Vitamin Minerals: शरीर के लिए विटामिन A,B,C,D क्यों हैं जरूरी, कौन से मिनरल बनाते शरीर को मजबूत?

Vitamin For Health: आपके खाने-पीने का स्वास्थ्य पर सबसे जल्दी असर होता है. आपको शरीर के लिए जरूरी विटामिन, मिनिरल्स और एमिनो एसिड्स को ध्यान में रखते हुए डाइट प्लान तैयार करना चाहिए.

By: abp news | Updated at : 09 Nov 2021 10:17 AM (IST)

Vitamin And Mineral For Health: अगर आप लंबे समय तक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो शरीर के लिए उचित मात्रा में विटामिन (Vitamins) और मिनिरल (Minerals) की जरूरत होती है. पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने से शरीर मजबूत बनता है. इससे हमारी रोग प्रतिरोधक (Immunity) मजबूत होती है. हड्डियों एडीएक्स कैसे काम करता है को मजबूत बनाने (Healthy Bones), मांसपेशियों (Muscles) और कोशिकाओं के निर्माण के लिए विटामिन एमिनो एसिड्स बहुत जरूरी हैं. अगर आपके शरीर में इन जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं. हालांकि उचित खान-पान और जीवनशैली से आप शरीर को स्वस्थ और निरोगी बना सकते हैं. जानते हैं विटामिन, मिनरल और अमिनो एसिड्स की कमी को आप प्राकृतिक स्रोत से कैसे पूरा कर सकते हैं?

स्वस्थ रहने के लिए जरूरी विटामिन (Vitamins For Healthy Body)

Vitamin A- आंखों को स्वस्थ रखने, संक्रमण से बचने, सूजन दूर करने और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए विटामिन ए बहुत जरूरी है. स्वस्थ रहने के लिए आपको डाइट में विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करने चाहिए. आप विटामिन ए के लिए खाने में हरी सब्जियां, पालक, शिमला मिर्च, शकरकंद, गाजर, पपीता, आम, दूध, दही और पनीर शामिल करें.

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Vitamin B- शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी बहुत जरूरी है. विटामिन बी कुल 8 प्रकार के होते हैं. विटामिन बी से आपका दिमाग स्वस्थ रहता है. आंखों, त्वचा और बालों की समस्या दूर होती है. नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने में भी विटामिन बी अहम भूमिका निभाता है. विटामिन डी के प्रोकृतिक स्रोत अंडा, सोयाबीन, टमाटर, अखरोट, बादाम, गेंहू, ओट्स, चिकन, फिश, दूध जैसे खाद्य पदार्थ हैं.

Vitamin C- इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए विटामिन सी सबसे जरूरी है. विटामिन सी से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. बाल, त्वचा, नाखून और संक्रमण से बचाने में विटामिन सी अहम भूमिका निभाता है. विटामिन सी के लिए आप आहार में खट्टे फल और हरी सब्जियों खा सकते हैं. आप संतरा, नींबू, अमरुद, कीवी, स्ट्रॉबेरी, लीची, पपीता, पालक, ब्रोकली, केल, एडीएक्स कैसे काम करता है शिमला मिर्च जैसी चीजें खा सकते हैं.

Vitamin D- विटामिन डी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है. इससे इम्यूनिटी मजबूत करने में भी मदद मिलती है. सूरज के रौशनी के अलावा फिश, दूध, पनीर, अंडा, मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं.

स्वस्थ रहने के लिए जरूरी मिनिरल्स (Minerals For Healthy Body)

कैल्शियम (Calcium)- शरीर में जरूरी मिनरल्स में सबसे अहम है कैल्सियम. दिमाग के लिए कैल्शियम सबसे जरूरी तत्व माना गया है. कैल्सियम सूचनाओं को दिमाग से शरीर के सभी अंगों तक भेजने का काम करता है. आप कैल्शियम की कमी को भोजन से पूरा कर सकते हैं. इसके लिए डाइट में दूध से बने उत्पाद, दाले, सोयाबीन, हरी पत्तीदार सब्जियां, मटर, फलियां, मूंगफली, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, और संतरा खा सकते हैं.

पोटैशियम और सेलेनियम (Potassium And Selenium)- पाचन क्रिया को दुरूस्त रखने और हार्ट को हेल्दी रखने के लिए पोटैशियम जरूरी है. वहीं सेलेनियम की कमी होने पर मांसपेशियों कमजोर होने लगती हैं. इससे जोड़ों में दर्द दर्द की समस्या होने लगती है. आप आहार में शकरकंद, मटर, कद्दू, आलू, केला, ऑरेंज, खीरा, मशरूम, बैंगन, किशमिश, खजूर शामिल करके पोटैशियम की कमी को पूरा कर सकते हैं. सेलेनियम के लिए आप खाने में सोया मिल्क, पोर्क, चिकन, फिश, अंडा, केला, ब्लूबेरी शामिल कर सकते हैं.

स्वस्थ रहने के लिए एमिनो एसिड (Amino Acid For Health)
शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है. प्रोटीन से शरीर को सभी जरूरी एमिनो एसिड्स मिलते हैं. 20 प्रकार के एमिनो एसिड्स में से शरीर को स्वस्थ रखने के लिए 9 जरूरी एमिनो एसिड्स होते हैं. जो मांसपेशियों, कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण के लिए जरूरी हैं. दूध, पनीर, अंडा, हरी सब्जियां, फल, एवोकैडो, ड्राई फ्रूट्स, चिकन, मीट जैसी चीजें एमिनो एसिड का अच्छा स्रोत हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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Published at : 09 Nov 2021 10:13 AM (IST) Tags: Patanjali Nutraceuticals patanjali nutrela Nutrela Nutraceuticals Products Patanjali Nutraceuticals हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

Hybrid Car क्या होती हैं और कैसे काम करती हैं? यहां समझिए पूरी ABCD

Hybrid vs Normal Cars: भारत में इन दिनों इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ-साथ हाइब्रिड कार सेगमेंट की कारें भी काफी चर्चा में आ रहीं हैं. आइए समझते हैं कि आखिर क्या होती हैं हाईब्रिड कार और यह कैसे काम करती हैं?

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Hybrid Car क्या होती हैं और कैसे काम करती हैं? यहां समझिए पूरी ABCD

How Hybrid Cars Works: इन दिनों भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ-साथ हाइब्रिड कार सेगमेंट की कारें भी काफी चर्चा में आ रहीं हैं. मारुति सुजुकी ने अपनी ग्रैंड विटारा (Maruti Grand Vitara) और टोयोटो ने अर्बन क्रूजर हाईराइडर (Toyota Urban Cruiser Hyryder) एसयूवी को पेश किया. ये दोनों ही हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं और देश की सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली एसयूवी हैं. इनका माइलेज 28Kmpl तक का है. इसके अलावा Honda City, Volvo XC90, Lexus NX समेत कई बाकी गाड़ियों में भी यह फीचर मिलता है. तो आइए समझते हैं कि आखिर क्या होती हैं हाईब्रिड कार और यह कैसे काम करती हैं?

Hybrid Car क्या होती हैं
दरअसल, हाइब्रिड कार में आपको पेट्रोल इंजन के साथ एक अतिरिक्त इलेक्ट्रिक मोटर भी देखने को मिलती है. यह बैटरी पैक ईंधन की खपत को कम करता है, जिससे कार को बेहतर माइलेज मिलता है. हालांकि खास बात है कि इसकी बैटरी को आपको अलग से चार्ज नहीं करना पड़ता. यह जरूरत के हिसाब से खुद ही चार्ज होती रहती है.

कैसे काम करती है हाइब्रिड कारें?
हाइब्रिड कारों को चलाने में दो चीजों का इस्तेमाल होता है, एक तो पेट्रोल इंजन होता ही है साथ ही इलेक्ट्रिक मोटर भी फिट होती है. गाड़ी चलने के लिए जितना संभव होता है, बैटरी का इस्तेमाल करती है. लेकिन जब ज्यादा पावर की जरूरत हो या बैटरी खत्म होने लगी है तब यह पेट्रोल इंजन पर शिफ्ट हो जाती है. इस दौरान पेट्रोल इंजन बैटरी को भी चार्ज करता है. खास बात है कि बैटरी से पेट्रोल और पेट्रोल से बैटरी पर शिफ्ट होने का प्रोसेस काफी स्मूद होता है और आपको महसूस भी नहीं होता.

शरीर में वायरस से कैसे लड़ेगी कोरोना वैक्सीन, जानें इसकी ABCD.

शरीर में वायरस से कैसे लड़ेगी कोरोना वैक्सीन, जानें इसकी ABCD.

वैक्सीन शरीर में पहले से इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं, जिससे बीमारी नहीं होती है. जबकि आमतौर पर शरीर बीमारी से जूझने के बाद प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है ताकि ये सीख सके कि आगे बीमारी से कैसे लड़ा जाए.

वैक्सीन शरीर को प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए पहले बीमारी से जूझने और लड़ने से बचाता है.

अमेरिका की सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल(CDC) के मुताबिक: "वैक्सीन आपके इम्यून सिस्टम के साथ काम करता है ताकि वायरस के संपर्क में आने पर आपका शरीर वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो जाए."

ये जानने के लिए कि वैक्सीन कैसे काम करता है, ये समझना जरूरी है कि हमारा शरीर बीमारियों से कैसे लड़ता है. CDC कहता है: "जब रोगाणु, जैसे कि वायरस जो COVID-19 का कारण बनता है, हमारे शरीर पर हमला करते हैं, तो वे मल्टीप्लाई करते हैं. ये हमला, जिसे संक्रमण कहा जाता है, बीमारी का कारण बनता है. हमारा इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने के लिए कई टूल्स का इस्तेमाल करता है.”

“जब पहली बार कोई व्यक्ति COVID-19 वायरस से संक्रमित होता है तो उसके शरीर को रोगाणु से लड़ने और उबरने के लिए जरूरी सभी टूल्स को बनाने और इस्तेमाल करने में कई दिन या सप्ताह लग सकते हैं. संक्रमण के बाद व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ये याद रखता है कि उस बीमारी के खिलाफ शरीर की रक्षा कैसे करनी है.”

अधिकतर COVID-19 वैक्सीन के प्रभावी होने के लिए एक से ज्यादा डोज में दिए जाने की जरूरत होगी.

“पहला शॉट सुरक्षा का निर्माण शुरू करता है. कुछ हफ्तों के बाद दूसरा शॉट लगाने की जरूरत होती है ताकि वैक्सीन जितनी अधिकतम सुरक्षा दे सकता है वो मिल सके.”

ब्लड सेल्स संक्रमण से कैसे लड़ते हैं?

हमारे खून में व्हाइट या इम्यून सेल्स (immune cells) होते हैं, जो संक्रमण से लड़ते हैं. नीचे कई एडीएक्स कैसे काम करता है तरह के व्हाइट सेल्स के बारे में बताया जा रहा है जो अलग-अलग तरीकों से संक्रमण से लड़ते हैं:

  • मैक्रोफेज(Macrophages)- वो व्हाइट ब्लड सेल्स जो कीटाणुओं, डेड सेल्स या डेड होने वाली सेल्स को निगल जाते हैं. मैक्रोफेज हमला करने वाले कीटाणुओं के कुछ हिस्से छोड़ देते हैं, जिसे एंटीजेन कहते हैं. शरीर एंटीजेन को खतरनाक चीज मानकर, उनपर हमला करने के लिए एंटीबॉडी को उकसाता है.
  • बी-लिम्फोसाइट्स(B-lymphocytes)- "रक्षात्मक व्हाइट ब्लड सेल्स" जो मैक्रोफेज द्वारा पीछे छोड़ दिए गए वायरस के हिस्सों पर हमला करने वाले एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं.
  • टी-लिम्फोसाइट्स(T-lymphocytes)- एक और "रक्षात्मक व्हाइट ब्लड सेल्स" जो शरीर में पहले से संक्रमित हो चुके सेल्स पर हमला करते हैं.

टी-लिम्फोसाइट्स को मेमोरी सेल्स के तौर पर भी जाना जाता है. अगर शरीर एक ही वायरस का दोबारा सामना करता है, तो ये जल्दी से कार्रवाई करता है. वहीं शरीर में जाने-पहचाने एंटीजेन का पता लगने पर बी-लिम्फोसाइट्स उन पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं.

विशेषज्ञ अभी भी पता लगा रहे हैं कि ये मेमोरी सेल्स कितने समय तक COVID -19 वायरस के खिलाफ शरीर की रक्षा कर सकती हैं.

आमतौर पर वैक्सीनेशन के बाद टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स का उत्पादन करने में शरीर को कुछ सप्ताह लगते हैं. इसलिए, ये संभव है कि कोई व्यक्ति वैक्सीनेशन से ठीक पहले या तुरंत बाद वायरस से संक्रमित हो सकता है और बीमार पड़ सकता है क्योंकि तबतक वैक्सीन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता.

CDC के मुताबिक "वैक्सीनेशन के बाद कभी-कभी, इम्यूनिटी निर्माण की प्रक्रिया बुखार जैसे लक्षणों का कारण बन सकती है. ये लक्षण सामान्य हैं और एक संकेत है कि शरीर प्रतिरक्षा का निर्माण कर रहा है."

COVID-19 वैक्सीन के प्रकार

COVID-19 के लिए 3 मुख्य प्रकार के वैक्सीन का ट्रायल जारी है.

mRNA वैक्सीन

इस वैक्सीन में कोविड-19 वायरस के हिस्से का इस्तेमाल किया जाता है जो हमारे सेल्स को गैरहानिकारक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है. ये प्रोटीन वायरस के लिए यूनिक होता है. हमारे सेल्स प्रोटीन की कई कॉपियां बनाने के बाद, वैक्सीन के जेनेटिक मटीरियल को खत्म कर देते हैं. हमारा शरीर मानता है कि शरीर में उस प्रोटीन को नहीं होना चाहिए और टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स का निर्माण करता है जो भविष्य में संक्रमित होने पर वायरस से लड़ने के तरीके को याद रखता है.

प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन

इस वैक्सीन में वायरस के गैरहानिकारक हिस्से (प्रोटीन) शामिल होते हैं. एक बार वैक्सीन लगने के बाद, हमारा इम्यून सिस्टम इसकी पहचान शरीर के बाहरी तत्व को तौर पर करता है और टी-लिम्फोसाइट्स और एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है.अगर हम भविष्य में कभी भी संक्रमित होते हैं, तो मेमोरी सेल्स वायरस को पहचानेंगी और उससे लड़ेंगी.

वेक्टर वैक्सीन

इस वैक्सीन में जीवित वायरस का एक कमजोर संस्करण है - जो COVID-19 वायरस से अलग वायरस होता है. इस वायरस में COVID-19 वायरस का जेनेटिक मटीरियल इंसर्ट किया जाता है(इसे वायरल वेक्टर कहा जाता है).

"वायरल वेक्टर के जेनेटिक मटीरियल हमारे सेल्स के अंदर जाने के बाद सेल्स को प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है जो वायरस के लिए यूनिक होता है. इन निर्देशों के जरिये सेल्स प्रोटीन की कॉपियां तैयार करता है. ये हमारे शरीर को टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स के निर्माण के लिए संकेत देता है. टी-लिम्फोसाइट्स और बी-लिम्फोसाइट्स ये याद रखते हैं कि भविष्य में संक्रमित होने पर हम उस वायरस से कैसे लड़ें.

बता दें, कोविड-19 वायरस के हिस्सों के इस्तेमाल के बावजूद इन वैक्सीन से कोरोना नहीं होगा.

कितने तरीके से दिए जाते हैं वैक्सीन?

वैक्सीन कई माध्यमों जैसे कि इंजेक्शन, मुंह के जरिये या फिर सांस के जरिए इनहेल कराकर दिया जाता है. इसके अलावा नोजल स्प्रे यानी कि नाक से डालकर भी दिया जाता है.

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एडीएक्स कैसे काम करता है

Hybrid Car क्या होती हैं और कैसे काम करती हैं? यहां समझिए पूरी ABCD

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ऑटो न्यूज डेस्क - भारत में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ हाइब्रिड कार सेगमेंट की कारों की भी खूब चर्चा हो रही है। मारुति सुजुकी ने अपनी ग्रैंड विटारा और टोयोटा अर्बन क्रूजर हैदर एसयूवी पेश की। ये दोनों ही हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं और देश में सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली SUVs हैं. इनका माइलेज 28Kmpl तक है। इसके अलावा Honda City, Volvo XC90, Lexus NX सहित कई अन्य वाहनों में भी यह फीचर उपलब्ध है। तो आइए समझते हैं कि हाइब्रिड कार क्या है और यह कैसे काम करती है?

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दरअसल हाइब्रिड कार में आपको पेट्रोल इंजन के साथ एक अतिरिक्त इलेक्ट्रिक मोटर भी देखने को मिलती है। यह बैटरी पैक ईंधन की खपत को कम करता है, जिससे कार को बेहतर माइलेज मिलता है। हालांकि, खास बात यह है कि आपको इसकी एडीएक्स कैसे काम करता है बैटरी को अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं है। यह जरूरत के हिसाब से खुद को चार्ज करता रहता है।

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हाइब्रिड कारों को चलाने के लिए दो चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, एक पेट्रोल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक मोटर भी लगाई जाती है। कार चलाने एडीएक्स कैसे काम करता है के लिए जितना हो सके बैटरी का इस्तेमाल करती है। लेकिन जब ज्यादा बिजली की जरूरत होती है या बैटरी खत्म हो रही होती है, तो यह पेट्रोल इंजन में शिफ्ट हो जाती है। इस दौरान पेट्रोल इंजन बैटरी भी चार्ज करता है। खास बात यह है कि बैटरी से पेट्रोल और पेट्रोल से बैटरी में शिफ्ट होने की प्रक्रिया बहुत ही स्मूद है और आपको इसका अहसास भी नहीं होता है।

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