, एचडीएफसी लाइफ और टीसीएस टॉप लूजर्स रहे.

वैश्विक बाजारों शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा की हलचल

वैश्विक बाजार को अगले सप्ताह जारी होने वाले, अमेरिका में फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है. अमेरिका में गुरुवार को बेरोजगारी आंकड़ा जारी होने से पहले वैश्विक बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग मजबूत रहा. यूरोप के बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा. इस बीच, ब्रेंट क्रूड तेल 28 सेंट लाभ के साथ 77.45 पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल बने हुए हैं. उन्होंने बुधवार को 1,241.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

रुपया 3 पैसे चढ़ा

घरेलू शेयर बाजार की तेजी के साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया गुरुवार को 3 पैसे बढ़कर 82.44 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.34 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह तीन पैसे की तेजी के साथ 82.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान रुपये ने 82.26 के उच्च स्तर और 82.47 के निचले स्तर को छुआ.

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 115 अंक चढ़ा; निफ्टी 18,640 अंक के पार

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वैश्विक बाजारों में मजबूती और वाहन, धातु तथा एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में लिवाली के बीच शेयर बाजारों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में बढ़त रही और सेंसेक्स 115 अंक चढ़ गया। कारोबारियों ने कहा कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रूपये में मजबूती से भी घरेलू बाजार में तेजी आई।

इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक 115.09 अंक या 0.18 फीसदी की तेजी के साथ 62,685.77 अंक पर पहुंच गया। व्यापक एनएसई निफ्टी 33.25 अंक या 0.18 फीसदी बढ़कर 18,642.60 पर था। सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक (1.10 फीसदी की बढ़त), एचयूएल, टाटा स्टील, एनटीपीसी, एसबीआई, आईटीसी, नेस्ले इंडिया और मारुति बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।

दूसरी ओर एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के शेयरों में गिरावट हुई। पिछले कारोबारी सत्र में, बृहस्पतिवार को तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 160 अंक की बढ़त के साथ 62,570.68 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 48.85 अंक की तेजी के साथ 18,609.35 अंक पर बंद हुआ था।

अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में तेजी थी। अमेरिकी बाजार भी बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड 0.85 प्रतिशत बढ़कर 76.80 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 1,131.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे बढ़कर 82.19 पर

घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी की वजह से रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे बढ़कर 82.19 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से रुपया प्रभावित हुआ, और उसकी बढ़त सीमित हुई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.30 पर खुला और कुछ बढ़त के शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा साथ 82.19 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 19 पैसे की बढ़त को दर्शाता है। रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा के मुकाबले नौ पैसे मजबूत होकर 82.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 फीसदी गिरकर 104.53 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.89 फीसदी की बढ़त के साथ 76.83 डॉलर प्रति बैरल था।

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जरुरी जानकारी | अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 82.38 प्रति डॉलर पर

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जरुरी जानकारी | अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 82.38 प्रति डॉलर पर

मुंबई, आठ दिसंबर घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को नौ पैसे बढ़कर 82.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.34 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह नौ पैसे की तेजी के साथ 82.38 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.26 के उच्च स्तर और 82.47 के निचले स्तर को छुआ।

इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.47 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘उम्मीद के अनुरूप रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की एक और वृद्धि की है। इसने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को भी सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद रुपया सीमित दायरे में रहते हुए मजबूत हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि डॉलर-रुपया का हाजिर भाव 82.20 और 82.80 के दायरे में रहेगा।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.29 प्रतिशत की तेजी के साथ 105.40 हो गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.63 प्रतिशत बढ़कर 77.66 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 160 अंक बढ़कर 62,570.68 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,241.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री की।

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