बचत और निवेश में अंतर

बचत और निवेश में अंतर | 5 Savings and Investment Difference

दोस्तो बचत और निवेश में अंतर क्या है (Difference Between Savings and Investment ) अगर यह सवाल आपके मन में है तो इस सवाल का जवाब आपको इस आर्टिकल के अंत तक मिल जायेगा। अगर हम बचत न करे तो आकस्मिक जरूरत पड़ने पर हमें वक्त की मार झेलनी पड़ सकती है।

इसी तरह से अगर निवेश न करे तो भविष्य की अकल्पनीय स्तिथियों में भी हमे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए दोनो ही हमारे लिए जरूरी है। अब आगे जानते हैं कि बचत और निवेश में अंतर क्या है और हमें इन दोनो में से क्या करना चाहिए।

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बचत और निवेश में अंतर क्या है (Saving Vs Investment in Hindi)

बचत और निवेश को लोग एक ही समझते है। परंतु इस दोनो में बड़ा अंतर होता है। आमतौर पर बचत के लिए आपको कोई शोध नही करना पड़ता है। बचत का आसान भाषा में मतलब आपकी कमाई हुई धनराशि में से आपको खर्च हुई धनराशि को घटाया जाए तो बचत निकल कर सामने आएगी। अगर निवेश का मतलब देखे तो इसका इस्तेमाल आप घर खरीदने,शादी करने,अच्छी शिक्षा लेने आदि के लिए कर सकते हैं।

निवेश करने से आपका मतलब होता है कि यह रुपया आपका बढ़ता रहेगा वही बचत करने पर आप उस रुपए को खर्च करेंगे तो घटता रहेगा। अगर आपने निवेश बिना किसी शोध किया है तो वो भी घट जाएगा। लेकिन निवेश करने से आपके पास मौका होता है कि अच्छे से शोध करके अपने रुपए को बढ़ा ले।

बचत क्या होता है (Saving Meaning in Hindi)

सेविंग का मतलब है कुछ धनराशि को अलग करके ऐसे विकल्प में डालना जहा वो बेहद सुरक्षित रहे। सेविंग में आपको घाटा होने यानी जोखिम की संभावना बेहद कम होती है। अगर आप समय समय पर नियमित रूप से बचत करे तो आप इससे आपातकाल स्तिथि से निपटने के लिए एक बड़ी रकम को अपने पास जमा कर लेते हैं। सेविंग अकाउंट में बैंक लगभग 2% से लेकर 5% तक व्याज दे देते बचत और निवेश में क्या अंतर हैं हैं। सेविंग करने के लिए आप अपना रुपया बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि इंस्ट्रूमेंट में रख सकते हैं। हमने जाना सेविंग क्या है अब आगे इंवेस्टमेंट के बारे में भी जान लेते हैं।

निवेश क्या होता है (Investment Meaning in Hindi)

इंवेस्टमेंट का मतलब है निवेश। इसके तहत आप अपना रुपया स्टॉक, बॉन्ड,म्यूचुअल फंड या रीयल इस्टेट में लगाते हैं। इसमें आपको ज्यादा फायदा होने की संभावना होती है। ऐसा माना जाता है इसमें आपके रुपए पर रिस्क भी ज्यादा होता है। इंवेस्टमेंट करते समय आपको अपने रिस्क को ध्यान में रखना चाहिए। अगर आप अपने रिस्क को ध्यान में रखकर निवेश करते हैं तो आगे चलकर आप एक सफल निवेशक कहलाए जायेंगे। इंवेस्टमेंट में आपका रुपए वृद्धि की संभावना बेहद ज्यादा होती है। बचत और निवेश के बारे में जानने के बाद अब इनके बीच अंतर को समझते हैं।

बचत और निवेश बचत और निवेश में क्या अंतर हैं में अंतर (Difference Between Saving and Investment in Hindi)

बचत और निवेश में अंतर ? बचत करने पर आपको कम रिटर्न मिलता है वही निवेश करने पर आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल पाता है। अगर बचत में देखे तो आपका पैसा धीरे धीरे बढ़ेगा। वही निवेश को अगर देखे तो आपका पैसा उच्चतम गति से बढ़ रहा होगा। सेविंग में आप बिना किसी चिंता के पता लगा सकते हैं कि एक साल बाद आपके पास कितना रुपया होगा। लेकिन इंवेस्टमेंट बिलकुल अलग है।

इसमें आपको नही पता होगा कि आज से एक साल बाद आपको फायदा हो रहा होगा या घाटा हो रहा होगा। इसमें संभावना होती है कि कुछ भी हो अगर आपका शोध सही है तो आपका पैसा तेज गति से हर हाल में बढ़ेगा। बचत करने के लिए आप बैंक में बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि में रुपया लगा सकते हैं। निवेश करने के लिए आप स्टॉक,म्यूचुअल फंड,बॉन्ड और रीयल एस्टेट में अपना पैसा लगा सकते हैं।

बचत और निवेश में क्या करे (Saving Vs Investment : Which is best in hindi)

महत्वपूर्ण सवाल यह है कि बचत और निवेश में आपको क्या करना चाहिए। इसके लिए आपको अपने आप से कुछ सवाल पूछने होंगे।

  1. आपकी सालाना आय कितनी है ?
  2. आप सालाना कितना खर्च करते है ?
  3. आपके पास कितना रुपए इसके बाद बच जाता है ?
  4. आपके जल्द में कुछ खर्चे तो नही जैसे गाड़ी लेना,बच्चो को शिक्षा दिलाना आदि .
  5. क्या अगर आपका बचत किए हुए पैसे में से 50% डूब जाता है तो आपको असर पड़ेगा कही आप ज्यादा टेंशन में तो नहीं आ जायेंगे?

आईए अब इस उदाहरण से समझते है मान लीजिए मेरी सालाना आय 10 लाख रुपए है। मैं इसमें से हर साल 6 लाख रुपए खर्च कर देता हूं। इसके बाद मेरे पास 4 लाख रुपए बच जाते हैं। अब सवाल यह है कि मुझे क्या करना चाहिए ? इसका जवाब भी मेरे पास ही है आइए जानते हैं।

मुझे अपने लिए इसमें से किसी आकस्मिक समस्या के लिए भी रुपए बचाने होंगे। मान लीजिए मेरे परिवार में 4 लोग है उनमें से कोई बीमार पड़ गया तो मुझे उनके स्वास्थ पर भी रुपए खर्च करने होंगे। इसके लिए मैने 2 लाख रुपए अपने बचत खाते में डाल लिए। बाकी मेरे पास अब 2 लाख रुपए बच गए। अब मैं इन 2 लाख रुपए को अलग अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर सकता हूं। मान लीजिए मैंने इन्हे निफ्टी में निवेश कर दिया। अगर आपको नही पता निफ्टी क्या है तो यह आर्टिकल इसके बाद जरूर पढ़ें।

निफ्टी अगर हर साल 11% का रिटर्न दे रहा है तो मैं मान लेता बचत और निवेश में क्या अंतर हैं हूं तो एक साल के बाद मेरे पास लगभग 200000 निवेश करने के बाद 11% 22000 रुपए मिल जायेंगे। मैं चाहूं तो इन रुपए को भी निफ्टी में लगा दू तो हर साल मुझे कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलेगा। अगर मेरा यह निवेश गलत हो जाता है तो मुझे रुपए खोने भी पड़ सकते हैं। हालांकि मेरे पास इमरजेंसी के लिए कुछ रुपए 2 लाख बचत खाते में हैं। उस पर मुझे 3 प्रतिशत का व्याज सालाना मिल रहा है तो एक साल के बाद उसपे मुझे 6000 रुपए मिलेंगे। मैं जब भी चाहूं तो उस रुपए को निकाल भी सकता हूं।

अंतिम शब्द – बचत और निवेश में अंतर

दोस्तो मैंने एक उदाहरण से आपको समझाया कि निवेश और बचत में से आखिर मैं क्या करूंगा। अब अगर आप जोखिम उठा सकते हैं तो थोड़ा निवेश भी करें। यह जरूर ध्यान रखे कि अपना बचत वाला पैसा पूरा निवेश न करे। क्योंकि अगर न जाने कोई परेशानी आ गई और आपका निवेश घट गया तो आप ऐसे समय में तंगी में बचत और निवेश में क्या अंतर हैं आ सकते हैं। अगर आप जोखिम नहीं उठा सकते है तो अपना पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में भी डाल सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट के ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जिसमे आपकी बचत में थोड़ा वृद्धि भी होगी।

दोस्तो यह आर्टिकल (बचत और निवेश में अंतर) सिर्फ समझाने के लिए था। इस आर्टिकल बचत और निवेश में अंतर से मेरा मकसद आपको निवेश की राय देने के लिए बिल्कुल नही था। अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से एक बार जरूर सलाह ले लें। निवेश करते समय इसके हानि और लाभ को ध्यान में रखते हुए रुपए डाले। निवेश में आपको जोखिम का भी सामना कर सकता है। उम्मीद है आपको यह लेख (बचत और निवेश में अंतर) पसंद आया होगा। अपने मित्रो के साथ आप चाहे तो इसे साझा कर सकते हैं। धन्यवाद दोस्तो।

निवेश से आप क्या समझते हैं ?

निवेश का मतलब है भविष्य में अपनी आय को बढ़ाने के संबंध में खरीदी हुई कोई वस्तु , संपत्ति आदि। निवेश अन्य अन्य प्रकार के होते हैं – स्टॉक,बॉन्ड,रीयल एस्टेट आदि।

निवेश और बचत क्यों महत्वपूर्ण है ?

निवेश और बचत आपको अकल्पनीय स्थिति में financially मजबूत बनाते है। इन दो की वजह से ही आपका भविष्य सुरक्षित हो जाता है।

निवेश का क्या महत्व है ?

निवेश का महत्व भविष्य के लिए आय का संसाधन बनाने जैसा है।

बचत करने से आपको क्या फायदा होता है ?

बचत करने से आपको अपने खर्च का अंदाजा लग जाता है। इसके बाद आप अपने पैसे को और अच्छे से संभाल पाते है और फिजूलखर्ची रुक जाती है।

बचत और निवेश में अंतर

बचत और निवेश में अंतर को समझना बहुत जरूरी है। बहुत से लोग इस अंतर को समझ नहीं पाते जिसके कारण ना तो वे लोग योजना बद्ध तरीके से बचत ही कर पाते है और ना ही सही तरीके से निवेश कर पाते हैं। आज हम समझते हैं कि बचत किसे कहा जाएगा और निवेश किसे कहा जाएगा साथ ही समझेंगे कि दोनों में मुख्यत क्या फर्क है और इसे समझ कर कैसे हम अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

बचत और निवेश में अंतर

बचत और निवेश में अंतर

वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत और निवेश में अंतर

अक्सर देखा गया है कि लोग अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में हमेशा पिछड़ जाते हैं। ये लोग नियमित बचत करते रहने के बावजूद अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितनी बचत कर रहे हैं और उसे कहां निवेश कर रहे हैं जिससे कि हम अपने निर्धारित उद्देश्य के अनुसार पैसा जोड़ सकें।

बचत और निवेश में अंतर

साधारण भाषा में समझा जाए तो बचत और निवेश में अंतर इतना ही है कि जो राशि आप अपनी नियमित आय से बचा कर अलग रख लेते हैं वह बचत है और यदि आप अपनी उस बचत तो कुछ रिटर्न प्राप्त करने के लिए ऐसा कुछ खरीदते हैं जो कि भविष्य में आपकी सम्पत्ति बन सके। अब हम इस अंतर को विस्तार से समझते हैं। पढ़िये SIP vs RD in hindi हमारी साइट पर।

बचत अल्पकालिक लक्षयों के लिए है। बचत खाता, आरडी यानी recurring deposit, एफडी यानी fixed deposit या अन्य किसी भी तरीक़े से अलग से रखे गए पैसे को बचत कह सकते हैं। गृहनियों द्वारा बचा कर किचन में चावल के मर्तबान में रखा पैसा भी बचत की श्रेणी में ही आएगा। बचत में रखा पैसा जब चाहिए हो तब सहजता से उपलब्ध होता है। अक्सर यह बचत अल्पकलीन लक्षयों या आपातकालीन जरूरतों के लिए होती है। बचत में रखा गया आपका पैसे निवेश के मुक़ाबले अधिक सुरक्षित रहता है।

इसमें बहुत कम या ना के बराबर जोखिम होता है। बचत में आपको रिटर्न बहुत कम मिलता है क्योंकि सभी बचत योजनाओं में ब्याज की कम दर होती है। आपको केवल इतना ही रिटर्न मिलता है जिससे मुद्रास्फीति मुश्किल से कवर हो पाती है।

बचत किए गए पैसे को दो साल से अधिक नहीं रखें। यदि दो साल से अधिक रखना चाहते हैं तो उस पैसे को कहीं निवेश कर लें जिससे आपका धन कुछ बेहतर रिटर्न दे सके।

दीर्घकालिक आर्थिक लक्ष्यों के लिए निवेश किया जाता है। निवेश के श्रेष्ठ उदाहरण हैं स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट। निवेश के लिए आदर्श समय अवधि न्यूनतम 3 साल है।
मुख्य बचत और निवेश में अंतर यही है कि निवेश में आप उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। निवेश में ऊँचे रिटर्न की सम्भावना के साथ रिस्क भी रहता है। निवेश से आप लंबे समय तक मुद्रास्फीति को पछाड़ कर अपने धन में वृद्धि कर सकते है। म्यूचूअल फंड और SIP निवेश के श्रेष्ठ तरीके है। निवेश किया गया पैसा एकदम से उपलब्ध नहीं रहता है और इसे बेचने में समय लग सकता है।

अपने वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण कीजिए। उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित कीजिए। कोई सपना ऐसा नहीं होता जो पूरा ना किया जा सके। जरूरत होती है लगन और अनुशासन के साथ बचत करने की और उस बचत को सही जगह पर निवेश करने की।

तो अपने पैसे की सुरक्षित करने के लिए बचत कीजिए और अपने पैसे को बढ़ाने के लिए उसका कहीं निवेश कीजिए। यह सब समझने के बाद आप योजना बद्ध तरीक़े से निवेश कीजिए और अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जुट जाइए।

निवेश और बचत के बीच न हों कन्‍फ्यूज, आपके लिए जरूरी है जानना ये बातें

बचत और निवेश में काफी अंतर है। बचत छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए है, निवेश लंबी अवधि में अपने वित्‍तीय लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए किया जाता है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: September 24, 2016 9:02 IST

Importance of Investment: निवेश और बचत के बीच न हों कन्‍फ्यूज, आपके लिए जरूरी है जानना ये बातें- India TV Hindi

Importance of Investment: निवेश और बचत के बीच न हों कन्‍फ्यूज, आपके लिए जरूरी है जानना ये बातें

बचत और निवेश में अंतर | Bachat Aur Nivesh

bachat kya hai. bachat aur nivesh mein antar ko jano.

एक ऐसा समय था जब बचत करने मात्र से ही जीवन को सफल मानते थे। धीरे – धीरे समय बदला और बचत भी कम पड़ने लगी। अब वो समय आ गया है जब बचत से भविष्य के सपने पूरे नहीं होते दिख रहे। अब बचत के साथ निवेश को भी अपनाना जरूर हो गया है।

बचत करने की प्रवृति पिछले हजारों सालों से चली आ रही है। कठिन समय में बचत काम आती थी, परन्तु अब हर वर्ष महंगाई बढ़ने के कारन, आज की गयी बचत, कल कोई बड़ा फायदा नहीं होने वाला इसलिए इस बचत को निवेश में बदल लेना ही समझदारी है। निवेश से बचत को समय के साथ बढ़ाया जा सकता है और महंगाई की दर का प्रभाव कम किया जा सकता है। इस प्रकार से बचत और निवेश को समझना अति आवश्यक है।

निवेश और बचत को ढंग से समझने के लिए सबसे पहले इनके शाब्दिक अर्थ को समझना होगा फिर बचत कैसे की जा सकती है और बचत से निवेश किस प्रकार किया जा सकता है। इस प्रकार निवेश और बचत में अंतर को समझने ने आसानी होगी।

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बचत क्या है

मासिक कमाई में से मासिक खर्चा निकल देने पर बचत निकलती है। मान लो की आपकी कमाई 10000 हजार रूपये मासिक है। आपका कुल मासिक खर्चा 6000 रूपये है। इस प्रकार आपके पास मासिक 4000 रुपए बचते है। ये चार हजार रूपये आपकी मासिक बचत है।

निवेश क्या है

बचत किये गए रुपयों को भविष्य के लिए किसी में निवेश करने पर आपके द्वारा किये गए निवेश समय के साथ बढ़ता जायेगा। इस प्रकार से रूपये के मूल्य में कमी और महंगाई की भरपाई, निवेश से हो जाएगी।

बचत की अपेक्षा निवेश क्यों जरुरी है

बचत हमेशा वही रहेगी या खर्च हो जाने से कम हो सकती है, परन्तु निवेश से बचत की राशि समय के साथ बढ़ती जाएगी। इस प्रकार आज की बचत राशि से भविष्य में वस्तु खरीदना नामुमकिन हो सकता है, क्योंकि भविष्य में वस्तुओं का मूल्य बढ़ेगा। अब निचे दिए गए निम्न बिंदुओं से बचत और निवेश को समझते है।

बचत और निवेश में अंतर

बचतनिवेश
मासिक आय और खर्चों के बीच का अंतर ही बचत है।लाभ प्राप्त हेतु खरीदी गयी वास्तु के मूल्य और बेचने पर मिलने वाले मूल्य का अंतर ही निवेश है।
बचत की राशि निश्चित होती है।निवेश की राशि अनिश्चित होती है।
खर्चो को कम करके बचत की जाती है।निवेश लाभ प्राप्त करके किया जाता है।
बचत, हमारी कमाई और खर्चों पर निर्भर है।निवेश बाजार पर निर्भर है।
बचत निश्चित दर पर जाती है।निवेश, बाजार और लाभ प्राप्त करने की कला है।

बचत करने के तरीके

किसी भी सरकारी बचत योजना या FD में जमा करके बचत की जा सकती है। जिस पर निश्चित लाभ प्राप्त होने की सम्भावना होती है। बचत में जोखिम ना के बराबर होता है। बचत करने के लिए अधिक राशि की जरुरत नहीं होती। छोटी – छोटी बचत योजना में मासिक बचत की जा सकती है।

अगर आपको बचत करनी हो तो आपको इन सरकारी बचत योजना के बारे में बढ़ सकते है।

निवेश करने के तरीके

निवेश सरकारी बॉन्ड, सोना – चाँदी, जमीन या शेयर बाजार में निवेश जैसे म्यूच्यूअल फंड्स या आईपीओ, इंट्राडे ट्रेडिंग, एसआईपी में निवेश आदि। ये निवेश बाजार पर निर्भर होते है इसलिए किसी अच्छे जानकर लोगों से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इनमे लाभ और जोखिम दोनों होते है इसलिए जानकर की सहायता से ही निवेश करना हितकारी हो सकता है। Nivesh Kya Hai | निवेश क्या है?

बचत और निवेश के फायदे

दोस्तों बचत से हमें भविष्य में जरूरतों की पूर्ति करने के लिए जरुरी है वैसे ही निवेश से बड़े सपने पूरे करने के लिए जरुरी है। इसको इस प्रकार समझते है जैसे आपकी बचत से जो वास्तु आज खरीदी जा सकती है। क्या वो वास्तु कल या अगले कुछ वर्षो बाद उसी मूल्य पर संभव है? नहीं ना। ठीक वैसे ही सपने पूरे करने के लिए धन की जरुरत होगी और भविष्य में ओर ज्यादा धन की जरुरत होगी, इसलिए निवेश एक ऐसी औषधि है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है और हमारे सपने पूरे करने में सहायता मिलेगी।

इसलिए हमारे लिए दोनों बचत और निवेश जरुरी है। बचत से ही निवेश संभव है इसलिए बचत के बिना निवेश संभव ही नहीं है। हमें और हमारे बच्चों को बचत करने के तरीके और फायदे जरूर बताये। बच्चों को बचत के साथ बचत और निवेश में क्या अंतर हैं बचत और निवेश में क्या अंतर हैं निवेश के फायदे का बारे में पढ़ें। Nivesh ke Prakar | निवेश कितने प्रकार के होते हैं?

Bachat Aur Nivesh - बचत और निवेश में अंतर

Bachat Aur Nivesh – बचत और निवेश में अंतर

बचत और निवेश से सम्बंधित कई हिंदी में किताबे है जो पढ़कर अच्छा ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। बड़े – बुजुर्ग कहते थे की किताबे ही सच्ची दोस्त होती है इसलिए किताबों से दोस्ती जरूर करें।

निष्कर्ष

निवेश तभी संभव है जब बचत होगी। बचत आपकी मासिक आय और खर्चों के अन्तर पर निर्भर है। सभी को थोड़ी बचत करके फिर निवेश जरूर करना चाहिए। बचत और निवेश ब्लॉग पोस्ट में सभी तरह की जानकारी दी गयी है। आपने बचत और निवेश के बारे में पढ़ा, हमें बहुत अच्छा लगा।

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