विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार गिरावट, चार अरब डॉलर घटकर 603.93 अरब डॉलर पर पहुंचा

मुंबई। रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद गत 18 जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.14 अरब डॉलर घटकर 603.93 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। इससे पूर्व 11 जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर …

मुंबई। रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद गत 18 जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.14 अरब डॉलर घटकर 603.93 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। इससे पूर्व 11 जून, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 18 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में गिरावट रहा। यह कुल मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां आलोच्य सप्ताह के दौरान 1.918 अरब रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार डॉलर गिरकर 561.540 अरब डॉलर रह गईं।

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं पर इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में होने वाले उतार- चढ़ाव का भी समायोजन किया गया है। पिछले सप्ताह में 49 करोड़ डॉलर की वृद्धि के बाद स्वर्ण भंडार भी आलोच्य सप्ताह के दौरान 2.170 अरब डॉलर घटकर 35.931 अरब डॉलर रह गया।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 1.499 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश का आरक्षित भंडार भी 4.6 करोड़ डॉलर कम हो कर 4.965 अरब डॉलर रह गया।

RBI के तजा आंकड़े : 545.638 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है। उसका आंकड़ा हर साल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं, अब RBI ने शुक्रवार को इस साल के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो अक्टूबर, 2020 के समाप्त सप्ताह में बढ़कर 545.638 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर जा पंहुचा हैं, जो कि पहले 3.618 अरब डॉलर था।

इससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े :

बताते चलें, RBI द्वारा इससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा 25 सितंबर के समाप्त सप्ताह में जारी किया था और तब इस विदेशी मुद्रा भंडार में 3.017 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार गई थी और यह 542.021 अरब डॉलर रह गया था। बता दें, रिव्यू पीरियड रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होने का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) का बढ़ना है। इसे पूरी विदेशी मुद्रा भंडार का एक मुख्य अंग कहना गलत नहीं होगा। इस दौरान एफसीए 3.104 अरब डॉलर बढ़कर 503.046 अरब डॉलर हो गया।

RBI के आंकड़ों के अनुसार :

RBI के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में देश में कुल सोने का भंडार 48.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 36.486 अरब डॉलर हो गया। जबकि, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिले विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) से यह 40 लाख डॉलर बढ़कर 1.476 अरब डॉलर हो गया। आंकड़ों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.631 अरब डॉलर हो गया।

रुपये में आई तेजी :

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में ब्याज दरों को न बदलने के फैसले के बाद विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपये की दर डॉलर के मुकाबले आठ पैसे बढ़कर 73.16 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गई। यानि आज 1 डॉलर बराबर 73.16 रूपये पर पहुंच गए हैं।

RBI का कहना :

RBI का कहना हैं कि, 'कोविड-19 के कारण प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की आवश्यकता हुई तो भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती है।

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फॉरेक्स में 9 अरब डॉलर से ज्यादा की कमी: विदेशी एक्सचेंज के रिजर्व में आई बड़ी गिरावट, दो साल का टूटा रिकॉर्ड

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसने बड़े पैमाने पर डॉलर की बिक्री की है। दरअसल, डॉलर की तुलना में रुपए में काफी गिरावट आ रही थी। यह 7 मार्च को 77.02 रुपए तक चला गया था। यह ऐतिहासिक रूप से इसका निचला स्तर था। इसके बाद इसे रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने बाजार में डॉलर की बिकवाली की।

विदेशी मुद्रा सबसे बड़ा हिस्सा

RBI के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा का असेट्स फॉरेक्स रिजर्व में सबसे बड़ा हिस्सा है। यह 20 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 11.10 अरब डॉलर कम होकर 554.35 अरब डॉलर रह गया। बाजार के जानकारों के मुताबिक, रिजर्व बैंक डॉलर की बिक्री कर करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करता है। अनुमान है रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार कि इसने इस हफ्ते में एक दिन में एक अरब डॉलर की बिक्री की है।

दो सालों की सबसे बड़ी गिरावट

फॉरेक्स रिजर्व में आई गिरावट पिछले दो सालों की सबसे बड़ी रही। इसने 3 सितंबर 2021 को 642.45 अरब डॉलर का लेवल टच किया था, जो अब तक का रिकॉर्ड रहा है। हालांकि फॉरेक्स रिजर्व में सोने की वैल्यू जरूर बढ़ी है क्योंकि इसकी कीमतों में तेजी आई है। इसकी वैल्यू 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 43.83 अरब डॉलर हो गई है।

रिजर्व बैंक ने की थी डॉलर की खरीदी

जब रुपया डॉलर की तुलना में मजबूत हुआ था, उस समय रिजर्व बैंक ने जमकर डॉलर की खरीदी की थी। यही कारण था कि पिछले साल फॉरेक्स रिजर्व रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। किसी भी देश की मुद्रा को संभालने के लिए आपातकाल स्थिति में विदेशी मुद्रा को बेचने का काम किया जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार ने रचा इतिहास, पहली बार 425 अरब डॉलर के पार

PM Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में देश नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। अब विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में देश ने नया रिकॉर्ड बनाया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार चौथे सप्ताह बढ़ता हुआ एक नया रिकॉर्ड स्तर बनाने में कामयाब रहा है और पहली बार सवा चार सौ अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति का रहा। रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को मुंबई में जारी आंकड़ों के अनुसार, 13 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.22 अरब डॉलर बढ़कर 426.08 अरब डॉलर पर रहा। इससे पहले 06 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में यह 50.36 करोड़ डॉलर बढ़कर 424.86 अरब डॉलर पर रहा था।

फॉरेक्स घटने से क्या पड़ेगा भारत पर असर, यूक्रेन संकट के दो साल के निचले स्तर पर

फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से भारत का आयात कवर सीधे छह सप्ताह और 29 सप्ताह में से 23 के लिए गिर गया है, जो डॉलर-मूल्यवान परिसंपत्तियों में पूंजी के बहिर्वाह के कारण अमेरिकी मुद्रा में वृद्धि से लड़ने के लिए रिजर्व से आरबीआई के निरंतर रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार ड्रॉ को दर्शाता है.

विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट दर्ज

नई दिल्ली : यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार चालू सप्ताह में 2 बिलियन से अधिक की गिरावट के साथ 80 बिलियन से अधिक हो गया है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को 80-प्रति-डॉलर के स्तर से ऊपर उठाने के लिए डॉलर बेचा. आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.234 बिलियन डॉलर गिरकर 550.871 बिलियन डॉलर हो गया, जो एक सप्ताह पहले 553.105 बिलियन डॉलर था, जो लगभग दो वर्षों में सबसे निचला स्तर था.

फरवरी के अंत में शुरू हुआ यूक्रेन युद्ध

फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से भारत का आयात कवर सीधे छह सप्ताह और 29 सप्ताह में से 23 के लिए गिर गया है, जो डॉलर-मूल्यवान परिसंपत्तियों में पूंजी के बहिर्वाह के कारण अमेरिकी मुद्रा में वृद्धि से लड़ने के लिए रिजर्व से आरबीआई के निरंतर ड्रॉ को दर्शाता है. पिछले साल अक्टूबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार शिखर की तुलना में एफएक्स 90 अरब डॉलर से अधिक नीचे है.

आरबीआई ने बेची डॉलर

देश के बाजारों में विदेशी पूंजी के निरंतर प्रवाह के बावजूद बढ़ते चालू खाते के घाटे ने आयात में गिरावट को रोकने में मदद नहीं की है. ग्रीनबैक के मुकाबले रुपया इस साल नाटकीय रूप से लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर के कमजोर रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है. आरबीआई की ओर से मुद्रा का प्रबंधन करने के यह स्थिति पैदा हुई. शुक्रवार को जारी आरबीआई के नवीनतम मासिक बुलेटिन में इसकी आंशिक रूप से पुष्टि की गई, जिसमें कहा गया कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई में हाजिर विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध 19.05 बिलियन डॉलर की बिक्री की. रुपये में बाजार की चाल से पता चलता है कि यह रुझान अगस्त और इस महीने तक जारी रहा.

डॉलर अपने नए शिखर पर

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट कुछ समय से चिंता का विषय बना हुआ है. इसका कारण यह है कि डॉलर अभी भी नए शिखर पर है, जो कि अधिकांश प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दो दशकों में नहीं देखा गया है. रुपये ने शुक्रवार को पांच में रिकॉर्ड स्‍तर पर विदेशी मुद्रा भंडार अपने सबसे खराब सप्ताह को चिह्नित किया, क्योंकि डॉलर बड़े आकार के फेडरल रिजर्व दर वृद्धि के दांव पर एक नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ती मुद्रास्फीति की पृष्ठभूमि के साथ आर्थिक विकास को धीमा रहने की चेतावनी दी.

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