नवी म्यूचुअल फंड का तीसरा फंड
इस साल नवी म्यूचुअल फंड द्वारा लॉन्च किया गया यह तीसरा फंड होगा। यह पैसिव तरीके से मैनेज्ड स्कीम्स पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। नवी म्यूच्यूअल फंड ने बीते जनवरी में नवी निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड और नवी निफ्टी बैंक इंडेक्स फंड लॉन्च किया था। दोनों अपनी-अपनी श्रेणियों में सबसे कम लागत वाले इंडेक्स फंड US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका हैं। फंड हाउस की योजना इस साल मार्च के अंत तक तीन और फंड लॉन्च करने की है।
अमेरिकी शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, क्या ये सही समय US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका है?
एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकते हैं.
जबरदस्त रिटर्न के लिए अच्छी और मुनाफा बनाने वाली कंपनी की तलाश हर निवेशक को होती है. हो सकता है ऐसे में आपका मन टेस्ला, अमेजन या नेटफ्लिक्स जैसी कंपनी पर आया हो जो भारतीय बाजार नहीं बल्कि US के बाजार में निवेश के लिए मौजूद है. आइए ऐसे में समझते हैं एक भारतीय निवेशक के लिए अमेरिकी बाजार में निवेश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को-
अमेरिका में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के ऐलान के बाद S&P 500 इंडेक्स अप्रैल में पहली बार 4,000 का स्तर पार कर गया.
कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?
अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.
निवेश के क्या हो सकते हैं फायदे?
निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.
बीते वर्षों में अमेरिकी बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में कम वोलैटिलिटी देखी गई है. काफी बार रिटर्न के मामले में भी US के बाजार का प्रदर्शन भारतीय बाजार से बेहतर रहा है. रुपये के डॉलर की तुलना में कमजोर होने का भी निवेशकों को फायदा मिल सकता है.
स्टार्टअप हब होने के कारण US में अच्छी क्षमता वाली कंपनियों में शुरुआत में निवेश का मौका होता है. इसी तरह भारत या अन्य बाजारों में कई बड़ी कंपनियों की सब्सिडियरी लिस्ट होती है जबकि US बाजार में सीधे निवेश से ज्यादातर ऐसी कंपनियों में आसानी से निवेश कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
पैसों के लेनदेन की क्या है प्रक्रिया?
अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए भारतीय करेंसी को US डॉलर में बदलना होता है. फॉरेन एक्सचेंज संबंधी गतिविधि होने के कारण यहां RBI के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों का पालन जरूरी है. नियमों के तहत एक व्यक्ति बिना विशेष अनुमति के एक वित्तीय वर्ष में 2,50,US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका 000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकता है.
किसी भी बाजार में निवेश से बनाए पैसे पर भारत सरकार टैक्स लगाती है. नियमों के अनुसार अवधि के मुताबिक शार्ट या लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि डिविडेंड पर टैक्स US गवर्नमेंट लगाती है.
निवेश से पहले किन बातों को समझना जरूरी?
US या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट से जुड़े विभिन्न तरह की फीस और चार्ज को समझना काफी जरूरी है. रुपये को डॉलर में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया से लेकर म्यूचुअल फंड द्वारा चार्ज की जाने वाली एक्स्ट्रा फीस कमाई पर असर डाल सकती है. ब्रोकरेज कंपनियां भी स्पेशल दरों पर ब्रोकरेज चार्ज करती है. ऐसे में बेहतर है कि शार्ट टर्म के लिए और ज्यादा समझ के बिना निवेश ना करें. लंबे समय के निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है. ज्यादा रिस्क से बचने के लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर हो सकता है.
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US Stocks: अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश का मौका, इस म्यूचुअल फंड का खुला है एनएफओ
आप अमेरिकी स्टॉक्स (US Stocks) में निवेश कर रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपके लिए एक मौका है। नवी यूएस टोटल स्टॉक मार्केट फंड ऑफ फंड (Navi US Total Stock Market Fund of Fund) का एनएफओ खुल गया है। यह फंड भारतीय निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजार में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश करने की सुविधा प्रदान करेगा।
खुल गया है अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश वाले म्यूचुअल फंड का एनएफओ (File Photo)
हाइलाइट्स
- नवी म्यूचुअल फंड ने नवी यूएस टोटल स्टॉक मार्केट फंड ऑफ फंड लॉन्च किया है
- यह वेंगार्ड के फ्लैगशिप टोटल स्टॉक मार्केट ईटीएफ (वीटीआई) में निवेश करेगा
- एनएफओ खुल चुका है और यह 18 फरवरी 2022 को बंद होगा
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सेबी की हालिया घोषणा से प्रभावित नहीं
एनएफओ कल ही खुला है। इसमें 18 फरवरी 2022 तक निवेश किया जा सकता है। सेबी की हालिया घोषणा द्वारा विदेशी निवेश पर जो अस्थायी प्रतिबंध लगाया है, उससे यह एनएफओ प्रभावित नहीं होगा। क्योंकि यह सीमा विदेशी म्यूचुअल फंड पर लागू है, जबकि नवी यूएस टोटल स्टॉक मार्केट फंड ऑफ फंड ईटीएफ में निवेश करेगा।
यूएस इंडेक्स का शानदार रिटर्न
यूएस इंडेक्स ने पिछले 1 वर्ष, 5 वर्षों और 10 वर्षों में क्रमशः (31 दिसंबर, 2021 तक) 28.15%, 20.11% और 20.27% का वार्षिक रिटर्न (भारतीय रुपए के संदर्भ में) दिया है। इसके अलावा, अमेरिका और भारत के इक्विटी बाजारों के बीच कम कोरिलेशन और रुपये के मुकाबले डॉलर की संभावित एप्रीसिएशन भारतीय निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो में अमेरिकी इक्विटी को शामिल करने का एक अवसर है।
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नवी म्यूचुअल फंड का तीसरा फंड
इस साल नवी म्यूचुअल फंड द्वारा लॉन्च किया गया यह तीसरा फंड होगा। यह पैसिव तरीके से मैनेज्ड स्कीम्स पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। नवी म्यूच्यूअल फंड ने बीते जनवरी में नवी निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड और नवी निफ्टी बैंक इंडेक्स फंड लॉन्च किया था। दोनों अपनी-अपनी श्रेणियों में सबसे कम लागत वाले इंडेक्स फंड हैं। फंड हाउस की योजना इस साल मार्च के अंत तक तीन और फंड लॉन्च करने की है।
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स्नीकर्स, फॉर्मल वियर शूज, स्पोर्ट्स और कैजुअल शूज की ओर वैल्यू माइग्रेशन हो रहा है. आने वाले समय में भारत में भी बड़ी मात्रा में चीन के शू मार्केट वाला ग्रोथ दिखाई दे सकता है.
पहले पैरामीटर के तौर पर स्टॉक मार्केट की उस कंपनी की पहचान करें जिसके बिजनेस करने का मौका बाजार में बहुत अधिक हो. साथ ही जिस इंडस्ट्री में यह कंपनी बिजनेस कर रही हो उसका ग्रोथ हाई हो. साथ ही यह कंपनी अपने सेगमेंट में लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हो. जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा.
दूसरा पैरामीटर यह है कि कंपनी को संभालने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो. साथ ही कंपनी अपने गवर्नेंस और एक्जीक्यूशन में अच्छी हो.
तीसरे पैरामीटर के तौर पर शाह बताते हैं कि कंपनी की उस योग्यता को देखते हैं जिसमें वह अपने फ्री कैश फ्लोर को व्यापार में वापस लाने में कितनी सक्षम है साथ ही उसको कितना बढ़ा सकती है.
ट्यूब इन्वेस्टमेंट व फीनिक्स मिल्स स्टॉक पर शाह का व्यू
एक्सपर्ट शाह के अनुसार ट्यूब इन्वेस्टमेंट (Tube Investments) कंपनी ऑटो एंसिलरी स्पेस से आगे बढ़कर ऑटो ओईएम (ईवी स्पेस) में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि ईवी स्पेस के अंदर कंपनी अपना ध्यान तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन पर, सीवी और ट्रैक्टर सेगमेंट पर कर रही है जो कि बहुत अच्छा है. बात अगर कागज पर मौजूद आंकड़ों की बात की जाए तो की की जाएं तो उस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि कंपनी अपने मार्जिन पर सुधार कर रही है. इसके अलावा कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री कैश फ्लो है. इसके अलावा कंपनी भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रही है.
वही एक्सपर्ट शाह फीनिक्स मिल्स (Phoenix Mills) पर कहते है कि देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है साथ ही कोविड-19 जैसे रिटेल व्यापार में परिवर्तन हुआ है जिसका फायदा उठाने के लिए कई सारी इंटरनेशनल ब्रांड भारत में अपने आप को स्थापित करने के लिए आ रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि देश में जो मॉल ठीक से अपने आप को संचालित नहीं कर पा रहे थे वह स्मॉल बिजनेस से बाहर हो गए हैं. साथ ही जो लोग नया पैसा इस US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका स्पेस में डालना चाह रहे थे वह लोग कोविड-19 की वजह से रुक गए है.
एक्सपर्ट शाह के अनुसार फीनिक्स मिल्स आने वाले 2 से 3 सालों में अपने वर्ग फुट को 7 मिलियन से 14 मिलियन कर रही है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह कंपनी उनको इसलिए उत्साहित करती है क्योंकि कंपनी के पास से एक मजबूत बैलेंस शीट, बड़े स्तर पर विकास का मौका, विश्वसनीय मैनेजमेंट मौजूद है.
अमेरिकी शेयरों में सिप से करें निवेश, फायदे में रहेंगे
घरेलू म्यूचुअल फंड की कई स्कीमें आपको अमेरिकी शेयरों में पैसा लगाने की सुविधा देती हैं
हाइलाइट्स
- आईसीआईसीआई प्रू, फ्रैंकलिन टेम्पलटन, डीएसपी की स्कीमें 5,000 रुपये की राशि से निवेश करने की सुविधा देती हैं
- भारतीय निवेशक ऐसी अमेरिकी कंपनियों के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं, जो अपने कारोबारी क्षेत्र में शीर्ष पर हैं
- अमेरिका में निवेश करने वाले फंडों के पोर्टफोलियो में अमेजॉन, अल्फाबेट, टेस्ला, फेसबुक, ट्विटर, वीजा जैसी कंपनियों के शेयर हैं
नरेन ने कहा, "अमेरिका में शानदार क्वालिटी वाली कई कंपनियां हैं. इनका कारोबार भी अभेद्द किले की तरह है. इन कंपनियों के पास वैश्विक मौजूदगी के साथ तकनीकी समृद्धि भी है. शेयर बाजार की गिरावट और डॉलर की कमजोरी ने अमेरिकी बाजार के दरवाजे सिप निवेशकों के लिए खोल दिए हैं."
पुराने जमाने में राज्य अपनी सीमाओं के आस-पास सुरक्षा के लिए गहरी खाई बना लेते थे, ताकि उनपर हमला करना कठिन हो जाए. इसे अंग्रजी में 'मोट' कहा जाता है. इन कंपनियों के 'किले' भेद पाना सरल नहीं होता है.
कई फंड हाउसेज की स्कीम आपको अमेरिकी शेयर बाजारों में US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका निवेश करने का मौका देती है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, फ्रैंकलिन टेम्पलटन, डीएसपी, डीएचएफएल प्रमेरिका, मोतीलाल, एडलवाइज और रिलायंस म्यूचुअल फंड इसमें शामिल है. निवेशक 5,000 रुपये की राशि से निवेश आरंभ कर सकते हैं.
सिप के जरिए निवेशक ऐसी दिग्गज कंपनियों पर दांव लगा सकते हैं, जो अपने बिजनेस में शीर्ष पर हैं. इन कंपनियों का कारोबार लगभर पूरी दुनिया में फैला है. अमेरिका में निवेश करने वाले फंड्स के पोर्टफोलियो में अमेजॉन, अल्फाबेट, टेस्ला, फेसबुक, ट्विटर, वीजा जैसी कंपनियों के शेयर हैं.
इस साल की शुरुआत से ही अमेरिकी शेयरों ने मिलाजुला रिटर्न दिया था. अमेजॉन, ट्विटर और टेस्ला के शेयर क्रमश: 18 फीसदी, 14 फीसदी और 3 फीसदी चढ़े हैं, जबकि फेसबुक 29 फीसदी और अल्फाबेट 6 फीसदी तक नीचे खिसका है.
तीसरी तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 3.4 फीसदी की दर से विकास किया है. इस दौरान बेरोजगारी की दर पांच सालों के न्यूनतम स्तर 3.7 फीसदी तक पहुंच गई है. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2 फीसदी तक की मंदी का सामना कर सकती है. इस अनुमान से अमेरिकी बाजार बुरी तर लुढ़क गए.
हालांकि, लंबी अवधि में वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि अमेरिकी शेयरों ने भारतीय निवेशकों को विविधता का मौका प्रदान किया है. साथ ही निवेशक ऐसी कंपनियों पर दांव खेल सकते हैं, जिनका आकार और कारोबार भारत में मौजूद नहीं है.
प्लान अहेड US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्त प्लानर विशाल धवन ने कहा, "अमेरिकी फंड में निवेश आपको भौगोलिक विविधता प्रदान करता है. इस बाजार के पास दुनिया भर के बाजारों की 40 फीसदी पूंजीकरण है." निवेशक सात साल की अवधि के साथ इन स्कीम में 10-15 फीसदी हिस्सा लगा सकते हैं.
घरेलू शेयर बाजार पर केंद्र सरकार ने 10 फीसदी का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाया था. इससे अंतर्राष्ट्रीय फंड्स के साथ टैक्स दरों का फर्क कम हुआ है. तीन साल से अधिक के अंतर्राष्ट्रीय फंड्स पर इंडेक्सेशन का लाभ मिलता है. निवेशककों को इस लाभ के साथ 20 फीसदी और बिना इसके 10 फीसदी कर चुकाना होता है.
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US की ब्लूचिप कंपनियों में निवेश का शानदार मौका, इस जबरदस्त स्कीम का उठाएं फायदा; लगाने होंगे सिर्फ 5000 रु
अलग अलग सेक्टर में लीड करने वाली US की टॉप कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास शानदार मौका है. मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की नई स्कीम का फायदा उठा सकते हैं.
मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के पहले पैसिव प्रोडक्ट Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF लॉन्च किया है. (image: pixabay)
New Fund Offer: मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के पहले पैसिव प्रोडक्ट Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF लॉन्च किया है. जिसका उद्देश्य US की 50 मेगा-कैप कंपनियों में सेक्टर बेस्ड निवेश करना है. यह एक ओपन-एंडेड स्कीम है जो S&P 500 टॉप 50 टोटल रिटर्न इंडेक्स को ट्रैक करती है. फंड हाउस ने साथ ही Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF Fund of Fund भी लॉन्च किया है. यह एक एक ओपन-एंडेड फंड है, जिसके जरिए मुख्य रूप से मिरे एसेट S&P 500 टॉप 50 ETF US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका में निवेश किया जाएगा.
15 सितंबर तक मौका
दोनों फंडों के लिए एनएफओ (NFO) 1 सितंबर, 2021 को निवेश के लिए खुल गया है. Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF 14 सितंबर, 2021 को बंद होगा. जबकि Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF Fund of Fund 15 सितंबर, 2021 को बंद होगा. Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF Fund of Fund भी निवेशकों को ग्रोथ ऑप्शन के साथ रेगुलर प्लान और डायरेक्ट प्लान का विकल्प देगा.
सिर्फ 5000 रुपये से कर सकते हैं निवेश
एनएफओ के दौरान Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF और Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF Fund of Fund में कम से कम 5,000 रुपये निवेश करना जरूरी होगा. उसके बाद 1 रुपये का मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं.
क्या हैं फंड की खासियत
• S&P 500 Top 50 इंडेक्स को S&P 500 इंडेक्स से फ्री फ्लोट मार्केट कैप के आधार पर चुने गए सेक्टर में 50 US मेगा-कैप कंपनियों के प्रदर्शन को रीप्रेजेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
• S&P 500 Top 50 इंडेक्स में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर हेल्थकेयर, फाइनेंशियल से लेकर कंज्यूमीर, एनर्जी से लेकर कम्युनिकेशन सेक्टर की कई लीडिंग कंपनियां शामिल हैं. जिनका कुल मार्केट कैप 23 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है जो कि भारत की जीडीपी की साइज से 8 गुना से अधिक है.
• बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप (US स्टॉक्स में निवेश करने का मौका बीसीजी) के अनुसार S&P 500 Top 50 इंडेक्स में 50 में से 20 कंपनियों ने साल 2020 के लिए टॉप 50 इनोवेटिव कंपनियों की लिस्ट में जगह बनाई है.
• S&P 500 Top 50 (आईएनआर) ने पिछले 10, 5, 3, 2 साल की अवधि में शानदार प्रदर्शन किया है.
• S&P 500 Top 50 इंडेक्स में निवेश करने से भारतीय निवेशकों को रुपये में गिरावट आने की स्थिति में भी सुरक्षा मिलेगी, साथ ही पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई हो जाएगा.
US की टॉप कंपनियों में निवेश करना आसान
मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड के सीईओ स्वरूप मोहंती का कहना है कि अमेरिकी बाजार भारतीय निवेशकों के लिए सभी सेक्टर की लीडिंग कंपनियों में निवेश करने का अवसर देते हैं. लेकिन बहुत से निवेशक इन कंपनियों के स्टॉक को पोर्टफोलियो में शामिल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF और Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF Fund of Fund के जरिए US की टॉप कंपनियों में आसान तरीके से निवेश किया जा सकता है.
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