कम समय में ज्यादा पैसे जमा करने के लिए निवेशक कोई न कोई विकल्प खोजते रहते हैं। इन्हीं में से एक है म्यूचुअल फंड। आज कल कई लोग म्यूचुअल फंड निवेश कर रहे हैं। लेकिन एक फरवरी 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट के बाद म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के हाथ निराशा लगी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Equity Taxation: इक्विटी में लगाते हैं पैसा, ​निवेश के पहले समझ लें मुनाफे पर लगने वाले टैक्स की गणित

बहुत से नए निवेशक भी सीधे या म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. अगर आप भी इनमें शामिल हैं तो इक्विटी में सिर्फ कमाई ही नहीं, बल्कि होने वाले मुनाफे पर कितना टैक्स लगता है, इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है.

बहुत से नए निवेशक भी सीधे या म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. अगर आप भी इनमें शामिल हैं तो इक्विटी में सिर्फ कमाई ही नहीं, बल्कि होने वाले मुनाफे पर कितना टैक्स लगता है, इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है. (reuters)

Taxation: जैसे जैसे देश में वैक्सीनेशन में तेजी आ रही है और कोविड 19 डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है के रोजाना मामले घट रहे हैं, शेयर बाजार जोर पकड़ रहा है. सेंसेक्स 52000 और निफ्टी 15600 के पार बना हुआ है. बाजार के जानकार इसे लेकर बुलिश हैं और उनका मानना है कि आगे भी यह मोमेंटम बना रहेगा. बाजार की इस तेजी में निवेशकों का रिटर्न भी बढ़ा है, वहीं बहुत से नए निवेशक भी सीधे या म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. अगर आप भी इनमें शामिल हैं तो इक्विटी में सिर्फ कमाई ही नहीं, बल्कि होने वाले मुनाफे पर कितना टैक्स लगता है, इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है.

लंबी अवधि का मुनाफा या शॉर्ट टर्म में कमाई

शेयर बाजार में कुछ लोग शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करते हैं और मुनाफा हासिल करते हैं. हीं कुछ लोग लंबी अवधि के लिए पैसे लगाते हैं. इक्विटी में 1 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश को लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है. वहीं, 12 महीने से पहले ही उसे भुना लेने पर शार्ट टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है.

लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म गेन टैक्स लगता है. हालांकि, 1 लाख रुपये तक के रिटर्न पर लॉन्ग टर्म गेन टैक्स नहीं लगता है. लेकिन अगर 12 महीने से पहले इसे भुनाते हैं तो 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है.

इंट्राडे में होने वाले मुनाफे पर

इंट्राडे में एक ही दिन में शेयर में लेन देन होता है. यानी उसी दिन शेयर खरीदा जाता है और बेचा जाता है. कहने का मतलब है कि यहां 1 दिन में आप शेयर में पैसे लगाकर कमाई कमाई सकते हैं. इससे हुआ फायदा शॉर्ट टर्म कैटिपल गेन होता है. ऐसे में उन्हें अपने मुनाफे पर 15 फीसदी का टैक्स चुकाना होता है.

म्यूचुअल फंड में कैपिटल गेन के अलावा डिविडेंड लाभ भी मिलता है. म्यूचुअल फंड्स डिविडेंड पर जो टैक्स लगता है उसे डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) कहते हैं और इसे फंड हाउस द्वारा चुकाया जाता है. म्यूचुअल फंड में इक्विटी और डेट फंड के लिए टैक्स देनदारी अलग-अलग होती है. लिक्विड, शॉर्ट टर्म डेट, इनकम फंड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में निवेश 3 साल या 36 महीने तक रहता है तो इसे लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है. वहीं, 36 महीने से पहले अगर भुनाया तो यह शार्ट टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है.

डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स पर हो सकता है बजट में ऐलान, क्या होगा इसका असर

टाइम्स नाउ डिजिटल

DDT, Budget 2020-21

नई दिल्ली: बजट 2020-21 पेश होने में कुछ वक्त ही शेष रह गया है। इस बजट से पहले तमाम तरह की राहतों के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि सरकार इस बजट में निवेशों को आकर्षित करने के लिए डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स को खत्म कर सकती है। डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी टास्क फोर्स ने भी डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स खत्म करने की सिफारिश की है। टास्क फोर्स का मानना है कि इससे निवेश बढ़ेगा।

क्या होता है डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स?

डिविडेंड उस राशि को कहते हैं तो कंपनी फायदा होने पर अपने शेयरहोल्डर्स को देती है। शेयर होल्डर्स को कंपनी की ओर से मिलने वाले डिविडेंड पर लगने वाले टैक्स को डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स कहा जाता है। फाइनेंस एक्स 1977 के तहत डीडीटी का प्रावधान शुरू हुआ था। ये टैक्स सिर्फ घरेलू कंपनियों पर लगता है।

पिछले साल सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया था। उस वक्त डीडीटी को हटाने की मांग भी कई गई थी। यदि सरकार आगामी बजट में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है इस टैक्स को खत्म करती है तो इससे शेयर बाजार में सुधार होगा। साथ ही कंपनियों को ज्यादा निवेश करने में मदद मिलेगी। इस कदम से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय कंपनियों के शेयर आकर्षक होंगे और इससे एफडीआई बढ़ेगी।

बता दें कि डीडीटी म्यूचुअल फंड स्कीम पर भी लागू होता है। म्यूचुअल फंड की स्कीमों पर डिविडेंड निवेशकों के लिए टैक्स फ्री होता है। इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड के लिए डीडीटी 10 फीसदी होता है, जबकि डेट आधारित डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है फंड के लिए इंडिविजुअल मामले में 25 फीसदी और कंपनी के मामले में 30 फीसदी होता है।

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है

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Q. Consider the following statements regarding Dividend Distribution Tax (DDT):

Which of the above given statements is/are correct?

Q. लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: उपरोक्त दिए गए कथनों में से कौन से सही है / हैं?

सरकार ने लिया यह फैसला

दरअसल केंद्र सरकार ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है लेकर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने कंपनियों पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने का प्रस्ताव किया है। इस फैसले के बाद डिविडेंड पर टैक्स निवेशकों को चुकाना होगा।

वर्तमान के नियम के अनुसार, कंपनियों डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है को शेयरधारकों को दिए जाने वाले डिविडेंड भुगतान पर 15 फीसदी की दर से डीडीटी चुकाना होता है। इतना ही नहीं, इसपर सरचार्ज और सेस भी लगाया जाता है। बता दें कि सरचार्ज और सेस कंपनी द्वारा लाभ पर दिए गए टैक्स के अलावा है।

निवेशकों को थी ये उम्मीद

इससे पहले निवेशक उम्मीद कर रहे थे कि इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) टैक्स को खत्म किया जाए। हालांकि, केंद्र सरकार ने बजट 2020 के दौरान ऐसा कोई एलान नहीं किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर एलटीसीजी टैक्स को कायम रखा है। साथ ही निवेश उम्मीद जता रहे थे कि अगर सरकार इसे खत्म डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है नहीं करती है, तो एलटीसीजी टैक्स के लिए होल्डिंग पीरियड को बढ़ाया जाए। लेकिन इस पर भी सरकार ने कोई एलान नहीं किया है। इसलिए निवेशकों के हाथ निराशा लगी है।

म्यूचुअल फंड सात प्रकार के होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा सिर्फ पांच प्रकार के फंड की होती है। ये फंड हैX इक्विटी फंड, बैलेंस फंड, इंडेक्स फंड, डेब्ट फंड, मनी मार्केट फंड, गिल्ड फंड और लिक्विड फंड।

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