भारत का रूस से तेल खरीदना "पूरी तरह से उचित" : एनडीटीवी से IMF की गीता गोपीनाथ
G20 बैठकों में भाग लेने के लिए भारत आईं गोपीनाथ ने कहा कि दुनिया के नजरिये से यह महत्वपूर्ण है कि बाजार में तेल की आपूर्ति उच्च स्तर पर बनी रहे.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत का रूस से तेल (oil) खरीदना पूरी तरह से उचित है क्योंकि G7 देशों और उनके सहयोगियों ने रूसी ऑयल पर Price cap पर सहमति जताई है. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पहली उप प्रबंध निदेशक (Deputy Managing Director) गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) ने NDTV के साथ विशेष बातचीत में कही. G20 बैठकों में भाग लेने के लिए भारत आईं गोपीनाथ ने कहा कि दुनिया के नजरिये से यह महत्वपूर्ण है कि बाजार में तेल की आपूर्ति उच्च स्तर पर बनी रहे और भारत का रूस से तेल खरीदना, अमेरिका और यूरोप की मौजूदा मूल्य सीमा रणनीति (Price cap strategy) के अनुरूप है.
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गीता गोपीनाथ ने कहा, "बाजार में सप्लाई आने की जरूरत है और यदि भारत जैसे देश इसे (Oil)प्राइस कैप के साथ कम कीमत पर प्राप्त करते हैं तो यह बिल्कुल उचित है. " गौरतलब है कि धनी लोकतंत्र के G7 ग्रुप और ऑस्ट्रेलिया, इस माह की शुरुआत में रूसी तेल के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तय करने पर सहमत हुए हैं क्योंकि वे यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के संसाधन इस्तेमाल करना चाहते. हालांकि भारत ने G7 के इस कदम का समर्थन नहीं किया है.
गौरतलब है कि पश्चिमी देश, यूक्रेन में युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदना जारी रखने के भारत के कदम की आलोचना करते रहे हैं जबकि भारत ने कई बार यूक्रेन मुद्दे पर शांति वार्ता (Peace negotiations)का आह्वान किया है. भारत अपने इस रुख पर अडिग रहा है कि जहां से उसे अच्छी डील मिलेगी, वहां से तेल खरीदना वह जारी रखेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 7 दिसंबर को संसद को बताया था कि हालांकि सरकार भारतीय कंपनियों को रूस से तेल खरीदने के लिए नहीं कहती है, लेकिन यह भारतीय लोगों के हित में सबसे अच्छा सौदा पाने के लिए एक समझदार नीति है. रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर जयशंकर ने कहा था कि यह बाजार से जुड़े कारकों से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा कि फरवरी से नवंबर तक यूरोपीय संघ ने रूस से अधिक मात्रा में जीवाश्म ईंधन का आयात किया है.विदेश मंत्री जयशंकर से जब यह पूछा गया था कि भारत क्यों रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है तो उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं समझता हूं कि संघर्ष की स्थिति (यूक्रेन में) है. मैं यह भी समझता हूं कि यूरोप का एक विचार है और यूरोप अपने विकल्प चुनेगा, यह यूरोप का अधिकार है. लेकिन यूरोप अपनी पसंद के अनुसार ऊर्जा जरूरतों को लेकर विकल्प चुने और फिर भारत को कुछ और करने के लिये कहे.'' उन्होंने कहा था कि पश्चिम एशिया से यूरोप द्वारा तेल खरीदने से भी दबाव पड़ा है.
कामयाबी की मूल बातें: Amazon Ads के बारे में समझना
चाहे आप ब्रैंड के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहते हों, अपने प्रोडक्ट, ब्रैंड या सर्विस को खरीदने पर विचार करने का मौका देना चाहते हों, खरीदारी बढ़ाना चाहते हों या विश्वसनीयता को बढ़ाना चाहते हों, हम आपको सही एडवरटाइज़िंग सोल्यूशन पाने के लिए ऐसे टूल देंगे, जिनकी मदद से आपको मापे जा सकने वाले नतीजे मिल सकें.
हम आपको डिजिटल एडवरटाइज़िंग के फ़ायदे, Amazon Ads के प्रोडक्ट से जुड़े ऑफ़र, एडवरटाइज़िंग के लक्ष्य तय करने के लिए गाइड और इंडस्ट्री के आम शब्दों से परिचित कराते हुए शुरू करने में मदद देंगे.
क्या मुझे डिजिटल एडवरटाइज़िंग का इस्तेमाल करना चाहिए?
हमेशा चालू रहने वाली डिजिटल दुनिया ने कस्टमर को प्रोडक्ट और ब्रैंड के बारे में ज़्यादा जानने, ब्राउज़ करने और उन्हें खरीदने के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं. डिजिटल ऐड बनाने में टेक्स्ट, इमेज या वीडियो में से किसी के भी मिले-जुले तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है और वे कई वेबसाइट से लेकर सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कॉन्टेंट तक हर जगह दिखाई दे सकते हैं. डिजिटल एडवरटाइज़िंग से कई फ़ायदे मिलते हैं:
खरीदारों तक पहुंचने के नए तरीके:
ज़्यादा से ज़्यादा कस्टमर अपना ऑनलाइन शॉपिंग का सफ़र शुरू करते हैं. Statista के मुताबिक, यह अनुमान लगाया गया है कि 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका में 278.33 मिलियन ऑनलाइन खरीदार मौजूद होंगे. 1 यह ट्रेंड संभावित खरीदारों के साथ ऑनलाइन जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराता है.
फ़्लेक्सिबल फ़ॉर्मेट:
एक जैसी चीज़ें सभी के साथ काम नहीं करती हैं और डिजिटल सोल्यूशन इसी बात को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं. डिजिटल एडवरटाइज़िंग कई तरह के क्रिएटिव ऐड फ़ॉर्मेट और एडवरटाइज़िंग प्लेसमेंट सहित कस्टमाइज़ किए जा सकने वाले फ़ीचर का सेलेक्शन ऑफ़र करता है.
कस्टमाइज़ किया जा सकने वाला बजट:
रेडियो, आउट-ऑफ-होम बिलबोर्ड प्लेसमेंट और अन्य पारंपरिक एडवरटाइज़िंग के विपरीत, जिनमें अक्सर काफ़ी ज़्यादा पैसा लगाना पड़ता है, डिजिटल एडवरटाइज़िंग को आपके बजट की चिंता किए बिना इस्तेमाल किया जा सकता है.
काम को तुरंत पूरा करने की सुविधा:
डिजिटल एडवरटाइज़िंग की मदद से आप पारंपरिक तरीके की एडवरटाइज़िंग के मुकाबले कैम्पेन को ज़्यादा तेज़ी से तैयार और ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं. इससे, आपको सही जगह और सही समय पर ऑडियंस तक पहुंचने का मौका मिलता है.
रियल-टाइम इनसाइट:
डिजिटल एडवरटाइज़िंग के कई प्रोडक्ट रियल-टाइम मेजरमेंट और ऑप्टिमाइज़ेशन सुविधाएं ऑफ़र करते हैं. अपने ऐड की परफ़ॉर्मेंस देखने के लिए अपने नतीजे ट्रैक करें और जब चाहें अपने कैम्पेन में बदलाव करें.
Amazon Ads से आपको क्या मिलता है?
दुनिया भर में लाखों ऐक्टिव कस्टमर अकाउंट* के साथ, Amazon को इस बात को बेहद अच्छे से समझता है कि खरीदार ऑनलाइन खोजते, ब्राउज़ करते और खरीदारी करते समय प्रोडक्ट और ब्रैंड के साथ किस तरह से एंगेज होते हैं.
Amazon Ads से एडवरटाइज़िंग करने से, आपको कस्टमर के सफ़र के हर स्टेज में उन तक पहुंचने में मदद मिल सकती है. हमारे ऑफ़र आपको अपने एडवरटाइज़िंग लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करते हैं, साथ ही इनकी मदद से कस्टमर ऐसे प्रोडक्ट पा सकते हैं जिन्हें वे खोज रहे हैं.
*Amazon के तिमाही मुनाफ़े की रिलीज़, Q1 2020. ऐक्टिव कस्टमर अकाउंट का मतलब उन अकाउंट से है जिन्होंने पिछले 12 महीनों के दौरान ऑर्डर किया है.
Amazon Ads की ओर से ये प्रोडक्ट ऑफ़र किए जाते हैं:
Sponsored Products
ये सेल्फ़-सर्विस, प्रति-क्लिक-लागत वाले ऐड, शॉपिंग नतीजे में और प्रोडक्ट जानकारी पेज पर अलग-अलग प्रोडक्ट लिस्टिंग के हिसाब से दिखाई देती हैं.
Sponsored Brands
ब्रैंड के लिए ये सेल्फ़-सर्विस, प्रति-क्लिक-लागत वाले ऐड, शॉपिंग नतीजे में दिखाई देते हैं और इनमें कस्टम हेडलाइन, ब्रैंड लोगो के साथ कई प्रोडक्ट मौजूद होते हैं.
Sponsored Display
ये सेल्फ़-सर्विस डिस्प्ले ऐड अपने-आप जनरेट किए गए ऐड क्रिएटिव का इस्तेमाल करते हैं और ऐसी ऑडियंस को टार्गेट करते हैं जिन्हें Amazon पर संबंधित क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए खरीदारी से जुड़ी दिलचस्पियों के हिसाब से तैयार किया जाता है.
Stores
Amazon पर ये मुफ़्त, मल्टी-पेज ब्रैंड डेस्टिनेशन आपके प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो को दिखाते हैं और आपकी ब्रैंड स्टोरी बताने में मदद करते हैं.
ऑडियो ऐड
ये ऐड Alexa ऐक्टिवेट किए गए डिवाइस पर Amazon Music के मुफ़्त टियर पर चलाए जाते हैं, इनमें Echo और Fire TV के साथ ही मोबाइल और डेस्कटॉप पर चलाने क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए की सुविधा भी शामिल हैं.
वीडियो ऐड
Streaming TV ऐड कनेक्टेड TV, पब्लिशर चैनल और नेटवर्क, IMDb और IMDb TV पर दिखाई देते हैं. आउट-स्ट्रीम वीडियो ऐड, वीडियो कॉन्टेंट के अलावा, Amazon पर और उससे बाहर दोनों जगह दिखते हैं.
कस्टम एडवरटाइज़िंग
खास ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किए गए इन एडवरटाइज़िंग एक्सपीरिएंस को Amazon Ads के अकाउंट एक्ज़ीक्यूटिव के साथ मिलकर बनाया जाता है.
Amazon DSP
Amazon के डिमांड-साइड प्लेटफ़ॉर्म से एडवरटाइज़र को प्रोग्रामेटिक रूप से डिस्प्ले, वीडियो और ऑडियो ऐड खरीदने की सुविधा मिलती है.
Amazon Attribution
यह प्रोडक्ट मापता है कि Amazon पर गैर-Amazon Ads मीडिया कैसे बेहतर नतीजे देता है.
मैं अपने एडवरटाइज़िंग के लक्ष्यों की पहचान कैसे करूं?
शुरू करने के लिए, आप ऐसे एडवरटाइज़िंग लक्ष्य सेट करना चाहेंगे जिसके नतीजे आपके ज़रूरत के अनुसार हों.
क्या आपको ठीक से नहीं पता है कि कहां से शुरुआत की जाए?
सामान्य लक्ष्यों, उनके लिए तय किए गए उद्देश्यों और कामयाबी के खास मेट्रिक के बारे में ज़्यादा जानें.
लक्ष्य | उद्देश्य | कामयाबी के लिए सैंपल मेट्रिक |
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जागरूकता | “मुझे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपने बिज़नेस के बारे में बताना है” |
“मुझे नए संभावित कस्टमर तक पहुंचना है”
मुझे किन शर्तों के बारे में पता होना चाहिए?
हमने डिजिटल एडवरटाइज़िंग नेविगेट करने में आपकी मदद करने के लिए शर्तों को एक ही जगह पर इकट्ठा किया है.
कुछ शर्तें डिजिटल एडवरटाइज़िंग इंडस्ट्री पर पूरी तरह से अप्लाई की जा सकती हैं और कुछ शर्तें Amazon Ads के लिए यूनीक हैं.
अगर आपके पास है 786 नंबर का नोट, तो ऐसे मिल सकते हैं 3 लाख रुपये; जानें कैसे होगी कमाई
786 Number Note: अगर आपके पास 786 नंबर का कोई पुराना नोट है तो आप इसे बेचकर लाखों रुपये कमा सकते हैं. पुराने नोट को बेचने का तरीका हम आपको बताने जा रहे हैं.
- लोगों को होता है एंटीक चीजों के कलेक्शन का शौक
- कई लोग 786 नंबर को मानते हैं लकी
- 3 लाख रुपये तक की हो सकती है कमाई
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नई दिल्ली. कई लोग बिना कुछ किए घर बैठे पैसे कमाना चाहते हैं. अगर आप भी इसका तरीका खोज रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है. अगर आपके पास 10, 20, 50 या 100 रुपये जैसे कोई भी नोट हों और उसमें 786 का नंबर दिया गया हो तो आप घर बैठे रातों रात लखपति बन सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि ये कमाई कैसे करें. बता दें ऐसे नोट को सेल करने के लिए कई वैबसाइट्स मौजूद हैं.
कई लोग करते हैं पुराने नोटों का कलेक्शन
कई लोगों को पुराने नोट और कॉइंस की कलेक्शन करने का काफी शौक होता है. आपको बता दें, पुराने नोट और सिक्कों को बेच कर पैसा भी कमाया जा सकता है. अगर आप भी 786 नंबर वाला नोट बेचना चाहते हैं तो ई-बे (Ebay) वेबसाइट पर जाकर सेल कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर कई लोग पुराने नोट बेचते और खरीदते हैं.
786 नंबर को माना जाता है लकी
भाग्य में बहुत सारे लोगों का विश्वास होता है. बहुत सारे लोग किसी खास रंग, नंबर को या कपड़े को अपने लिए लकी मानते हैं. उसी तरह 786 नंबर को भी बहुत लकी माना जाता है. इसे बहुत लोग शुभ मानते हैं. इसलिए ऐसे नोटों को वे संभाल कर रखना चाहते हैं. 786 सीरीज के नोट आप Ebay पर सेल कर सकते हैं. Ebay की वेबसाइट पर आप इस नंबर वाले 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, 2000 रुपये के नोट बेच सकते हैं. आपको पहले ऐसे नोटों की तस्वीर खींचनी है और वेबसाइट पर जाकर प्रोफाइल बनाकर इसे पोस्ट करना होगा. यहां कीमत के अनुसार उसकी लिस्टिंग करनी होगी.
ऐसे बेच सकते हैं नोट
- पहले आपको www.ebay.com पर क्लिक करना होगा.
- होमपेज पर रजिस्टर करके क्लिक करें और स्वयं को सेलर के तौर पर रजिस्टर करें.
- अपने नोट की एक पिक्चर लें और इसे साइट पर अपलोड कर दें. Ebay आपके एड को उन लोगों को दिखाएगा, जो पुराने नोट और नोट और कॉइंस खरीदने के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं.
- नोट खरीदने में जो लोग इंट्रसटेड होंगे, वो आपका ऐड देखेंगे, फिर आपसे कॉन्टैक्ट करेंगे. आप उनसे संपर्क कर सकते हैं और नोट बेच सकते हैं.
3 लाख रुपये की होगी कमाई
बता दें Ebay वेबसाइट पर गिने चुने नोटों की बोली लगाई जाती है. इसमें कोई भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकता है. आप अपने 786 वाले नोट की कीमत खुद से तय कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर इस तरह के नोट की कीमत 3 लाख रुपये तक लगाई गई है.
मुंशी प्रेमचंद की कहानी : कौशल | Kaushal Premchand Story in Hindi
श्वेता श्रीवास्तव ने 2009 में साइकॉलजी में बीए किया है। इसके बाद 2012 में आईएमएस, नोएडा से मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन किया। इन्हें लेखन के क्षेत्र में 9 साल का अनुभव है। टीवी पत्रकारिता स. more
पंडित बलराम से उनकी पत्नी माया काफी समय से एक हार की मांग कर रही थी। हर बार पंडित उनकी बातों को टाल देते थे। वो कभी अपनी पत्नी से यह नहीं कह पाते थे कि उनके पास हार खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। वो हमेशा कहते, “घर में हार रखने से चोरी हो जाता है। ऊपर से हमेशा जौहरी हार के दाम को बढ़ाकर ही बोलता है। इन गहनों को खरीदने से किसी तरह का फायदा नहीं होता है। बस कुछ देर के लिए सजने संवरने के लिए काम आने वाले हार से इतनी मुसीबत आती है, तो इसे खरीदना बेकार ही है।
पंडित की पत्नी काफी भोली थी। वो हमेशा अपने पति के इन बातों में आ जाती थी, लेकिन दूसरी महिलाओं के पास गहने देखकर उसके मन में होता था कि काश! मेरे पास भी ऐसा जेवर होता। वैसे पंडित थोड़ी मेहनत करते, तो अपनी पत्नी के लिए हार खरीद सकते थे, लेकिन उन्हें सिर्फ भोजन करना और आराम करना ही पसंद था। वो अपने आलस्य के कारण पत्नी की चार बातों को सुनना भी बुरा नहीं मानते थे।
एक दिन बच्चों को पढ़ाकर पंडित घर लौटे, तो देखा कि उनकी पत्नी के गले में वही हार है, जिसकी मांग वो लंबे समय से कर रही थी। हार देखते ही उन्होंने पूछा, “अरे, इतना सुंदर हार तुम्हारे गले में कैसे आया?”
पत्नी ने जवाब में कहा कि ये पड़ोस में रहने वाली महिला का है। मैं उससे मिलने गई थी आज। उसने जब मुझे ये हार दिखाया, तो मैं इसे पहनकर आ गई, ताकि तुम इसे देख लो। मुझे बस ऐसा ही एक हार चाहिए।
पंडित बोले, “पगली! तुम किसी दूसरे का इतना महंगा हार लेकर आ गई हो। अगर चोरी हो गया, तो यह बनवाना ही पड़ेगा और बदनामी होगी जो ऊपर से वो अलग।
पंडित की पत्नी कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। उसने बताया कि ये 20 तोले का हार है और मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही जेवर चाहिए।
पत्नी की जिद सुनकर पंडित को घबराहट होने लगी। तभी पत्नी बोल पड़ी, “जब सारी महिलाएं ऐसे हार पहनती हैं, तो मैं आखिर क्यों नहीं पहन सकती?”
गुस्से में पंडित बोल पड़े, “सब लोग कुएं में कूदेंगे, तो क्या तुम भी कूद जाओगी। ऐसा नहीं होता है कि जो दूसरे करें, उसे हम भी करें। फिर पंडित ने दिमाग लगाकर अपनी पत्नी को बताया कि देखो इस हार की कीमत आने वाले समय में घट जाएगी। अगर आज इसे मैंने एक हजार में लिया, तो एक साल बाद यह 600 रुपये का हो जाएगा और फिर पांच साल में इसकी कीमत सिर्फ 300 ही रहेगी। यह काफी बड़ा नुकसान है। इसे सहकर मैं हार नहीं खरीद सकता। तुम जल्दी से इस हार को वापस कर दो। इतना कहकर पंडित घर से बाहर की ओर चले गए।
उसी रात माया ने एक चोर को अपने घर में देखा। वो चिल्लाने लगी। जब पंडित ने कहा कि क्या हुआ, तो वो बोली मैंने अभी एक परछाई को देखा है, वो घर के अंदर गया है। वो पक्का चोर है। पंडित ने जल्दी से अपनी छड़ी और लालटेन पत्नी से मांगी।
पत्नी ने कहा कि मैं डर के मारे उठ ही नहीं पा रही हूं। तभी बाहर से कुछ लोग आ गए।
उन्होंने पंडित से पूछा, “क्या हुआ? घर में चोरी हो गई है क्या?”
पंडित की पत्नी माया बोली, “नहीं, वो ऊपर छत से नीचे की ओर कूदा था और फिर हमारे बिस्तर के पास से तेजी से आगे भागा। मैंने उसकी परछाई देखी थी।” तभी माया ने अपना हाथ गर्दन की ओर फिराया, तो उसे पता चला कि पड़ोसन का वो हार उसके गले से गायब है। हे भगवान! कहकर वो अपना सिर पीटने लगी।
पंडित बलराम शास्त्री ने पूछा, “तुम उस हार को उतारकर क्यों नहीं सोई थी?”
सहमी सी आवाज में माया बोली कि मुझे क्या पता था कि आज ही घर में इतनी बड़ी मुसीबत आ जाएगी।
तभी पंडित ने कहा, “कहता था न मैं कि जेवर सब मुसीबत ही लेकर आते हैं। अब समझ आया तुम्हें या नहीं?”
पंडित के पड़ोसियों ने तबतक पूरा घर छान मारा, लेकिन कोई चोर नहीं दिखा। छत पर भी देखा पर कुछ हाथ न लगा।
एक पड़ोसी बोला, “लगता है किसी जानने वाले ने ही ये काम किया है।”
दूसरे पड़ोसी ने कहा, “देखो! घर के लोगों द्वारा बताए बिना किसी को कुछ पता नहीं चलता है। हार के अलावा और क्या चोरी हुआ है वो देखना चाहिए।
पंडित की पत्नी माया बोली, “सब कुछ तो सही ही दिख रहा है। संदूक भी बंद ही हैं और बर्तन भी सारे घर में ही हैं। उस चोर को पराये लोगों का सामान ही ले जाना था। मेरा कुछ ले जाता। वो गहना ले गया, जिसकी मैं मालकिन ही नहीं थी।
“अब हार का मजा आ गया क्या मुझे बोली पर खरीदना चाहिए या मूल्य पूछना चाहिए न तुम्हें। कितना समझाया, लेकिन तुम्हें कुछ समझ आए तब न बात बने”, तंज मारते हुए पंडित ने कहा।
माया बोली, “पूरे 20 तोले का था। अब कह दूंगी उसे की चोर ले गया, जो लेगी हार के बदले ले ले।”
पंडित ने झल्लाते हुए कहा कि तुम्हें बदले में हार ही न देना पड़ेगा।
पत्नी ने पूछा कि इतना पैसा तो है नहीं। इसका इंतजाम कैसे होगा?
पंडित बोले, “कुछ-न-कुछ तो करना ही पड़ेगा। नहीं तो बदनामी होगी। तुमने उसका गहना रखकर बहुत बड़ी भूल कर दी है।
माया ने दुखी होते हुए कहा कि मेरा भाग्य ही खराब है। दूसरों की चीज गले में डालकर मुझे क्या सुख मिला था कि मैं उसे पहनकर ही सो गई।
उसके पति ने कहा कि अब खुद को दोष मत दो। देखते हैं कुछ-न-कुछ कर ही लेंगे। पड़ोसी से कह देना कि जल्द ही उनका हार उन्हें मिल जाएगा।
इतना कहने के बाद पंडित सोचने लगा कि आखिर ऐसा क्या करें कि उस हार की कीमत का पैसा जुट जाए। उसके बाद पंडित ने अपने ज्ञान से धन कमाना शुरू कर दिया। पंडित को उस हार की रकम चुकाने की इतनी चिंता थी कि उन्होंने दिन में सोना तक छोड़ दिया था। बच्चों को पाठशाला में पढ़ाने के बाद श्रीमद् भागवत की कथा करते और फिर लोगों की कुंडलियां सब देखते। इतना करते-करते देर रात तक जागते और फिर सुबह पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने के लिए चले जाते।
इस तरह दिन-रात एक करके उन्होंने छह महीने तक किसी तरह से उस हार की रकम जीतना पैसा कम लिया। जैसे ही हार की रकम पूरी हुई पंडित सीधे ठीक वैसा ही जेवर खरीदकर ले आए और अपनी पत्नी के सामने रख दिया।
पंडित की पत्नी माया पहले तो हार देखकर बहुत खुश हुई। फिर उसने पंडित से पूछा कि आप गुस्से में दे रहे हैं क्या ये हार?
जवाब में पंडित ने पूछा, “गुस्से और नाराजगी जैसी क्या बात है? उसका हार हमारे घर से गायब हुआ था, तो उधार तो चुकाना ही होगा न?”
इतना सुनकर पंडित शास्त्री की पत्नी बोली, “नहीं, ये उधार नहीं है।”
पंडित ने कहा, “चलो, उधार न सही, बदला तो है न? जाओ उसे ये दे आओ।
उसकी पत्नी बोली, “नहीं-नहीं, ये बदला भी नहीं है।
गुस्से में पंडित ने पूछा, “अब तुम ही बता दो कि क्या है ये?”
पत्नी माया ने कहा कि यह आपकी तरफ से मुझे दिया गया तोहफा और निशानी है। उस रात हार चोरी नहीं हुआ था। मैंने तो बस ऐसे ही शोर मचा दिया था।
हैरान होते हुए पंडित ने सवाल किया, “सही में?”
माया ने कहा, “हां, सच में।
पंडित ने फिर सवाल पूछा, “तो तू मेरा कौशल देखना चाहती थी।”
जैसे ही पत्नी ने जवाब हां में दिया पंडित बोले, “तुम्हें कोई अंदाजा नहीं है कि इस कौशल के लिए मुझे क्या सब मूल्य चुकाना पड़ा है।”
पत्नी ने मासूमियत से पूछा, “600 से भी ज्यादा क्या?”
पंडित ने भारी मन से कहा, “हां, बहुत ऊपर। इस कौशल के लिए मुझे अपनी स्वतंत्रता तक को कुर्बान करना पड़ा।”
कहानी से सीख:
आलस्य में इंसान कई बार अपनों की इच्छा पूरी नहीं करता है, लेकिन जब उसपर जिम्मेदारी का भार पड़ता है, तो वो उसे किसी भी तरीके से पूरा कर लेता है।
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