भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 81 के लेवल से भी नीचे चला गया.

एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी

Buy-sell swap trades have ensured that systemic rupee liquidity, which would otherwise have shrunk as a fallout of spot-market dollar selling, remains adequate through the festive period.

Rupee falls to lifetime low, bond yields climb

The rupee plunged to a new lifetime low of 82.43 a dollar Friday. It lost more than half एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी a percentage point to close at 82.33, the unit's lowest ever closing level, Bloomberg data compiled by ETIG showed.

Rupee ends volatile week on strong note after RBI raises rates

The RBI's monetary policy committee raised the repo rate to 5.90%, its fourth hike in the current cycle, as India's annual inflation rate came above the central bank's target band for the eighth consecutive month in August, driven by surging food prices.

USD/INR monthly futures expiry fuels demand for dollars -traders

The futures leg of the contract expires automatically at the RBI reference rate, but the OTC leg needs to closed by buying or selling dollars.The premium that traders were एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी willing to pay to buy dollars at the Reserve Bank of India reference rate, rose to as much as 0.04 rupees, compared to almost par or 0.01 in recent weeks, a trader at a private sector bank said.

The dollar is strong. That is good for the US but bad for the world

Those interest rate increases एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी are pumping up the value of the dollar - the go-to currency for much of the world's trade and transactions - and causing economic turmoil in both rich and poor nations. In Britain and across much of the European continent, the dollar's acceleration is helping feed stinging inflation.

Rupee crash: Indian currency falls 0.68% to hit an all-time low of 81.55 USD

Grim PMIs knock euro, sterling to new lows as recession looms

The euro slipped 0.8% to $0.97510, its lowest level since October 2020, after S&P Global's flash euro zone Composite Purchasing Managers' Index (PMI), seen as a good gauge of overall economic health, fell further in September.

China's yuan ends near 28-month low, set for worst week since April

The U.S. dollar strengthened in global markets, with benchmark U.S. Treasury yields hitting an 11-year high overnight, as investors positioned for more Federal Reserve interest rate hikes to tame high inflation after its latest hike this week.

क्रिप्टोकरेंसीः भारत में आज क्या है बिटकॉइन और इथेरियम समेत अन्य टोकन की कीमत?

क्रिप्टोकरेंसीः भारत में आज क्या है बिटकॉइन और इथेरियम समेत अन्य टोकन की कीमत?

पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन की वैल्यू 1.92 फीसदी बढ़ी है, जिसके बाद यह 17,01,887 रुपये पर कारोबार कर रहा है। बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 32.7 लाख करोड़ रुपये का है। इसके अलावा इथेरियम में भी 4.75 फीसदी की बढ़त देखी गई है। वर्तमान में इथेरियम 1,30,044 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 15.9 लाख करोड़ रुपये का है। वहीं, एक हफ्ते में बिटकॉइन की वैल्यू 6.46 फीसदी और इथेरियम की 20.14 फीसदी अधिक है।

BNB कॉइन 24,554 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कल की तुलना में BNB की वैल्यू में 3.83 फीसदी की बढ़त देखी गई है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 4 लाख करोड़ रुपये का है। आज रिपल XRP की कीमत 38.78 रुपये (1.63 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहा है। कार्डानो और डॉजकॉइन की कीमत क्रमशः 33.43 रुपये (5.15 फीसदी ऊपर) और 7.14 रुपये (16.27 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी हैं।

सोलाना 2,652 रुपये (1.03 फीसदी ऊपर), शीबा इनु कॉइन 0.000967 रुपये (11.74 फीसदी ऊपर), पोल्का डॉट 541.5 रुपये (3.44 फीसदी ऊपर) और पॉलीगॉन वर्तमान में 77.34 रुपये (3.42 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं। साप्ताहिक चार्ट के आधार पर सोलाना 16.01 फीसदी ऊपर और पोल्का डॉट 12.15 फीसदी ऊपर है। शीबा इनु पिछले सात दिनों में अपने मूल्य से 15.89 फीसदी ऊपर और पॉलीगॉन 13.17 फीसदी ऊपर है।

टॉप गेनर टोकन लिस्ट में मिना, डॉजकॉइन, शिबा इनु और एवलॉन्च शामिल हैं। यह क्रमशः 60.26 रुपये (22.56 फीसदी ऊपर), 7.14 रुपये (16.27 फीसदी ऊपर), 0.000967 रुपये (11.74 फीसदी ऊपर) और 1,528.76 रुपये (8.91 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

स्थिर कॉइन इथेरियम टोकन हैं। इन्हें एक निश्चित मूल्य पर रहने के लिए डिजाइन किया गया है, भले ही ETH की कीमत क्यों न बदल जाए। ये फिएट मुद्रा या फिर सोना (गोल्ड) से जुड़ी होती हैं। लोकप्रिय टोकन में टेथर USD, USD कॉइन और बिनेंस USD क्रमशः 82.31 रुपये (0.06 फीसदी नीचे), 79.51 रुपये (1.53 फीसदी ऊपर) और 82.25 रुपये (0.12 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

टॉप लूजर की लिस्ट में टेरा क्लासिक USD, कास्पर, Klaytn और बाइनरी एक्स शामिल हैं। यह क्रमशः 3.42 रुपये (5.74 फीसदी नीचे), 3.46 रुपये (4.22 फीसदी नीचे), 20.42 रुपये (3.94 फीसदी नीचे) और 11,186.16 रुपये (2.29 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

ट्रैफिक, लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और ट्रेडिंग वॉल्यूम की वैधता में विश्वास के हिसाब से टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी स्पॉट एक्सचेंज में बायनेन्स, कॉइनबेस एक्सचेंज और FTX शामिल हैं। बायनेन्स और कॉइनबेस एक्सचेंज में 24 घंटे के अंदर क्रमशः 1.2 लाख करोड़ रुपये (9.57 फीसदी नीचे) और लगभग 17,792 करोड़ रुपये (19.89 फीसदी नीचे) वॉल्यूम पर देखा गया है। FTX में लगभग 13,835 करोड़ रुपये (10.26 फीसदी नीचे) वॉल्यूम पर देखा गया है।

DeFi एक ऐसी वित्तिय प्रणाली है जिसमें किसी मिडलमैन का कोई काम नही रहता। DeFi की सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन के ऊपर मौजूद रहता है, जिसे कोई भी देख सकता है। Dai, एवंलॉन्च, यूनिस्वैप, रैप्ड बिटकॉइन और चेनलिंक कुछ लोकप्रिय DeFi टोकन हैं। वे वर्तमान में क्रमशः 82.29 रुपये (0.06 फीसदी ऊपर), 1,526.88 रुपये (9.11 फीसदी ऊपर), 563.12 रुपये (0.14 फीसदी ऊपर), 17,03,795.72 रुपये (2.31 फीसदी ऊपर) और 588.84 रुपये (3.95 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

NFT (नॉन फंजिबल टोकन) एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या ऐसी चीजों के लिए किया जा सकता है एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी जो एकदम अलग होते हैं। जैसे- आर्ट, म्यूजिक, फिल्म और गेम्स। फ्लो, ऐपकॉइन, तेजोस, द सैंडबॉक्स और डीसेंट्रालैंड कुछ प्रमुख NFT टोकन हैं। ये वर्तमान में क्रमशः 144.17 रुपये (7.11 फीसदी ऊपर), 412.91 रुपये (8.78 फीसदी ऊपर), 119.48 रुपये (2.66 फीसदी ऊपर), 66.88 रुपये (5.38 फीसदी ऊपर) और 53.63 रुपये (4.49 फीसदी ऊपर पर कारोबार कर रहे हैं।

मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो की मार्केट कैपिटलाइजेशन एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी 83.02 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो वॉल्यूम 6.4 लाख करोड़ रुपये है।

Digital Financial Exchange मूल्य ( DIFX )

लाइव Digital Financial Exchange की कीमत आज $0.269643 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $1,265,083 USD हम रियल टाइम में हमारे DIFX से USD के भाव को अपडेट करते हैं। पिछले 24 घंटों में Digital Financial Exchange,0.40% ऊपर है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #2685, जिसका लाइव मार्केट कैप मौजूद नहीं है। है। परिसंचारी आपूर्ति उपलब्ध नहीं है और अधिकतम 550,000,000 DIFX सिक्कों की आपूर्ति।

Digital Financial Exchangeमें ट्रेडिंग के लिए शीर्ष एक्सचेंज वर्तमान में PancakeSwap (V2), और । आप अन्य को हमारे पर सूचीबद्ध पा सकते हैं।

Digital Financial Exchange token (DIFX) is the native token associated with the cryptocurrency exchange DIFX. Based on the Ethereum/Binance Smart Chain blockchain, this digital asset is ERC-20/BEP-20 compliant and decentralized. DIFX's value is dependent in part on the reputation of its crypto exchange.

DIFX (Launched on 6th September 2021) is a safe cryptocurrency exchange. It is a fully insured global trading platform. DIFX has been selected the "

DIFX employs full data encryption and bitcoin cold storage to protect activities, and have adopted strong AML/CFT measures, registration with local financial intelligence authorities, and reporting of questionable activity and transactions. DIFX provides a strong cryptocurrency trading platform, so users can trade using the एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी DIFX mobile app for iOS and Android, as well as the web version. With its user-friendly interface, trading and investing in top-performing assets is a breeze.

Rupee vs Dollar: रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 81 से भी नीचे, अभी और कितनी आएगी कमजोरी

Indian Rupee: भारतीय रुपया आज 81.03 प्रति डॉलर पर खुला और 81.13 प्रति डॉलर के आलटाइम लो को छू लिया. इसके पहले गुरूवार को रुपया 80.87 प्रति डॉलर पर बंद एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी हुआ था.

Rupee vs Dollar: रुपया पहली बार डॉलर के मुकाबले 81 से भी नीचे, अभी और कितनी आएगी कमजोरी

भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 81 के लेवल से भी नीचे चला गया.

Indian rupee on record low: भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 81 के लेवल से भी नीचे चला गया. रुपया आज 81.13 प्रति डॉलर के भाव पर ट्रेड कर रहा है. यह घरेलू करंसी के लिए अबतक का सबसे कमजोर स्‍तर है. जबकि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में उछाल के कारण 10 साल का बॉन्‍ड यील्‍ड 6 बेसिस प्‍वॉइंट उछलकर 2 महीने के उच्च स्तर 3.719 फीसदी पर पहुंच गया है. बता देकं कि यूएस फेड ने सिंतबर महीने की पॉलिसी में ब्‍याज दरों में 75 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा किया है और आगे भी सख्‍ती के संदेश दिए हैं. इससे डॉलर को सपोर्ट मिलेगा.

इस साल 8.5 फीसदी कमजोरी

भारतीय रुपया आज 81.03 प्रति डॉलर पर खुला और 81.13 प्रति डॉलर के आलटाइम लो को छू लिया. इसके पहले गुरूवार को रुपया 80.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. यानी इसमें आज करीब 0.35 फीसदी कमजोरी आई है. य‍ह पिछले 8 सेशन में 7वां सेशन है, जब रुपये में गिरावट आई है. इस साल अब तक रुपये में करीब 8.48 फीसदी की गिरावट आई है.

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रुपये में जारी रहेगी गिरावट

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के ट्रेजरी हेड अनिल भंसाली का कहना है कि फेडरल रिजर्व के हॉकिश यानी आक्रामक रुख को देखते हुए रुपये में अभी और गिरावट आने की आशंका है. उनका मानना है कि रिजर्व बैंक रुपये को संभालने के लिए बाजार में दखल तो जरूर देगा, लेकिन मौजूदा हालात में रुपये में एक्सचेंज लिक्विडिटी बनाम क्रिप्टोक्यूरेंसी लिक्विडिटी गिरावट आएगी. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का मानना है कि मौजूदा हालात में आरबीआई का दखल भी अस्थायी सपोर्ट ही साबित होगा और उससे भारतीय करेंसी में गिरावट रुख पूरी तरह बदल नहीं जाएगा.

82 प्रति डॉलर का भी टूट सकता है लेवल

IIFL के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च अनुज गुप्ता के मुताबिक यूएस फेड के रेट हाइक के एलान के बाद डॉलर इंडेक्स को सपोर्ट मिला है. रुपये के साथ अन्‍य करंसी में भी गिरावट आई है. चाहे वह एशियाई करंसी हो, यूरो हो या ब्रिटिश पौंड. उनका कहना है कि रुपये में अभी और गिरावट आने के आसार हैं और यह जल्द ही 82 प्रति डॉलर का स्तर छू सकता है.

स्वस्तिक इनवेस्टमेंट के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक मौजूदा हालात में आरबीआई के लिए बाजार में ज्यादा दखल देना भी मुश्किल होगा, क्योंकि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की स्थिति भी डेफिसिट मोड में आ चुकी है. इन हालात में रिजर्व बैंक ऐसा कोई भी कदम उठाने से परहेज करेगा, जिससे आर्थिक रिकवरी को नुकसान होने की आशंका हो.

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