रियल एस्टेट के लिए यह साल 2021 बेहतर होने की उम्मीद है. (Representative Image)
GOLD Vs REAL ESTATE: क्या गोल्ड में निवेश से होंगे मालामाल या रियल एस्टेट में पैसा लगाना है फायदे का सौदा?
Updated: March 22, 2022 10:23 AM IST
GOLD Vs REAL ESTATE: सोना (GOLD) है सदा के लिए. सोना (GOLD) हमेशा से ही निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश का शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट साधन माना जाता रहा है. बहुत से लोग इस धातु को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर करते हैं. सोने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निवेश के आकार या राशि के साथ लचीला हो सकता है. चाहे आपको 1000 रुपये लगाना हो या 1 करोड़ रुपये +, सोना सभी के लिए सुलभ है. इसके अलावा बहुत ही अधिक तरल भी होता है. इस जब चाहें अपनी जरूरत के मुताबिक बेचकर नकदी जमा कर सकते हैं.
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इसी तरह से रियल एस्टेट (REAL ESTATE) भी निवेश उद्देश्यों के लिए काफी अच्छा माना जाता है. लेकिन सोने की तुलना में, रियल एस्टेट को बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है और खरीदार के पास लंबी होल्डिंग शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट पावर की आवश्यकता होती है. फिर भी रियल एस्टेट एक आकर्षक दीर्घकालिक निवेश का विकल्प हो सकता है, क्योंकि संपत्ति का मूल्य समय के साथ बढ़ता जाता है. अगर सही तरीके से सही जगह पर निवेश शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट किया जाए तो रियल एस्टेट आपको बहुत अधिक और अविश्वसनीय मुनाफा दे सकता है.
सोने और रियल एस्टेट (GOLD AND REAL ESTATE) के बीच एक समानता है. दोनों का मजबूत विश्वसनीयता और निरंतरता की प्रकृति के साथ भारतीय निवेशकों के लिए एक मजबूत भावनात्मक मूल्य है. अब यहां पर एक सवाल है कि अगर आपके पास निवेश करने के लिए पर्याप्त धनराशि है तो आप अपना पैसा का निवेश कहां पर करेंगे? अगर आप नए निवेशक हैं तो सबसे पहले आपको कम धनराशि निवेश करके उसका फायदा उठाना चाहिए. इसके लिए सोने में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
2021 में बढ़ेगी प्रॉपर्टी की कीमत! 20% अमीर भारतीयों ने इन वजहों से बनाई नया घर खरीदने की योजना
रियल एस्टेट के लिए यह साल 2021 बेहतर होने की उम्मीद है. (Representative Image)
पिछले साल कोरोना महामारी के चलते रियल एस्टेट प्रभावित शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट हुआ था. हालांकि कोरोना के चलते इसे लेकर लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के करीब 20 फीसदी अल्ट्रा-हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWI) इस साल 2021 में एक नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं. पिछले साल ऐसे लोगों की संख्या महज 10 फीसदी ही थी. इसके अलावा अल्ट्रा-रिच भारतीयों के लिए निवेश का पसंदीदा स्थान भारत है और इसके बाद ही अमेरिकी, ब्रिटेन, सिंगापुर व यूएई हैं. वैश्विक स्तर पर बात करें तो करीब 26 फीसदी अल्ट्रा-रिच इस साल 2021 में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं. नाइट फ्रैंक के द वेल्थ रिपोर्ट 2021 के मुताबिक वैश्विक स्तर पर प्रमुख देशों में इस मांग के चलते घरों की कीमत में 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा नाइट फ्रैंक के सर्वे के मुताबिक 41 फीसदी अल्ट्रा-रिच भारतीय रिसॉर्ट्स/तटीय क्षेत्र में नया घर खरीद सकते हैं. UHNWI का अर्थ ऐसे लोगों से है जिनके पास कम से कम 3 करोड़ डॉलर की संपत्ति है.
तीन कारणों से घर खरीद सकते हैं अल्ट्रा रिच
नाइट फ्रैंक द्वारा किए गए द एटिट्यूड सर्वे के मुताबिक भारत में ऐसे UHNWI की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो 2021 में नया घर खरीदना चाहते हैं. सर्वे में शामिल लोगों ने तीन प्रमुख कारण गिनाए जिसकी वजह से वे इस साल 2021 में घर खरीद सकते हैं- अपने मुख्य निवास को अपग्रेड करना, एक नया हॉलिडे होम खरीदना और स्थाई रूप से किसी अन्य देश या भारत में ही किसी अन्य स्थान पर बसना. भारत में UHNWI ने रिसॉर्ट्स/तटीय क्षेत्र में नया घर खरीदने की संभावना जताई है.
सर्वे के मुताबिक नए घर का चयन करते समय भारतीय UHNWI के लिए ट्रांसपोर्ट लिंक्स, इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं होना बहुत महत्वपूर्ण है. सर्वे में पाया गया कि अधिकतर भारतीय UHNWI भारत में निवेश के लिए ऑफिस और लॉजिस्टिक्स टॉप के दो रियल एस्टेट सेक्टरों के रूप में उभरा है. वैश्विक स्तर पर बात करें तो उनकी प्रमुखता आवासीय निजी किराए पर लिया जाने वाला सेक्टर और लॉजिस्टिक्स है. भारतीय UHNWI अपनी संपत्ति का 17% प्रॉपर्टी निवेश के लिए आवंटित करते हैं जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 21 फीसदी है.
रियल एस्टेट के लिए बेहतर होगा शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट यह साल 2021
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल के मुताबिक भारतीय बाजार में वर्ष 2021 रियल एस्टेट के लिए आशाजनक दिखाई दे रहा है. सरकारी सुधारों के चलते आवासीय बाजार ने 2020 की अंतिम दो तिमाहियों में ही रिकवरी दिखाना शुरू कर दिया था. इस साल 2021 में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) केंद्रित प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ सकता है. सर्वे के मुताबिक करीब 46 फीसदी भारतीय UHNWI ईएसजी केंद्रित प्रॉपर्टी में निवेश को लेकर रुचि रखते हैं जबकि शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 43 फीसदी है. नाइट फ्रैंक में रिसर्च के ग्लोबल हेड लिएम बेली के मुताबिक करीब 26% वैश्विक UHNWIs 2021 में एक नया घर खरीदने की तलाश में हैं. इसके अलावा ग्रामीण और तटीय प्रॉपर्टी के लिए मांग बढ़ी है क्योंकि UHNWI खुली जगह पर रहने को प्रमुखता दे रहे हैं. महामारी के चलते ऐसे स्थानों के लिए मांग बढ़ी है जो वेलनेस की अधिक पेशकश करते हैं जैसे कि पहाड़ों, झीलों और तटीय हॉट स्पॉट.
शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट
BSE को अलग खंड के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए SEBI की मंजूरी मिली
7 अक्टूबर, 2022 को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने BSE को मौजूदा स्टॉक एक्सचेंजों से एक अलग खंड के रूप में एक सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (SSE) शुरू करने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी।
- SSE सामाजिक उद्यमों (SE) को धन शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट जुटाने के लिए एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
- UK(यूनाइटेड किंगडम), कनाडा और ब्राजील सहित कई देशों में पहले से ही SSE हैं।
i. यह गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) और लाभकारी SE को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाता है जो बाजार नियामक द्वारा अनुमोदित 16 सामाजिक गतिविधियों में लगे हुए हैं।
आरईआईटी हैदराबाद के निवेशकों के लिए नया पसंदीदा
हैदराबाद उन चार भारतीय शहरों में से एक है जो जल्द ही नए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट शीर्ष यूके रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट ट्रस्ट (आरईआईटी) के विकास का गवाह बनेगा और नए आरईआईटी पट्टे पर देने योग्य क्षेत्र के अतिरिक्त 1.8 मिलियन वर्ग फुट का गवाह बन सकता है।
विंडमिल कैपिटल द्वारा आरईआईटी पर हाल के एक अध्ययन में, हैदराबाद ने आरईआईटी के तहत कुल पट्टे योग्य क्षेत्र में 0.79 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष (YoY) वृद्धि दर्ज की। आरईआईटी के तहत पट्टे पर देने योग्य क्षेत्र सितंबर 2022 तक 12.7 मिलियन वर्ग फुट आंका गया था। सितंबर 2022 में यह 12.6 मिलियन वर्ग फुट था।
आरईआईटी एक मजबूत निवेश विकल्प के रूप में उभरा है, बाजार की अस्थिरता और मुद्रास्फीति के दबावों के कारण, जिसने निवेशकों को आरईआईटी को संपत्ति विविधीकरण रणनीति के रूप में देखने के लिए प्रेरित किया है। ज़िनोव मैनेजमेंट कंसल्टिंग एंड स्मॉल केस द्वारा 'राइज़ ऑफ़ द इंडियन रिटेल इन्वेस्टर' शीर्षक वाली एक आगामी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की गई है, जो इंगित करती है कि खुदरा निवेशक पांच साल पहले की तुलना में आरईआईटीएस में अपने निवेश पोर्टफोलियो का 2 प्रतिशत तक आवंटित करते हैं।
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