फरवरी २०२२ में वित्त मंत्री निर्मला ने अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा कर दी थी. आरबीआई के अनुसार होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है.
बजट में अगले साल बदल सकते हैं ITR फॉर्म, सरकार ने दिए संकेत
नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष में सरकार के टैक्स कलेक्शन में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुइ है. ऐसे में अब सरकार टैक्स से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाने जा रही है. उम्मीद है कि इसकी शुरुआत आगामी बजट से ही दिखने लगे. सरकार आयकर रिटर्न को आसान बनाने के लिए अब इसके फॉर्म में व्यापक सुधार कर सकती है.
पीटीआई की एक खबर के मुताबिक सरकार आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने वाले फॉर्म्स की संख्या में कटौती कर सकती है. इससे रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को सहूलियत होगी. वहीं रिटर्न दाखिल करने में लगने वाला समय भी घटेगा.क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे
महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के स्पष्ट संकेत और कर रिसाव को रोकने के सरकारी प्रयासों के चलते 2022 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल आया है. आने वाले दिनों में सरकार कर चोरी करने वालों पर अधिक सख्ती कर सकती है. इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं के लिए सख्त कर मानदंडों पर भी विचार किया जा सकता है.
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भारत अगले साल जी-20 देशों के नेताओं की मेजबानी करने के लिए तैयार है. इसके साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान, विकासशील देशों को करों का उचित हिस्सा सुनिश्चित करना और क्रिप्टोकरेंसी का कराधान भी एजेंडे में होगा. लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर संरचना के युक्तिकरण से भी समान परिसंपत्ति वर्गों के बीच होल्डिंग अवधि में समानता आने की उम्मीद है. इस समय एक साल से अधिक के लिए रखे गए शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है.
अचल संपत्ति की बिक्री और दो साल से अधिक के लिए रखे गए असूचीबद्ध शेयरों और तीन साल से अधिक के लिए रखे गए ऋण उपकरणों और आभूषणों पर 20 प्रतिशत दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगता है. नयी कर व्यवस्था में कुछ बदलाव अगले साल भी होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए छूट मुक्त कर व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाना चाहती है.
Digital Rupee : क्या है डिजिटल रुपी,डिजिटल रुपी के लाभ,क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर की सम्पूर्ण जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से प्रारंभ कर दिया है। हम सन जानना चाहते है कि क्या है डिजिटल रुपी तो आइये जानते है विस्तार से : ये भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है जिसे डिजिटल रुपी (Digital Rupee) कहा जा रहा है , इस टेस्टिंग के द्वारा सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन किया जाएगा।
आज के सूचना युग है जिसमे हम सभी का पूरा जीवन बदलता जा रहा है क्योंकि तकनीक बदलती जा रही है। इसीलिए अब हमारा पैसों का लेनदेन का तरीका भी बदल रहा है। तकनीक के निरंतर होते विकास ने पैसो के लेनदेन के पारंपरिक स्वरूप को एक डिजिटल रूप दिया है।
अब संसार कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में भारत भी पीछे नही रहना चाहता है।
क्या है डिजिटल रुपी ?
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार सीबीडीसी, डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है, जो कागजी मुद्रा के समान है और आवश्यकता पड़ने पर कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा,
हम इसे सरल शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल फॉर्म में करेंसी नोट्स हैं.
डिजिटल रुपी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में परिवर्तित पैसा है जिससे कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.
भारत में डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होगी जिसमे होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W) और रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R),
होलसेल सीबीडीसी का उपयोग कुछ चुने हुए वित्ती य संस्थासनों के द्वारा ही होगा जबकि रिटेल सीबीडीसी का प्रयोग सब कर सकेंगे
अब भारतीय लोग भी बहुत बड़ी संख्या digital transaction करते हैं इसलिए भविष्य में CBDC के अनेक लाभ होंगे.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले वर्ष लोकसभा को बताया था , “डिजिटल रुपी के अनेक लाभ होंगे. इससे नकदी पर निर्भरता कम होगी और साथ ही साथ सीबीडीसी मजबूत, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान का माध्यम बनेगी .
जब देश में डिजिटल रुपी (Digital Rupee) प्रयोग होने लगेंगे तब आपको अपने पास कैश रखने की आवश्यकता कम हो जाएगी और आपको अपने परम्परागत बटुए में अधिक धन रखने की आवश्यकता ही नहीं होगी.
डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे जिसे कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में क्या अंतर है
क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी- डिजिटल रुपी में मुख्यॉ अंतर यह है कि डिजिटल रुपी पूरी प्रकार से सरकारी नियंत्रण में काम करेगी और ये यह सरकार समर्थित वैध मुद्रा है.
जबकि क्रिप्टोकरेंसी एक निजी करेंसी है इसे किसी भी देश की सरकार मॉनिटर नहीं करती और न ही क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है.
क्रिप्टोीकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है जबकि दूसरी ओर डिजिटल रुपी भारतीय मुद्रा का ही digital रूप क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे है इसलिए इसके रेट में उतार-चढाव आता रहता है
क्रिप्टोकरेंसी को नकद मुद्रा में नही बदला जा सकता है किन्तु डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी से निवेशकों को हुआ 5 गुना प्रॉफिट, भारत 21वें तो यूक्रेन 13 वें पायदान पर
बिजनेस डेस्क। ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म चेनालिसिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्रिप्टो संपत्ति में निवेशकों को 2021 में कुल 162.7 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ है। बल्कि साल 2020 में सिर्फ 32.5 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ है। वर्ष 2021 क्रिप्टो असेट्स के लिए एक बम्पर फेज था, जिसमें बिटकॉइन की कीमतों में वर्ष के दौरान 64 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि एथेरियम में 393 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।
क्रिप्टो प्रॉफिट के मामले में कौन सा देश आगे
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे कि यूएसए में अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट में 47 बिलियन डॉलर देखने को मिला। इसके बाद यूके, जर्मनी, जापान और चीन का स्थान है। लगभग 1.85 बिलियन डॉलर के वास्तविक लाभ के साथ भारत 21वें स्थान पर है। विशेष रूप से, यूक्रेन जीडीपी के मामले में 576 बिलियन डॉलर के साथ 40 वें स्थान पर है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट के मामले में यूक्रेन ने 2.8 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट देखा है और 13वें पायदान पर है। तुर्की 2.7 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 11 वें स्थान पर है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट के मामले में 4.6 बिलियन डॉलर के साथ छठे पायदान पर है। दिलचस्प बात यह है कि 2021 में, चीन का कुल अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी लाभ 5.1 बिलियन डॉलर है, जो 2020 में 1.7 बिलियन डॉलर था। इसका मतलब है कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में प्रॉफिट 194 फीसदी देखने को मिली है।
क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले ध्यान दें: हैकर्स ने 905 करोड़ रुपए के बैजर क्रिप्टो उड़ाए, पुरानी वेब टेक्नोलॉजी का उठाया फायदा
बीते कई महीनों से लगातार सुर्खियों में रहने वाली क्रिप्टोकरेंसी भी सुरक्षित नहीं है। हैकर्स ने ब्लॉकचेन बेस्ड डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्लेटफॉर्म बेजरडीएओ (BadgerDAO) से 120 मिलियन डॉलर (करीब 905 करोड़ रुपए) कीमत के क्रिप्टो टोकन चुरा लिए हैं। प्लेटफॉर्म द्वारा साइबर अटैक को रोकने से पहले कई क्रिप्टो वॉलेट्स को खत्म कर दिया गया था। बैजर ने बताया कि उसे यूजर फंड से अनऑथोराइज्ड विड्रॉल की रिपोर्ट मिली है।
बैजर ने बताया जैसा कि हमारे इंजीनियर्स ने इसकी जांच शुरू कर दी है। भविष्य में इस तरह के विड्रॉल को रोकने के लिए सभी स्मार्ट कॉन्टैक्ट को रोका गया है। साथ ही अमेरिका और कनाडा के अधिकारियों को सूचित किया गया है। इस मामले में तेजी से जांच चल रही है। हम जल्द ही इससे जुड़ी दूसरी जानकारी शेयर करेंगे।
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