शेयर बाजार में ज्यादातर लोगो को घाटा क्यों होता है?Why do most people lose money in the stock market?
यदि आप लोग उसे ट्रेडर मानते है, जिसे थोड़ा सा चार्ट देखना आता हो, तोड़ा सा प्राइस एक्शन देखना आता तो,तोड़ा सा रिस्क मैनेजमेंट आता हो, थोड़ी सी साइकोलॉजी मालुम हो कि हा शेयर मार्केट में लॉस और प्रॉफिट चलता रहता है।
तो मैं गारंटी ले सकता हु आप को मार्केट में लॉस नही हो सकता, और जो लोग हल्ला मचाते है शेयर बाजार रिस्की है इसमें पैसे डूब जाते है ये वही लोग है जो यूट्यूब में वीडियो देख कर डॉक्टर बन रहे है।
शेयर बाजार में विश्वास की शक्ति ( power of belief in stock market) :
ज्यादातर लोग ये मानते है, शेयर बाजार (stock market)में तो लॉस हो होता है ऐसा कुछ नहीं है जी हां आप लोगो ने सही पढ़ा ऐसे कुछ नही है। चलिए आप लोगो को कुछ बताता हु
विश्वास ( belife) एक ऐसे जिच है स्टॉक मार्केट में जिसके कारण ही प्रॉफिट और लॉस होता है। आप को आगे 1 करोड़ रुपए दे दिए जाए और आप इतने बड़े कैप्टल से ट्रेड करे तोभी आप को लॉस ही होगा क्युकी आप ये मानते है की शेयर बाजार में तो घाटा ही होता है, ऐसा ही शेयर बाजार (stock market) के प्रति हमारा विश्वास बन गया है। एक उदाहरण से समझने की कोशिश करता हु।
सन 1891 में एक व्यक्ति थे Luther Cary जिन्होंने 100 मीटर रेस में 10.08 सेकेंड का रिकॉर्ड बना दिया इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ ही नहीं पा रहा था ये बात पूरी दुनिया में फैल गई की 100 मिनट रेस 10.08 सेकेंड से कम टाइम में पूरी की ही नहीं जा सकती ।
और लोग मानने लगे ये दुनिया के सबसे तेज धावक है। Luther Cary से अधिक तेज कोई दौड़ ही नही सकता।
आप लोगो को मैं बता दू 5 नही,10 नही,15 साल तक Luther Cary का रिकॉर्ड कोई तोड़ नही पाया। लेकिन 15 साल बाद एक व्यक्ति ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया और नया रिकॉर्ड 10.06 सेकेंड का बनाया ।
समझिए जैसे ही रिकॉर्ड टूटा लोगो के में से वो विश्वास भी टूटा की रिकॉर्ड टूट सकते है ये सब केवल हमारे मानने की बात है की हम किस बार और विश्वास करते है और मैं आप लोगो को बताते चलूं दुनिया में 87 लोग ऐसे है जिन्होंने ये रिकॉर्ड तोड़ा है और इनमे नंबर वन पर हम सभ के चहीते Usain Bolt है।
आप लोगो ने कुछ गौर किया की उस 15 साल में लोग Luther Cary के रिकॉर्ड को क्यू नही तोड़ पाए क्योंकि किसी को ये विश्वास ही नहीं था बस एक व्यक्ति ने जैसे ही रिवॉर्ड तोड़ा तो लोगो के मन में नया विश्वास जगा की नही रिकॉर्ड टूट सकता है।
जो भी आप अपने लिए बैरियर लगाते है वो असली दुनिया में नही हैं वो आप के दिमाग के अंदर है। Niftycharting
अगर आप इस बात को समझ जायेगे तो आप को शेयर बाजार (stock market)में लॉस नही होगा। आपको सबसे पहले अपने ऊपर,अपने दिमाग पर कार्य करना है, आप भी पहले अभी बैरियर को अपने अंदर से निकले।
आज के इस पोस्ट में आपलोगो को मैने ये समझने की कोशिश की पहले आप इधर उधर की सुनी सुनाई बातो पर विश्वास करना बंद करो और पहले ये मानो नही मैं कर सकता हु सबको शेयर बाजार (stock market) में लॉस नही होता है । इस माइंडसेट को डेवलॉप कर के ही ट्रेड करे।
और स्टार्टिंग में कम रुपए से शुरू करे तथा प्रॉफिट से पहले प्रोसेस में ध्यान दे ।
Stock Market Trading Tips: स्टॉक ट्रेडिंग से चाहिए मुनाफा तो टेक्निकल एनालिसिस पर करें गौर, चुन सकेंगे सही शेयर
नई दिल्ली, समीत चव्हाण। शेयर बाजार के निवेशक निवेश करते समय आने वाली दिक्कतों को समझते हैं, खासकर जब अस्थिरताओं पर आवश्यक स्टॉक चार्ट को कैसे समझें और उसका विश्लेषण कैसे करें जानकारी नहीं मिल पाती। बाजार में उतार-चढ़ाव के समय अनिश्चितता और बढ़ जाती है, तब निवेशक मूल्य में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं कर पाते। औसत निवेशक आमतौर पर अपने निवेश/पोर्टफोलियो मैनेजर की सलाह पर या विशेषज्ञों की भविष्यवाणियों पर दांव लगाते हैं। टेक्निकल एनालिसिस की मदद से निवेशक स्टॉक चार्ट को देखकर इनसाइट्स प्राप्त कर पाते हैं और उन्हें स्टॉक में निवेश से जुड़े कैलकुलेशंस और जोखिम की जानकारी देते हैं जिससे वे हायर रिटर्न्स प्राप्त कर पाते हैं।
एक निश्चित अंतराल में शेयरों की कीमत और वॉल्यूम वैरिएशंस का अध्ययन करते हुए भविष्य के लिए कीमत का पूर्वानुमान आसान हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस 100 प्रतिशत सटीकता के साथ परिणाम प्रदान नहीं करता, यह सच है लेकिन जब बाजार में सुस्ती छाई हो तो सही विकल्प चुनने में यह मूल्यवान मददगार होता है। निवेश करते समय लोगों को टेक्निकल एनालिसिस के निम्नलिखित फीचर्स को समझना आवश्यक है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए यह एक भरोसेमंद टूल है जो उन्हें स्टॉक के मौजूदा ट्रैजेक्टरी का अंदाज लगाने में मदद करता है। चूंकि, यह अपेक्षाकृत सीमित समयसीमा में शेयरों को खरीदने, बेचने या रखने के लिए एक रिस्की तरीका हो सकता है, पैटर्न और ट्रेंड्स का अध्ययन करने के लिए किसी विधि या कुछ टूल्स पर निर्भरता जोखिम को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल अनिश्चित निवेशकों को बाहर निकालने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं। यह प्रॉमिसिंग स्टॉक्स पहचानने और सुविधाजनक निर्णय लेने का लाभ प्रदान करता है।
एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स
स्टॉक चार्ट का एनालिसिस करके निवेशक शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए अपने एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स का समय निर्धारित कर पाते हैं। यह डिमांड और सप्लाई को समझने के साथ ही ट्रेंड्स को तोड़ने और अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने का समय तय करने में मदद करता है। स्टॉक के बारे में बहुत सारी जानकारी अक्सर लोगों को भ्रमित करती है और उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है, ऐसे में टेक्निकल एनालिसिस महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स को सरल बनाता है, निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सुव्यवस्थित करता है।
कीमत के पैटर्न्स का एनालिसिस
स्टॉक ट्रेडिंग में बुद्धिमानी से भरे निर्णय लेने के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होने के नाते टेक्निकल एनालिसिस से प्राइस पैटर्न का एनालिसिस निवेशकों को बेस्ट प्राइस पर खरीदने या बेचने में काफी मदद कर सकता है। इससे उन्हें मूवमेंट और ओवर-वैल्यूएशन से बचने की अनुमति मिलती है क्योंकि बदलते मूल्यों की भविष्यवाणी आसान हो जाती है। वे संभावित टारगेट तय करने में भी उपयोगी हो सकते हैं, वहीं शुरुआती ट्रेंड रिवर्सल भी पहचाना जा सकता है। जैसे पैटर्न खुद को दोहराते हैं, निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। रोजमर्रा के कामों में टेक्निकल एनालिसिस लागू नहीं होते।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल
इस परिदृश्य में लंबी अवधि तक शेयरों की कीमत में एक सीमा में उतार-चढ़ाव दिखता है, जिससे स्टॉक की बिक्री और खरीद पर भविष्यवाणी करना और कॉल लेना मुश्किल हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस की सहायता से स्टॉक चार्ट के भीतर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों की पहचान करने से निवेशक को खरीदने या बेचने के बारे में निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक विकल्प मिल सकते हैं। यदि कोई विशेष स्टॉक सपोर्ट और रेजिस्टेंस सीमा को पार करता है, तो यह ट्रेडिंग करने योग्य होता है जो उसके अच्छे स्वास्थ्य और मांग को दर्शाता है।
ट्रेंड्स का एनालिसिस
चाहे वह टेक्निकल एनालिसिस टूल के इस्तेमाल की बात हो या न हो, शेयर बाजारों के मौजूदा ट्रेंड्स को समझना किसी भी निवेशक के लिए सिस्टम में प्रवेश करने से पहले की एक बुनियादी आवश्यकता है। व्यावहारिक निर्णय लेने के लिए वर्तमान और व्यापक डिग्री में बाजार के ट्रेंड्स को समझना आवश्यक है। टेक्निकल एनालिसिस किसी स्टॉक के ऐतिहासिक, वर्तमान, समग्र प्रदर्शन और स्वास्थ्य को सामने लाता है। फिर चाहे वह अपट्रेंड्स, डाउनट्रेंड्स या हॉरिजोन्टल ट्रेंड्स में रहें, निवेशक उसकी खरीद-बिक्री का फैसला बेहतर तरीके से ले सकेंगे।
मूल्य और वॉल्यूम एनालिसिस का कॉम्बिनेशन
अंत में, एक कॉम्बिनेशन के रूप में प्राइस मूवमेंट और वॉल्यूम का एनालिसिस अक्सर निवेशकों को किसी भी चाल की वास्तविकता का पता लगाने में मदद करता है। डिमांड और सप्लाई साइकिल दोनों पहलुओं में बदलाव को प्रभावित करती है। टेक्निकल एनालिसिस ट्रेड के वॉल्यूम के इतिहास के अवलोकन की अनुमति देता है। इससे स्टॉक्स के ट्रेंड्स को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, जब स्टॉक का मूल्य बढ़ता है और परिणामी रूप से वॉल्यूम भी बढ़ता तो यह एक पॉजिटिव ट्रेंड की पहचान होती है। यदि ट्रेड का वॉल्यूम में मामूली वृद्धि है, तो इसे रिवर्स ट्रेंड के रूप में पहचाना जाता है। इस वजह से दो पहलुओं की कम्बाइंड स्टडी निवेशकों को पैटर्न बेहतर ढंग से समझने की अनुमति देता है।
इस वजह से, सही रणनीति के साथ निवेश करने के लिए, स्टॉक चार्ट्स के ओवरऑल असेसमेंट और उस समय के अनुसार ट्रेडिंग विकल्पों की उपलब्धता के लिए टेक्निकल एनालिसिस टूल फायदेमंद हो सकते हैं।
(लेखक एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स के चीफ एनालिस्ट हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
How to become successful in share market
अगर आपको शेयर बाज़ार में कैसे निवेश करना है उसकी जानकारी हो जाए और अगर आप सही तरीके से शेयर बाज़ार में निवेश करे तो शेयर बाज़ार में पैसा बनाना कोई ज्यादा कठिन काम नही होता है किन्तु आपको अछे ज्ञान की आवश्यकता ज़रूर होती है । तो आइये जानते है कुछ ऐसे गुरु मंत्र जो आपको शेयर बाज़ार में ज़रूर ध्यान में रखने चाहिए ।
How to make portfolio for share market :
अगर आपको एक सफल निवेशक बनना है तो सबसे पहले आपको यह निर्धारित करना है की आप कौनसे स्टॉक में अपना पैसा निवेश करेंगे एयर कौनसे स्टॉक में आप अपना पैसा निवेश नही करेंगे ।
हमेशा निवेशक को एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाना चाहिए जिसमे कुछ चुनिन्दा शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए । अब आपको यह सवाल होगा की पोर्टफोलियो कैसे बनाए !!
आपको ऐसे शेयर को अपने पोर्टफोलियो में रखना है जो लाबी अवधि में आपको मुनाफ़ा दे सके । ऐसे स्टॉक या शेयर चुने जो कंपनी अछि हो , उसपर ज्यादा कोई कर्ज ना हो और स्टॉक चार्ट को कैसे समझें और उसका विश्लेषण कैसे करें बहेतर है की वो dividend भी देती हो ।
Depth Research before investing ( शेयर बाज़ार में इन्वेस्ट करने से पहले उसका अध्ययन करे)
आप जिस शेयर में निवेश करे उसके पहले आप अपना खुद अध्ययन करे और खुद का रिसर्च करे आप जिस शेयर में निवेश करने वाले है उस कम्पनी के fundamentals और technical दोनों पहेलुओ को समजे और देखिये की आप जिस कंपनी में निवेश कर रहे है । उसका भविष्य कैसा रहेगा और भविष्य में वो आपको कितना लाभ दे सकती है ।
Portfolio को नियमित check करते रहे :
पोर्टफोलियो बानाकर सिर्फ इन्वेस्ट करने से कुछ नही होता है किन्तु आपको अपने पोर्टफोलियो को नियमित check करते रहना होगा । क्यूंकि अगर शेयर बाज़ार में उतार चढ़ाव आते है तो आपको यह समाज होनी चाहिए की आपको कौनसे शेयर में गिरावट में खरीदना है और कौनसे शेयर में गिरावट में बेचना है ।
Cut your losses and make big profit
शेयर बाज़ार में ज्यादातर जोग भावनात्मक होते हुए trading करने लगते है जिसकी वजह से उनको कभी कभी काफी बड़ा नुकशान जेलना पद सकता है । शेयर बाज़ार में जितना हो सकते उतना अपने लोस को control करे और अपना पैसा बाज़ार में डूब ने से बचाना चाहिए ।
What is stop loss and target in share market
शेयर बाजारा में अगर आप इन्वेस्ट करना चाहते है या आप इन्वेस्ट करना सोच रहे है तो सबसे पहले आपको इस बात का पूरा ध्यान रहना चाहिए की आपको अपना loss सुनिश्चित करना पडेगा ।
हमेशा कोई भी शेयर खरीदते वक्त आपको अपना स्टॉप लोस उमे लगा कर trading करना चाहिए क्यूंकि अगर आपके विरुद्ध आपका कोई ट्रेड चला जाता है तो आपको ज्यादा नुकशान ना हो ।
ठीक वैसे ही आपको शेयर में एक टारगेट भी सुनिश्चित करना चाहिए ताकि आपको अपना प्रॉफिट लेने में आसानी हो ।
Over trading in share market :
आपको बता दे की जब आप कोई शेयर खरीदते है या बेचते है तो उसका कुछ कमीशन या ब्रोकरेज चार्ज लगता है । जो आपको अपने ब्रोकर को चुकाना पड़ता है ।
अगर आप बहोत ज्यादा trade करने लगेंगे तो आपके लोस होने के chance भी ज्यादा हो जायेंगे और आपका ज्यादातर पैसा आपका ब्रोकर ले जाएगा । इसलिए हमेशा शेयर बाज़ार में over trading ना करे ।
ज्यादा लालची ना बने ( Don't be greedy)
शेयर बाजार में लोग लालच में आने लगते है और ज्यादा पैसा बनाने की लालच में अपना पूरा पैसा गवा देते है । तो यह बात जरूर ध्यान में रखे की शेयर बाजार में आपको धैर्य से काम करना पड़ेगा । अगर आप लालची बनोगे तो आपको अपना पैसा गवाना भी पड सकता है ।
दूसरो की राय पर निवेश :
शेयर बाजार में ज्यादातर लोग अपना पैसा दूसरे लोगो को देखकर इन्वेस्ट करते है । ऐसा करने आपको बड़ा निक्शान हो सकता है ।
शेयर बाजार में अपना खुद का research करे और फिर अपने तरीके से निवेश करे ।
अपने जोखिम को पहले समझे :
किसी भी शेयर में अपना पूरा पैसा कभी निवेश ना करे । किसी एक कंपनी के शेयर में अपना पूरा पैसा निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है । इसलिए हमेशा अपना पैसा धीरे धीरे निवेश करे और अपने जोखिम को निवेश करने से पहले समझे ।
What is analysis in share market :
शेयर मार्केट में अगर आपको महारथ हासिल करनी है तो आपको दो तरह के एनालिसिस सीखने पड़ेंगे जिसमे पहला है technical Analysis और दूसरा है Fundamental Analysis।
Technical Analysis in share market :
Technical Analysis मे आपको Chart को read करना होता है । जिसमे चार्ट में Candle stick patterns, Indicators, moving average, Support and resistance, rsi और दूसरे indicators का सहारा लेना होता है और स्टॉक के बारेमे आप अपना prediction लगा सकते है ।
Fundamental Analysis in share market :
Fundamental Analysis में आपको कंपनी का fundamental Check करना होता है । मतलब की कंपनी कैसा काम कर रही है , कंपनी की आय कितनी हो रही है , कंपनी नुकसान में है या मुनाफा कमा रही है, कंपनी पर कितना कर्जा है इत्यादि बातो को आपको समझना होता है । कंपनी की balance sheet को read करके आपको prediction करना होता है की कंपनी भविष्य में कैसा performance कर सकती है ।
Conclusion :
इस पोस्ट में आपने जाना की आप कैसे शेयर बाजार में सफल हो सकते है । Fundamental और Technical analysis की मदद से कैसे आप किसी कंपनी के शेयर के बारे में prediction कर सकते है और अन्य कुछ जरूरी बातो को भी समझा ।
शेयर बाजार में सफल होने के गुरु मंत्र - How to become successful in share market Reviewed by ShareMarketHelp on जून 15, 2021 Rating: 5
Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब
पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)
दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)
यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)
अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.
1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.
2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)
3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.
4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)
5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.
6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन स्टॉक चार्ट को कैसे समझें और उसका विश्लेषण कैसे करें जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)
7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)
Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत
Fundamental vs Technical Analysis: स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए.
फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)
Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.
कुछ निवेशक किसी एक एनालिसिस के सहारे शेयरों का चयन करते हैं लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि टेक्निकल एनालिसिस करते समय भी कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय कुछ टेक्निकल भी देखना चाहिए. इसके अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है.
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Fundamental Analysis
इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि स्टॉक चार्ट को कैसे समझें और उसका विश्लेषण कैसे करें इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.
Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.
Fundamental vs Technical Analysis
फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, रिस्क और ट्रैकिंग.
- समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
- रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
- ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
- वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.
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