अपना देश | Hindi Lesson Plan | Lesson Plan In Hindi For B.Ed. / STC | हिन्दी पाठ योजना

4. हमारे देश की महानता के बारे में आप क्या जानते हैं ?

उद्देश्य कथन :–

अच्छा बच्चों ! आज हम अपना देश के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे ।

प्रस्तुतीकरण :–

छात्र अध्यापक व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|

छात्र अध्यापक क्रियाएं

कविता पठन यही……प्यारा है ।

शिक्षक उचित आरोह अवरोह के साथ लय तथा गति से कविता का आदर्श वाचन करेगा ।

द्वितीय सामूहिक अनुवाचन :-

शिक्षक उचित भाव व गति के साथ सामूहिक अनुकरण वचन करेगा छात्र पुस्तक में देखते हुए , कविता को पढ़ते हुए अनुकरण वाचन करेंगे ।

छात्र ध्यानपूर्वक सुनेंगे व समझेंगे ।

छात्र शिक्षक को ध्यान पूर्वक सुनेंगे व अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखेंगे ।

प्रश्नों द्वारा आकलन छात्रों की अभिव्यक्ति द्वारा ।

भारत के लोगों की क्या विशेषताएं हैं ?

शिक्षक छात्रों को सामूहिक अनुकरण वाचन का निर्देश देगा ।अगर कोई छात्र अपेक्षित रूप से अनुकरण वाचन करने में असमर्थ रहता है या किसी शब्द को बोलने में कठिनाई अनुभव करता है तो शिक्षक उसकी कठिनाइयों को दूर करेगा ।

1. कविता में कौन से पहाड़ का नाम आया है ?

2. कविता में किस नदी को सुंदर लहराती नदी कहा है ?

3. गंगा नदी किस देश में बहती है ?

छात्र प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे ।

फल फूलों से…..प्यारे भारत को ।

शिक्षक कविता का आदर्श वाचन करेगा ।

छात्र कविता का रूसी व उचित हाव भाव के साथ अनुकरण वाचन करेंगे व शिक्षक पाठ्य पुस्तक में भारत माता के चित्र की ओर संकेत करेगा ।

शिक्षक व छात्र मिलकर कविता का सामूहिक वाचन करेंगे ।

1‍. फल-फूलों से कौन भरी है ?

2. तुम किस मिट्टी में खेल कर बड़े हुए ?

3. पाठ में भारत की कौन-कौन सी विशेषताओं के बारे में वर्णन किया है ?

छात्र ध्यानपूर्वक सुनेंगे व अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखेंगे ।

पुनरावृत्ति :-

भारत में सभी धर्मों के लोग किस प्रकार एक साथ रहते हैं ?

हमें इस कविता से क्या शिक्षा मिलती हैं ?

हमें अपने देश को स्वच्छ क्यों रखना चाहिए ?

हिमालय भारत के किस दिशा में स्थित है ?

गृहकार्य :-

कविता में बताई गई भारत की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

कविता के भावार्थ को अपनी भाषा में लिखिए ?

❖ यह भी देखें ヅ

Hindi Lesson Plan Pdf Download :-

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Apna desh Hindi Lesson Plan के बारे में :-

हिंदी विषय में Lesson plan को सर्च कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह उपयोगी साबित होगा । इस Lesson plan को बनाने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों को Hindi में lesson plan का Sample प्रदान करना जिससे छात्राध्यापक जान सके कि लेसन प्लान कैसे बनाया जाता है ? इसके बारे में एक उदाहरण प्रस्तुत एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है करना बाकी आप इसमें दिनांक , कक्षा , विद्यालय… वह आप अपने हिसाब से बदल सकते हैं और आप चाहे कोई अन्य भी अन्य टॉपिक पर लेसन प्लान बनाए लेकिन कोशिश कीजिए कि लेसन प्लान का फॉर्मेट यही रहे ।

लेसन प्लान क्यों जरूरी है ?

जब आप शिक्षण से संबंधित कोई भी कोर्स D.El.Ed , B.EL.ED. , B.P.ED. , DPE , B.ED. आदि करते हो तो पूरे सत्र के दौरान आपको Lesson plan बनाने पर खास ध्यान दिया जाता है क्योंकि Lesson plan कक्षा शिक्षण प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है कक्षा शिक्षण से पूर्व की तैयारी का विषय है , एक अच्छे लेसन प्लान के प्रयोग से कक्षा शिक्षण की प्रक्रिया को गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सकता है। इसमें पाठ पढ़ाने से पहले शिक्षक द्वारा यह तय किया जाता है कि वह कक्षा में किस शिक्षण विधि का प्रयोग करेगा तथा कौन सी शिक्षण विधि इस पाठ के लिए उपयोगी है और पाठ से पाठ्यपुस्तक के अलावा कौन सी जानकारी है जो उस पाठ से संबंधित है तो उसे भी शामिल किया जाता है जिससे विद्यार्थियों को नवीन ज्ञान को प्राप्ति होती है।

पाठ योजना कैसे तैयार करें ?

1. प्रभावी शिक्षण के लिए एक सुसंगत ढांचा तैयार करना जिसे पढ़ाने से पूर्व एक तैयारी के रूप में एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है लिया जा सकता है।
2. इससे शिक्षण को एक व्यवस्थित रूप प्रदान किया जाता है।
3. यह शिक्षण को प्रभावी ढंग से करवाने हेतु उपयोगी है।
4. इसके प्रयोग से कक्षा शिक्षण से पूर्व उपयुक्त शिक्षण विधि का चयन किया जा सकता है।
5. यह सिलेबस पाठयक्रम को व्यवस्थित रूप देता है, इसके उपयोग से शिक्षण नियत अवधि में पूर्ण हो जाता है।
6. पाठ पढ़ाते समय शिक्षक में आत्मविश्वास का संचार करता है।
7. भविष्य की योजना तैयार करने में उपयोगी आधार प्रदान करता है।
8. कक्षा में विद्यार्थियों की शारीरिक एवं मानसिक विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए कैसे शिक्षण करवाया जाए इसके लिए सहायक है।
9. एक प्रमाण है कि शिक्षक ने पढ़ाने के लिए उचित औऱ पर्याप्त प्रयास किए हैं।

एक अच्छी पाठ योजना के चरण :-

1. पाठ विश्लेषण
2. सामान्य उद्देश्य
3. विशिष्ट उद्देश्य
4. सहायक सामग्री
5. अनुदेशात्मक सामग्री
6. शिक्षण विधि
7. पूर्व ज्ञान परीक्षण
8. उद्देश्य कथन
9. प्रस्तुतीकरण
10. श्यामपट्ट कार्य
11. मूल्यांकन
12. पुनरावृत्ति
13. गृहकार्य

विश्व आर्थिक मंच की प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में 10 स्थान फिसला भारत

विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा, जबकि चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही. वहीं, स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे ख़राब रहा. The post विश्व आर्थिक मंच की प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में 10 स्थान फिसला भारत appeared first on The Wire - Hindi.

विश्व आर्थिक मंच के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा, जबकि चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही. वहीं, स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे ख़राब रहा.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली/ जिनेवा: इस साल ब्रिक्स देशों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक होने के कारण भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में पिछले साल की तुलना में 10 स्थान फिसलकर 68वें स्थान पर आ गया है. वहीं, अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए सिंगापुर ने शीर्ष स्थान पर कब्जा जमा लिया.

बता दें कि ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स देशों में चीन की स्थिति सबसे अच्छी रही और वह 28वें स्थान पर रहा.

जिनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सालाना वैश्विक प्रतिस्पर्धिता सूचकांक में भारत पिछले साल 58वें स्थान पर रहा था.

विश्व आर्थिक मंच ने बुधवार को कहा कि वृहद आर्थिक स्थिरता तथा बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है. वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन चूक की दर अधिक होने से बैंकिग प्रणाली प्रभावित हुई है.

सूचकांक के अनुसार, भारत का स्थान कंपनी संचालन के मामले में 15वां, शेयरधारक संचालन में दूसरा तथा बाजार आकार और अक्षय ऊर्जा नियमन में तीसरा रहा. नवोन्मेष के मामले में भी भारत का प्रदर्शन अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर रहा और विकसित देशों के समतुल्य रहा.

हालांकि सूचना, संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) को अपनाने में खराब प्रदर्शन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति तथा स्वस्थ जीवन की संभावना की खराब दर ने कई क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन के असर को सीमित कर दिया.

स्वस्थ जीवन की संभावना के मामले में भारत का स्थान 109वां रहा. यह अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को छोड़कर सबसे खराब में से एक है. मंच ने कहा कि भारत में पुरुष कामगारों की तुलना में महिला कामगारों का अनुपात 0.26 है. इस मामले में भारत का स्थान 128वां रहा.

प्रतिस्पर्धिता की रैंकिंग में भारत के बाद श्रीलंका 84वें, बांग्लादेश 105वें, नेपाल 108वें और पाकिस्तान 110वें स्थान पर रहा. अध्ययन में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक नरमी के लिये तैयार नहीं है.

प्रतिस्पर्धिता रैंकिंग में सिंगापुर ने अमेरिका को हटाकर शीर्ष स्थान हासिल कर लिया. इसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका, तीसरे पर हांग कांग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा.

एससी एसटी एक्ट व महिला उत्पीड़न के झूठे मुकदमों का है बोलबाला – राजस्थान पुलिस

11 जनवरी 2021 को जयपुर में राजस्थान के डीजीपी मोहनलाल राठौड़ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई जिसमें साल 2020 के अपराधों पर बात करते हुए मोहनलाल राठौड़ ने आंकड़ों के साथ कुछ चीजें पेश की और वह इस प्रकार थी कि 2020 में राजस्थान में करीबन 7017 मुकदमें एससी एसटी एक्ट सिटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड हुए जांच में पाया गया कि करीबन करीबन 42% के आसपास 3000 से ज्यादा मुकदमे फर्जी तरीके से मांगी है वह सामाजिक दुर्भावना को मध्य नजर रखते हुए बदले की भावना के मद्देनजर रखते हुए किसी व्यक्ति विशेष को बदनाम करने के मध्य नजर रखते हुए फर्जी दर्ज कराए गए इसी के साथ महिला उत्पीड़न में भी फर्जी मुकदमों का दायरा 40% से ज्यादा का रहा कहीं ना कहीं महिला उत्पीड़न हो यह sc-st एट्रोसिटी एक्ट हो यह इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार से जाति के नाम पर अधिकारों के नाम पर लोग कानून का दुरुपयोग करते हैं जब 21 मार्च 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने इन सभी रिपोर्ट से तंग आकर एससी एसटी एक्ट पर संशोधन तथा बिना जांच गिरफ्तारी ना करने की बात कही उसके बाद राजनीति के चाटुकार नेताओं ने केंद्र सरकार तक इस बात की शिकायत करते हुए 2 अप्रैल 2018 को आप सब साक्षी हैं कि किस प्रकार पूरे भारत को आग के हवाले कर दिया एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है गया हिंदुस्तान के संसाधनों को तोड़ा गया थोड़ा गया और करीबन करीबन हजारों करोड रुपए का नुकसान आम जनता के टैक्स से बनी हुई संसाधनों पर किया गया उस समय भी उन तमाम अपराधियों पर जब कानूनी कार्यवाही करने हेतु मुकदमे दर्ज हुए तो राजस्थान की वर्तमान सरकार में अपनी सरकार बनते ही सारे के सारे ऐसे मुकदमों को वापस ले लिया गया इस प्रकार से किसी कानून को राजनीतिक रंग देना इस बात की ओर संकेत करता है कि गुनहगार और अपराधी को सह भी देने वाली यह सरकारें ही मुख्य रूप से देश के संसाधनों को नुकसान पहुंचाने में पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए कि ऐसे कौन लोग हैं जो ऐसी अव्यवस्थाओं के पक्षधर है ऐसे लोगों पर भी अंकुश लगाने का प्रयास करना चाहिए

2018 के दौर में केंद्र सरकार के करीबन 16 मंत्री जिसमें मुख्य रुप से अर्जुन राम मेघवाल रामविलास पासवान थावरचंद गहलोत रामदास अठावले तथा अन्य sc-st समुदाय से आने वाले नेताओं और मंत्रियों का एक दल प्रधानमंत्री जी से 28 मार्च 2018 को मिला तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस सुझाव को तुरंत प्रभाव से वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया और जब दबाव बनता नहीं दिखा तो 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के नाम पर पूरे हिंदुस्तान के संसाधनों को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया उसके बाद जो मुकदमे तोड़ने वाले अपराधियों पर दर्ज हुए थे उनको भी वापस लेने की पैरवी इन मंत्रियों द्वारा लगातार की गई वर्तमान की राजस्थान डीजीपी की इस रिपोर्ट से यह भाग बिल्कुल तय हो जाती है कि कहीं ना कहीं एससी एसटी एक्ट के नाम पर इस कानून का भरपूर दुरुपयोग होता आ रहा है क्योंकि मैं बता दूं कि केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के मुकदमे दर्ज होने पर पीड़ित को मुआवजे के नाम पर सहायता राशि दी जाती है और उस सहायता राशि को प्राप्त करने के साथ-साथ किसी से भी किसी भी प्रकार की बदले की भावनाओं को पूरी करने के चक्कर में कोई भी व्यक्ति किसी पर भी एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करवा कर प्रताड़ित कर सकता है और यह जो 40% झूठे मामले हैं यह कहीं ना कहीं उसी संदर्भ में है

अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम
अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, जिसे एससी / एसटी अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है, को भेदभाव और अत्याचार के खिलाफ हाशिए के समुदायों की रक्षा के लिए लागू किया गया था।

कानून में विभिन्न अपराधों या व्यवहारों से संबंधित अपराधों को सूचीबद्ध किया गया है जो आपराधिक अपराधों को दर्शाता है और अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के आत्म-सम्मान और सम्मान को तोड़ता है, जिसमें आर्थिक, लोकतांत्रिक, और सामाजिक अधिकारों, भेदभाव, शोषण और दुर्व्यवहार से इनकार शामिल है। कानूनी प्रक्रिया।

अधिनियम की धारा 18 के तहत, अपराधियों को अग्रिम जमानत का प्रावधान उपलब्ध नहीं है। कोई भी लोक सेवक, जो जानबूझकर इस अधिनियम के तहत अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करता है, 6 महीने तक एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है कारावास के साथ सजा के लिए उत्तरदायी है। एससी और एसटी के खिलाफ अपराधों के रूप में “अत्याचार” के अधिक उदाहरणों को जोड़कर अधिनियम को अधिक कठोर बनाने के लिए 2015 में मूल अधिनियम में एक संशोधन जोड़ा गया था।

विवादास्पद कानून ने एससी / एसटी समुदायों द्वारा अन्य समुदायों के सदस्यों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके बड़े पैमाने पर दुरुपयोग के मामलों से संबंधित देश में एक बड़ी बहस को हवा दी है। इसे संज्ञान में लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2018 के फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कड़े प्रावधानों को कम कर दिया था।

हालांकि, केंद्र सरकार ने SC / ST अत्याचार अधिनियम से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश को रद्द करने के लिए एक और संशोधन अधिनियम लाया। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2018 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।

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जम्मू-कश्मीर: गुर्जर-बकरवाल समुदाय के लिए क्यों सीटें आरक्षित करना चाहती है बीजेपी?

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जम्मू-कश्मीर में गुर्जर और बकरवाल समुदाय के लिए एसटी की सीटें आरक्षित करने की बात कही है. इस दांव के जरिए बीजेपी ये मकसद साधने की तैयारी में है.

BJP नेता नड्डा ने जम्मू-कश्मीर में बकरवाल समुदाय के लिए सीटें आरक्षित करने की बात कही है. (फोटो-PTI)

नवनीत मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2019,
  • (अपडेटेड 16 सितंबर 2019, 12:04 PM IST)
  • जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद होंगे विधानसभा चुनाव
  • घाटी और जम्मू में बकरवाल समुदाय के लिए आरक्षित होंगी सीटें
  • सीटों के आरक्षण के जरिए 12 लाख की आबादी पर बीजेपी की नजर

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एसटी कोटे की सीटें गुर्जर और बकरवाल समुदाय के लिए आरक्षित करने की तैयारी की है. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार(15 सितंबर) को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान इसके संकेत दिए. उन्होंने ठाणे में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद चुनाव होगा. यह भी कहा कि भले ही जम्मू और कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया है, मगर उसे विधायिका की शक्ति है. उन्होंने, घाटी और जम्मू में एसटी की सीटें गुर्जरों और बकरवालों के लिए आरक्षित करने की योजना का भी खुलासा किया. माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सीटों को आरक्षित करने की तैयारी, राज्य में जनाधार बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है.

12 लाख की आबादी पर फोकस

जम्मू-कश्मीर में गुर्जर-बकरवाल एक घुमंतू जाति है. खानाबदोश होते हैं. रहने के ठिकाने बदलते रहते हैं. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य में करीब 12 लाख गुर्जर-बकरवाल समुदाय के लोग रहते हैं. यूं तो बकरवाल भी गुर्जर समुदाय में ही आते हैं, मगर समुदाय में बाकियों से वे कुछ मजबूत होते हैं. बकरियों, पशुओं के साथ जम्मू-कश्मीर में विचरण करते रहते हैं.

जम्मू-कश्मीर में गुर्जर-बकरवाल समुदाय की कुल 11 प्रतिशत आबादी है. सीमा पर युद्ध के समय कई मौकों पर बकरवाल समुदाय के लोग सेना की आंख और कान बने रहे. घुमंतू होने पर सीमा पर घुसपैठ की जानकारी बकरवाल समुदाय को होती है तो फौरन सेना को अलर्ट करते हैं.

यहां तक कि कारगिल युद्ध जब हुआ था, उस दौरान भारतीय सीमा में पाकिस्तानी सैनिकों के घुसने की सबसे पहले खबर बकरवाल समुदाय के लोगों ने ही भारतीय सेना को दी थी. सूत्र बताते हैं कि घाटी में अलगाववादी तत्वों से बकरवाल समुदाय के लोग इत्तफाक नहीं रखते. ऐसे में बीजेपी की नजर इस देशभक्त समुदाय के वोटबैंक पर है.

चूंकि 1991 से बकरवाल समुदाय को आदिवासी जाति का दर्जा मिल चुका हैं. ऐसे में बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति(एसटी) वर्ग की सीटें गुर्जर-बकरवाल समुदाय के लिए आरक्षित करने की बात कहकर बड़ा दांव खेला है.

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 एडमिट कार्ड और परीक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी इन नियमों का पालन करना होगा वरना परीक्षा से बाहर

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022, Pre BSTC Exam Hall Guideline 2022, Rajasthan Pre Deled Exam Admit Card Guideline for OMR Sheet and Candidates

एडमिट कार्ड और परीक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी इन नियमों का पालन करना होगा वरना परीक्षा से बाहर (Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 ) राजस्थान बीएसटीसी परीक्षा मे शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों के लिए पंजीयक प्रीडीएलएड शिक्षा विभाग बीकानेर ने एडमिट कार्ड व परीक्षा के लिए एक दिशा निर्देशिका जारी कर दी है । राजस्थान बीएसटीसी परीक्षा का आयोजन शिक्षा विभाग द्वारा 8 अक्टूबर 2022 को 2 से 5 बजे के माध्य किया जाएगा । इस परीक्षा के लिए आज शाम तक एडमिट कार्ड जारी कर दिए जाएंगे ।

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022, Pre BSTC Exam Hall Guideline 2022, Rajasthan Pre Deled Exam Admit Card Guideline for OMR Sheet and Candidates

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शिक्षा विभाग पंजीयक प्रीडीएलएड के द्वारा जारी बीएसटीसी गाइड्लाइन 2022 के अनुसार अभ्यर्थियों को सूचित किया है कि उन्हे परीक्षा हाल मे किन किन नियमों का पालन करना होगा । ओएमआर शीट मे क्या क्या जानकारी भरनी है । ओएमआर भरते समय कौनसा पेन काम मे लेना है । ओएमआर शीट मे गोले किस प्रकार भरने है । इन सब बातों के बारे मे हम विस्तार से अपडेट बता रहे है ।

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022 For OMR Sheet

  • प्री डी.एल.एड. परीक्षा, 2022 के लिए तैयार O.M.R. Answer Sheets पर परीक्षार्थी का रोल नम्बर, नाम एवं फोटो मुद्रित हैं।
  • O.M.R. Answer Sheet पर परीक्षार्थी को केवल प्रश्नपत्र सिरीज एवं उसका क्रमांक लिखकर हस्ताक्षर करना है।
  • Question Paper Booklets का वितरण सिरीज A, B, C, D के क्रमानुसार ही करना है।
  • अनुपस्थित परीक्षार्थी की Question Paper Booklet व O.M.R. Answer Sheet परीक्षार्थी की टेबल / डेस्क पर ही रखी जावे ।
  • परीक्षा प्रारम्भ होने के 15 मिनिट के भीतर प्रश्न पुस्तिका ( Question Paper Booklet) त्रुटिपूर्ण होने पर बदल कर परीक्षार्थी को उसी सिरीज की अन्य (Question Paper Booklet) उपलब्ध करवाने का निर्णय केन्द्राधीक्षक ले सकेंगे।
  • परीक्षार्थी उन्हें दिये जाने वाले ओ.एम.आर. उत्तर पत्रक (O.M.R. Answer Sheet ) में ही प्रश्नों के उत्तर देंगे। उत्तर के विकल्प के रूप में A,B,C,D छपा रहेगा। परीक्षार्थी को प्रश्न पढ़ कर प्रश्न संख्या के अनुसार सही विकल्प के गोले को ही गहरा काला करना है। अन्य स्थान एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है को काला करने या A,B,C,D लिखने पर O.M.R. Answer Sheet का मूल्यांकन नहीं हो सकेगा। गलत तरीके के लिए परीक्षार्थी स्वयं उत्तरदायी होंगे।
  • केन्द्राधीक्षक परीक्षा समाप्ति के पश्चात विभिन्न परीक्षा एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है कक्षों से प्राप्त उपस्थित एवं अनुपस्थित परीक्षार्थियों की O.M.R. Answer Sheetsएक साथ रोल नम्बर क्रमानुसार जमा कर ऊपर-नीचे गत्ते रखकर एक ही पैकिट बनायेंगे ।
  • यदि किन्हीं अपरिहार्य परिस्थिति में रोल नम्बर अंकित O.M.R. Answer Sheets को बदलना पड़े तो केन्द्राधीक्षक केन्द्र को आवण्टित रिजर्व O.M.R. Answer Sheets का उपयोग करने का निर्णय ले सकेंगे।

परीक्षा भवन में परीक्षार्थियों का प्रवेश

परीक्षा कक्ष निर्धारित समय से आधे घन्टे पूर्व खोला जावे। परीक्षार्थी अपना स्थान 1:40 pm तक सुनिश्चित कर लें। यदि किसी परीक्षार्थी का नाम मुद्रित उपस्थिति पत्रक (Attendance Sheet) में नहीं हो, तो ऐसे परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल नहीं किया जावे। परीक्षार्थियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने साथ प्रवेश पत्र तथा अपना फोटो युक्त एक मूल पहचान सम्बन्धी दस्तावेज (आधार कार्ड, वोटर आई.डी./ड्राईविंग लाईसेंस / फोटो युक्त बैंक पास बुक इत्यादि कोई ठोस पहचान पत्रों में से कोई एक ) साथ लावें । परीक्षा के दौरान प्रवेश-पत्र एवं फोटो आई.डी. देखने के बाद सम्बन्धित परीक्षार्थी को लौटा दिये जावे।

परीक्षार्थियों को पुस्तकें, कागज, एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है मुद्रित अथवा लिखित सामग्री, केलकुलेटर, घड़ी, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ या कोई अन्य इलैक्ट्रोनिक उपकरण परीक्षा भवन में अपने साथ नहीं लाने दिये जावें । नकल हेतु कोई अनुचित या गैर कानूनी सामग्री परीक्षार्थी के पास पायी जाने पर ‘राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 1992’ के तहत वांछित कानूनी कार्यवाही की जावेगी

परीक्षा प्रारम्भ होने के उपरान्त आने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा भवन में प्रवेश नहीं दिया जावे। किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा समाप्ति से पूर्व परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। केवल विशेष कारणों (जैसे लघु शंका आदि) से ही परीक्षार्थी वीक्षक / परिवीक्षक से अनुमति लेकरउनकी निगरानी की शर्त पर ही परीक्षा कक्ष छोड़ सकेंगे। यदि कोई परीक्षार्थी अनुशासन भंग करता है, अनावश्यक वाद-विवाद करता है या अनुचित साधनों का प्रयोग करता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जावेगी ।

नेत्रहीन परीक्षार्थियों के लिए निर्देश

नेत्रहीन परीक्षार्थी को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर श्रुतलेखक, जिसकी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 से अधिक ना हो, की सुविधा प्रदान की जा सकेगी। श्रुतलेखक के लिए प्रस्ताव परीक्षार्थी द्वारा किया जा सकता एसटीसी किस प्रकार का संकेतक है है किन्तु चयन पूर्ण सन्तुष्टि की स्थिति में केन्द्राधीक्षक द्वारा ही किया जावेगा । केन्द्राधीक्षक श्रुतलेखक की योग्यता के सम्बन्ध में सन्तुष्टि कर उससे प्रपत्रसंख्या डी.एल.एड. – B भरवायेंगे । केन्द्राधीक्षक चाहें तो अपने स्तर पर भी श्रुतलेखक की व्यवस्था कर सकते हैं। अन्तिम निर्णय केन्द्राधीक्षक द्वारा ही लिया जा सकेगा। ऐसे परीक्षार्थी को अलग से बैठने की व्यवस्था की जायेगी तथा उसे 30 मिनट का अतिरिक्त समय भी दिया जायेगा

Rajasthan BSTC Exam Guidelines 2022

नोट परीक्षा केन्द्र पर मुद्रित अथवा हस्तलिखित सामग्री, मोबाइल फोन, केलकुलेटर, ब्लूटूथ अथवा किसी भी प्रकार के इलैक्ट्रिक/इलैक्ट्रॉनिक उपकरण का परीक्षार्थी द्वारा अपने साथ लाया जाना सखा वर्जित है।

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