डीमैट अकाउंट क्या है – What is demat account
आपने यदि शेयर मार्केट के बारे में कहीं पर सुना है या आप शेयर मार्केट के बारे में जानते हो तो आपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जरूर सुना होगा और कई सारे लोगों के मुंह से यह कहते हुए भी सुना होगा कि शेयर मार्केट में share को खरीदने ब्रोकर के पीछे क्या है? और बेचने के लिए एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है तो चलिए जानते हैं कि डीमैट अकाउंट क्या है डीमैट अकाउंट को कैसे खोला जाता है इसको खोलते समय आपको कितनी फीस देने की आवश्यकता पड़ती है इसके लिए कौन से डॉक्यूमेंट आवश्यक है तो चलिए डीमेट अकाउंट क्या है के साथ इसके अन्य विषयों के ऊपर भी मैं आपको विस्तार से बताता हूं
डीमैट अकाउंट क्या है – what is demat account
जब बात शेयर मार्केट में निवेश करने की आती है तो इसके लिए सबसे पहले डीमैट खाते की आवश्यकता होती है जिस तरह से बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उनका उस स्कूल में एडमिशन कराना होता है तभी जाकर वह स्कूल में जा सकते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में भी ब्रोकर के पीछे क्या है? निवेश करते समय आपको पहले एक डीमैट खाता खोलना होता है।
शेयर मार्केट में किसी कंपनी के खरीदे गए शेयर को डीमैट खाते के अंदर रखा जाता है डिमट खाते के अंदर आप अपनी मनपसंद किसी भी कंपनी के नाम को सर्च करके उसके अंदर निवेश कर सकते हो
लेकिन जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हो तो वह शेर आपके डीमैट खाते में आ जाता है लेकिन उसको पूर्ण रूप से आने में 3 दिन का समय लगता है लेकिन यदि आप चाहो तो उस किसी भी समय बेच भी सकते हे डीमैट अकाउंट क्या है – किसी भी कंपनी के खरीदे गए शेयर को इस अकाउंट में रखा जाता है उसे डीमेट अकाउंट कहते हैं
डीमेट अकाउंट कहां पर खोलें – Where to open demat account
दोस्तों डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको बाजार में कई सारे ब्रोकर मिल जाएंगे जिनके माध्यम से आप भी मेट खाता खोल सकते हो लेकिन मैं आपको भारत के कुछ प्रमुख ब्रोकर के बारे में बताता हूं जिनके माध्यम से आप एक डीमैट खाते के साथ अच्छी सर्विस भी प्रदान कर सकते हैं
जरोदा – Zerodha
यह देश का एकमात्र ऐसा ब्रोकर है जिसके पास 7 मिलियन से भी ज्यादा डीमैट खाते खुले गए हैं यह ब्रोकर पिछले 10 सालों से अपनी सर्विस दे रहा है कई सारे बड़े बड़े निवेशकों का भी जरोदा के अंदर डीमैट खाता है इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह इसका इंटरफेस है जो कि बहुत ही सिंपल और सरल है यहां पर कोई भी व्यक्ति आसानी से किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकता है
एंजेल ब्रोकिंग – Angel One
इस ब्रोकर का भी देश के सबसे बड़े ब्रोकर के अंदर इसका नाम आता है एंजेल ब्रोकिंग ने अपना नाम बदलकर एंजेल वन रख लिया है यहां पर जब आप डीमैट खाता खोलते हो तो आपको शेयर मार्केट सीखने के लिए फ्री में लर्निंग वीडियो प्रोवाइड कराई जाती है यहां से भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
अपस्टॉक – Upstock
इस ब्रोकर के पास भी देश में कई सारे लोगों के डीमैट खाता खोले गए हैं अप स्टॉक के ऊपर ज्यादातर लोग काफी ज्यादा विश्वास करते हैं इसके पीछे की असली वजह यह है कि अप स्टॉक के चेयरमैन रतन टाटा है अप स्टॉक पर भी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
देश में लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ऊपर दिए गए तीन ब्रोकर ही है लेकिन इनके अलावा भी देश में कई सारे ब्रोकर आपको देखने को मिलते हैं जैसे कि Fyres, Alice Blue, sharekhan और इनके अलावा जितनी भी बैंक के होती है उन सभी कि आपको ब्रोकिंग सेवा भी मिल जाती है तो यदि आप चाहो तो बैंकों में जाकर भी अपना एक डीमैट खाता खुलवा सकते हो
डीमैट अकाउंट का इतिहास – History of Demat Account
शेयर मार्केट में 2010 से पहले डीमैट खाता खोलने के लिए काफी ज्यादा टाइम और फॉर्म का इस्तेमाल होता था लेकिन 2010 के बाद जरोदा आया और यहां पर यह सारा कार्य ऑनलाइन ही होने लग गया इससे पहले जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता था तो जब वह शेयर खरीदता तो कंपनी उसको उसके खरीदे गए शेयरों का वेरीफिकेशन एक कागज पर करके भेजती थी और जब इन्हीं शेयर को वापस बेचना होता था तो उस व्यक्ति को पहले एक फॉर्म भर के उस कंपनी के पास भेजना होता था तब जाकर वे शेयर बिकते थे जो कि एक बहुत ही टाइम कंज्यूम करने वाली प्रोसेस है इसके अंदर लोगों शेर खरीदने और बेचने मैं महीनों का समय लग जाता था डीमैट अकाउंट को डीमेट एलाइंस कहां जाता है
महत्वपूर्ण दस्तावेज – important documents
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट का होना बहुत ही आवश्यक है इनमें ब्रोकर के पीछे क्या है? से सबसे महत्वपूर्ण पैन कार्ड और आपका बैंक खाता होता है इसके साथ ही आपको आधार कार्ड और अपनी फोटो का भी इस्तेमाल करना पड़ता है
डीमेट अकाउंट के फायदे – Benefits of Demat Account
ऑनलाइन डिमैट अकाउंट के वैसे तो कई सारे फायदे हैं लेकिन चलिए मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बताता हूं
कम टाइम – जब आप किसी ब्रोकर के माध्यम से ऑनलाइन डीमैट खाता खोलते है तो इसमें आपका बहुत सारा समय बचता है
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते हैं तो आपको किसी ब्रोकर के पास जाकर कोई फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि आप अपने मोबाइल फोन से ही अपने शेयर को खरीद और बेच सकते है
आजकल मार्केट में कई सारी ब्रोकिंग कंपनियां कंपटीशन में उतरी हुई है और इस कंपटीशन के चक्कर में वह लोगों के फ्री में डीमेट अकाउंट खोल रहे हैं तो आप चाहो तो फ्री में डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हे पहले के समय एक डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए काफी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था
जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते है तो इसके बीच में सिर्फ आपका ब्रोकर और आप शामिल होते हो इसमें तीसरे पक्ष का कोई भी काम नहीं होता है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं होती है आज का सिस्टम ब्रोकर के पीछे क्या है? पहले से कई गुना बेहतर है
निष्कर्ष: डीमैट अकाउंट क्या है
आज के इस लेख में हमने जाना की डीमैट अकाउंट क्या है। और यह कैसे काम करता है और डिमैट अकाउंट ऑनलाइन खुलने से ग्राहकों को क्या फायदे होने लगे क्योंकि यह सारा काम शेर खरीदना और बेचना आजकल कर बैठे ही नहीं हो जाता है लेकिन पहले ऐसा संभव नहीं था लेकिन अब संभव है इसलिए हर कोई घर बैठे बैठे स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है
झारखंडः निवेश के नाम पर 100 करोड़ की ठगी, ऐसे लगाया चूना
झारखंड में एक शेयर ब्रोकर ने भोले भाले लोगों को 100 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है। गढ़वा का शेयर ब्रोकर राजू जेंटलमैन की जगह ठग बन गया। करीब 200 निवेशकों के 100 करोड़ लेकर वह फरार है। राजू सोनी.
झारखंड में एक शेयर ब्रोकर ने भोले भाले लोगों को 100 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है। गढ़वा का शेयर ब्रोकर राजू जेंटलमैन की जगह ठग बन गया। करीब 200 निवेशकों के 100 करोड़ लेकर वह फरार है। राजू सोनी नामक इस युवक ने शेयर मार्केट, कॉमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज, म्यूचुअल फंड, गोल्ड मॉर्टगेज आदि के नाम पर लोगों से ठगी की है। पीड़ित उससे रुपये वापस मांग रहे हैं तो वह भांति भांति के बहाने बना रहा है।
पीड़ित ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
कुछ भुक्तभोगियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। गढ़वा जिला मुख्यालय निवासी राहुल कुमार साहू ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में राजू सोनी के खिलाफ ठगी के मामले में परिवाद दायर किया है। उसी तरह एक वरिष्ठ वकील को भी उसने झांसे में लेकर 15 लाख रुपये ले लिए हैं। पीड़ितों ने बताया कि ज्यादा लाभ दिलाने का झांसा देकर राजु सोनी ने उनके रुपये गायब कर दिए। इसी तरह झांसे में लेकर करीब 200 से अधिक लोगों से आरोपी ने करीब एक अरब से अधिक रुपये लिए हैं।
क्या कहता है आरोपी
जिस ब्रोकर राजू सोनी पर आरोप ब्रोकर के पीछे क्या है? लगे है उसने कहा कि बाजार से 200 से अधिक ग्राहकों से 100 करोड़ से अधिक रुपये लिया है। उसे शेयर मार्केट में लगाया गया है। जिस ब्रॉकर के जरिए स्टॉक मार्केट में काम कर रहा था वह डिफॉल्टर हो गया है। कोशिश की जा रही है कि उक्त राशि वापस मिल जाए।
स्टॉक मार्केट के निवेशकों के लिए बड़ी खबर, 1 जुलाई से डीमैट खातों में होगा बड़ा बदलाव, ब्रोकर्स को करना होगा ये काम
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने घोषणा की कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी अनटैग डीमैट खातों को जून के अंत ब्रोकर के पीछे क्या है? तक टैग किया जाना चाहिए. 1 जुलाई से टैग न किए गए किसी भी डीमैट खाते (Demat Account) में कोई भी सिक्योरिटीज जमा नहीं की जाएंगी.
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वालों के लिए बड़ी खबर है. कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी (Sebi) ने कहा है कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट खाते (Demat Account), जो बिना टैग के हैं, उन्हें जून के अंत तक उचित रूप से टैग करने की जरूरत है. 1 जुलाई से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में सिक्योरिटीज को जमा करने की अनुमति नहीं होगी. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा, हालांकि, कॉरपोरेट कार्यों के कारण क्रेडिट की अनुमति होगी.बैंक और डीमैट खातों की टैगिंग उस उद्देश्य को दर्शाती है जिसके लिए उन बैंक/डीमैट खातों का रखरखाव किया जा रहा है और ऐसे खातों की स्टॉक एक्सचेंजों/डिपॉजिटरी को रिपोर्ट करना.
सेबी ने आगे कहा कि अगस्त से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में सिक्योरिटीज के डेबिट की भी अनुमति नहीं होगी. स्टॉक ब्रोकर को 1 अगस्त से ऐसे डीमैट खातों को टैग करने की अनुमति देने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों से मंजूरी लेनी होगी और बदले में एक्सचेंजों को अपने इंटर्नल पॉलिसी के अनुसार जुर्माना लगाने के बाद दो वर्किंग डे के भीतर इस तरह की मंजूरी देनी होगी. सेबी ने कहा, स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट खाते जो बिना टैग के हैं, उन्हें 30 जून, 2022 तक उचित रूप से टैग करने की जरूरत है.
इन डीमैट खातों पर लागू नहीं होगा नियम
यह फ्रेमवर्क उन डीमैट खातों के लिए लागू नहीं होगा जिनका उपयोग स्टॉक ब्रोकरों द्वारा बैंकिंग गतिविधियों के लिए विशेष रूप से किया जाता है जो बैंक भी हैं. वर्तमान में, स्टॉक ब्रोकरों को केवल पांच श्रेणियों के तहत डीमैट खातों को बनाए रखने की जरूरत होती है – प्रोप्रिएटर अकाउंट, पूल खाता, क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज, क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन प्लेज अकाउंट और मार्जिन फंडिंग अकाउंट के तहत क्लाइंट सिक्योरिटीज.
नियमों के तहत, स्टॉक ब्रोकर के मालिकाना डीमैट खातों को ‘स्टॉक ब्रोकर प्रोपराइटरी अकाउंट’ के रूप में नामित करना वॉलेंटरी है और जिन खातों को टैग नहीं किया गया है, उन्हें प्रोपराइटरी माना जाएगा.
वित्त वर्ष 2021 में सेबी की कुल आय 1.55 फीसदी बढ़ी
पूंजी बाजार नियामक सेबी की कुल आय वित्त वर्ष 2020-21 में मामूली रूप से बढ़कर 826 करोड़ रुपए हो गई. आय बढ़ने का मुख्य कारण निवेश और शुल्क से होने वाली आय का बढ़ना है. सेबी के वार्षिक खातों के अनुसार, 31 मार्च, 2021 को समाप्त वर्ष के लिए नियामक का कुल खर्च बढ़कर 667.2 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 588.14 करोड़ रुपए था.
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दूसरी ओर, नियामक की शुल्क आय 608.26 करोड़ रुपए से बढ़कर 610.10 करोड़ रुपए, निवेश से आय 170.35 करोड़ रुपए से बढ़कर 182.21 करोड़ रुपए और अन्य आय 18.15 करोड़ रुपए से बढ़कर 21.5 करोड़ रुपए हो गई.
ब्रोकर के पीछे क्या है?
Written by Web Desk Team | Published :November 21, 2022 , 11:06 am IST
महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.
एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स ब्रोकर के पीछे क्या है? के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.
अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.
ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.
शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:
– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स
एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.
निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं
IRCTC Tatkal Ticket Booking: खुद बुक कर सकते हैं कंफर्म तत्काल ट्रेन टिकट, नहीं पड़ेगी ब्रोकर की जरूरत
IRCTC Tatkal Ticket Booking: अगर आपको कहीं दूर-दराज या पास की भी यात्रा करनी है, तो आपके पास कई विकल्प होते हैं। कोई अपने वाहन से, कोई बस से तो कोई हवाई जहाज से यात्रा करना पसंद करता है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि लोग ट्रेन से यात्रा करना भी काफी पसंद करते हैं। खासतौर पर लंबे रूट के लिए लोग ट्रेन का ही चुनाव करते हैं। इसके पीछे ट्रेन में मिलने वाली सुविधाएं भी एक कारण है। वहीं, अगर आप भारतीय ट्रेन से सफर करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको टिकट बुक करवाना पड़ता है। कई लोग अब भी टिकट बुक करने के लिए ब्रोकर यानी एजेंट का सहारा लेते हैं, जो आपसे अतिरिक्त पैसे लेकर आपको टिकट देता है। लेकिन अगर आप चाहें तो आप खुद घर बैठे तत्काल ट्रेन टिकट बुक कर सकते हैं, क्योंकि इसका सरल तरीका हम आपको बताने जा रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप कैसे घर बैठे बिना एजेंट की मदद के ट्रेन टिकट बुक कर सकते हैं। आप अगली स्लाइड्स में इस बारे में जान सकते हैं.
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